SAMACHAR TODAY LIVE TV

http://samacharcloud.purplestream.in/samachar/samachar2-live.smil/playlist.m3u8

Tuesday, December 7, 2010

नई फिल्म “इसी लाईफ में”

नई दिल्ली, मैनें प्यार किया, हम आपके है कौन, एक विवाह ऐसा भी.... जैसी साफ सुथरी पारिवारिक मनोरंजक फिल्मों के निर्माण के क्षेत्र में लोकप्रियता बटोरने वाले राजश्री प्रोडेक्शन की नवीनतम् प्रस्तुति है ‘ इसी लाईफ में ’। फिल्म अजमेर के एक छोटे से शहर में रहने वाली राजनंदिनी की कहानी हैं। जिसका संबध एक सभ्य परिवार से रहा है और उसे यह भरोसा दिला गया है कि सपने हकीकत से परे होते है। अपनी मॉ की मदद से वह अपनी अग्रिम पढाई के लिए मुंमई के एक कालेज में दाखिला लेती है। जहां उसकी मुलाकात विवान और उसके मस्ततौला दोस्तों से होती है। शुरूआत में राजनंदिनी ,विवान और उसके दोस्तों की वेशभूषा, उनकी बोलचाल को देखकर उनके बारे में गलत धारण बना लेती है, मगर बदलते समय और परिस्थियों के साथ उसको अपनी गलतियों का अहसास होता है । अब उसको महसूस होने लगता है कि बाहर से दिखने में वे लोग चाहे कितने भी अलग क्यों ना हों, भीतर से राजनंदिनी और उन लोगों के विचार और संस्कार एक से हैं। राजनंदिनी की तरह वे लोगा भी युवावस्था की अपनी अनिशिचतताओं से जुझ रहे थे। उस दिन से राजनंदिनी के भीतर यह विश्वास जगा कि न सिर्फ उसे ख्वाब सजाने का हक था, बल्कि उसके भीतर उन्हें साकार करने की भी सक्षता होनी चाहिए।
फिल्म की निर्देशक विधि कासलीवाल बताती है कि फिल्म ‘विवाह’ के दौरान मैंने सूरजजी के सहायक के तौर पर काम करते हुए, मुझे उनसे काफी सीखने का मौका मिला। किन्तु मैं उस वक्त असमंजस में थी कि फिल्मों में कुछ करना तो है...,फिल्म एक विवाह करने का अनुभव के दौरान ही मैंने समझा कि फिल्म निर्माण का एक अलग ही मजा है। समय बीता और वह दिन मेरे लिए खास था जब सूरज जी ने मेरी ही लिखी कहानी का चयन कर उसी कथानक पर फिल्म‘इसी लाईफ में’ के निर्देषन का दायित्व भी सौंपा। चूंकि मेरा संबध अजमेर से रहा है। और मुंमई में पढी हॅू इसलिए उन पुरानी यादों को भी मैंने फिल्म का अहम् हिस्सा बनाया है जैसे फिल्म में अजमेर के पांरपारिक परिवार और मुंबई के कालेज के आधुनिक माहौल , दोनों की गहरी छाप पडी है। कुलाकार फिल्म की थीम बुजुर्गों के रूढीवादी सिदांत और युवा पीढी के स्वंतत्र विचारों पर केप्द्रित है। क्या दो अलग अलग विचारधाराओं का मेल संभव हो सकेगा ?

बैनर : राजश्री प्रोडेक्शन
निर्माता : सूरज बडजात्या
निर्देषक : विधि कासलीवाल
संगीत : मीत ब्रदर्स,अंजान अंकित
कलाकार :अक्षय ओबराय,संदीपा धर





प्रेमबाबू शर्मा (दिल्ली)


No comments:

Tuesday, December 7, 2010

नई फिल्म “इसी लाईफ में”

नई दिल्ली, मैनें प्यार किया, हम आपके है कौन, एक विवाह ऐसा भी.... जैसी साफ सुथरी पारिवारिक मनोरंजक फिल्मों के निर्माण के क्षेत्र में लोकप्रियता बटोरने वाले राजश्री प्रोडेक्शन की नवीनतम् प्रस्तुति है ‘ इसी लाईफ में ’। फिल्म अजमेर के एक छोटे से शहर में रहने वाली राजनंदिनी की कहानी हैं। जिसका संबध एक सभ्य परिवार से रहा है और उसे यह भरोसा दिला गया है कि सपने हकीकत से परे होते है। अपनी मॉ की मदद से वह अपनी अग्रिम पढाई के लिए मुंमई के एक कालेज में दाखिला लेती है। जहां उसकी मुलाकात विवान और उसके मस्ततौला दोस्तों से होती है। शुरूआत में राजनंदिनी ,विवान और उसके दोस्तों की वेशभूषा, उनकी बोलचाल को देखकर उनके बारे में गलत धारण बना लेती है, मगर बदलते समय और परिस्थियों के साथ उसको अपनी गलतियों का अहसास होता है । अब उसको महसूस होने लगता है कि बाहर से दिखने में वे लोग चाहे कितने भी अलग क्यों ना हों, भीतर से राजनंदिनी और उन लोगों के विचार और संस्कार एक से हैं। राजनंदिनी की तरह वे लोगा भी युवावस्था की अपनी अनिशिचतताओं से जुझ रहे थे। उस दिन से राजनंदिनी के भीतर यह विश्वास जगा कि न सिर्फ उसे ख्वाब सजाने का हक था, बल्कि उसके भीतर उन्हें साकार करने की भी सक्षता होनी चाहिए।
फिल्म की निर्देशक विधि कासलीवाल बताती है कि फिल्म ‘विवाह’ के दौरान मैंने सूरजजी के सहायक के तौर पर काम करते हुए, मुझे उनसे काफी सीखने का मौका मिला। किन्तु मैं उस वक्त असमंजस में थी कि फिल्मों में कुछ करना तो है...,फिल्म एक विवाह करने का अनुभव के दौरान ही मैंने समझा कि फिल्म निर्माण का एक अलग ही मजा है। समय बीता और वह दिन मेरे लिए खास था जब सूरज जी ने मेरी ही लिखी कहानी का चयन कर उसी कथानक पर फिल्म‘इसी लाईफ में’ के निर्देषन का दायित्व भी सौंपा। चूंकि मेरा संबध अजमेर से रहा है। और मुंमई में पढी हॅू इसलिए उन पुरानी यादों को भी मैंने फिल्म का अहम् हिस्सा बनाया है जैसे फिल्म में अजमेर के पांरपारिक परिवार और मुंबई के कालेज के आधुनिक माहौल , दोनों की गहरी छाप पडी है। कुलाकार फिल्म की थीम बुजुर्गों के रूढीवादी सिदांत और युवा पीढी के स्वंतत्र विचारों पर केप्द्रित है। क्या दो अलग अलग विचारधाराओं का मेल संभव हो सकेगा ?

बैनर : राजश्री प्रोडेक्शन
निर्माता : सूरज बडजात्या
निर्देषक : विधि कासलीवाल
संगीत : मीत ब्रदर्स,अंजान अंकित
कलाकार :अक्षय ओबराय,संदीपा धर





प्रेमबाबू शर्मा (दिल्ली)


No comments: