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Wednesday, July 31, 2013

जेल में भुगत रहे है किए पाप की सजा

* दुष्कर्म मामलों में कारागार में बंद है 190 आरोपी
* कोर्ट ने 35 दुराचारियों की सजा कर दी है मुकरर्र


मुजफ्फरनगर।
दिल्ली गैंगरेप की शर्मिदंगी के बाद देश की "आधी आबादी" को क्या कानून सुरक्षा कवच दे पाएगा, यह सवाल सभी की जुबां पर हैं। महिला उत्पीडऩ की हकीकत को खंगाले, तो सच्चाई बेहद कड़वी है। मुजफ्फरनगर की जेल में बंद दुराचारियों की संख्या कुछ कम नहीं हैं। दुष्कर्म के मामलों में 190 बंदी जेल की चारदीवारी में कैद हैं। 
जिले में हर माह दुराचार की दो-तीन वारदाते हो रही हैं। शुक्रवार को दरिंदो ने फुगाना के जोगियाखेड़ी में किशोरी से पंचायतघर में ही गैंगरेप किया। आरोपी अभी पुलिस के हाथ भी नहीं लगे हैं। बसेड़ा के सामुहिक दुराचार का मामला हो, या चर्चित चरथावल का इमराना प्रकरण और हाईवे पर दिल्ली की युवतियों से गैंगरेप, जिले में ऐसी वारदातें घटती रही हैं। सूबे में महिला उत्पीडऩ के अधिकांश मामलों में जिले की गिनती हैं। पूरे देश में दिल्ली गैंगरेप की भेंट चढ़ गई पैरा मैडिकल छात्रा पर हो-हल्ला मचा हुआ है। 
सोचनीय यह है कि यहां न जाने कितनी बेबस जिंदगियां दुराचारियों की हैवानियत का शिकार हो रही हैं। जेल की सलाखों के पीछे 35 बलात्कारी सजा भुगत रहे हैं। इमराना प्रकरण में दस साल के कारावास काट रहे ससुर अली मोहम्मद भी है। १५५ बंदी विचाराधीन हैं। जेल में बंद कुल 2365 में से 190 कैदियों का दुराचार की वारदातों में बंदी होना सच्चाई बयां कर रहा है। छेड़छाड़ की घटनाएं आम हैं, जिसमें चाकूबाजी, फायरिंग और संघर्ष आए दिन की बात हैं। ऐसे में महिलाओं को कैसे सुरक्षा मिलेगी, यह गंभीर मुद्दा है।
*


तीन साल में दुष्कर्म के 65 मामले
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अभी भी समाज में महिलाओं से जुड़ी वारदातों में कोई कमी नहीं आई हैं। बीते तीन साल में दुष्कर्म के 65 मामलें दर्ज किए गए हैं। दहेज हत्या में भी जिले में वर्ष 2010 में 24, 2011 में 26 और 2012 में 16 बेटियों की मौत हो चुकी हैं। 

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Wednesday, July 31, 2013

जेल में भुगत रहे है किए पाप की सजा

* दुष्कर्म मामलों में कारागार में बंद है 190 आरोपी
* कोर्ट ने 35 दुराचारियों की सजा कर दी है मुकरर्र


मुजफ्फरनगर।
दिल्ली गैंगरेप की शर्मिदंगी के बाद देश की "आधी आबादी" को क्या कानून सुरक्षा कवच दे पाएगा, यह सवाल सभी की जुबां पर हैं। महिला उत्पीडऩ की हकीकत को खंगाले, तो सच्चाई बेहद कड़वी है। मुजफ्फरनगर की जेल में बंद दुराचारियों की संख्या कुछ कम नहीं हैं। दुष्कर्म के मामलों में 190 बंदी जेल की चारदीवारी में कैद हैं। 
जिले में हर माह दुराचार की दो-तीन वारदाते हो रही हैं। शुक्रवार को दरिंदो ने फुगाना के जोगियाखेड़ी में किशोरी से पंचायतघर में ही गैंगरेप किया। आरोपी अभी पुलिस के हाथ भी नहीं लगे हैं। बसेड़ा के सामुहिक दुराचार का मामला हो, या चर्चित चरथावल का इमराना प्रकरण और हाईवे पर दिल्ली की युवतियों से गैंगरेप, जिले में ऐसी वारदातें घटती रही हैं। सूबे में महिला उत्पीडऩ के अधिकांश मामलों में जिले की गिनती हैं। पूरे देश में दिल्ली गैंगरेप की भेंट चढ़ गई पैरा मैडिकल छात्रा पर हो-हल्ला मचा हुआ है। 
सोचनीय यह है कि यहां न जाने कितनी बेबस जिंदगियां दुराचारियों की हैवानियत का शिकार हो रही हैं। जेल की सलाखों के पीछे 35 बलात्कारी सजा भुगत रहे हैं। इमराना प्रकरण में दस साल के कारावास काट रहे ससुर अली मोहम्मद भी है। १५५ बंदी विचाराधीन हैं। जेल में बंद कुल 2365 में से 190 कैदियों का दुराचार की वारदातों में बंदी होना सच्चाई बयां कर रहा है। छेड़छाड़ की घटनाएं आम हैं, जिसमें चाकूबाजी, फायरिंग और संघर्ष आए दिन की बात हैं। ऐसे में महिलाओं को कैसे सुरक्षा मिलेगी, यह गंभीर मुद्दा है।
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तीन साल में दुष्कर्म के 65 मामले
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अभी भी समाज में महिलाओं से जुड़ी वारदातों में कोई कमी नहीं आई हैं। बीते तीन साल में दुष्कर्म के 65 मामलें दर्ज किए गए हैं। दहेज हत्या में भी जिले में वर्ष 2010 में 24, 2011 में 26 और 2012 में 16 बेटियों की मौत हो चुकी हैं। 

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