यमुनानगर. शहर के प्रतिष्ठित होटल जेके रेजीडेंसी में सैकड़ों लोगों की आंख में धूल झोंक कर चल रही पार्टी से दो शातिर बच्चे एक बैग उड़ा ले गए। ‘नटवरलाल’ बने इन बच्चों ने मात्र पांच मिनट में इस तरह से वारदात को अंजाम दिया कि एक बार तो यकीन ही नहीं होता। बच्चे बेखौफ होकर पार्टी में शामिल हुए। बैग को कंधे पर रखा और चलते बने।
बैग में सोने के आभूषण के साथ ही शगुन की राशि भी थी। वारदात का पता भी तुरंत ही लग गया लेकिन तब तक बच्चे फुर्र हो चुके थे। रमेंद्र कौर ने बताया कि उनके परिवार में मनप्रीत की शगुन पार्टी थी। लड़के और लड़की वालों के साथ ही बड़ी संख्या में आमंत्रित मेहमान भी थे। रमिंद्र कौर ने बताया कि तीन बजे के करीब वे अपने हरे रंग के बैग के साथ कुर्सी पर बैठी थी। इसी बीच वे फर्श पर पड़े मेवे के छिलके को उठाकर साइड में फंेकने लगी। इतनी ही देर के लिए उनका ध्यान बैग से भंग हो गया और जब मुड़कर देखा तो पाया कि बैग गायब था।
कुछ लोग गेट की तरफ दौड़े ताकि दरवाजे बंद कर दिए जाएं पर तब तक देर हो चुकी थी। बैग लिए बच्चे निकल चुके थे। दरबान ने बताया कि दो बच्चे हरे रंग के कपड़े में हरे बैग के साथ होटल से बाहर निकले हैं। रविंद्र कौर ने बताया कि उन्हें पांच लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
एकदम सधे हुए अंदाज में दिया वारदात को अंजाम: होटल में हर कोने पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। उन्हें देखकर ही पता चला कि वारदात को बच्चों ने अंजाम दिया। उन्होंने अच्छे कपड़े डाल रखे थे जिसे देखकर यह नहीं कहा जा सकता था कि वे आउड साइडर हैं। उनके कपड़ों व चाल-ढाल से ही होटल का गेट कीपर भी गच्च खा गया। बच्चे आराम से पार्टी में शामिल हुए।
कोई हड़बड़ी नहीं की: बच्चे वारदात को अंजाम देकर किसी हड़बड़ी में नहीं थे। वे एकदम से सामान्य रहे। उन्हें वहां से भागने की जल्दी ही नहीं थी। सहज बच्चों सी हरकत करते हुए वे मेन गेट पर पहुंचे। गेटकीपर ने दरवाजा खोल दिया। छोटे बच्चे के कंधे पर हरा बैग टंगा था। वे लगभग कूदते हुए बाहर आए। गेट पर पहुंचे। यहां से एकदम से पीछे की ओर भाग निकले।
पार्टी में किसी ने नहीं देखा: बच्चों की हरकत को कोई भी नहीं देख पाया। यहां तक कि रविंद्र कौर को भी कुछ पता नहीं चला। बच्चों के कपड़े व चाल-ढाल एकदम से शालीन थी।
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए: बच्चों की गतिविधियों को यूं तो सीसीटीवी कैमरे ने कैद कर लिया है लेकिन स्थिति बहुत क्लीयर नहीं है। सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। हालांकि होटल में हर जगह कैमरे लगे हुए हैं। इतना ही नहीं यहां की सुरक्षा भी पुख्ता है।
क्या टारगेट फिक्स था: बच्चे पार्टी में शामिल हुए। उन्हें पता था कि कैसे वारदात को अंजाम देना है। किस बैग को उठाना है। उन्हें मौका चाहिए था। जैसे ही मिला। उन्होंने वारदात को अंजाम दे दिया। वे कुछ देर पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे। ऐसे में कौन है जो उन्हें बता रहा है कि माल हरे रंग के बैग में है। इतना ही नहीं वे निश्चिंत थे। कोई हड़बड़ी या जल्दबाजी नहीं कर रहे थे। बाहर निकलते ही गायब हो गए। तो क्या बाहर कोई उनका इंतजार कर रहा था। बहरहाल मौके पर पुलिस आई। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज लिए और जांच की कार्रवाई शुरू कर दी।
(भास्कर से )
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