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Saturday, December 4, 2010

पुलिस ने पार्थिव से लगवाई थी उठक-बैठक!

अहमदाबाद। लगभग छह वर्ष बाद भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब हुए विकेटकीपर पार्थिव पटेल वह दिन कभी नहीं भूल पाते जब उन्हें बकरा बनाया गया था।
पार्थिव उस दिन को याद करते हुए कहते हैं, मुझे सरेआम लोगों के आगे उठक-बैठक लगवाई गई थी। दरअसल हुआ यूं था कि पार्थिव अपनी कार से अहमदाबाद से मुंबई घूमने आए हुए थे। रास्ते में उनके ड्राइवर ने सीने में दर्द बताया तो पार्थिव खुद ही कार ड्राइव करने लगे।
पार्थिव की कार ने मुंबई में एंट्री ही मारी थी कि दो ट्रैफिक पुलिसवालों ने उनकी गाड़ी को रोक कर उनसे ड्राइविंग लाइसेंस मांगा। पार्थिव की उम्र उस वक्त 16 वर्ष से कम थी सो ड्राइविंग लाइसेंस उनके पास नहीं था। अब फंसना तो उन्हें था ही। लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के खेल चुके होने के बाद वह बेफिक्र थे कि पुलिसवाले उन्हें तो छोड़ ही देंगे।
लेकिन हुआ उल्टा ही। पुलिस वालों ने पार्थिव से रिश्वत के 5 हजार रुपए मांगे लेकिन पार्थिव के पास उस वक्त केवल चार हजार रुपए ही थे। सजा तो मिलनी ही थी। सो पुलिस वालों ने पार्थिव को बीच सड़क पर उठक-बैठक लगाने को बोल दिया। जेल जाने के डर से पार्थिव ने भी पुलिस की बात मान ली और उठक-बैठक करने लगे।
मजे की बात तो यह है कि उठक-बैठक लगवाने के बाद पुलिसवालों ने पार्थिव से ऑटोग्राफ मांगा। बेचारे पार्थिव डर के मारे हर वो काम करने के लिए तैयार थे पुलिस वाले कह रहे थे। पुलिसवालों ने पार्थिव से 15-20 पन्नों पर ऑटोग्राफ लिया और फिर उन्हें जाने को बोल दिया।
पार्थिव कार में तो बैठ गए लेकिन कुछ ही दूर जाने के बाद उन्होंने अपने ड्राइवर को कार होटल ले जाने को बोला और खुद टैक्सी में बैठने की बात कही। लेकिन पार्थिव को होश तब उड़ गए जब एमटीवी बकरा की टीम ने उन्हें घेर लिया और बकरा होने का खिताब दिया। पार्थिव कहते हैं, वो मजाक मेरे लिए एक सबक था कि आप कितने ही बड़े स्टार हो जाओ गलती की है तो सजा तो आपको मिलेगी ही।

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Saturday, December 4, 2010

पुलिस ने पार्थिव से लगवाई थी उठक-बैठक!

अहमदाबाद। लगभग छह वर्ष बाद भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब हुए विकेटकीपर पार्थिव पटेल वह दिन कभी नहीं भूल पाते जब उन्हें बकरा बनाया गया था।
पार्थिव उस दिन को याद करते हुए कहते हैं, मुझे सरेआम लोगों के आगे उठक-बैठक लगवाई गई थी। दरअसल हुआ यूं था कि पार्थिव अपनी कार से अहमदाबाद से मुंबई घूमने आए हुए थे। रास्ते में उनके ड्राइवर ने सीने में दर्द बताया तो पार्थिव खुद ही कार ड्राइव करने लगे।
पार्थिव की कार ने मुंबई में एंट्री ही मारी थी कि दो ट्रैफिक पुलिसवालों ने उनकी गाड़ी को रोक कर उनसे ड्राइविंग लाइसेंस मांगा। पार्थिव की उम्र उस वक्त 16 वर्ष से कम थी सो ड्राइविंग लाइसेंस उनके पास नहीं था। अब फंसना तो उन्हें था ही। लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के खेल चुके होने के बाद वह बेफिक्र थे कि पुलिसवाले उन्हें तो छोड़ ही देंगे।
लेकिन हुआ उल्टा ही। पुलिस वालों ने पार्थिव से रिश्वत के 5 हजार रुपए मांगे लेकिन पार्थिव के पास उस वक्त केवल चार हजार रुपए ही थे। सजा तो मिलनी ही थी। सो पुलिस वालों ने पार्थिव को बीच सड़क पर उठक-बैठक लगाने को बोल दिया। जेल जाने के डर से पार्थिव ने भी पुलिस की बात मान ली और उठक-बैठक करने लगे।
मजे की बात तो यह है कि उठक-बैठक लगवाने के बाद पुलिसवालों ने पार्थिव से ऑटोग्राफ मांगा। बेचारे पार्थिव डर के मारे हर वो काम करने के लिए तैयार थे पुलिस वाले कह रहे थे। पुलिसवालों ने पार्थिव से 15-20 पन्नों पर ऑटोग्राफ लिया और फिर उन्हें जाने को बोल दिया।
पार्थिव कार में तो बैठ गए लेकिन कुछ ही दूर जाने के बाद उन्होंने अपने ड्राइवर को कार होटल ले जाने को बोला और खुद टैक्सी में बैठने की बात कही। लेकिन पार्थिव को होश तब उड़ गए जब एमटीवी बकरा की टीम ने उन्हें घेर लिया और बकरा होने का खिताब दिया। पार्थिव कहते हैं, वो मजाक मेरे लिए एक सबक था कि आप कितने ही बड़े स्टार हो जाओ गलती की है तो सजा तो आपको मिलेगी ही।

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