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Friday, March 4, 2011

पानी के भविष्य की चिंता

इन्द्री,करनाल, खुशबू(ख़ुशी) :
वैज्ञानिकों का कहना है की ग्लोबल वार्मिंग और जनसँख्या वृद्धि के निरंतर बढने के कारण आने वाले 20 सालों में पानी की मांग में आपूर्ति से 40 गुना वृद्धि होगी ! मतलब 10 में से 4 लोग पानी के लिए तरसेंगे !
आज भले ही लोग पानी की अंधाधुंध बर्बादी करते हैं लेकिन निकट भविष्य में उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा
कनाडा में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय बैठक में आये वैज्ञानिकों ने बताया कि पानी कि लगातार कमी हो रही है और कृषि,उद्योगों और सभी समुदायों पर खतरा मंडराने लगा है! ओटावा के कनाडियन वाटर नेटवर्क द्वारा आयोजित इस अन्तेर्राष्ट्रीय बैठक में दुनिअभर से आये लगभग 300 वैज्ञानिकों,निति निर्धारकों औए अर्थशास्त्रियों ने शिरकत की और भविष्य में पानी की कमी और पर्यावरण परिवर्तन के चलते उन्होंने कहा कि अगले 20 सालों में दुनिया की एक तिहाई आबादी को अपनी मूल जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी जल मात्रा का केवल आधा हिस्सा ही नसीब हो पायेगा ! इससे दुनिया भर के खाद्य उत्पादन पर असर पड़ेगा ! कृषि जिसके लिए 71% पानी की जरूरत होती है सबसे ज्यादा प्रभावित होगा!
ओटावा के कैनेडियन वाटर नेटवर्क द्वारा आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय बैठक में दुनिया भर से आये 300 वैज्ञानिकों,निति निर्धारकों और अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया और भविष्य में पानी की कमी और पर्यावरण परिवर्तन के चलते दुनिया के अतिसंवेदनशील इलाकों में बाढ़ के बढते खतरे जैसे विषयों पर चर्चा की!
वज्ञानिकों ने कहा कि आपूर्ति साधनों का प्रयोग करते हुए विश्व भर में पानी की खपत पूरी करने के लिए करीब 9 लाख करोड़ रूपये खर्च करने पड़ेंगे!
आजकल खेती और उद्योगों के लिए वर्चुअल पानी का प्रयोग किया जा रहा है
वर्चुअल पानी मतलब उत्पादन प्रक्रिया में अंतस्थापित पानी की मात्रा
वज्ञानिकों ने यह भी बताया कि एक डेस्कटॉप कंप्यूटर को बनाने के लिए 1500 लीटर पानी कि जरीरत होती है! डेनिम जींस का जोड़ा तैयार करने के लिए एक टन पानी चाहिए होता है ! एक किलो गेहूं के लिए भी इतना ही पानी चाहिए! लोगों को शायद यह सब नहीं पता पानी की कमी पूरी करने के लिए कुछ उपाय सुझाते हुए वैज्ञानिकों ने कहा कि जल संग्रहण कर पानी की 70 फीसदी पूर्ति की जा सकती है ! ड्राई कम्पोस्टिंग टोएलेट भी पानी की बचत में सहायक होता है ! इसके अंतर्गत पानी को तो खेती में दोबारा प्रयोग किया जा सकता है और शेष मल को मिटटी को उर्वर बनाने वाली ओर्गानिक खाद में परिवर्तित किया जा सकता है !
इन तकनीकों को काफी सुरक्षात्मक तरीके से प्रयोग किया जा सकता है
काफी घनी आबादी वाले इलाकों में तो इन्हें प्रयोग करना आसान है!

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Friday, March 4, 2011

पानी के भविष्य की चिंता

इन्द्री,करनाल, खुशबू(ख़ुशी) :
वैज्ञानिकों का कहना है की ग्लोबल वार्मिंग और जनसँख्या वृद्धि के निरंतर बढने के कारण आने वाले 20 सालों में पानी की मांग में आपूर्ति से 40 गुना वृद्धि होगी ! मतलब 10 में से 4 लोग पानी के लिए तरसेंगे !
आज भले ही लोग पानी की अंधाधुंध बर्बादी करते हैं लेकिन निकट भविष्य में उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा
कनाडा में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय बैठक में आये वैज्ञानिकों ने बताया कि पानी कि लगातार कमी हो रही है और कृषि,उद्योगों और सभी समुदायों पर खतरा मंडराने लगा है! ओटावा के कनाडियन वाटर नेटवर्क द्वारा आयोजित इस अन्तेर्राष्ट्रीय बैठक में दुनिअभर से आये लगभग 300 वैज्ञानिकों,निति निर्धारकों औए अर्थशास्त्रियों ने शिरकत की और भविष्य में पानी की कमी और पर्यावरण परिवर्तन के चलते उन्होंने कहा कि अगले 20 सालों में दुनिया की एक तिहाई आबादी को अपनी मूल जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी जल मात्रा का केवल आधा हिस्सा ही नसीब हो पायेगा ! इससे दुनिया भर के खाद्य उत्पादन पर असर पड़ेगा ! कृषि जिसके लिए 71% पानी की जरूरत होती है सबसे ज्यादा प्रभावित होगा!
ओटावा के कैनेडियन वाटर नेटवर्क द्वारा आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय बैठक में दुनिया भर से आये 300 वैज्ञानिकों,निति निर्धारकों और अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया और भविष्य में पानी की कमी और पर्यावरण परिवर्तन के चलते दुनिया के अतिसंवेदनशील इलाकों में बाढ़ के बढते खतरे जैसे विषयों पर चर्चा की!
वज्ञानिकों ने कहा कि आपूर्ति साधनों का प्रयोग करते हुए विश्व भर में पानी की खपत पूरी करने के लिए करीब 9 लाख करोड़ रूपये खर्च करने पड़ेंगे!
आजकल खेती और उद्योगों के लिए वर्चुअल पानी का प्रयोग किया जा रहा है
वर्चुअल पानी मतलब उत्पादन प्रक्रिया में अंतस्थापित पानी की मात्रा
वज्ञानिकों ने यह भी बताया कि एक डेस्कटॉप कंप्यूटर को बनाने के लिए 1500 लीटर पानी कि जरीरत होती है! डेनिम जींस का जोड़ा तैयार करने के लिए एक टन पानी चाहिए होता है ! एक किलो गेहूं के लिए भी इतना ही पानी चाहिए! लोगों को शायद यह सब नहीं पता पानी की कमी पूरी करने के लिए कुछ उपाय सुझाते हुए वैज्ञानिकों ने कहा कि जल संग्रहण कर पानी की 70 फीसदी पूर्ति की जा सकती है ! ड्राई कम्पोस्टिंग टोएलेट भी पानी की बचत में सहायक होता है ! इसके अंतर्गत पानी को तो खेती में दोबारा प्रयोग किया जा सकता है और शेष मल को मिटटी को उर्वर बनाने वाली ओर्गानिक खाद में परिवर्तित किया जा सकता है !
इन तकनीकों को काफी सुरक्षात्मक तरीके से प्रयोग किया जा सकता है
काफी घनी आबादी वाले इलाकों में तो इन्हें प्रयोग करना आसान है!

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