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Tuesday, December 20, 2011

अंधविश्वास : औलाद की चाहत में मासूम बच्ची की बलि


- कई टुकड़ो में बरामद हुआ बच्चा का शव
- तांत्रिक क्रियाओं के चलते दी गयी बलि
मुजफ्फरनगर। आस-औलाद की चाहत में आरोपियों ने चार साल की मासूम बच्ची की तांत्रिक क्रियाओं के चलते बलि दे दी गयी। जिसका खुलासा उस समय हुआ, जब पुलिस ने शक के आधार पर आरोपियों को पकड़कर  पूछताछ की तो ये सनसनीखेज मामला सामने आया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर बच्चे के शव को कई टुकड़ो में बरामद कर पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जबकि पुलिस ने चोरी-छिपे ही आरोपियों को जेल भेज दिया।
छपार थाना क्षेत्र के नंगला खोजा निवासी मोमीन की 4 वर्षीया बेटी मेविश गत 7 दिसम्बर को रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गयी थी, जिसको परिजनों ने आसपास खूब तलाश किया, लेकिन बच्ची का जब कुछ अता-पता नहीं चल सका तो मजबूरन पीडि़तो को पुलिस से शिकायत करनी पड़ी। पुलिस ने मामला गुमशुदगी में दर्ज कर कार्रवाई आगे बढा दी, मगर परिजन इससे संतुष्ट नहीं हुए तो पुलिस ने मामले को अपहरण में दर्ज कर लिया और शक के आधार पर गांव के ही सकील को उसकी पत्नी महरूबी, पुत्रवधु महरूनी पत्नी हुसैन, बेटे तनवीर और कलीम को उठाकर पूछताछ करनी शुरू कर दी। पहले तो आरोपी पुलिस की आंखों में धूल झौंकते रहे, लेकिन जब पुलिस ने सख्ताई से पूछताछ की तो आरोपी टूट गये और उन्होंने सारा वाक्या पुलिस को कह सुनाया।
डेमो पिक्चर 
दरअसल सकील के तीन बेटे है मौहम्मद हुसैन, तनवीर और कलीम। तीनों ही शादीशुदा तो है, लेकिन किसी को भी औलाद पैदा नहीं हुई, जिस पर उक्त लोगों ने तमाम नीम-हकीम और डाक्टरों से अपना और अपनी पत्नियों का उपचार कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हो सका तो अंधविश्वास के चलते आरोपी तंत्र-मंत्र के चक्कर में फंस गये। आरोप है कि आरोपियों को किसी तांत्रिक ने मासूम बच्चे की बलि देने की सलाह दी, जिस पर आरोपियों ने गत 7 दिसम्बर को मासूम मेविश का अपहरण कर लिया और फिर उसकी बलि दे डाली। आरोपियों के मुंह से ये सब सुनकर पुलिस का भी कलेजा फटा का फटा रह गया। आनन-फानन में आलाधिकारियों के निर्देश पर आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने सहारनपुर जनपद के देवबंद थाना क्षेत्र के केंदकी गांव के जंगल में संजय त्यागी के खेत में तलाश किया तो बच्ची का शव छ: टुकड़ों में बरामद हो गया। सूत्रों की माने तो मौके से तांत्रिक क्रियाओं का भी सामान बरामद किया गया। पुलिस ने शव को पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बताया जाता है कि जैसे ही मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में आया, वैसे ही पुलिस अधिकारियों द्वारा निर्देशित छपार पुलिस ने आनन-फानन में मामले को नर बलि से रंजिश की ओर मोड दिया तथा लिखा-पढी में मामला रंजिश का बताते हुए आरोपियों को जेल भेज दिये गये। ये भी बताया जा रहा है कि धर-पकड़ की सुचना मिलते ही हुसैन घबराकर दो दिन पहले ही कोर्ट के पेश होकर जेल जा चुका है, जबकि ये भी बताया जा रहा है कि इससे पहले भी आरोपीगण करीब चार वर्ष पूर्व गांव के ही रिजवान के चार वर्षीय बेटे मुसाहिद की बलि दे चुके है, जिसके खुलासे के बाद पुलिस ने आरोपियों को पकडकर जेल भेजा था, मगर बच्चे की चाह में इस बार फिर से आरोपियों ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दे डाला।


अमित सैनी
मुज़फ्फरनगर

Monday, December 19, 2011

फिरौती न देने पर दो किसानों की हत्या

मुजफ्फरनगर : जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह

- दो-दो लाख रूपये की मांगी गई थी फिरौती
- 7 दिसम्बर को किया गया था दोनों का अपहरण
मुजफ्फरनगर।
दो-दो लाख रूपये की फिरौती न देने पर बदमाशों ने अपहृत दो किसानों की गोली मारकर हत्या कर दी और उनके शवों को गन्ने के खेत में फेंक दिया, जिसका खुलासा उस समय हुआ जब पुलिस ने सर्विलांस की मदद से एक बदमाश को दबोच लिया, जिनसे पूछताछ में सारी घटना का खुलासा कर दिया। पकडे गये बदमाश की निशानदेही पर पुलिस ने दोनों किसानों के शवों को बरामद कर लिये, जिनको पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जबकि मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
दरअसल पुरकाजी थाना क्षेत्र के नंगला दुहेली ग्राम निवासी 3० वर्षीय किसान ज्ञानसिंह पुत्र महावीर तथा 48 वर्षीय किसान राजपाल पुत्र चंद्रभान गत 7 दिसम्बर को घर से फसलों में डालने के लिए खाद लेने के लिए पुरकाजी कस्बे के लिए साईकिलों पर निकले थे, लेकिन देर शाम तक भी जब दोनों किसान वापिस घर नहीं पहुंचे तो परिजनों को चिंता सताने लगी, जिस पर परिजनों की ओर से पुलिस से शिकायत की गयी। छानबीन के दौरान दोनों किसानों की साईकिले क्षेत्र के तेजलहेड़ा और खाईखेड़ी गांव के जंगल से लावारिस अवस्था में पड़ी हुई मिल गयी, जबकि पुलिस ने तहरीर के अनुसार मामला गुमशुदगी में दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।

9 दिसम्बर को दोनों किसानों के परिजनों के मोबाईलों पर एक ही नम्बर से बदमाशों ने फोन करके दो-दो लाख रूपये की फिरौती मांगी, जिसकी सूचना परिजनों ने तत्काल ही पुलिस को दी, जिस पर पुलिस ने कथित मोबाइल नम्बर को सर्विलांस के जरिये ट्रेस किया और सोमवार को पुलिस ने भोपा थाना क्षेत्र के सीकरी ग्राम निवासी कलीम को धर-दबोचा, जिसने पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने अपराध करना कुबूल करते हुए बताया कि उक्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर दोनों किसानों का तेजलहेडा और खाईखेडी गांव के बीच अपहरण किया था, जबकि फिरौती न मिलने तथा पुलिस को सूचना देने पर उन्होंने दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने कलीम की निशानदेही पर छपार थाना क्षेत्र के दतियाना गांव के जंगल से एक गन्ने के खेत से किसान ज्ञान सिंह और राजपाल के गोली लगे शव बरामद कर लिये। एक की जहां खोपडी में गोली मारी गयी थी, वहीं दूसरे की छाती को निशाना बनाया गया था। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, जबकि पकडे गये बदमाश के अन्य साथियों को तलाश किया जा रहा है।
 
 
अमित सैनी
मुज़फ्फरनगर

Saturday, December 17, 2011

....मुजफ्फरनगर में लगा लाशों का ढेर

- कहीं पर हादशा तो कहीं पर वारदात के शिकार हुए मृतक
- बार्डर पर तैनात बीएसएफ का जवान हुआ पश्चिमी बंगाल में शहीद
मुजफ्फरनगर।
कहते है कि मौत कभी बताकर नहीं आती, वो कहीं भी और कभी भी बिन बताये जा पहुंचती। बहाने केवल अलग-अलग होते है, मगर जब आती है तो अपने पीछे दहशत और खौफ के अलावा कुछ नहीं छोड जाती। मुजफ्फरनगर के ग्यारह लोगों को अलग-अलग स्थानों पर मौत को लगे लगाना पड़ा। कोई हादशे का शिकार हुआ तो कोई वारदात में मारा गया, जबकि एक बीएसएफ का जवान भी पंश्चिमी बंगाल में शहीद हो गया, जबकि एक जवान अपनी पत्नी सहित हादशे का शिकार हो गया। इतना ही नहीं दो अलग-अलग स्थानों पर छ: लोग भी सड़क हादशों का शिकार होकर काल का ग्रास बन गये, जबकि इन हादशों और वारदातों में कई लोग बुरी तरह से घायल भी हुए, जिनको विभिन्न अस्पतालों में उपचार हेतु भर्ती कराये गये है।




कैराना। क्षेत्र के ग्राम पंजीठ निवासी विनोद कुमार सैनी श्रीनगर में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में चालक के पद पर तैनात था। गत दिवस उसके परिवार में उसके भाई के बच्चे की हुई मौत का समाचार सुनकर विनोद छुट्टी लेकर अपनी पत्नी अनीता देवी व बच्चे को साथ लेकर श्रीनगर से कैराना के लिए चला था। पंजाब प्रदेश के पठानकोट शहर के निकट कोहरे के कारण हुए सड़क हादसे में विनोद एवं उसकी पत्नी अनीता की मौके पर ही मृत्यु हो गयी तथा बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये, जिन्हें राहगीरों ने निकट के चिकित्सालय में भर्ती कराकर उनके परिजनों को सूचना दी। सूचना मिलने पर मृतक विनोद का भाई मदन सैनी व अन्य ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे और विनोद व उसकी पत्नी का शव और घायल बच्चे का शव लेकर कैराना पहुंचे। उक्त दु:खद दुर्घटना के समाचार से हर ओर कोहराम मच गया तथा शनिवार को ग्राम पंजीठ में विनोद व उसकी पत्नी अनिता का जब दाह-संस्कार किया गया, तो सभी हिन्दू-मुस्लिम हजारों लोगों की आंखे रो उठी। सभी ने आंसू भरी आंखों से विनोद व उसकी पत्नी को अन्तिम विदाई दी।

खतौली। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम केलावडा निवासी मुवासी पुत्र संगत के भाई लाल सिंह के कोई औलाद नही थी। लाल सिंह मरने से पूर्व पौने तीन बिघा जमीन व मकान की वसीयत मुवासी के नाम कर गया था। लाल सिंह की मौत के बाद इसके साले की लड़की माला के पति हरेन्द्र ने मकान व जमीन पर कब्जा कर लिया। वसीयत में चले मुकदमे में मुवासी जीत गया। लेखपाल ने जमीन व मकान पर कब्जा करा दिया था। मकान व जमीन चले जाने से क्षुब्ध हरेन्द्र व उसके पुत्र गौरव, टीटू, अभिषेक ने विगत रात्रि विजयपाल पर धारदार हथियारों से हमला कर घायल कर दिया था। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घायल विजयपाल को इलाज हेतू सीएचसी पर भर्ती कराया। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देकर मुजफ्फरनगर रैफर कर दिया था। शनिवार की सुबह विजयपाल को चिकित्सकों ने मेरठ के लिए रैफर किया था, लेकिन मेरठ जाते समय विजयपाल की मौत हो गयी। परिजन शव को लेकर कोतवाली पहुंचे। पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के पुत्र मिन्टू द्वारा दी गयी तहरीर पर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या करने का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने एक आरोपी गौरव को पकड़कर थाने बैठा लिया है। पुलिस हरेन्द्र, टिटू, अभिषेक की तालश में दबिशे दे रही है।

शामली (प्रबुद्घनगर)। मुंबई से आए अपने दोस्त को लेकर वापस लौट रहे कस्बा बनत के चार युवकों की इंडिको गाडी की डीजल टैंकर के साथ भिडंत के बाद गाडी में आग लगने से जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गयी। उक्त घटना से कस्बा बनत में शोक की लहर दौड गयी है। सायं के समय जैसे ही तीन शव कस्बे में पहुंचे, म्रतकों के परिजनों के करूण रूद्रन से माहौल बेहद गमगीन हो गया जबकि चौथा शव उसके परिजन मुंबई ले गये। आदर्श मंडी थाना क्षेत्र के कस्बा बनत निवासी विशाल शर्मा उर्फ बंटी पुत्र श्रीपाल मौहल्ला पटेलनगर में अपने चाचा राजेन्द्र के पास रह रहा था। उसके पिता की स्टील फैक्टरी है। बताया जाता है कि बंटी मुंबई से दिल्ली हवाई जहाज द्वारा पहुंचा था और उसे एयरपोर्ट से लाने के लिए बनत निवासी उसके दोस्त उसे इंडिगों कार एचआर-१५-३११३ में लेने के लिए गए थे। गाडी १९ वर्षीय सरू उर्फ सरफराज पुत्र अख्तर निवासी दक्षिण प्रेमनगर बनत की थी और वह खुद ही गाडी चला रहा था जबकि उसके साथ जोया उर्फ दीया ,२२, वर्षीय पुत्र सैय्यद धम्मो मौहल्ला हकीकतनगर बनत, नटवर उर्फ नीटू पुत्र सतेन्द्र प्रतापनगर बनत गए थे। तीनों दोस्त बंटी को एयरपोर्ट पर रिसीव करने के बाद जब गाडी लेकर वाया सोनीपत-पानीपत होते हुए शामली आ रहे थे तो पानीपत और सिम्भालका के बीच एक मोड पर सामने से आ रहे ईंटों से भरे ट्रक से बचने के प्रयास में जैसे ही सरफराज ने गाडी मोडी तो उसकी भीषण टक्कर वहां से गुजर रहे एक डीजल के टैंकर से हो गयी, टक्कर इतनी जोरदार थी कि इंडिगों पलट गयी और पलटते ही उसमें आग लग गयी। गाडी अत्याधुनिक व कंप्यूटराइज्ड होने के कारण बिना रिमोट के उसके खिडकी व शीशे नहीं खुल पाए जिससे सभी गाडी के अंदर बुरी तरह झुलस गए। गाडी गाडी चालक सरफराज ने किसी तरह शीशे तोडकर शोर मचाया और दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाकर सबसे पहले सरफराज को गाडी से बाहर निकला। उस समय केवल उसी की संासें चल रही थी। जबकि शेष तीनों गाडी इस कदर जल चुकी थी कि उनकी शिनाख्त भी नहीं हो पा रही थी। सरफराज को उपचार के लिए एक निजी चिकित्सालय में ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गयी। मरने से पूर्व सरफराज ने अपने व अपने साथियों के बारे में पुलिस को जानकारी दी जिस पर पानीपत पुलिस ने शामली पुलिस व बनत में उसके परिजनों को घटना की जानकारी दी। कस्बे के चार जवान युवकों की मौत की सूचना मिलते ही बनत मे शोक की लहर दौड गयी और भारी संख्या में लोग उनके आवासों पर शोक जताने के लिए एकत्र हो गए। काफी संख्या में लोग मृतकों के शव पानीपत से लाने के लिए रवाना हुए। सायंकाल जैसे ही तीन शव कस्बे में पहुंचे, गमगीन परिजनों का सब्र टूट गया और उनके दहाडे मारकर करूण रूद्रन से माहौल बेहद गमगीन हो गया। बंटी का शव पोस्टमार्टम हाउस पर ही छोड दिया गया क्योकि उसके परिजन उसका शव मुबंई लेकर जायेंगे। मृतक सरफराज जहंा अपनी ही इंडिगो कार पर चालक था वहीं नीटू कृषि कार्य करता था।

जानसठ । पानीपत खटीमा हाइवे पर धागा फैक्ट्री के पास घने कोहरे के कारण तेज गति से चल रही डीसीएम आगे जा रहे ट्रक से जा टकराई। भीषण टक्कर से डीसीएम के परखच्चे उड़ गए। जिसमें सवार दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गर्ई तथा चालक सहित चार अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर अवस्था में घायल एक मजदूर को मेरठ रेफर किया गया है।

शनिवार की सुबह गांव नवादा से डीसीएम गाड़ी में बैठकर थाना सरधना क्षेत्र के गांव सबदलपुर निवासी सलीम पुत्र इसमाइल, गांवं खिवाई निवासी अबरार पुत्र इसरार, नोशाद पुत्र तरीखत, गांव नवादा निवासी दिलशाद पुत्र अली हसन, रिजवान पुत्र युनुस, गांव हरसोपुर निवासी बाबूराम पुत्र रामपाल खोई लेने के लिए चांदपुर जा रहे थे। सुबह करीब छह बजे पानीपत खटीमा हाइवे पर धागा फैक्ट्री के पास आगे जा रहे ट्रक में पीछे से डीसीएम टकरा गई। जबदस्त टक्कर लगने से डीसीएम के आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। उसमें सवार सभी लोग दब गए। चींखने चिल्लाने की आवाज सुनकर वहां से गुजरने वाले अन्य वाहनों के चालकों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस खिड़की काटकर सभी घायल लोगों बाहर निकाला। जिनमें से सलीम और अबरार की मौत हो चुकी थी। पुलिस चारों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर गंभीर अवस्था में घायल नोशाद को मेरठ के लिए रेफर किया गया है। पुलिस ने मृतक लोगों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।


जानसठ/सिखेड़ा। पश्चिम बंगाल में डयूटी के दौरान बीएसएफ के जवान की अचानक हार्टअटैक से मौत हो गई। जवान की मौत को लेकर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शनिवार की सुबह गमगीन माहौल में जवान के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बीएसएफ के जवानों ने अपने साथी को अंतिम सलामी दी। अंतिम संंस्कार में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा।

थाना सिखेड़ा क्षेत्र के गांव फहीमपुर निवासी बलबीर सिंह के ४५ वर्षीय पुत्र प्रमोद कुमार सन् १९८९ में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। फिलहाल उसकी तैनाती पश्चिम बंगाल के बालूघाट पर थी। शुक्रवार को डयूटी के दौरान अचानक हार्टअटैक आने से प्रमोद की मृत्यु हो गई। बीएसएफ के कमांडर ने इसकी सूचना उसके परिजनों को फोन पर दी। प्रमोद की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। प्रमोद की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शुक्रवार की देर रात्रि को बीएसएफ के जवान मृतक प्रमोद का शव लेकर गांवं फहीमपुर पहुंचे। शनिवार की सुबह सवेरे प्रमोद के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार करते समय ग्रामीणों की आंखे नम हो गई। ग्रामीणों का कहना था कि देशवासियों की रक्षा करने वाला एक जवान हमको छोड़ कर चलाया गया। शमशान में बीएसएफ के जवानों ने अपने साथी को सलामी देकर अंतिम विदाई दी। जवान के अंतिम संस्कार के मौके पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जबकि पुलिस मौके पर मौजूद रही। प्रशासनिक अधिकारी के मौके पर नहीं पहुंचने को लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

मुजफ्फरनगर। मूल रूप से ककरौली निवासी धर्मवीर पुत्र लेखराम हाल में नई मण्डी कोतवाली क्षेत्र के सुभाषनगर में रह रहा था, जबकि वह खाईखेड़ी शुगर मिल में बॉयलर एटेंडेंट के रूप में कार्यरत था। बताया जाता है कि रोजाना की भांति शनिवार को भी वह मिल में गया, जहां पर अचानक से वह बॉयर की चेन में आकर बुरी तरह से घायल हो गया, जिसको तत्काल ही मिल प्रबंधन अपनी बिना नम्बर की न्यू ब्राडेंड बुलेरो कार द्वारा जिला चिकित्सालय ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसको गंभीर अवस्था के चलते तुरंत ही मेरठ अथवा दिल्ली ले जाने की सलाह दी, जिस पर मिल प्रबंधन बजाय उसको मेरठ ले जाने के चिकित्सालय के बाहर आकर खडे हो गये और पाल धर्मशाला के पास बुलेरो कार खड़ी करके घंटों तक विचार-विमर्श करते रहे, जिसके चलते धर्मवीर ने तडफ़ते हुए वहीं पर दम तोड़ दिया। संदिग्ध परिस्थितियों में इस तरह से कार खड़ी होना देख लोगों को संदेह हुआ तो कुछ लोगों ने कार के अंदर झांककर देखा तो उसके अंदर लाश पड़ी होना देख शोर मचा दिया, जिसक चलते आरोपी कार को लेकर रूड़की चुंगी की ओर दौड़ पड़े, मगर लोगों ने उनका वहां भी पीछा नहीं छोड़ा और कई लोगों ने जहां कार का पीछा करना शुरू कर दिया, वहीं इस सम्बंध में तत्काल ही पुलिस को भी सूचना दी। आरोप है कि आरोपीगण रूडकी रोड पर स्थित एक आर्युवेदिक अस्पताल के पास कार को छोड़कर फरार हो गये, जबकि सूचना मिलते ही एसपी सिटी केबी सिंह, सीओ सिटी शिवराम यादव मय पुलिस फोर्स के मौके पर जा पहुंचे, जिन्होंने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

इन्सान की अनुभूति किसी भी कला की जन्मदाता है: बिजेन्द्र शर्मा

नई दिल्ली! (Prem Babu Sharma)
प्रेम एक ऐसा कांटा है जिसमे पराया दर्द ही मिलता है, पर जब यह मिलता है तो इससे फूलो की खुशबू झरती है। यह कविता नही, चित्रो के कुछ नमूने है, जिन्हे अपनी कल्पना और रंगो के माध्यम से कलाकार विजेन्द्र शर्मा ने कैनवास पर उकेरा है। जिनकी उंगलियों में कमाल का जादू है, जब वे रंग और बर्श से कैनवास पर चित्र उकेरते है तो उसमें पूरी तरह डूब जाते है। यही वजह है की उनकी कृति वास्तविकता के काफी करीब और संजीव प्रतीत होती है। विजेन्द्र शर्मा कैनवास पर जीवन, मृत्यु, सधंर्ष, अध्यात्म और प्रकृति को ही चित्रित नही करते, बल्कि सामाजिक कुरीतियो और भष्ट्राचार को उकेर कर सामाजिक दायित्व का भी निर्वाह करते है, इनकी कला के प्रशंसको में बिरला अम्बानी ग्रुप, अभिनेता अमिताभ बच्चन के अलावा भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा0 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्रमुख है, डा.कलाम जब भारत के राष्ट्रपति थे तब इन्होने अपना स्वंय का पोट्रेट विजेन्द्र शर्मा से बनवाया था।
दिल्ली में जन्मे और दिल्ली कालेज आॅफ आर्टस से स्नातक और गोल्ड मेडलिस्ट विजेन्द्र के लिए यह गौरव की बात है। विजेन्द्र कहते है कि यहाँ तक पहुचने के लिए मुझे बहुत संधर्ष करना पड़ा, शुरुआत में किताबों आदि का कवर डिजाईन किया उसके बाद महाभारत, रामायण, विक्रम बेताल जैसे चर्चित सीरियल के लिए पेटिंग बनाई,
विजेन्द्र की पहली एकल प्रदर्शनी दिल्ली की श्रीधारणी आर्ट गैलरी में लगी। इसके बाद इन्होनें कभी पीछे मुड़कर नही देखा। देश और विदेशो में कई शोज हो चुके है। इस कला यात्रा के दौरान उन्हे कई पुरस्कार और सम्मानो के नवाजा गया जिसमे साहित्य कला परिषद सम्मान, आल इण्डिया पुलिस मीट सम्मान, पं0 रविशंकर अवार्ड आदि प्रमुख है। कलाकार विजेन्द्र शर्मा का मानना है कि इन्सान की अनुभूति किसी भी कला की जन्मदाता है। चित्रकला के माध्यम से इन्सान अपनी सवेदंनाओ की अभिव्यक्ति करता है, दिल्ली में जल्द ही प्रदर्शित होने वाली इस प्रदर्शनी में कलाकार विजेन्द्र शर्मा ने अपने देश के समाज और अध्यात्म को प्रभावशाली विषय बनाकर कैनवास पर विभिन्न रंगो से आकार देने की कोशिश की है।

Friday, December 16, 2011

एक और उद्यमी का सूर्यास्त : जेल में बंद धर्मदास जैन की मौत

- दहेज हत्या के मामले में सजायेआफ्ता
- मृतक कैदी था रेनबो स्टील का साझेदार
मुजफ्फरनगर।
जिला कारागार में उम्र कैद की सजा काट रहे उद्यमी की खून की कमी के चलते जिला चिकित्सालय में मौत हो गयी, जो कि दहेज हत्या के मामले में अपने तीनों बेटो सहित जेल में बंद थे, जबकि हाल ही में उनकी पत्नी को पैरोल पर छोड़ा गया था। मृतक रेनबो स्टील के मालिकों में से एक थे। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जानी-मानी 'रेनबो स्टीलÓ के साझेदार नगर कोतवाली क्षेत्र के रेनबो विहार मौहल्ला निवासी धर्मदास जैन पुत्र मांगेराम के बेटे संजीव जैन की शादी सहारनपुर निवासी अल्पना के साथ हुई थी, जिसने सन् 1998 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जिस पर अल्पना के परिजनों की ओर से दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया गया था, जिसके चलते पुलिस ने धर्मदास जैन सहित उसकी पत्नी मेमलता जैन, बेटे संजीव जैन, राजीव जैन और अजय जैन को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। केश ट्रायल पर आया तो जज ने दोनों पक्षों की सुनने के बाद कथित आरोपियों को दोषी करार देते हुए 4 अक्टूबर, सन् 2०1० में उम्र कैद की सजा सुना दी। बताया जाता है  हाल ही में उनकी पत्नी मेमलता को पैरोल पर छोडा गया था, जबकि 75 वर्षीय धर्मदास अपने तीनों बेटो सहित जेल में सजा काट रहे थे।
सूत्रों की माने तो पिछले कुछ दिनों से धर्मदास जैन खून की कमी की बिमारी से जूझ रहे थे, जिसके चलते उनको जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, मगर जब उनकी हालत बद से बदतर होती चली गयी तो उनको बृहस्पतिवार को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां पर उनको गत शाम उनको अस्पताल में ही एक बोतल खून चढाया गया था, जिसके चलते उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार भी होने लगा था। इतना ही नहीं सुबह सवेरे उन्होने अच्छी तरह से बातचीतों के अलावा कस्टडी के लिए तैनात सिपाहियों से हंसी-ठिठौली भी काफी दे तक की थी, जबकि उनकी पत्नी मेमलता उनको चाय अथवा कॉफी पीने के लिए कहने लगी तो उन्होंने पीने से इंकार कर दिया, मगर करीब साढे आठ बजे के लगभग उनको दम तोड़ दिया, जिसकी सूचना मिलते ही जेल प्रशासन में हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में जेल अधिकारी अस्पताल पहुंचे, जबकि सूचना मिलते ही मृतक की पत्नी एवं बेटी-दामाद मौके पर जा पहुंचे। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। ज्ञात रहे कि रेनबो स्टील में धर्मदास के अलावा पूर्व मंत्री विद्या भूषण भी साझेदार थे।

Tuesday, August 2, 2011

http://www.khabrilalnews.com/

अब आप ब्लॉग के साथ साथ हमारी वेब-साईट http://www.khabrilalnews.com/  पर देश-दुनिया की खबर देख सकते है, साथ ही आपके सुझाव व लेख का स्वागत करते है! आशा ही नही वरन विस्वास है कि आप हमारा पूर्ण सहयोग करेगे! 
- आपका 
अमित सैनी
(एडिटर/चीफ  )  





Monday, August 1, 2011

कैमरामेन नासिर खान के कैमरे में कैद हुए तीज के कुछ सुनहरे पल

कैमरामेन नासिर खान के कैमरे में कैद हुए तीज के कुछ सुनहरे पल 
तीज के मौके पर मेहँदी रचकर खुशी जाहिर करती महिला             फोटो नासिर खान 

तीज के मौके पर झुला झूलती  महिला             फोटो नासिर खान 

तीज के मौके पर मेहँदी रचकर खुशी जाहिर करती महिलाये             फोटो नासिर खान 

रमजान का पाक महिना शुरु

रमजान का पाक महिना शुरु होने पर खुशी जताते बच्चे !!
रमजान का पाक महिना शुरु होने पर दुआ करते बच्चे            - फोटो नासिर खान 

रमजान का पाक महिना शुरु होने पर चाँद को निहारते बच्चे            - फोटो नासिर खान

रमजान का पाक महिना शुरु होने पर दुआ करते बच्चे            - फोटो नासिर खान

Sunday, July 17, 2011

मुंबई धमाको ने उड़ाई उत्तराखंड की नींद हाई अलर्ट

दीपक शर्मा,  देहरादून (उत्तराखंड)  :
मुम्बई में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद अंतराष्टीय सीमा से लगते उत्तराखंड के सीमावर्ती छेत्रों में चोकसी बढ़ाने के साथ ही पुरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है , राज्य सरकार ने कैलाश मान सरोवर व कांवड़ यात्रा को देखते हुए पुलिस व खुफिया विभाग को अतिरिक्त चोकसी बरतने के निर्देश जारी कर तमाम अधिकारीयों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी , राज्य सरकार ने एक के बाद एक हुए तीन धमाको के लिए केंद्र सरकार की ढुल मूल रविय पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इन सब का जिम्मेदार केंद्र सरकार को बताया
मुंबई ब्लास्ट की जानकारी मिलते ही उत्तराखंड के मुख्य मंत्री ने आला अधिकारीयों के साथ बैठक कर हालत की समीक्षा की , सरकार ने चाइना और नेपाल से लगती राज्य की सीमाओं पर अतिरिक्त चोकसी बरतने और राज्य में आने वाले लाखों शिव भक्त कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए फुल प्रूफ व्यवस्था करने के निर्देश पुलिस व खुफिया विभाग के अधिकारियों को दिए , इन दिनों उत्तराखंड में जंहा कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है वंही कैलाश मान सरोवर यात्रा के साथ - साथ चार धाम यात्रा भी अपने चरम पर है जिसके लिए देश के कोने - कोने से यंहा लाखों श्रद्धालु एकत्र होते है जिनकी सुरक्षा सरकार के लिए किसी चुनोती से कम नहीं है /
हर साल सावन में होने वाली कांवड़ यात्रा की सुरक्षा को लेकर इस हिमालयी राज्य में खासे इंतजाम किये जाते हैं , इस दोरान लाखों भगवा वस्त्र धारी शिव भक्त यंहा आते है जिनका भेष धारण कर किसी भी आतंकी घटना को आसानी से अंजाम दिया जा सकता है यही कारण है की ऍन कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले मुंबई के भीड़ भरे इलाकों को लक्ष्य बना आतंकियों दुवारा किये गए ब्लास्ट ने उत्तराखंड सरकार की नींद उड़ा दी है /

ऐसा भी एक है गांव जहाँ हर कोई करना चाहे नेत्रदान

खुशबु(इन्द्री) :
परहित सरिस धर्म नहीं भाई। इसका मर्म यमुनानगर के कनालसी गांव ने बखूबी समझा है। करीब 2500 की आबादी वाले इस गांव की एक तिहाई से ज्यादा आबादी ने नेत्रदान का संकल्प कर नेत्रहीनों की बेनूर दुनिया में रंग भरने का बीड़ा उठाया है। अपने बाद अपनी आंखों से दूसरों की जिंदगी में रोशनी करने का वचन उठाने में कनालसी के बूढ़े ही नहीं बच्चे भी पीछे नहीं हैं। कोशिश है अब इस गांव को शत-प्रतिशत नेत्रदानियों की बस्ती बनाने की। खास बात है कि नेत्रदान की शपथ लेने वालों में 200 बच्चे भी शामिल हैं। गांव के 15 परिवार तो ऐसे हैं, जिनके हर सदस्य ने नेत्रदान के लिए फार्म भरा है। इस महादान मिशन में लगे गांव के उत्साही युवाओं की कोशिश शेष बचे लोगों को भी नेत्रदान संकल्प के लिए रजामंद करने का है। ग्रामीण कनालसी को सौ फीसदी नेत्रदानी गांव बनाने के लक्ष्य को लेकर खासे उत्साहित हैं। क्षेत्र में रोटरी क्लब के असिस्टेंट गवर्नर संदीप जैन बताते हैं कि नेत्रदान को लेकर कनालसी के लोगों का उत्साह अपने आप में एक मिसाल है। बीते कुछ समय के दौरान क्लब के माध्यम से अब तक एक हजार लोग नेत्रदान संकल्प का फार्म भर चुके हैं। इस मुहिम से जुड़े स्थानीय युवा राजबीर का कहना है कि गांव में कुछ लोग लोग ऐसे भी हैं जिनके नेत्रदान संकल्प-पत्र रोटरी क्लब के पास नहीं हैं। इनमें अधिकांश बच्चे हैं जिनके नेत्रदान फार्म उनके माता-पिता ने घरों में ही रखे हैं। नेत्रदान को प्रोत्साहन की इस महती मुहिम को सेवा भारती संस्था से जुड़े 74 वर्षीय कृष्ण गोपाल दत्ता भी बड़े प्रेरणा हैं। दत्ता लोगों को नेत्रदान के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। उन्हें भरोसा है कि जल्द ही कनालसी का हर शख्स अपने आंखों को अमर कर चुका होगा और उनके विश्वास का आधार गांव के लोगों की नेत्रदान संकल्प के प्रति कटिबद्धता है।

एनआरआइ बच्चों को दी जाएगी भारतीयता की सीख

खुशबु(इन्द्री) :
भारत अब विदेशों में बसे भारतवंशियों की जनरेशन नेक्स्ट से दोस्ती बढ़ाने की कोशिश में जुट गया है। एनआरआइ बच्चों और भारतवंशियों की युवा पीढ़ी को भारतीय सभ्यता, संस्कृति से पहचान कराने के लिए सरकार इस कड़ी में एक नया पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रही है। स्टडी इंडिया प्रोग्राम (एसआइपी) के सहारे 18-26 वर्ष के भारतीय मूल के विदेशी युवाओं को देश की कला, धरोहर, इतिहास के अलावा सामाजिक व आर्थिक विकास गाथा से परिचित कराने और इस देश से जुड़ी उनकी जड़ों को नया पानी देने की योजना है। इस कार्यक्रम को शक्ल देने में लगा प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय चार सप्ताह के एसआइपी के लिए विश्वविद्यालयों और बड़े शैक्षणिक संस्थानों की तलाश में जुटा है। मंत्रालय के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि एसआइपी की अभिकल्पना एक ऐसे पाठ्यक्रम की है जिसे समर स्कूल की तर्ज पर चलाया जा सके। मंत्रालय की प्रस्तावित योजना गर्मियों और सर्दियों की छुट्टी के दौरान साल में दो बार इस पाठ्यक्रम को आयोजित करने की है, जिसमें भारतीय मूल के तीस विदेशी छात्रों का चयन किया जाएगा। मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार एसआइपी में शैक्षणिक और सांस्कृतिक पहलुओं के अलावा छात्रों के अनुभव व यात्रा कार्यक्रम भी शामिल होंगे। शैक्षणिक पाठ्यक्रम में समसामयिक भारत के विकास, राजनीतिक व आर्थिक व्यवस्थाओं के अलावा सामाजिक और प्रशासनिक तंत्र से भी पहचान कराई जाएगी। इसके अलावा पाठ्यक्रम का सांस्कृतिक पहलू भारतीय पुराण, इतिहास, हस्तकला, नृत्य, संगीत, पाक कला और भाषाओं से भी उनकी पहचान बढ़ाएगा। वैसे प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय इससे मिलती-जुलती एक योजना पहले से चला रहा है जिसका नाम नो इंडिया प्रोग्राम है, लेकिन स्टडी इंडिया प्रोग्राम के सहारे कोशिश इसे पाठ्यक्रम की शक्ल देने की है। उल्लेखनीय है कि प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय विदेशों में बसे एनआरआइ और भारतवंशियों के बच्चों को शैक्षणिक छात्रवृत्तियों की सुविधा पहले से मुहैया करा रहा है। स्कॉलरशिप प्रोग्राम फार डायस्पोरा चिल्ड्रेन की इस योजना के तहत हर साल सौ छात्रवृत्तियां दी जाती हैं। इसके अलावा तकनीकी पाठ्यक्रमों में 15 फीसदी सीटें भी एनआरआइ बच्चों के लिए उपलब्ध हैं।

Saturday, July 16, 2011

आइटम नंबर से पहचान तो मिली ही हैं: अनुपमा राग

नई दिल्ली ( चंदन शर्मा) :
राग की गायिकी और संगीत से गहरा और अमिट संबध होता हैं,बगैर उसके संगीत के चलन तक की कल्पना भी नही की जा सकती हैं । तिस पर जिस प्रतिभा संपन्न और सामर्थ्यवान गायिका के नाम के साथ ‘राग’ जुडा हो....उसकी बात ही क्या हैं। मेरा इशारा तहज़ीब और प्रतिभाओं से लबालब शहर लखनऊ की तेजी उभरती हुई नवोदित पार्श्व गायिका अनुपमा ‘राग’की ओर हैं। जिनके फिल्म ‘बिन बुलाए बराती’ में गाए आइटम गीत शालू के ठुमके ....ने ना केवल समूचे हिन्दुस्तान में बल्कि सात समुंदर पार के देशांे में भी अपार रोचप्रियता का इतिहास रचा हैं। बहुचर्चित अभिनेत्री मल्लिका शेरावत पर चित्रित यह आइटम सांग फिल्म की सफलता में एक महत्वपूर्ण अंग माना जा रहा हैं। अनुपमा ‘राग’ अपने इस पहले पार्श्व गीत की लोकप्रियता को लेकर न केवल अति उत्साहित हैं ,बल्कि इस दिशा में बहुत कुछ कर गुजरने कर जोश खरोश उनमें है। अनुपमा राग से हाल में मुलाकात हुई पेश उसी के चुनिंदा अंष:
गायन आपके लिए क्या है? क्या इसके प्रति आपका लगाव शुरू से रहा था फिर वक्त की धारा.... प्रसिद्वि की चाव ने आपको गायिका बना दिया ?
गायक के प्रति के मेरी दिलचस्पी बचपन से ही थी। जबकि मेरे परिवार की पृष्ठभूमि राजनैतिक और सरकारी अफसरों की रही है। परिवारकि दबाव के कारण मैंने लखनऊ में उ.प्र. के बिक्री विभाग में उप - आयुक्त की नौकरी स्वीकार ली,मगर गायिकी के प्रति अपने अनुराग को कभी कम नही होने दिया। संगीत और गायिकी सिखाने के लिहाज से न केवल मैेने लखनऊ के भातखंडे विश्वविद्यालय से संगीत - विशारद की उपाधि ली, बल्कि लखनऊ घराने के संगीत गंुरू पंडित गुलशन भारती और ग्वालियर घराने के संगीत गुरू पंडित योगेन्द्र भट्ट से गुरू शिष्य परंपरा के तहत् विधिवत् गायन सीखा। मैंने अपने अंन्तर्मन के‘कलाकार’ की प्यास बुझाने के लिए गायन को अपनाया और इसे गंभीरता से सीखा ना ना कि मात्र प्रसिद्वि पाने के लिए। गायन मेरे लिए मृगतुष्णा के समान है।
बतौर गायिका आपने अपने कैरियर की शुरूआत कैसे की ? आपको कब यह लगा कि इसकठिन प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र में आप कुछ कर  पायेगी?
विधिवत् गायन सीखने के बाद मे मैंने 2007 में अपने कैरियर की पहली गगन चंुबी उड़ान भरी।‘रूह’नाम की एक अलबम तैयार की। जिसमें गायन,गीत लेखन,और म्युजिक कंपोजर तक की सभी उतरदायित्व मैंने ही निभाऐं....मेरा यह पहला अलबम मशहूर फिल्मकार मुजफ्फर अली को सादर नज़र किया गया....उन्हें ही नही कई लोगों को मेरी यह कोशिश अच्छी लगी, संभावनाओं के कई मंजर नजर आने लगे ं मेरा हौसला खूब बढ़ा,इसी दौरान मैंने ताज महोत्सव और तानसेन समारोह में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किये। देखते ही देखते मुझे कम ही समय में ही गायिका के रूप में मान्यता मिली। उसी समय मैंने बॉलीवुड में अपना सघर्ष शुरू कर दिया। इसके लिए मैेने खूब मेहनत भी की। जिम्मेदारी वाले ओहदे से अपनी चाहत के लिए वक्त निकालना और जिददो -जेहद करना मेरे आसान नहीं था।
एकाएक फिल्म ‘बिन बुलाए बाराती’ में आइटम नंबर गाने का मौका कैसे मिला?
जीवन में एकाएक कुछ नही मिला.... हर पथ पर अग्रसर होने का कुदरती प्रोसेस होता है। मैं भी इस प्रोसेस के तहत् आगे बढ़ी। हुआ यूं की मेरी पहली म्युजिक अलबम ‘रूह’ के बाद में मशहूर शायर गीतकार फैज़ अनवर ने मुझे अपनी म्युजिक अलबम ‘आर्श’ के लिए लांच किया। मेरी आवाज में रिकार्ड किया गयाb गीत बॉलीवुड के सभी गीतकारों को ही नही,बल्कि पूरे म्युजिकल बर्ल्ड को पंसद आया। संगीतकार आनंदराज आनंद को फिल्म ‘ बिन बुलाए बाराती’ में एक बिलकुल फ्रेश, अलहदा किस्म की आवाज की तलाश बहुत दिनों से थी। ममता शर्मा फिल्म‘ दबंग’( मुन्नी बदनाम हुई..), रितू पाठक फिल्म‘ ‘डबल धमाल’(जलेबी बाई...) के टक्कर की आवाज उन्हें चाहिए थीं । उन्होंने मेरा एक अलबम सुन रखा था... हम एक दो बार मिले भी। उन्हें मेरी आवाज आइटम सांग ‘शालू के ठुमके के लिए’ खूब जंची और उन्होंने मुझे मौका दे दिया। ईश्वर की कृपा से मेरा ये गीत सुपर डुपर हिट हो गया। रहा सवाल आईटम सांग सिंगर के ठहराव का...तो इस मामले में मैं यही कहूंगी कि आईटम सांग फिल्मों में गाना इस दौर की मांग हैं। हर इंसान को चलते हुए दौर के साथ ही चलना चाहिए, फिर मुझे तो जरा सी भी घबराहट नहीं हैं,क्योंकि मैं हर विधा में गाने की काबलियत रखती हॅू।
क्या लता,आशा ने आइटम सांग नही गाए? उनकी पोजीशान में क्या फर्क आया?  आज भी वे ऊॅचा मुकाम रखतीं हैं। बॉलीवुड में पार्श्व गायिकाओं में किसे आप अपना प्रेरणास्त्रोत मानती है?
लता मंगेशकर तो बॉलीवुड के गायन का हिम शिखर हैं,उनकी बेजोड गायिकी के बारे में में मैं अदनी सी सिंगर क्या कहंू। मेरे लिए तो वह मां सरस्वती से कम नही है....। मैं यह जरूर चाहॅूगी कि उनके सरीखें गाने मुझे भी मिले ताकि मैं अपनी प्रतिभा दिखा सकंू। मशहूर गायिका फरीदा खानम मेरी रोल मॉडल रही है, उनकी गायी गजल ‘आज जाने की ज़िद ना करो.....’। मेरी पंसदीदा हैं, मैं हर तरह के विविध गाने गाना चाहतीं हॅू।
बॉलीवुड के संगीतकारों में आप किसे पंसद करती है?
आज की पीढी के आनंदराज आनंद,विशाल शेखर,साजिद-वाजिद, शंकर एहसान लॉय,समीर टंडन आदि बहुत प्रतिभाशाली संगीतकार है। मगर मेरे पंसदीदा संगीतकार आर.डी.बर्मन हैं। आर.डी.बर्मन इंडियन और बेस्टर्न म्युजिकल दोनों में समान अधिकार रखते थे....वो तब भी मॉडर्न थे... आज भी उनकी कम्पोजिंग तरोताजा हैं।
फिलहाल किन किन फिल्मों में गीत गा रही है?
मेरी कई फिल्में पाइप लाइन में हैं जिसमें फिल्म पॉवर और हेराफेरी 4 के नाम उल्लेखनीय है।

Tuesday, July 5, 2011

डोपिंग में फंसी प्रियंका पंवार के पिता ने लगाया साजिस के तहत फ़साने का आरोप

अमित सैनी, मुज़फ्फरनगर: 
डोपिंग टेस्ट में फेल हुई अंतर रास्ट्रीय धावक प्रियंका पंवार  के परिजनों ने आरोप लगाया कि प्रियंका सहित सभी महिला खिलाडियों को एक बड़ी साजिश के तहत फसाया गया है! इससे पहले भी प्रियंका पंवार ने अपने कोच पर योन शोषण का भी आरोप लगाया था! प्रियंका पंवार के पिता ने इस मामले को लेकर खेल मंत्रालय में जाने की बात कही है!  
मुज़फ्फरनगर के गाँधी कालोनी  निवासी अंतर रास्ट्रीय खिलाडी प्रियंका पंवार पर  हाल ही ड्रगस लेने का आरोप लगाया गया है, जिस पर प्रियंका पंवार के पिता शिव कुमार पंवार ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि प्रियंका का डोपिंग टेस्ट में फसना एक बड़ी साजिस का हिस्सा है! उनका कहना है कि इस संबंद में आशंका व्यक्त करते हुए एन.आई.एस. पटियाला को  पहले ही अवगत कराया जा चूका था कि प्रियंका को किसी झूठे मामले में फसाया जा सकता है! साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस साजिस के पीछे प्रियंका का योन शोषण करने वाले टीम चयनकर्ता अनूप कुमार का हाथ है! अपनी विडंबना व्यक्त करते हुए जहा शिव कुमार की आँखों में आंसू थे, वही वो अपनी बेटी के कैरियर को चोपट करने में उन्होंने एन.आई.एस. पटियाला पर भी निशाना साधते हुए सवाल उठाये कि खाने पीने की जिम्मेदारी फैडरेशन  की है, फिर प्रियंका पंवार और उसकी साथी खिलाडी डोपिंग में कैसे फंस गयी? प्रियंका पंवार की माँ नीलम पंवार का कहना है कि जब फद्रेशन द्वारा खिलाडियों के खाने-पीने का प्रबंध कैंप में ही होता है और बाहर  से कुछ भी खाने पर पाबन्दी लगी हुई है तो फिर अब वे लोग उनकी बेटी को बाज़ार की चीजो को खाना क्यों बता रहे है! 


मुठभेड़ में सिपाही हुआ शहीद

सिपाही की मौत पर विलाप करता उसका मौसुम बेटा            - फोटो नासिर खान 

अमित सैनी : 
मुज़फ्फरनगर में बदमासो की गोली का शिकार होकर एक सिपाही मौके पर ही शहीद हो गया! जबकि इस मुठभेड़ में बदमासो को भी गोली लगना बताया जा रहा है, मगर घायल बदमास को उसके साथी लेकर मोके से फरार हो गये! पुलिस ने सिपाही के शव का पच्न्ह्नमा भरकर पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है!


Video Dekhne ke liye yaha Click kre (Star News Ke Sojany Se)

 दरशल मुज़फ्फरनगर में झिंझाना थाना छेत्र के बिडोली चेक पोस्ट के पास पुलिस चेक्किंग कर रही थी, क्योकि पुलिस के पास बदमासो के आने की पुक्ता जानकारी थी! जैसे ही के संदिध कार आती दिखाई दी वैसे ही पुलिस ने उसको रुकने का इशारा किया, मगर कार में स्वर बदमासो  ने पुलिस पार्टी पर ताबड़-तोड़ फायरिंग करनी सुरु कर दी, जिस पर पुलिस ने भी जवाब में बदमासो पर फायरिंग की! इस मुठभेड़ में सिपाही सचिन को गोली जा लगी, गोली लगते ही सिपाही मोके पर ही ढेर हो गया! जबकि बदमास वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गये! हालाकि बदमासो को भी गोली लगाना बताया जा रहा है और साथ ही पुलिस का ये भी दावा है की घायल साथी को बदमास अपने साथ ले गये! पुलिस ने जहा मर्तक सिपाही के शव का पंचनामा भरकर पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है, वही पुलिस ने घटना में प्रयुक्त कार को अपने कब्जे में ले लिया है!

शहीद हुआ सिपाही सचिन                                           - फोटो नासिर खान 

शहीद सिपाही सचिन  के शव पर विलाप करते परिजन                                          - फोटो नासिर खान 

Monday, July 4, 2011

3 idot ka Rang youtube pr

New Delhi : (Prembabu Sharma) :
The Aamir Khan, R.Madhavan, Sharman Joshi, Kareena Kapoor and Boman Irani starrer has everything the audience wants: drama, emotions & comedy .The film has something to offer to all age groups and had appealed to the audience worldwide. This iconic movie has a simple underlying message : Aal Izz Well.
Reliance Home Video makes available this blockbuster on the digital mainstream medium aiming to enthrall fans and audiences online by releasing ‘3 Idiots’ movie, in association with Vinod Chopra Films, on YouTube, the world’s largest online video site. . The full movie will be showcased on youtube.com/ box office starting June 30 and will be available for free-viewing to audiences in India for a period of 1 month. The movie will be available in full HD (1080 px). Viewers with low broadband can view the film at 240px for smooth buffering. Users will also be able to enjoy short clips from the movie - popular scenes and other exciting footage from the making of the movie.
Produced by Vinod Chopra Films and directed by Rajkumar Hirani, this ultimate entertainer has broken all global box office records. It was the highest-grossing film in its opening weekend in India and has the all-time highest box office collections for a Bollywood film.
Sameer Rao, CEO of Vinod Chopra Films said that “ 3 Idiots has become a landmark in India’s modern cinematic history. VCF was keen to make 3 Idiots available to the online audiences as early as 2009, it is only now that a legitimate platform with the size and scale of YouTube Box Office has come into being. We have worked with Reliance Entertainment before and find that they were taking the right steps to connect with the online audience. Online Video on Demand is the way to go and VCF is happy to take a step in this direction.
On the release, Sweta Agnihotri, COO of Reliance Home Video has to say, While we are dominant players in the Home Video segment, we realize that the Internet is the new TV for the ever connected youth today. Our vision is to make our content available to Indian consumers across any screen, any where and at any time of their choice. As a part of our digital foray, getting a Blockbuster hit like 3 idiots to YouTube viewers in India is a big step for us, in terms of experimenting with this novel distribution method. We look forward to a strong and ongoing partnership with VCF and YouTube, India.”
Reliance Home Video has taken significant strides towards its objective of emerging as the dominant player in Indian Home Entertainment.
The company is also the exclusive licensee to 3 of Hollywood's prestigious studios Universal Pictures International BV, Warner Home Video, Paramount Home Entertainment Global & Dream Works Animation SKG, Inc. With its robust pan India distribution network, the company has ensured reach for the Bollywood and Hollywood products, not only in urban market but also mass markets.
Reliance Home Video has launched iconic movies like Harry Potter & The Deathly Hallows, Inception, Iron Man2, Inglourious Basterds, Sherlock Holmes, Clash of the Titans, Shutter Island, Invictus, Up in the Air, The Blind Side, Harry Potter and the Half-Blood Prince, The Godfather Trilogy and The Hangover amongst others on Blu-rayTM, DVD and VCD formats. The company has released Hindi blockbusters such as 3 Idiots, Dabangg, Kites, Once Upon a Time in Mumbaai, Lamhaa, My Name is Khan, Atithi Tum Kab Jaoge, Paa, Wake Up Sid, Jodhaa Akbar, Rock On!! & Ghajini on home video, besides prestigious regional titles like the Satyajit Ray collection.

Ratan Rajpoot Chooses her life partner

New Delhi,(Prembabu Sharma)
The wait is finally over… After weeks of speculation and amidst high drama Ratan Rajpoot, India’s chahiti bitiya chooses Delhi based Abhinav Sharma as her life partner at her glittering swayamvar ceremony hosted by Imagine TV at the Tulip Star Hotel in Mumbai on Sunday, July 3, 2011.
After all the hurdles and declarations of love, spiced up with a lot of drama, romance, laughter, fun, singing, dancing, eliminations and a host of surprises Abhinav reached his penultimate place by winning over Ratan heart.
True to the spirit and grandeur of a Swayamvar, the atmosphere around breathed an air of royalty from every aspect ranging from the ambience to the cuisine. Ratan looked stunning as a princess in a Rani Pink lehenga embellished with kundan, zardosi and swarovski, while she adorned herself with invaluable jewellery set in gold with intricate kundan and ethnic Indian jadau from Golecha Jewellers, the plush store located inBandra, Mumbai. Ratan made her decision amidst the presence of hundreds of people ranging from close friends to the who’s who of the television industry.
An ecstatic Ratan Rajpoot says 'Marriage is like a metamorphosis for a girl. I'm readying myself to enter the second phase of my life. Though I'm nervous about it I am extremely excited about what the future will bring for us.”
A delighted Abhinav Sharma said, “I am thrilled that Ratan considered me worthy enough to be her life partner. I wish to honor her decision with a life-long commitment to her. I hope to live up to her expectations and give her all the love and happiness that she truly deserves. We have decided to get engaged today, but before we take this further we both need time to know each other better off camera, and I want her to understand my family and lifestyle back in Delhi.”
Wishing the couple, Nikhil Madhok, Senior Director Marketing and Communications Imagine TV said, “We are delighted that Ratan has found a life partner in Abhinav through this Swayamvar. We are pleased to have been a part of their journey of coming together. We wish them all the very best for their future.”

दलित उत्पीड़न में बिहार चौथे नंबर प

खुशबू(इन्द्री) करनाल :
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष डॉ. पी एल पुनिया ने दलित वर्ग को जारी आरक्षण पर सवाल उठाने वालों की यहां जमकर खबर ली। उन्होंने कहा कि दलित समुदाय के लोगों को जितना हक मिलना चाहिए था, वह अभी तक नहीं मिल सका है। बावजूद इसके लोग उसे बीच में रोके जाने की बात करते हैं। उन्होंने न्यायपालिका में भी एससी-एसटी को आरक्षण दिए जाने की वकालत करते हुए कहा कि एससी-एसटी के उत्पीड़न के मामले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के बाद बिहार चौथे स्थान पर है। पुनिया रविवार को आयोग द्वारा पटना में आयोजित जागरूकता शिविर में बोल रहे थे। पुनिया ने कहा कि 63 साल की आजादी के बाद यह समाज आज भी गुरबत में है। करीब तीन सप्ताह पूर्व केंद्रीय योजना आयोग द्वारा जारी एक सर्वेक्षण के मुताबिक पूरे देश में जितने भी गरीब हैं, उसमें आधे से अधिक दलित हैं। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी समुदाय के 75 प्रतिशत लोग आज भी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की कुल आबादी में 16.2 प्रतिशत एससी एवं 8.2 प्रतिशत एसटी समुदाय की आबादी है, लेकिन उनके लिए केंद्र या राज्य स्तर पर नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था को पूरी तरह लागू नहीं की जा रही है। केंद्र में सरकारी नौकरियों में एससी के लिए 15 प्रतिशत और एसटी समुदाय के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है, लेकिन केंद्रीय स्तर पर सचिव संवर्ग के 88 पद होने के बावजूद उसमें एससी समुदाय के एक भी सदस्य को स्थान नहीं दिया गया है। पुनिया ने कहा कि आउटसोर्सिग और अनुबंध के तहत की जा रही बहाली में आरक्षण की व्यवस्था न होने से कर्मियों का शोषण भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसलिए इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। आयोग इस संबंध में जल्द ही राष्ट्रपति को पत्र भेजेगा। उन्होंने न्यायपालिका में भी एससी-एसटी को आरक्षण दिए जाने की वकालत की। पुनिया ने कहा कि एससी-एसटी के आरक्षण को लेकर अधीनस्थ अदालतों द्वारा जो कथित तौर पर भ्रांतिपूर्ण निर्णय हो जाते हैं उसकी एक रिपोर्ट बनाकर आयोग उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी की जनसंख्या के मामले बिहार का देश में 16वां स्थान है, लेकिन इस समुदाय के साथ होने वाले उत्पीड़न के मामले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के बाद यह चौथे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी को प्राप्त अधिकारों और उन्हें दी जा रही सुविधाओं से इस समुदाय को अवगत कराने के उद्देश्य से आयोग द्वारा देश के कई अन्य प्रदेशों में इस प्रकार का जागरूकता अभियान कार्यक्रम की शुरूआत की गई है और इसका असर दिखने लगा है।

STATE BANK OF INDIA ORGANISES MUSICAL EVENING

Sanjay Pahwa :
To mark observance of its Circle Establishment Day, State Bank of India Local Head Office organized a musical evening today. Sh. S.K. Sehgal, Chief General Manager, State Bank of India, Chandigarh Circle lighted the lamp to start the program.
During the mesmerizing evening of famous songs, dances and skits, State Bank Ladies Club, State Bank employees and their family members regaled the audience in a jam-packed auditorium of St. Stephen School, Sector 45, Chandigarh.
On the occasion, Sh. Sehgal said that Bank organizes various events on regular intervals to promote music, art and culture. During the previous years, State Bank of India Chandigarh Circle organized musical program by Pt. Shiv Kumar Sharma, Ms. Penaj Masani, Wadali Bros, Aslam Sabri and Vinod Sehgal.
Smt. Kavita Sehgal, President, SBI Ladies Club and General Managers of the Circle - Ms. Dipti Sahai and Sh. Supriyo Kumar Chaudhary were also present on the occasion.
Sh. Sehgal thanked the VIPs, Bank's customers and guests present during the function.

Mr. Kaushik & Gehna Bahu celebrate the Grand Opening of Mrs. Kaushik Ki Paanch Bahuein in Delhi

New Delhi: (Prembabu Sharma) :
It’s time to rejoice for the actors of Zee TV’s ‘Mrs Kaushik Ki Paanch Bahuein’ as the show has opened up to an extremely promising rating of 2.5 TVR in the very first week of telecast. In the wake of the channel’s brand rejuvenation exercise with an all-new logo and a positioning of ‘Umeed Se Saje Zindagi’, the show’s great opening reiterates that there’s always hope in life and good things come to those who strive hard for them!
Taking a well-deserved break from their grueling shoot schedule, actors Rajeev Verma and Gunn Kansara, who play the roles of Mr. Kaushik and Gehna Bahu respectively, are in the capital city today to unwind and interact with their fans.
While veteran actor Rajeev Verma has spent 2 years in Delhi finishing his Masters in Urban Design at the School of Planning and Architecture, Gunn Kansara has visited the city just once and remembers shopping her heart out at Janpath!
Verma recounts, “I went in for my post-graduation in architecture a good 13 years after my graduation. So all my batch-mates in Delhi were so much younger and always referred to me affectionately as Papa. And interestingly, I have gained all my recognition essaying roles of a Papa too! Delhi to me is all about the Bengali market, Pragati maidan, the café at Shriram Centre and the scrumptious parathas and chai @ Bahadurshah Zafar Marg. Let’s hope I get to relive the good ol’ days during this visit!”
Gunn is all excited about bingeing at Nirula’s and try the steaming momos off the streets. About the show, she adds, “It’s extremely encouraging that the show has met with a great response right at the outset. With such apt casting and all of us putting in natural performances, we’re confident the show will click in the times to come!”
‘Mrs. Kaushik Ki Paanch Bahuein’ follows the life of Mrs. Kaushik, a strict disciplinarian, who expects her family to live by her rule-book. She has selected her 4 obedient bahus with a lot of care, each of them representing an element of nature such as earth, water, fire and air. Together, she believes, they are a well-balanced lot, making up for each other’s strengths and weaknesses. Mrs. Kaushik is now in search of her 5th bahu who she expects will be a combination of all her 4 bahus and above all else, a completely truthful person. All hell breaks loose when Lovely, a bright-eyed, vivacious rebel who doesn’t mind bending the rules and lying for a good cause enters the household as the fifth bahu …
Stay tuned to Mrs Kaushik Ki Paanch Bahuein every Monday to Thursday  at 10 PM only on Zee TV.

Benaf Patel enter Chhoti Bahu

New Delhi (Prembabu Sharma) :
After playing the vamp Ganga in Zee TV’s show Jhansi Ki Rani, Benaf Patel is all set to enter Chhoti Bahu as Radhika’s childhood friend, Barkha. Dev (Avinash Sachdev) and Radhika (Rubina Dilaik) are currently on a run to save their lives from Rohan (Saurav Chakravarty). In the middle of their getaway, they will accidentally meet Barkha who will bail them out of their plight and will be instrumental in helping Dev and Radhika return home .
Says Benaf, "Barkha is a childhood friend of Radhika. Barkha has grown into a bubbly, mature girl who is a physiotherapist by profession and will help Dev and Radhika to get back to the Raj Purohit house. Currently my role is very integral to the story as I’m going to Dev and Radhika’s eyes & ears inside their house. I enter the Raj Purohit house with an agenda to put the wrongdoers at task.”
Benaf’s entry will give rise to many interesting twists in the storyline….Watch Chhoti Bahu , Mon- Friday at 7:30pm only on Zee TV.

जम्मू-कश्मीर में पहली बार पंचायती राज

खुशबू (इन्द्री) :
जम्मू पंचायती राज कानून देश में भले ही तीन दशक पहले लागू हो गया हो, लेकिन जम्मू कश्मीर में तो यह पहली बार पूर्णतया और प्रभावी रूप से लागू होने जा रहा है। सूबे के 22 जिलों की 81 तहसीलों के 7050 गांवों में तीन महीनों तक चली 16 चरणों वाली चुनाव प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। राज्य सरकार 30 जून कर पंचायती राज अधिनियम 1989 के तहत नोटिफिकेशन जारी कर सूबे में पंचायती राज लागू कर देगी। इसके साथ ही ग्रामीणों को दस साल बाद एक बार फिर अपने फैसले खुद करने का अधिकार हासिल हो जाएगा। इतना ही नहीं, राज्य को केंद्र की ओर से ग्रामीण विकास के लिए सालाना करीब पांच सौ करोड़ की राशि जारी होने लगेगी, जो पंचायतें न होने के कारण पिछले पांच सालों से नहीं मिल रही थी। राज्य के विभिन्न 22 जिलों की 81 तहसीलों के 7050 गांव हैं, जिनमें 16 चरणों में मतदान की प्रक्रिया 18 जून तक चली। इनमें 4130 सरपंच और 29719 पंच चुने गए हैं। राज्य के कुल 143 ब्लॉकों में से 141 की डाटा एंट्री की प्रक्रिया जोरों पर है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीआर शर्मा 27 जून को कारगिल के दो ब्लॉकों में चुनाव करवाने के बाद पंचायत चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने संबंधी सारा डाटा सरकार को सौंप देंगे। इसके मिलते ही राज्य सरकार पंचायतीराज अधिनियम 1989 के तहत नोटिफिकेशन जारी कर देगी। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए लोगों को पंचायत चुनाव का वर्षाें से इंतजार था। नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकाल में 2001 में राज्य में 23 साल बाद पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन यह पहले चरण तक ही सिमट गई थी। कश्मीर घाटी की अधिकतर पंचायतों में चुनाव न होने से पंचायती राज औपचारिकता बनकर रह गया था। 2006 से राज्य में पंचायतों को भंग किए जाने के बाद से चुनाव का इंतजार हो रहा था। चुनाव न होने से राज्य को गत पांच सालों में अरबों का नुकसान हुआ, क्योंकि केंद्र सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए चिह्नित योजनाओं के लिए धनराशि जारी ही नहीं की। सूबे के पंचायती राज्यमंत्री एजाज अहमद खान का कहना है कि सरकार पंचायती राज कायम करने के प्रति गंभीर है। पंचायती राज के तीन चरणों को प्रभावी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा, 2001 के पंचायत चुनाव में राज्य में 38,02,302 मतदाता थे, जबकि 2011 में 50,68,975 लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया। राज्य में दस साल पूर्व 2702 सरपंच व 20559 पंच पद थे। एक दशक के इस अंतराल में राज्य में आठ नए जिले व 22 नए ब्लॉक बने। नए जिलों का गठन 2007 में हुआ। खान ने कहा, अब सरकार के लिए अगली चुनौती पंचायत कमेटियां, उनके चेयरमैन, जिला विकास बोर्ड के चेयरमैन व विधान परिषद के दो एमएलसी बनाना होगा।

Wednesday, June 29, 2011

मुज़फ्फरनगर में प्रदर्शनी को निहारती महिला

मुज़फ्फरनगर में प्रदर्शनी को निहारती महिला - फोटो : नासिर खान, मुज़फ्फरनगर

Tuesday, June 21, 2011

महिला उत्पीड़न पर घिरी माया सरकार:अपराधो पर र्प्क लगा पाने में साबित हो रही असफल

खुशबू(इन्द्री) :
यूपी में महिलाओं पर अत्याचार-दुराचार की घटनाओं में अचानक हुई बेतहाशा वृद्धि हो रही है! इस वक्त यूपी में हवस और द्र्न्दगी के जीते जागते नजारे देखने को मिल रहे हैं! भाजपा ने महिला उत्पीड़न मामलों की जांच के लिए समितियां गठित की हैं। सूबे की बिगड़ती कानून व्यवस्था और सरकारी कार्यशैली के विरोध में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कटियार वरिष्ठ नेताओं के साथ मंगलवार को धरने पर बैठने जा रहे हैं। कांग्रेस ने भी जुलाई माह में राजधानी लखनऊ में जोरदार प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। सपा नेता व नेता प्रतिपक्ष शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि माया सरकार ने सूबे को दुराचार प्रदेश बना दिया है। मुख्यमंत्री किसी से मिलती नहीं हैं। पुलिस पूरी तरह निरंकुश है। अपराधी स्वच्छंद हैं। अभी तक सरकार खुद अपराधियों को संरक्षण दे रही थी, अब उन्हें (अपराधियों) रोकना उसके वश के बाहर की बात हो गयी है। मायावती को नैतिकता के आधार मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। भाजपा ने निघासन कांड (सोनम की हत्या का मामला) के बाद बाराबंकी के भिटोखर मामले (सविता मौर्य की हत्या) और गया प्रसाद की पुलिस हिरासत में मौत के मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कटियार स्थानीय बसपा विधायक की भूमिका संदिग्ध बताते हुए मंगलवार को बाराबंकी के बाबागंज बाजार में प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही व अन्य प्रमुख नेताओं के साथ एक दिनी धरने पर बैठेंगे। दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर होने वाले इस प्रदर्शन के अगले ही दिन यानी बुधवार को साध्वी उमा भारती भी मृत सविता व गयाप्रसाद मौर्य के परिजनों से मिलेंगी। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने इस मामले में कांग्रेस को भी लपेटा है। उन्होंने संप्रग पर प्रदेश सरकार को बचाने का आरोप लगाया और कहा, संविधान के अनुच्छेद 355 के तहत केंद्र द्वारा ध्वस्त कानून व्यवस्था के सवाल पर जवाब तलबी क्यों नहीं की जा रही। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने बसपा को महिलाओं की दुश्मन नंबर एक बताते हुए कहा, महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद प्रदेश में महिलाएं ही सर्वाधिक असुरक्षित है। कांग्रेस बसपा सरकार की महिला विरोधी कार्यशैली का सच जनता तक पहुंचाने को जुलाई के प्रथम सप्ताह में लखनऊ में महिलाओं का बड़ा प्रदर्शन करेगी!

महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम:महिलाओं को समर्पित देश का पहला हाट तैयार

खुशबू(इन्द्री) :
नई दिल्ली महिलाओं को समर्पित देश में पहला महिला हाट जल्द ही गुलजार होने जा रहा है। स्टॉल सिर्फ महिलाओं को ही सामान की बिक्री के लिए आवंटित किए जाएंगे। साथ ही इनमें खरीददारी करने के लिए सिर्फ कपल्स को ही जाने की इजाजत होगी। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के मकसद से एमसीडी ने वर्ष 2007 में इसका निर्माण शुरू किया था। तत्कालीन मेयर आरती मेहरा ने इसकी नींव रखी थीं। गत महीने जब निर्माण कार्य संपन्न हुआ तो एमसीडी ने वह शर्ते भी तैयार कर ली जिसके आधार पर महिलाओं को स्टॉल आवंटित किए जाएंगे। राजधानी के दक्षिणी, बाहरी और पश्चिमी दिल्ली स्थित आईएनए, पीतमपुरा और जनकपुरी दिल्ली हाट की तर्ज पर एमसीडी ने महिला हाट तैयार किया है। आसिफ अली रोड की भूमिगत पार्किग के ऊपर बने इस हाट की खासियत यह होगी कि यहां के 39 स्टॉल सिर्फ महिलाओं को आवंटित किए जाएंगे। इसे वे चलाएंगी। खाने-पीने के सामान की बिक्री के लिए जो दो कैफेटेरिया बनाए गए हैं, इनका संचालन भी महिलाएं करेंगी। कैफेटेरिया का लाइसेंस दो साल के लिए एमसीडी जारी करेगी। हस्तकरघा सामान की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए एक महिला को 30 दिन के लिए ही स्टॉल दिए जाएंगे। 80 फीसदी स्टॉल दिल्ली की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। बाकी स्टॉल अन्य राज्यों की महिलाओं के लिए होंगे। एक साल में कोई महिला सिर्फ एक बार ही स्टाल अपने नाम बुक करा सकेगी। स्टॉल के एवज में उन्हें एक हजार रुपये बतौर फीस के रूप में एमसीडी को देना होगा। सुबह 10 बजे से रात नौ बजे तक महिला हाट खुला रहेगा। एमसीडी के प्रवक्ता दीप माथुर बताते हैं कि इसका मकसद यह था कि दिल्ली के अन्य इलाकों की तरह मध्य दिल्ली में भी हाट हो। बाद में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के मकसद से इसे महिला हाट बनाने का फैसला लिया गया। यह बनकर तैयार हो चुका है। इसके आवंटन आदि की शर्ते बुधवार को स्थायी समिति की बैठक में प्रस्तुत की जाएंगी। स्थायी समिति व सदन से स्वीकृति मिलते ही महिला हाट में स्टॉल आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

Now, free condoms, contraceptives at your doorstep!

The government will shortly launch a scheme to make male and female contraceptives available at people's doorsteps in a major bid to boost population control efforts, Health and Family Welfare Minister Ghulam Nabi Azad said.…

Sanjay Pahwa , Chandigarh / Mumbai :
The government will shortly launch a scheme to make male and female contraceptives available at people's doorsteps in a major bid to boost population control efforts, Health and Family Welfare Minister Ghulam Nabi Azad said.
Accredited Social Health Activists (ASHA) volunteers would promote the use of contraceptives - both male and female - at the household level in targeted districts, he said.
'Under the scheme, the centre will make available contraceptives free of cost at the block level, from where ASHA volunteers will pick up their supplies,' Azad said, addressing the 53rd Convocation of the International Institute of Population Sciences (IIPS) here.
Azad said the 2011 Census shows that efforts towards population stabilisation have yielded results.
'We have succeeded in reducing both fertility and mortality rates substantially and increasing the average life expectancy of the Indian population,' he said but expressed concern at the large regional disparities in demographic outcomes across different Indian states.
For instance, he said the Empowered Action Group (EAG) States, like Uttar Pradesh, Uttarakhand, Bihar, Jharkhand, Rajasthan, Orissa, Madhya Pradesh and Chhattisgrah - where 45 percent of India's population resides - lag behind the rest of the country in both fertility and mortality rate decline.
Azad emphasised that the government was committed to providing quality and universal health care to the rural population through the National Rural Health Mission (NRHM).
'The funding to the health sector is going to be increased from the present level of less than 1 percent of GDP to 2-3 percent of GDP during the 12th Five Year Plan (2012-17),' he said.
He also said that under the newly-launched Janani-Shishu Suraksha Karyakram (JSSK), the government has made child deliveries at government health institutions completely free.
Launched June 1 this year, the scheme provides for free diagnostic tests including ultrasound, free medicine, free provision of blood, free diet up to three days for normal delivery and up to seven days in case of caesarean births and even free to and fro transport from home to hospital to all pregnant women, Azad said.
The IIPS is a premier academic institution in the field of population studies.
It has trained over 3,000 students and professionals in the field from India and several Asian countries including China, Indonesia, Thailand, Vietnam and others.
It is renowned for its expertise in conducting large scale surveys, the results of which help the policy makers in formulating appropriate responses

Sunday, June 19, 2011

निम्ब्री के युवा सरपंच की हत्या

पानीपत, विजय काम्बोज : 
तीन  दिन पूर्व कुछ लोगों द्वारा पीटकर गंभीर रुप से घायल किए गए  हरियाणा के पानीपत जिले  के गांव निंबरी के युवा सरपंच की दिल्ली के एक निजी अस्पताल में आज मौत हो गई। सरपंच राजेष कुमार को पिछले साल हुए पंचायत चुनाव में सरपंच चुना गया था और 22 साल का राजेष कुमार जिले में सबसे छोटी आयु का सरपंच था।  बताया गया है कि गली में मिट्टी डलवाने के मामले को लेकर कुछ लोगों के साथ हुए झगडे में तीन दिन पहले सरपंच पर पांच लोगों ने जानलेवा हमला कर उसे घायल कर दिया था। हमले में राकेश  को काफी चोटें आई थीं और उसे दिल्ली रैफर कर दिया गया था। इस संबंध में पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया था जबकि तीन अन्य लोग फरार हैं। पुलिस के मुताबिक सरपंच की मौत होने के बाद अब मामले को हत्या के मामले में तबदील कर दिया गया है। राकेश  के शव  का दिल्ली में पोस्टमार्टम न हो पाने के चलते उसे अभी तक गांव नहीं लाया जा सका है। 

धर्मबीर सिंह खर्ब एसएचओ सदर थाना 
ने बताया कि पानीपत के गांव निंबरी में हुई एक सनसनीखेज वारदात में युवा सरपंच राकेश  की मौत हो गई। 22 वर्षीय  राकेश  को पिछले साल हुए पंचायती चुनाव में सरपंच पद मिला था। युवा सरपंच राकेश  की कुछ महीनो पहले ही शादी हुई थी !   राकेश  गांव में कुछ विकास कार्य करवा रहा था। इस दौरान एक गली में मिट्टी डलवाई जानी थी। राकेश  मिट्टी डलवाने का कार्य करवाना चाहता था जबकि गांव के ही कुछ लोग इसका विरोध कर रहे थे। तीन दिन पहले इसी मुद्दे को लेकर राकेश  और गांव के बिजेंद्र के बीच झगडा हुआ था और बात धक्का मुक्की तक पहुंच गई थी। कुछ लोगों ने बीच बचाव करते हुए दोनों को समझा दिया था लेकिन शाम  के समय जब राकेश  घर की तरफ जा रहा था  तब बिजेंद्र ने अपने चार साथियों को साथ लेकर तेज धारदार हथियारों से राकेश   पर हमला बोल दिया। इसमें राकेश  के शरीर  पर काफी चोटें आई थीं और वह गंभीर रुप से घायल हो गया था। उसे शहर  के एक निजी अस्पताल में लाया गया लेकिन हालत गंभीर होने पर उसे दिल्ली रैफर कर दिया गया था जहां आज उसकी मौत हो गई।  दिल्ली में पोस्टमार्टम न होने के चलते राकेश  का शव  आज शाम  तक भी पानीपत  नहीं लाया जा सका। 

मैं अपने अभी तक के काम से सतुष्ट हॅू: मोना सिंह

प्रेमाबाबू शर्मा, दिल्ली : 
मॉडल व टीवी एक्टैस मोना सिंह ने सोनी चैनल पर प्रसारित धारावाहिक ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ में जस्सी के किरदार से मिली पापुलटी को भुनाते हुए रियलिटी शो मीठी छुरी नः वन, ‘झलक दिखला जा’, ‘शादी तीन करोड़ की’ और ‘इंटेरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’ में बतौर एंकर के रूप में  काम किया। छोटे परदे के अलावा मोना ने  फिल्मों में भी दस्तक दी और  थ्री इंडियट,उठा पटक और लक्ष्मण रेखा जैसी फिल्मों में प्रभावी भूमिकाओं का निभाया। इसमें दो राय नही की मोना खूबसूरत तो है ही ,साथ ही बतूनी और एक मंझी कलाकार भी। इन दिनों मोना सिंह एक बार फिर से सुर्खियों में अपने नये रियलिटी शो ‘इंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’ के सीजन 4 के लिए,जिसमें वे एंकर के रूप में ही आ रही हैं। शो इन दिनों सोनी टीवी पर सोमवार से गुरुवार रात नौ बजे प्रसारित हो हैं। मोना का क्या कहना है अपने नये शो और करियर के बारे में ।जस्सी जैसे चर्चित किरदार को निभाने के बाद में आप टीवी पर दुबारा अभिनय करती नजर नही आई ?अभिनय मेेरे खून में भरा है, लेकिन मुझे टीवी पर काम करने के लिए जिस तरह के किरदारों के प्रस्ताव मिले वे सब जस्सी के मुकाबले कमजोर थे मेरेे लिए जरूरी था कि मैं छोटे परदे पर यदि किसी सीरियल में अभिनय करूं तो वह ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ से कई गुना ज्यादा बेहतर हो। लेकिन जब मुझे जब एंकरिंग के मौके मिलने लगे तोे मैंने एंकरिंग की। आप हर किरदार की तुलना जस्सी से क्यों करती हो ?अभिनय मैं पैसे के लिए नही, बल्कि मन की सतुष्टी के लिए करती हॅू। पैसा भले ही कम मिले किन्तु रोल तो बेहतर हो। वैसे भी जस्सी का रोल मेरेे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था और मैने भी  अपनी ओर से भरपूर मेहनत की ताकि कोई कमी ना रह जाए। इसलिए जस्सी किरदार से तुलना करती हॅ।आपको ऐसा लग रहा कि टीवी पर जिस प्रकार के किरदार दिखाये जा रहे है वे आपके मन मुताबिक नही है ?ऐसा मैंने कब कहा। चैनलों के बीच बढती प्रतिस्पर्धा के चलते अब अच्छी कहानी पर धारावाहिक बन रहे है और नये कलाकारों को भी अच्छा काम मिल रहा है लेकिन मैं जिस तरह का रोल चाहती हॅू वो नही मिल रहे। क्योकि मैं स्वयं को एक कलाकार के रूप में एक्सप्लोर करना चाहती है।तो क्या एंकरिंग से मन की सतुष्टी मिल रही है ?एंकरिंग एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां हम अपने आपको बेहतर तरीके से पेश कर सकते है। मंच संचालन करते हुए भी आपको कुछ न कुछ नया करने का पूरा मौका मिलता रहता है और उसमें किसी प्रकार बंधन या दबाव भी नही होता हैं।मैंने अब तक जो भी और जितना काम किया है  उससे पूरी तरह से सतुष्ट हॅू।चर्चा है कि ‘इंटेरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’ के सीजन चार में आपका एक नयी और अलग प्रकार की लुक देखने को मिलेगी अंदाज ?मैं आपको एक राज की बात बता ही देती हॅू कि  इसकी एक कडी में मैं दर्शक के बीच एक सिख किरदार में भी नजर आऊॅगी,अभी तो इसका प्रसारण शुरू हुआ है। आगे-आगे देखिएगा। बहुत कुछ नया नजर आएगा। ‘इंटेरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’ क्या खास बात है?‘इंटेरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’ लोगों को कुछ करने के लिए प्रेरित करता है। इसके पहले तीन भाग काफी हिट रहे है। बल्कि यूं कहे कि ये एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां देश में छिपी प्रतिभाओं को अपनी कला को दिखाने का मौका एक मंच पर मिल रहा है। लेकिन शो के सीजन तीन में जज अनु मलिक व फरहा खान ने तो अपनी तीखी प्रत्ििरक्रया से कई कलाकारों का मनोबल ही तोड दिया था?इस बारे में मै ज्यादा नही कह सकती लेकिन सीजन चार मे दोनों ही जज किसी को भी हतोत्साहित नहीं करते हैं।क्या आपने टीवी पर अभिनय सतुष्टी ना मिलने के कारण ही फिल्मों की ओर रूख किया था ?ऐसा कुछ नही है । मुझे जब थ्री इंडीयट मे काम का प्रस्ताव मिला और फिल्म की कहानी के मुताबिक मुझे रोल दमदार लगा मैने फिल्म कर ली और बाद में लोगों ने मेरे काम को भी पंसद किया । हाल में रीलिज फिल्म उठापटक में भी मेरा काम बेहतर है। फिल्मों में किस तरह के किरदारों को महत्व देना चाहती है? मैं फिल्मों में किसी एक टाईप्ड रोल की अपेक्षा विविधतापूर्ण किरदारों को निभाना चाहती हॅू , मुझे लटके झटके या फिर ग्लैमरस की आड में सैक्सी सीन वाले किरदारों पंसद नही है। मैं उसी तरह के चरित्र निभाना चाहती हूं जिस तरह के चरित्र स्मिता पाटिल, शबाना आजमीे विद्या बालन या कोंकणा सेन शर्मा निभा रही हैं।  

Tuesday, December 20, 2011

अंधविश्वास : औलाद की चाहत में मासूम बच्ची की बलि


- कई टुकड़ो में बरामद हुआ बच्चा का शव
- तांत्रिक क्रियाओं के चलते दी गयी बलि
मुजफ्फरनगर। आस-औलाद की चाहत में आरोपियों ने चार साल की मासूम बच्ची की तांत्रिक क्रियाओं के चलते बलि दे दी गयी। जिसका खुलासा उस समय हुआ, जब पुलिस ने शक के आधार पर आरोपियों को पकड़कर  पूछताछ की तो ये सनसनीखेज मामला सामने आया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर बच्चे के शव को कई टुकड़ो में बरामद कर पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जबकि पुलिस ने चोरी-छिपे ही आरोपियों को जेल भेज दिया।
छपार थाना क्षेत्र के नंगला खोजा निवासी मोमीन की 4 वर्षीया बेटी मेविश गत 7 दिसम्बर को रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गयी थी, जिसको परिजनों ने आसपास खूब तलाश किया, लेकिन बच्ची का जब कुछ अता-पता नहीं चल सका तो मजबूरन पीडि़तो को पुलिस से शिकायत करनी पड़ी। पुलिस ने मामला गुमशुदगी में दर्ज कर कार्रवाई आगे बढा दी, मगर परिजन इससे संतुष्ट नहीं हुए तो पुलिस ने मामले को अपहरण में दर्ज कर लिया और शक के आधार पर गांव के ही सकील को उसकी पत्नी महरूबी, पुत्रवधु महरूनी पत्नी हुसैन, बेटे तनवीर और कलीम को उठाकर पूछताछ करनी शुरू कर दी। पहले तो आरोपी पुलिस की आंखों में धूल झौंकते रहे, लेकिन जब पुलिस ने सख्ताई से पूछताछ की तो आरोपी टूट गये और उन्होंने सारा वाक्या पुलिस को कह सुनाया।
डेमो पिक्चर 
दरअसल सकील के तीन बेटे है मौहम्मद हुसैन, तनवीर और कलीम। तीनों ही शादीशुदा तो है, लेकिन किसी को भी औलाद पैदा नहीं हुई, जिस पर उक्त लोगों ने तमाम नीम-हकीम और डाक्टरों से अपना और अपनी पत्नियों का उपचार कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हो सका तो अंधविश्वास के चलते आरोपी तंत्र-मंत्र के चक्कर में फंस गये। आरोप है कि आरोपियों को किसी तांत्रिक ने मासूम बच्चे की बलि देने की सलाह दी, जिस पर आरोपियों ने गत 7 दिसम्बर को मासूम मेविश का अपहरण कर लिया और फिर उसकी बलि दे डाली। आरोपियों के मुंह से ये सब सुनकर पुलिस का भी कलेजा फटा का फटा रह गया। आनन-फानन में आलाधिकारियों के निर्देश पर आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने सहारनपुर जनपद के देवबंद थाना क्षेत्र के केंदकी गांव के जंगल में संजय त्यागी के खेत में तलाश किया तो बच्ची का शव छ: टुकड़ों में बरामद हो गया। सूत्रों की माने तो मौके से तांत्रिक क्रियाओं का भी सामान बरामद किया गया। पुलिस ने शव को पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बताया जाता है कि जैसे ही मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में आया, वैसे ही पुलिस अधिकारियों द्वारा निर्देशित छपार पुलिस ने आनन-फानन में मामले को नर बलि से रंजिश की ओर मोड दिया तथा लिखा-पढी में मामला रंजिश का बताते हुए आरोपियों को जेल भेज दिये गये। ये भी बताया जा रहा है कि धर-पकड़ की सुचना मिलते ही हुसैन घबराकर दो दिन पहले ही कोर्ट के पेश होकर जेल जा चुका है, जबकि ये भी बताया जा रहा है कि इससे पहले भी आरोपीगण करीब चार वर्ष पूर्व गांव के ही रिजवान के चार वर्षीय बेटे मुसाहिद की बलि दे चुके है, जिसके खुलासे के बाद पुलिस ने आरोपियों को पकडकर जेल भेजा था, मगर बच्चे की चाह में इस बार फिर से आरोपियों ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दे डाला।


अमित सैनी
मुज़फ्फरनगर

Monday, December 19, 2011

फिरौती न देने पर दो किसानों की हत्या

मुजफ्फरनगर : जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह

- दो-दो लाख रूपये की मांगी गई थी फिरौती
- 7 दिसम्बर को किया गया था दोनों का अपहरण
मुजफ्फरनगर।
दो-दो लाख रूपये की फिरौती न देने पर बदमाशों ने अपहृत दो किसानों की गोली मारकर हत्या कर दी और उनके शवों को गन्ने के खेत में फेंक दिया, जिसका खुलासा उस समय हुआ जब पुलिस ने सर्विलांस की मदद से एक बदमाश को दबोच लिया, जिनसे पूछताछ में सारी घटना का खुलासा कर दिया। पकडे गये बदमाश की निशानदेही पर पुलिस ने दोनों किसानों के शवों को बरामद कर लिये, जिनको पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जबकि मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
दरअसल पुरकाजी थाना क्षेत्र के नंगला दुहेली ग्राम निवासी 3० वर्षीय किसान ज्ञानसिंह पुत्र महावीर तथा 48 वर्षीय किसान राजपाल पुत्र चंद्रभान गत 7 दिसम्बर को घर से फसलों में डालने के लिए खाद लेने के लिए पुरकाजी कस्बे के लिए साईकिलों पर निकले थे, लेकिन देर शाम तक भी जब दोनों किसान वापिस घर नहीं पहुंचे तो परिजनों को चिंता सताने लगी, जिस पर परिजनों की ओर से पुलिस से शिकायत की गयी। छानबीन के दौरान दोनों किसानों की साईकिले क्षेत्र के तेजलहेड़ा और खाईखेड़ी गांव के जंगल से लावारिस अवस्था में पड़ी हुई मिल गयी, जबकि पुलिस ने तहरीर के अनुसार मामला गुमशुदगी में दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।

9 दिसम्बर को दोनों किसानों के परिजनों के मोबाईलों पर एक ही नम्बर से बदमाशों ने फोन करके दो-दो लाख रूपये की फिरौती मांगी, जिसकी सूचना परिजनों ने तत्काल ही पुलिस को दी, जिस पर पुलिस ने कथित मोबाइल नम्बर को सर्विलांस के जरिये ट्रेस किया और सोमवार को पुलिस ने भोपा थाना क्षेत्र के सीकरी ग्राम निवासी कलीम को धर-दबोचा, जिसने पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने अपराध करना कुबूल करते हुए बताया कि उक्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर दोनों किसानों का तेजलहेडा और खाईखेडी गांव के बीच अपहरण किया था, जबकि फिरौती न मिलने तथा पुलिस को सूचना देने पर उन्होंने दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने कलीम की निशानदेही पर छपार थाना क्षेत्र के दतियाना गांव के जंगल से एक गन्ने के खेत से किसान ज्ञान सिंह और राजपाल के गोली लगे शव बरामद कर लिये। एक की जहां खोपडी में गोली मारी गयी थी, वहीं दूसरे की छाती को निशाना बनाया गया था। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, जबकि पकडे गये बदमाश के अन्य साथियों को तलाश किया जा रहा है।
 
 
अमित सैनी
मुज़फ्फरनगर

Saturday, December 17, 2011

....मुजफ्फरनगर में लगा लाशों का ढेर

- कहीं पर हादशा तो कहीं पर वारदात के शिकार हुए मृतक
- बार्डर पर तैनात बीएसएफ का जवान हुआ पश्चिमी बंगाल में शहीद
मुजफ्फरनगर।
कहते है कि मौत कभी बताकर नहीं आती, वो कहीं भी और कभी भी बिन बताये जा पहुंचती। बहाने केवल अलग-अलग होते है, मगर जब आती है तो अपने पीछे दहशत और खौफ के अलावा कुछ नहीं छोड जाती। मुजफ्फरनगर के ग्यारह लोगों को अलग-अलग स्थानों पर मौत को लगे लगाना पड़ा। कोई हादशे का शिकार हुआ तो कोई वारदात में मारा गया, जबकि एक बीएसएफ का जवान भी पंश्चिमी बंगाल में शहीद हो गया, जबकि एक जवान अपनी पत्नी सहित हादशे का शिकार हो गया। इतना ही नहीं दो अलग-अलग स्थानों पर छ: लोग भी सड़क हादशों का शिकार होकर काल का ग्रास बन गये, जबकि इन हादशों और वारदातों में कई लोग बुरी तरह से घायल भी हुए, जिनको विभिन्न अस्पतालों में उपचार हेतु भर्ती कराये गये है।




कैराना। क्षेत्र के ग्राम पंजीठ निवासी विनोद कुमार सैनी श्रीनगर में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में चालक के पद पर तैनात था। गत दिवस उसके परिवार में उसके भाई के बच्चे की हुई मौत का समाचार सुनकर विनोद छुट्टी लेकर अपनी पत्नी अनीता देवी व बच्चे को साथ लेकर श्रीनगर से कैराना के लिए चला था। पंजाब प्रदेश के पठानकोट शहर के निकट कोहरे के कारण हुए सड़क हादसे में विनोद एवं उसकी पत्नी अनीता की मौके पर ही मृत्यु हो गयी तथा बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये, जिन्हें राहगीरों ने निकट के चिकित्सालय में भर्ती कराकर उनके परिजनों को सूचना दी। सूचना मिलने पर मृतक विनोद का भाई मदन सैनी व अन्य ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे और विनोद व उसकी पत्नी का शव और घायल बच्चे का शव लेकर कैराना पहुंचे। उक्त दु:खद दुर्घटना के समाचार से हर ओर कोहराम मच गया तथा शनिवार को ग्राम पंजीठ में विनोद व उसकी पत्नी अनिता का जब दाह-संस्कार किया गया, तो सभी हिन्दू-मुस्लिम हजारों लोगों की आंखे रो उठी। सभी ने आंसू भरी आंखों से विनोद व उसकी पत्नी को अन्तिम विदाई दी।

खतौली। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम केलावडा निवासी मुवासी पुत्र संगत के भाई लाल सिंह के कोई औलाद नही थी। लाल सिंह मरने से पूर्व पौने तीन बिघा जमीन व मकान की वसीयत मुवासी के नाम कर गया था। लाल सिंह की मौत के बाद इसके साले की लड़की माला के पति हरेन्द्र ने मकान व जमीन पर कब्जा कर लिया। वसीयत में चले मुकदमे में मुवासी जीत गया। लेखपाल ने जमीन व मकान पर कब्जा करा दिया था। मकान व जमीन चले जाने से क्षुब्ध हरेन्द्र व उसके पुत्र गौरव, टीटू, अभिषेक ने विगत रात्रि विजयपाल पर धारदार हथियारों से हमला कर घायल कर दिया था। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घायल विजयपाल को इलाज हेतू सीएचसी पर भर्ती कराया। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देकर मुजफ्फरनगर रैफर कर दिया था। शनिवार की सुबह विजयपाल को चिकित्सकों ने मेरठ के लिए रैफर किया था, लेकिन मेरठ जाते समय विजयपाल की मौत हो गयी। परिजन शव को लेकर कोतवाली पहुंचे। पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के पुत्र मिन्टू द्वारा दी गयी तहरीर पर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या करने का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने एक आरोपी गौरव को पकड़कर थाने बैठा लिया है। पुलिस हरेन्द्र, टिटू, अभिषेक की तालश में दबिशे दे रही है।

शामली (प्रबुद्घनगर)। मुंबई से आए अपने दोस्त को लेकर वापस लौट रहे कस्बा बनत के चार युवकों की इंडिको गाडी की डीजल टैंकर के साथ भिडंत के बाद गाडी में आग लगने से जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गयी। उक्त घटना से कस्बा बनत में शोक की लहर दौड गयी है। सायं के समय जैसे ही तीन शव कस्बे में पहुंचे, म्रतकों के परिजनों के करूण रूद्रन से माहौल बेहद गमगीन हो गया जबकि चौथा शव उसके परिजन मुंबई ले गये। आदर्श मंडी थाना क्षेत्र के कस्बा बनत निवासी विशाल शर्मा उर्फ बंटी पुत्र श्रीपाल मौहल्ला पटेलनगर में अपने चाचा राजेन्द्र के पास रह रहा था। उसके पिता की स्टील फैक्टरी है। बताया जाता है कि बंटी मुंबई से दिल्ली हवाई जहाज द्वारा पहुंचा था और उसे एयरपोर्ट से लाने के लिए बनत निवासी उसके दोस्त उसे इंडिगों कार एचआर-१५-३११३ में लेने के लिए गए थे। गाडी १९ वर्षीय सरू उर्फ सरफराज पुत्र अख्तर निवासी दक्षिण प्रेमनगर बनत की थी और वह खुद ही गाडी चला रहा था जबकि उसके साथ जोया उर्फ दीया ,२२, वर्षीय पुत्र सैय्यद धम्मो मौहल्ला हकीकतनगर बनत, नटवर उर्फ नीटू पुत्र सतेन्द्र प्रतापनगर बनत गए थे। तीनों दोस्त बंटी को एयरपोर्ट पर रिसीव करने के बाद जब गाडी लेकर वाया सोनीपत-पानीपत होते हुए शामली आ रहे थे तो पानीपत और सिम्भालका के बीच एक मोड पर सामने से आ रहे ईंटों से भरे ट्रक से बचने के प्रयास में जैसे ही सरफराज ने गाडी मोडी तो उसकी भीषण टक्कर वहां से गुजर रहे एक डीजल के टैंकर से हो गयी, टक्कर इतनी जोरदार थी कि इंडिगों पलट गयी और पलटते ही उसमें आग लग गयी। गाडी अत्याधुनिक व कंप्यूटराइज्ड होने के कारण बिना रिमोट के उसके खिडकी व शीशे नहीं खुल पाए जिससे सभी गाडी के अंदर बुरी तरह झुलस गए। गाडी गाडी चालक सरफराज ने किसी तरह शीशे तोडकर शोर मचाया और दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाकर सबसे पहले सरफराज को गाडी से बाहर निकला। उस समय केवल उसी की संासें चल रही थी। जबकि शेष तीनों गाडी इस कदर जल चुकी थी कि उनकी शिनाख्त भी नहीं हो पा रही थी। सरफराज को उपचार के लिए एक निजी चिकित्सालय में ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गयी। मरने से पूर्व सरफराज ने अपने व अपने साथियों के बारे में पुलिस को जानकारी दी जिस पर पानीपत पुलिस ने शामली पुलिस व बनत में उसके परिजनों को घटना की जानकारी दी। कस्बे के चार जवान युवकों की मौत की सूचना मिलते ही बनत मे शोक की लहर दौड गयी और भारी संख्या में लोग उनके आवासों पर शोक जताने के लिए एकत्र हो गए। काफी संख्या में लोग मृतकों के शव पानीपत से लाने के लिए रवाना हुए। सायंकाल जैसे ही तीन शव कस्बे में पहुंचे, गमगीन परिजनों का सब्र टूट गया और उनके दहाडे मारकर करूण रूद्रन से माहौल बेहद गमगीन हो गया। बंटी का शव पोस्टमार्टम हाउस पर ही छोड दिया गया क्योकि उसके परिजन उसका शव मुबंई लेकर जायेंगे। मृतक सरफराज जहंा अपनी ही इंडिगो कार पर चालक था वहीं नीटू कृषि कार्य करता था।

जानसठ । पानीपत खटीमा हाइवे पर धागा फैक्ट्री के पास घने कोहरे के कारण तेज गति से चल रही डीसीएम आगे जा रहे ट्रक से जा टकराई। भीषण टक्कर से डीसीएम के परखच्चे उड़ गए। जिसमें सवार दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गर्ई तथा चालक सहित चार अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर अवस्था में घायल एक मजदूर को मेरठ रेफर किया गया है।

शनिवार की सुबह गांव नवादा से डीसीएम गाड़ी में बैठकर थाना सरधना क्षेत्र के गांव सबदलपुर निवासी सलीम पुत्र इसमाइल, गांवं खिवाई निवासी अबरार पुत्र इसरार, नोशाद पुत्र तरीखत, गांव नवादा निवासी दिलशाद पुत्र अली हसन, रिजवान पुत्र युनुस, गांव हरसोपुर निवासी बाबूराम पुत्र रामपाल खोई लेने के लिए चांदपुर जा रहे थे। सुबह करीब छह बजे पानीपत खटीमा हाइवे पर धागा फैक्ट्री के पास आगे जा रहे ट्रक में पीछे से डीसीएम टकरा गई। जबदस्त टक्कर लगने से डीसीएम के आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। उसमें सवार सभी लोग दब गए। चींखने चिल्लाने की आवाज सुनकर वहां से गुजरने वाले अन्य वाहनों के चालकों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस खिड़की काटकर सभी घायल लोगों बाहर निकाला। जिनमें से सलीम और अबरार की मौत हो चुकी थी। पुलिस चारों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर गंभीर अवस्था में घायल नोशाद को मेरठ के लिए रेफर किया गया है। पुलिस ने मृतक लोगों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।


जानसठ/सिखेड़ा। पश्चिम बंगाल में डयूटी के दौरान बीएसएफ के जवान की अचानक हार्टअटैक से मौत हो गई। जवान की मौत को लेकर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शनिवार की सुबह गमगीन माहौल में जवान के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बीएसएफ के जवानों ने अपने साथी को अंतिम सलामी दी। अंतिम संंस्कार में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा।

थाना सिखेड़ा क्षेत्र के गांव फहीमपुर निवासी बलबीर सिंह के ४५ वर्षीय पुत्र प्रमोद कुमार सन् १९८९ में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। फिलहाल उसकी तैनाती पश्चिम बंगाल के बालूघाट पर थी। शुक्रवार को डयूटी के दौरान अचानक हार्टअटैक आने से प्रमोद की मृत्यु हो गई। बीएसएफ के कमांडर ने इसकी सूचना उसके परिजनों को फोन पर दी। प्रमोद की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। प्रमोद की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शुक्रवार की देर रात्रि को बीएसएफ के जवान मृतक प्रमोद का शव लेकर गांवं फहीमपुर पहुंचे। शनिवार की सुबह सवेरे प्रमोद के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार करते समय ग्रामीणों की आंखे नम हो गई। ग्रामीणों का कहना था कि देशवासियों की रक्षा करने वाला एक जवान हमको छोड़ कर चलाया गया। शमशान में बीएसएफ के जवानों ने अपने साथी को सलामी देकर अंतिम विदाई दी। जवान के अंतिम संस्कार के मौके पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जबकि पुलिस मौके पर मौजूद रही। प्रशासनिक अधिकारी के मौके पर नहीं पहुंचने को लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

मुजफ्फरनगर। मूल रूप से ककरौली निवासी धर्मवीर पुत्र लेखराम हाल में नई मण्डी कोतवाली क्षेत्र के सुभाषनगर में रह रहा था, जबकि वह खाईखेड़ी शुगर मिल में बॉयलर एटेंडेंट के रूप में कार्यरत था। बताया जाता है कि रोजाना की भांति शनिवार को भी वह मिल में गया, जहां पर अचानक से वह बॉयर की चेन में आकर बुरी तरह से घायल हो गया, जिसको तत्काल ही मिल प्रबंधन अपनी बिना नम्बर की न्यू ब्राडेंड बुलेरो कार द्वारा जिला चिकित्सालय ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसको गंभीर अवस्था के चलते तुरंत ही मेरठ अथवा दिल्ली ले जाने की सलाह दी, जिस पर मिल प्रबंधन बजाय उसको मेरठ ले जाने के चिकित्सालय के बाहर आकर खडे हो गये और पाल धर्मशाला के पास बुलेरो कार खड़ी करके घंटों तक विचार-विमर्श करते रहे, जिसके चलते धर्मवीर ने तडफ़ते हुए वहीं पर दम तोड़ दिया। संदिग्ध परिस्थितियों में इस तरह से कार खड़ी होना देख लोगों को संदेह हुआ तो कुछ लोगों ने कार के अंदर झांककर देखा तो उसके अंदर लाश पड़ी होना देख शोर मचा दिया, जिसक चलते आरोपी कार को लेकर रूड़की चुंगी की ओर दौड़ पड़े, मगर लोगों ने उनका वहां भी पीछा नहीं छोड़ा और कई लोगों ने जहां कार का पीछा करना शुरू कर दिया, वहीं इस सम्बंध में तत्काल ही पुलिस को भी सूचना दी। आरोप है कि आरोपीगण रूडकी रोड पर स्थित एक आर्युवेदिक अस्पताल के पास कार को छोड़कर फरार हो गये, जबकि सूचना मिलते ही एसपी सिटी केबी सिंह, सीओ सिटी शिवराम यादव मय पुलिस फोर्स के मौके पर जा पहुंचे, जिन्होंने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

इन्सान की अनुभूति किसी भी कला की जन्मदाता है: बिजेन्द्र शर्मा

नई दिल्ली! (Prem Babu Sharma)
प्रेम एक ऐसा कांटा है जिसमे पराया दर्द ही मिलता है, पर जब यह मिलता है तो इससे फूलो की खुशबू झरती है। यह कविता नही, चित्रो के कुछ नमूने है, जिन्हे अपनी कल्पना और रंगो के माध्यम से कलाकार विजेन्द्र शर्मा ने कैनवास पर उकेरा है। जिनकी उंगलियों में कमाल का जादू है, जब वे रंग और बर्श से कैनवास पर चित्र उकेरते है तो उसमें पूरी तरह डूब जाते है। यही वजह है की उनकी कृति वास्तविकता के काफी करीब और संजीव प्रतीत होती है। विजेन्द्र शर्मा कैनवास पर जीवन, मृत्यु, सधंर्ष, अध्यात्म और प्रकृति को ही चित्रित नही करते, बल्कि सामाजिक कुरीतियो और भष्ट्राचार को उकेर कर सामाजिक दायित्व का भी निर्वाह करते है, इनकी कला के प्रशंसको में बिरला अम्बानी ग्रुप, अभिनेता अमिताभ बच्चन के अलावा भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा0 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्रमुख है, डा.कलाम जब भारत के राष्ट्रपति थे तब इन्होने अपना स्वंय का पोट्रेट विजेन्द्र शर्मा से बनवाया था।
दिल्ली में जन्मे और दिल्ली कालेज आॅफ आर्टस से स्नातक और गोल्ड मेडलिस्ट विजेन्द्र के लिए यह गौरव की बात है। विजेन्द्र कहते है कि यहाँ तक पहुचने के लिए मुझे बहुत संधर्ष करना पड़ा, शुरुआत में किताबों आदि का कवर डिजाईन किया उसके बाद महाभारत, रामायण, विक्रम बेताल जैसे चर्चित सीरियल के लिए पेटिंग बनाई,
विजेन्द्र की पहली एकल प्रदर्शनी दिल्ली की श्रीधारणी आर्ट गैलरी में लगी। इसके बाद इन्होनें कभी पीछे मुड़कर नही देखा। देश और विदेशो में कई शोज हो चुके है। इस कला यात्रा के दौरान उन्हे कई पुरस्कार और सम्मानो के नवाजा गया जिसमे साहित्य कला परिषद सम्मान, आल इण्डिया पुलिस मीट सम्मान, पं0 रविशंकर अवार्ड आदि प्रमुख है। कलाकार विजेन्द्र शर्मा का मानना है कि इन्सान की अनुभूति किसी भी कला की जन्मदाता है। चित्रकला के माध्यम से इन्सान अपनी सवेदंनाओ की अभिव्यक्ति करता है, दिल्ली में जल्द ही प्रदर्शित होने वाली इस प्रदर्शनी में कलाकार विजेन्द्र शर्मा ने अपने देश के समाज और अध्यात्म को प्रभावशाली विषय बनाकर कैनवास पर विभिन्न रंगो से आकार देने की कोशिश की है।

Friday, December 16, 2011

एक और उद्यमी का सूर्यास्त : जेल में बंद धर्मदास जैन की मौत

- दहेज हत्या के मामले में सजायेआफ्ता
- मृतक कैदी था रेनबो स्टील का साझेदार
मुजफ्फरनगर।
जिला कारागार में उम्र कैद की सजा काट रहे उद्यमी की खून की कमी के चलते जिला चिकित्सालय में मौत हो गयी, जो कि दहेज हत्या के मामले में अपने तीनों बेटो सहित जेल में बंद थे, जबकि हाल ही में उनकी पत्नी को पैरोल पर छोड़ा गया था। मृतक रेनबो स्टील के मालिकों में से एक थे। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जानी-मानी 'रेनबो स्टीलÓ के साझेदार नगर कोतवाली क्षेत्र के रेनबो विहार मौहल्ला निवासी धर्मदास जैन पुत्र मांगेराम के बेटे संजीव जैन की शादी सहारनपुर निवासी अल्पना के साथ हुई थी, जिसने सन् 1998 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जिस पर अल्पना के परिजनों की ओर से दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया गया था, जिसके चलते पुलिस ने धर्मदास जैन सहित उसकी पत्नी मेमलता जैन, बेटे संजीव जैन, राजीव जैन और अजय जैन को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। केश ट्रायल पर आया तो जज ने दोनों पक्षों की सुनने के बाद कथित आरोपियों को दोषी करार देते हुए 4 अक्टूबर, सन् 2०1० में उम्र कैद की सजा सुना दी। बताया जाता है  हाल ही में उनकी पत्नी मेमलता को पैरोल पर छोडा गया था, जबकि 75 वर्षीय धर्मदास अपने तीनों बेटो सहित जेल में सजा काट रहे थे।
सूत्रों की माने तो पिछले कुछ दिनों से धर्मदास जैन खून की कमी की बिमारी से जूझ रहे थे, जिसके चलते उनको जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, मगर जब उनकी हालत बद से बदतर होती चली गयी तो उनको बृहस्पतिवार को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां पर उनको गत शाम उनको अस्पताल में ही एक बोतल खून चढाया गया था, जिसके चलते उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार भी होने लगा था। इतना ही नहीं सुबह सवेरे उन्होने अच्छी तरह से बातचीतों के अलावा कस्टडी के लिए तैनात सिपाहियों से हंसी-ठिठौली भी काफी दे तक की थी, जबकि उनकी पत्नी मेमलता उनको चाय अथवा कॉफी पीने के लिए कहने लगी तो उन्होंने पीने से इंकार कर दिया, मगर करीब साढे आठ बजे के लगभग उनको दम तोड़ दिया, जिसकी सूचना मिलते ही जेल प्रशासन में हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में जेल अधिकारी अस्पताल पहुंचे, जबकि सूचना मिलते ही मृतक की पत्नी एवं बेटी-दामाद मौके पर जा पहुंचे। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। ज्ञात रहे कि रेनबो स्टील में धर्मदास के अलावा पूर्व मंत्री विद्या भूषण भी साझेदार थे।

Tuesday, August 2, 2011

http://www.khabrilalnews.com/

अब आप ब्लॉग के साथ साथ हमारी वेब-साईट http://www.khabrilalnews.com/  पर देश-दुनिया की खबर देख सकते है, साथ ही आपके सुझाव व लेख का स्वागत करते है! आशा ही नही वरन विस्वास है कि आप हमारा पूर्ण सहयोग करेगे! 
- आपका 
अमित सैनी
(एडिटर/चीफ  )  





Monday, August 1, 2011

कैमरामेन नासिर खान के कैमरे में कैद हुए तीज के कुछ सुनहरे पल

कैमरामेन नासिर खान के कैमरे में कैद हुए तीज के कुछ सुनहरे पल 
तीज के मौके पर मेहँदी रचकर खुशी जाहिर करती महिला             फोटो नासिर खान 

तीज के मौके पर झुला झूलती  महिला             फोटो नासिर खान 

तीज के मौके पर मेहँदी रचकर खुशी जाहिर करती महिलाये             फोटो नासिर खान 

रमजान का पाक महिना शुरु

रमजान का पाक महिना शुरु होने पर खुशी जताते बच्चे !!
रमजान का पाक महिना शुरु होने पर दुआ करते बच्चे            - फोटो नासिर खान 

रमजान का पाक महिना शुरु होने पर चाँद को निहारते बच्चे            - फोटो नासिर खान

रमजान का पाक महिना शुरु होने पर दुआ करते बच्चे            - फोटो नासिर खान

Sunday, July 17, 2011

मुंबई धमाको ने उड़ाई उत्तराखंड की नींद हाई अलर्ट

दीपक शर्मा,  देहरादून (उत्तराखंड)  :
मुम्बई में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद अंतराष्टीय सीमा से लगते उत्तराखंड के सीमावर्ती छेत्रों में चोकसी बढ़ाने के साथ ही पुरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है , राज्य सरकार ने कैलाश मान सरोवर व कांवड़ यात्रा को देखते हुए पुलिस व खुफिया विभाग को अतिरिक्त चोकसी बरतने के निर्देश जारी कर तमाम अधिकारीयों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी , राज्य सरकार ने एक के बाद एक हुए तीन धमाको के लिए केंद्र सरकार की ढुल मूल रविय पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इन सब का जिम्मेदार केंद्र सरकार को बताया
मुंबई ब्लास्ट की जानकारी मिलते ही उत्तराखंड के मुख्य मंत्री ने आला अधिकारीयों के साथ बैठक कर हालत की समीक्षा की , सरकार ने चाइना और नेपाल से लगती राज्य की सीमाओं पर अतिरिक्त चोकसी बरतने और राज्य में आने वाले लाखों शिव भक्त कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए फुल प्रूफ व्यवस्था करने के निर्देश पुलिस व खुफिया विभाग के अधिकारियों को दिए , इन दिनों उत्तराखंड में जंहा कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है वंही कैलाश मान सरोवर यात्रा के साथ - साथ चार धाम यात्रा भी अपने चरम पर है जिसके लिए देश के कोने - कोने से यंहा लाखों श्रद्धालु एकत्र होते है जिनकी सुरक्षा सरकार के लिए किसी चुनोती से कम नहीं है /
हर साल सावन में होने वाली कांवड़ यात्रा की सुरक्षा को लेकर इस हिमालयी राज्य में खासे इंतजाम किये जाते हैं , इस दोरान लाखों भगवा वस्त्र धारी शिव भक्त यंहा आते है जिनका भेष धारण कर किसी भी आतंकी घटना को आसानी से अंजाम दिया जा सकता है यही कारण है की ऍन कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले मुंबई के भीड़ भरे इलाकों को लक्ष्य बना आतंकियों दुवारा किये गए ब्लास्ट ने उत्तराखंड सरकार की नींद उड़ा दी है /

ऐसा भी एक है गांव जहाँ हर कोई करना चाहे नेत्रदान

खुशबु(इन्द्री) :
परहित सरिस धर्म नहीं भाई। इसका मर्म यमुनानगर के कनालसी गांव ने बखूबी समझा है। करीब 2500 की आबादी वाले इस गांव की एक तिहाई से ज्यादा आबादी ने नेत्रदान का संकल्प कर नेत्रहीनों की बेनूर दुनिया में रंग भरने का बीड़ा उठाया है। अपने बाद अपनी आंखों से दूसरों की जिंदगी में रोशनी करने का वचन उठाने में कनालसी के बूढ़े ही नहीं बच्चे भी पीछे नहीं हैं। कोशिश है अब इस गांव को शत-प्रतिशत नेत्रदानियों की बस्ती बनाने की। खास बात है कि नेत्रदान की शपथ लेने वालों में 200 बच्चे भी शामिल हैं। गांव के 15 परिवार तो ऐसे हैं, जिनके हर सदस्य ने नेत्रदान के लिए फार्म भरा है। इस महादान मिशन में लगे गांव के उत्साही युवाओं की कोशिश शेष बचे लोगों को भी नेत्रदान संकल्प के लिए रजामंद करने का है। ग्रामीण कनालसी को सौ फीसदी नेत्रदानी गांव बनाने के लक्ष्य को लेकर खासे उत्साहित हैं। क्षेत्र में रोटरी क्लब के असिस्टेंट गवर्नर संदीप जैन बताते हैं कि नेत्रदान को लेकर कनालसी के लोगों का उत्साह अपने आप में एक मिसाल है। बीते कुछ समय के दौरान क्लब के माध्यम से अब तक एक हजार लोग नेत्रदान संकल्प का फार्म भर चुके हैं। इस मुहिम से जुड़े स्थानीय युवा राजबीर का कहना है कि गांव में कुछ लोग लोग ऐसे भी हैं जिनके नेत्रदान संकल्प-पत्र रोटरी क्लब के पास नहीं हैं। इनमें अधिकांश बच्चे हैं जिनके नेत्रदान फार्म उनके माता-पिता ने घरों में ही रखे हैं। नेत्रदान को प्रोत्साहन की इस महती मुहिम को सेवा भारती संस्था से जुड़े 74 वर्षीय कृष्ण गोपाल दत्ता भी बड़े प्रेरणा हैं। दत्ता लोगों को नेत्रदान के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। उन्हें भरोसा है कि जल्द ही कनालसी का हर शख्स अपने आंखों को अमर कर चुका होगा और उनके विश्वास का आधार गांव के लोगों की नेत्रदान संकल्प के प्रति कटिबद्धता है।

एनआरआइ बच्चों को दी जाएगी भारतीयता की सीख

खुशबु(इन्द्री) :
भारत अब विदेशों में बसे भारतवंशियों की जनरेशन नेक्स्ट से दोस्ती बढ़ाने की कोशिश में जुट गया है। एनआरआइ बच्चों और भारतवंशियों की युवा पीढ़ी को भारतीय सभ्यता, संस्कृति से पहचान कराने के लिए सरकार इस कड़ी में एक नया पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रही है। स्टडी इंडिया प्रोग्राम (एसआइपी) के सहारे 18-26 वर्ष के भारतीय मूल के विदेशी युवाओं को देश की कला, धरोहर, इतिहास के अलावा सामाजिक व आर्थिक विकास गाथा से परिचित कराने और इस देश से जुड़ी उनकी जड़ों को नया पानी देने की योजना है। इस कार्यक्रम को शक्ल देने में लगा प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय चार सप्ताह के एसआइपी के लिए विश्वविद्यालयों और बड़े शैक्षणिक संस्थानों की तलाश में जुटा है। मंत्रालय के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि एसआइपी की अभिकल्पना एक ऐसे पाठ्यक्रम की है जिसे समर स्कूल की तर्ज पर चलाया जा सके। मंत्रालय की प्रस्तावित योजना गर्मियों और सर्दियों की छुट्टी के दौरान साल में दो बार इस पाठ्यक्रम को आयोजित करने की है, जिसमें भारतीय मूल के तीस विदेशी छात्रों का चयन किया जाएगा। मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार एसआइपी में शैक्षणिक और सांस्कृतिक पहलुओं के अलावा छात्रों के अनुभव व यात्रा कार्यक्रम भी शामिल होंगे। शैक्षणिक पाठ्यक्रम में समसामयिक भारत के विकास, राजनीतिक व आर्थिक व्यवस्थाओं के अलावा सामाजिक और प्रशासनिक तंत्र से भी पहचान कराई जाएगी। इसके अलावा पाठ्यक्रम का सांस्कृतिक पहलू भारतीय पुराण, इतिहास, हस्तकला, नृत्य, संगीत, पाक कला और भाषाओं से भी उनकी पहचान बढ़ाएगा। वैसे प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय इससे मिलती-जुलती एक योजना पहले से चला रहा है जिसका नाम नो इंडिया प्रोग्राम है, लेकिन स्टडी इंडिया प्रोग्राम के सहारे कोशिश इसे पाठ्यक्रम की शक्ल देने की है। उल्लेखनीय है कि प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय विदेशों में बसे एनआरआइ और भारतवंशियों के बच्चों को शैक्षणिक छात्रवृत्तियों की सुविधा पहले से मुहैया करा रहा है। स्कॉलरशिप प्रोग्राम फार डायस्पोरा चिल्ड्रेन की इस योजना के तहत हर साल सौ छात्रवृत्तियां दी जाती हैं। इसके अलावा तकनीकी पाठ्यक्रमों में 15 फीसदी सीटें भी एनआरआइ बच्चों के लिए उपलब्ध हैं।

Saturday, July 16, 2011

आइटम नंबर से पहचान तो मिली ही हैं: अनुपमा राग

नई दिल्ली ( चंदन शर्मा) :
राग की गायिकी और संगीत से गहरा और अमिट संबध होता हैं,बगैर उसके संगीत के चलन तक की कल्पना भी नही की जा सकती हैं । तिस पर जिस प्रतिभा संपन्न और सामर्थ्यवान गायिका के नाम के साथ ‘राग’ जुडा हो....उसकी बात ही क्या हैं। मेरा इशारा तहज़ीब और प्रतिभाओं से लबालब शहर लखनऊ की तेजी उभरती हुई नवोदित पार्श्व गायिका अनुपमा ‘राग’की ओर हैं। जिनके फिल्म ‘बिन बुलाए बराती’ में गाए आइटम गीत शालू के ठुमके ....ने ना केवल समूचे हिन्दुस्तान में बल्कि सात समुंदर पार के देशांे में भी अपार रोचप्रियता का इतिहास रचा हैं। बहुचर्चित अभिनेत्री मल्लिका शेरावत पर चित्रित यह आइटम सांग फिल्म की सफलता में एक महत्वपूर्ण अंग माना जा रहा हैं। अनुपमा ‘राग’ अपने इस पहले पार्श्व गीत की लोकप्रियता को लेकर न केवल अति उत्साहित हैं ,बल्कि इस दिशा में बहुत कुछ कर गुजरने कर जोश खरोश उनमें है। अनुपमा राग से हाल में मुलाकात हुई पेश उसी के चुनिंदा अंष:
गायन आपके लिए क्या है? क्या इसके प्रति आपका लगाव शुरू से रहा था फिर वक्त की धारा.... प्रसिद्वि की चाव ने आपको गायिका बना दिया ?
गायक के प्रति के मेरी दिलचस्पी बचपन से ही थी। जबकि मेरे परिवार की पृष्ठभूमि राजनैतिक और सरकारी अफसरों की रही है। परिवारकि दबाव के कारण मैंने लखनऊ में उ.प्र. के बिक्री विभाग में उप - आयुक्त की नौकरी स्वीकार ली,मगर गायिकी के प्रति अपने अनुराग को कभी कम नही होने दिया। संगीत और गायिकी सिखाने के लिहाज से न केवल मैेने लखनऊ के भातखंडे विश्वविद्यालय से संगीत - विशारद की उपाधि ली, बल्कि लखनऊ घराने के संगीत गंुरू पंडित गुलशन भारती और ग्वालियर घराने के संगीत गुरू पंडित योगेन्द्र भट्ट से गुरू शिष्य परंपरा के तहत् विधिवत् गायन सीखा। मैंने अपने अंन्तर्मन के‘कलाकार’ की प्यास बुझाने के लिए गायन को अपनाया और इसे गंभीरता से सीखा ना ना कि मात्र प्रसिद्वि पाने के लिए। गायन मेरे लिए मृगतुष्णा के समान है।
बतौर गायिका आपने अपने कैरियर की शुरूआत कैसे की ? आपको कब यह लगा कि इसकठिन प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र में आप कुछ कर  पायेगी?
विधिवत् गायन सीखने के बाद मे मैंने 2007 में अपने कैरियर की पहली गगन चंुबी उड़ान भरी।‘रूह’नाम की एक अलबम तैयार की। जिसमें गायन,गीत लेखन,और म्युजिक कंपोजर तक की सभी उतरदायित्व मैंने ही निभाऐं....मेरा यह पहला अलबम मशहूर फिल्मकार मुजफ्फर अली को सादर नज़र किया गया....उन्हें ही नही कई लोगों को मेरी यह कोशिश अच्छी लगी, संभावनाओं के कई मंजर नजर आने लगे ं मेरा हौसला खूब बढ़ा,इसी दौरान मैंने ताज महोत्सव और तानसेन समारोह में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किये। देखते ही देखते मुझे कम ही समय में ही गायिका के रूप में मान्यता मिली। उसी समय मैंने बॉलीवुड में अपना सघर्ष शुरू कर दिया। इसके लिए मैेने खूब मेहनत भी की। जिम्मेदारी वाले ओहदे से अपनी चाहत के लिए वक्त निकालना और जिददो -जेहद करना मेरे आसान नहीं था।
एकाएक फिल्म ‘बिन बुलाए बाराती’ में आइटम नंबर गाने का मौका कैसे मिला?
जीवन में एकाएक कुछ नही मिला.... हर पथ पर अग्रसर होने का कुदरती प्रोसेस होता है। मैं भी इस प्रोसेस के तहत् आगे बढ़ी। हुआ यूं की मेरी पहली म्युजिक अलबम ‘रूह’ के बाद में मशहूर शायर गीतकार फैज़ अनवर ने मुझे अपनी म्युजिक अलबम ‘आर्श’ के लिए लांच किया। मेरी आवाज में रिकार्ड किया गयाb गीत बॉलीवुड के सभी गीतकारों को ही नही,बल्कि पूरे म्युजिकल बर्ल्ड को पंसद आया। संगीतकार आनंदराज आनंद को फिल्म ‘ बिन बुलाए बाराती’ में एक बिलकुल फ्रेश, अलहदा किस्म की आवाज की तलाश बहुत दिनों से थी। ममता शर्मा फिल्म‘ दबंग’( मुन्नी बदनाम हुई..), रितू पाठक फिल्म‘ ‘डबल धमाल’(जलेबी बाई...) के टक्कर की आवाज उन्हें चाहिए थीं । उन्होंने मेरा एक अलबम सुन रखा था... हम एक दो बार मिले भी। उन्हें मेरी आवाज आइटम सांग ‘शालू के ठुमके के लिए’ खूब जंची और उन्होंने मुझे मौका दे दिया। ईश्वर की कृपा से मेरा ये गीत सुपर डुपर हिट हो गया। रहा सवाल आईटम सांग सिंगर के ठहराव का...तो इस मामले में मैं यही कहूंगी कि आईटम सांग फिल्मों में गाना इस दौर की मांग हैं। हर इंसान को चलते हुए दौर के साथ ही चलना चाहिए, फिर मुझे तो जरा सी भी घबराहट नहीं हैं,क्योंकि मैं हर विधा में गाने की काबलियत रखती हॅू।
क्या लता,आशा ने आइटम सांग नही गाए? उनकी पोजीशान में क्या फर्क आया?  आज भी वे ऊॅचा मुकाम रखतीं हैं। बॉलीवुड में पार्श्व गायिकाओं में किसे आप अपना प्रेरणास्त्रोत मानती है?
लता मंगेशकर तो बॉलीवुड के गायन का हिम शिखर हैं,उनकी बेजोड गायिकी के बारे में में मैं अदनी सी सिंगर क्या कहंू। मेरे लिए तो वह मां सरस्वती से कम नही है....। मैं यह जरूर चाहॅूगी कि उनके सरीखें गाने मुझे भी मिले ताकि मैं अपनी प्रतिभा दिखा सकंू। मशहूर गायिका फरीदा खानम मेरी रोल मॉडल रही है, उनकी गायी गजल ‘आज जाने की ज़िद ना करो.....’। मेरी पंसदीदा हैं, मैं हर तरह के विविध गाने गाना चाहतीं हॅू।
बॉलीवुड के संगीतकारों में आप किसे पंसद करती है?
आज की पीढी के आनंदराज आनंद,विशाल शेखर,साजिद-वाजिद, शंकर एहसान लॉय,समीर टंडन आदि बहुत प्रतिभाशाली संगीतकार है। मगर मेरे पंसदीदा संगीतकार आर.डी.बर्मन हैं। आर.डी.बर्मन इंडियन और बेस्टर्न म्युजिकल दोनों में समान अधिकार रखते थे....वो तब भी मॉडर्न थे... आज भी उनकी कम्पोजिंग तरोताजा हैं।
फिलहाल किन किन फिल्मों में गीत गा रही है?
मेरी कई फिल्में पाइप लाइन में हैं जिसमें फिल्म पॉवर और हेराफेरी 4 के नाम उल्लेखनीय है।

Tuesday, July 5, 2011

डोपिंग में फंसी प्रियंका पंवार के पिता ने लगाया साजिस के तहत फ़साने का आरोप

अमित सैनी, मुज़फ्फरनगर: 
डोपिंग टेस्ट में फेल हुई अंतर रास्ट्रीय धावक प्रियंका पंवार  के परिजनों ने आरोप लगाया कि प्रियंका सहित सभी महिला खिलाडियों को एक बड़ी साजिश के तहत फसाया गया है! इससे पहले भी प्रियंका पंवार ने अपने कोच पर योन शोषण का भी आरोप लगाया था! प्रियंका पंवार के पिता ने इस मामले को लेकर खेल मंत्रालय में जाने की बात कही है!  
मुज़फ्फरनगर के गाँधी कालोनी  निवासी अंतर रास्ट्रीय खिलाडी प्रियंका पंवार पर  हाल ही ड्रगस लेने का आरोप लगाया गया है, जिस पर प्रियंका पंवार के पिता शिव कुमार पंवार ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि प्रियंका का डोपिंग टेस्ट में फसना एक बड़ी साजिस का हिस्सा है! उनका कहना है कि इस संबंद में आशंका व्यक्त करते हुए एन.आई.एस. पटियाला को  पहले ही अवगत कराया जा चूका था कि प्रियंका को किसी झूठे मामले में फसाया जा सकता है! साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस साजिस के पीछे प्रियंका का योन शोषण करने वाले टीम चयनकर्ता अनूप कुमार का हाथ है! अपनी विडंबना व्यक्त करते हुए जहा शिव कुमार की आँखों में आंसू थे, वही वो अपनी बेटी के कैरियर को चोपट करने में उन्होंने एन.आई.एस. पटियाला पर भी निशाना साधते हुए सवाल उठाये कि खाने पीने की जिम्मेदारी फैडरेशन  की है, फिर प्रियंका पंवार और उसकी साथी खिलाडी डोपिंग में कैसे फंस गयी? प्रियंका पंवार की माँ नीलम पंवार का कहना है कि जब फद्रेशन द्वारा खिलाडियों के खाने-पीने का प्रबंध कैंप में ही होता है और बाहर  से कुछ भी खाने पर पाबन्दी लगी हुई है तो फिर अब वे लोग उनकी बेटी को बाज़ार की चीजो को खाना क्यों बता रहे है! 


मुठभेड़ में सिपाही हुआ शहीद

सिपाही की मौत पर विलाप करता उसका मौसुम बेटा            - फोटो नासिर खान 

अमित सैनी : 
मुज़फ्फरनगर में बदमासो की गोली का शिकार होकर एक सिपाही मौके पर ही शहीद हो गया! जबकि इस मुठभेड़ में बदमासो को भी गोली लगना बताया जा रहा है, मगर घायल बदमास को उसके साथी लेकर मोके से फरार हो गये! पुलिस ने सिपाही के शव का पच्न्ह्नमा भरकर पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है!


Video Dekhne ke liye yaha Click kre (Star News Ke Sojany Se)

 दरशल मुज़फ्फरनगर में झिंझाना थाना छेत्र के बिडोली चेक पोस्ट के पास पुलिस चेक्किंग कर रही थी, क्योकि पुलिस के पास बदमासो के आने की पुक्ता जानकारी थी! जैसे ही के संदिध कार आती दिखाई दी वैसे ही पुलिस ने उसको रुकने का इशारा किया, मगर कार में स्वर बदमासो  ने पुलिस पार्टी पर ताबड़-तोड़ फायरिंग करनी सुरु कर दी, जिस पर पुलिस ने भी जवाब में बदमासो पर फायरिंग की! इस मुठभेड़ में सिपाही सचिन को गोली जा लगी, गोली लगते ही सिपाही मोके पर ही ढेर हो गया! जबकि बदमास वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गये! हालाकि बदमासो को भी गोली लगाना बताया जा रहा है और साथ ही पुलिस का ये भी दावा है की घायल साथी को बदमास अपने साथ ले गये! पुलिस ने जहा मर्तक सिपाही के शव का पंचनामा भरकर पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है, वही पुलिस ने घटना में प्रयुक्त कार को अपने कब्जे में ले लिया है!

शहीद हुआ सिपाही सचिन                                           - फोटो नासिर खान 

शहीद सिपाही सचिन  के शव पर विलाप करते परिजन                                          - फोटो नासिर खान 

Monday, July 4, 2011

3 idot ka Rang youtube pr

New Delhi : (Prembabu Sharma) :
The Aamir Khan, R.Madhavan, Sharman Joshi, Kareena Kapoor and Boman Irani starrer has everything the audience wants: drama, emotions & comedy .The film has something to offer to all age groups and had appealed to the audience worldwide. This iconic movie has a simple underlying message : Aal Izz Well.
Reliance Home Video makes available this blockbuster on the digital mainstream medium aiming to enthrall fans and audiences online by releasing ‘3 Idiots’ movie, in association with Vinod Chopra Films, on YouTube, the world’s largest online video site. . The full movie will be showcased on youtube.com/ box office starting June 30 and will be available for free-viewing to audiences in India for a period of 1 month. The movie will be available in full HD (1080 px). Viewers with low broadband can view the film at 240px for smooth buffering. Users will also be able to enjoy short clips from the movie - popular scenes and other exciting footage from the making of the movie.
Produced by Vinod Chopra Films and directed by Rajkumar Hirani, this ultimate entertainer has broken all global box office records. It was the highest-grossing film in its opening weekend in India and has the all-time highest box office collections for a Bollywood film.
Sameer Rao, CEO of Vinod Chopra Films said that “ 3 Idiots has become a landmark in India’s modern cinematic history. VCF was keen to make 3 Idiots available to the online audiences as early as 2009, it is only now that a legitimate platform with the size and scale of YouTube Box Office has come into being. We have worked with Reliance Entertainment before and find that they were taking the right steps to connect with the online audience. Online Video on Demand is the way to go and VCF is happy to take a step in this direction.
On the release, Sweta Agnihotri, COO of Reliance Home Video has to say, While we are dominant players in the Home Video segment, we realize that the Internet is the new TV for the ever connected youth today. Our vision is to make our content available to Indian consumers across any screen, any where and at any time of their choice. As a part of our digital foray, getting a Blockbuster hit like 3 idiots to YouTube viewers in India is a big step for us, in terms of experimenting with this novel distribution method. We look forward to a strong and ongoing partnership with VCF and YouTube, India.”
Reliance Home Video has taken significant strides towards its objective of emerging as the dominant player in Indian Home Entertainment.
The company is also the exclusive licensee to 3 of Hollywood's prestigious studios Universal Pictures International BV, Warner Home Video, Paramount Home Entertainment Global & Dream Works Animation SKG, Inc. With its robust pan India distribution network, the company has ensured reach for the Bollywood and Hollywood products, not only in urban market but also mass markets.
Reliance Home Video has launched iconic movies like Harry Potter & The Deathly Hallows, Inception, Iron Man2, Inglourious Basterds, Sherlock Holmes, Clash of the Titans, Shutter Island, Invictus, Up in the Air, The Blind Side, Harry Potter and the Half-Blood Prince, The Godfather Trilogy and The Hangover amongst others on Blu-rayTM, DVD and VCD formats. The company has released Hindi blockbusters such as 3 Idiots, Dabangg, Kites, Once Upon a Time in Mumbaai, Lamhaa, My Name is Khan, Atithi Tum Kab Jaoge, Paa, Wake Up Sid, Jodhaa Akbar, Rock On!! & Ghajini on home video, besides prestigious regional titles like the Satyajit Ray collection.

Ratan Rajpoot Chooses her life partner

New Delhi,(Prembabu Sharma)
The wait is finally over… After weeks of speculation and amidst high drama Ratan Rajpoot, India’s chahiti bitiya chooses Delhi based Abhinav Sharma as her life partner at her glittering swayamvar ceremony hosted by Imagine TV at the Tulip Star Hotel in Mumbai on Sunday, July 3, 2011.
After all the hurdles and declarations of love, spiced up with a lot of drama, romance, laughter, fun, singing, dancing, eliminations and a host of surprises Abhinav reached his penultimate place by winning over Ratan heart.
True to the spirit and grandeur of a Swayamvar, the atmosphere around breathed an air of royalty from every aspect ranging from the ambience to the cuisine. Ratan looked stunning as a princess in a Rani Pink lehenga embellished with kundan, zardosi and swarovski, while she adorned herself with invaluable jewellery set in gold with intricate kundan and ethnic Indian jadau from Golecha Jewellers, the plush store located inBandra, Mumbai. Ratan made her decision amidst the presence of hundreds of people ranging from close friends to the who’s who of the television industry.
An ecstatic Ratan Rajpoot says 'Marriage is like a metamorphosis for a girl. I'm readying myself to enter the second phase of my life. Though I'm nervous about it I am extremely excited about what the future will bring for us.”
A delighted Abhinav Sharma said, “I am thrilled that Ratan considered me worthy enough to be her life partner. I wish to honor her decision with a life-long commitment to her. I hope to live up to her expectations and give her all the love and happiness that she truly deserves. We have decided to get engaged today, but before we take this further we both need time to know each other better off camera, and I want her to understand my family and lifestyle back in Delhi.”
Wishing the couple, Nikhil Madhok, Senior Director Marketing and Communications Imagine TV said, “We are delighted that Ratan has found a life partner in Abhinav through this Swayamvar. We are pleased to have been a part of their journey of coming together. We wish them all the very best for their future.”

दलित उत्पीड़न में बिहार चौथे नंबर प

खुशबू(इन्द्री) करनाल :
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष डॉ. पी एल पुनिया ने दलित वर्ग को जारी आरक्षण पर सवाल उठाने वालों की यहां जमकर खबर ली। उन्होंने कहा कि दलित समुदाय के लोगों को जितना हक मिलना चाहिए था, वह अभी तक नहीं मिल सका है। बावजूद इसके लोग उसे बीच में रोके जाने की बात करते हैं। उन्होंने न्यायपालिका में भी एससी-एसटी को आरक्षण दिए जाने की वकालत करते हुए कहा कि एससी-एसटी के उत्पीड़न के मामले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के बाद बिहार चौथे स्थान पर है। पुनिया रविवार को आयोग द्वारा पटना में आयोजित जागरूकता शिविर में बोल रहे थे। पुनिया ने कहा कि 63 साल की आजादी के बाद यह समाज आज भी गुरबत में है। करीब तीन सप्ताह पूर्व केंद्रीय योजना आयोग द्वारा जारी एक सर्वेक्षण के मुताबिक पूरे देश में जितने भी गरीब हैं, उसमें आधे से अधिक दलित हैं। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी समुदाय के 75 प्रतिशत लोग आज भी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की कुल आबादी में 16.2 प्रतिशत एससी एवं 8.2 प्रतिशत एसटी समुदाय की आबादी है, लेकिन उनके लिए केंद्र या राज्य स्तर पर नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था को पूरी तरह लागू नहीं की जा रही है। केंद्र में सरकारी नौकरियों में एससी के लिए 15 प्रतिशत और एसटी समुदाय के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है, लेकिन केंद्रीय स्तर पर सचिव संवर्ग के 88 पद होने के बावजूद उसमें एससी समुदाय के एक भी सदस्य को स्थान नहीं दिया गया है। पुनिया ने कहा कि आउटसोर्सिग और अनुबंध के तहत की जा रही बहाली में आरक्षण की व्यवस्था न होने से कर्मियों का शोषण भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसलिए इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। आयोग इस संबंध में जल्द ही राष्ट्रपति को पत्र भेजेगा। उन्होंने न्यायपालिका में भी एससी-एसटी को आरक्षण दिए जाने की वकालत की। पुनिया ने कहा कि एससी-एसटी के आरक्षण को लेकर अधीनस्थ अदालतों द्वारा जो कथित तौर पर भ्रांतिपूर्ण निर्णय हो जाते हैं उसकी एक रिपोर्ट बनाकर आयोग उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी की जनसंख्या के मामले बिहार का देश में 16वां स्थान है, लेकिन इस समुदाय के साथ होने वाले उत्पीड़न के मामले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के बाद यह चौथे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी को प्राप्त अधिकारों और उन्हें दी जा रही सुविधाओं से इस समुदाय को अवगत कराने के उद्देश्य से आयोग द्वारा देश के कई अन्य प्रदेशों में इस प्रकार का जागरूकता अभियान कार्यक्रम की शुरूआत की गई है और इसका असर दिखने लगा है।

STATE BANK OF INDIA ORGANISES MUSICAL EVENING

Sanjay Pahwa :
To mark observance of its Circle Establishment Day, State Bank of India Local Head Office organized a musical evening today. Sh. S.K. Sehgal, Chief General Manager, State Bank of India, Chandigarh Circle lighted the lamp to start the program.
During the mesmerizing evening of famous songs, dances and skits, State Bank Ladies Club, State Bank employees and their family members regaled the audience in a jam-packed auditorium of St. Stephen School, Sector 45, Chandigarh.
On the occasion, Sh. Sehgal said that Bank organizes various events on regular intervals to promote music, art and culture. During the previous years, State Bank of India Chandigarh Circle organized musical program by Pt. Shiv Kumar Sharma, Ms. Penaj Masani, Wadali Bros, Aslam Sabri and Vinod Sehgal.
Smt. Kavita Sehgal, President, SBI Ladies Club and General Managers of the Circle - Ms. Dipti Sahai and Sh. Supriyo Kumar Chaudhary were also present on the occasion.
Sh. Sehgal thanked the VIPs, Bank's customers and guests present during the function.

Mr. Kaushik & Gehna Bahu celebrate the Grand Opening of Mrs. Kaushik Ki Paanch Bahuein in Delhi

New Delhi: (Prembabu Sharma) :
It’s time to rejoice for the actors of Zee TV’s ‘Mrs Kaushik Ki Paanch Bahuein’ as the show has opened up to an extremely promising rating of 2.5 TVR in the very first week of telecast. In the wake of the channel’s brand rejuvenation exercise with an all-new logo and a positioning of ‘Umeed Se Saje Zindagi’, the show’s great opening reiterates that there’s always hope in life and good things come to those who strive hard for them!
Taking a well-deserved break from their grueling shoot schedule, actors Rajeev Verma and Gunn Kansara, who play the roles of Mr. Kaushik and Gehna Bahu respectively, are in the capital city today to unwind and interact with their fans.
While veteran actor Rajeev Verma has spent 2 years in Delhi finishing his Masters in Urban Design at the School of Planning and Architecture, Gunn Kansara has visited the city just once and remembers shopping her heart out at Janpath!
Verma recounts, “I went in for my post-graduation in architecture a good 13 years after my graduation. So all my batch-mates in Delhi were so much younger and always referred to me affectionately as Papa. And interestingly, I have gained all my recognition essaying roles of a Papa too! Delhi to me is all about the Bengali market, Pragati maidan, the café at Shriram Centre and the scrumptious parathas and chai @ Bahadurshah Zafar Marg. Let’s hope I get to relive the good ol’ days during this visit!”
Gunn is all excited about bingeing at Nirula’s and try the steaming momos off the streets. About the show, she adds, “It’s extremely encouraging that the show has met with a great response right at the outset. With such apt casting and all of us putting in natural performances, we’re confident the show will click in the times to come!”
‘Mrs. Kaushik Ki Paanch Bahuein’ follows the life of Mrs. Kaushik, a strict disciplinarian, who expects her family to live by her rule-book. She has selected her 4 obedient bahus with a lot of care, each of them representing an element of nature such as earth, water, fire and air. Together, she believes, they are a well-balanced lot, making up for each other’s strengths and weaknesses. Mrs. Kaushik is now in search of her 5th bahu who she expects will be a combination of all her 4 bahus and above all else, a completely truthful person. All hell breaks loose when Lovely, a bright-eyed, vivacious rebel who doesn’t mind bending the rules and lying for a good cause enters the household as the fifth bahu …
Stay tuned to Mrs Kaushik Ki Paanch Bahuein every Monday to Thursday  at 10 PM only on Zee TV.

Benaf Patel enter Chhoti Bahu

New Delhi (Prembabu Sharma) :
After playing the vamp Ganga in Zee TV’s show Jhansi Ki Rani, Benaf Patel is all set to enter Chhoti Bahu as Radhika’s childhood friend, Barkha. Dev (Avinash Sachdev) and Radhika (Rubina Dilaik) are currently on a run to save their lives from Rohan (Saurav Chakravarty). In the middle of their getaway, they will accidentally meet Barkha who will bail them out of their plight and will be instrumental in helping Dev and Radhika return home .
Says Benaf, "Barkha is a childhood friend of Radhika. Barkha has grown into a bubbly, mature girl who is a physiotherapist by profession and will help Dev and Radhika to get back to the Raj Purohit house. Currently my role is very integral to the story as I’m going to Dev and Radhika’s eyes & ears inside their house. I enter the Raj Purohit house with an agenda to put the wrongdoers at task.”
Benaf’s entry will give rise to many interesting twists in the storyline….Watch Chhoti Bahu , Mon- Friday at 7:30pm only on Zee TV.

जम्मू-कश्मीर में पहली बार पंचायती राज

खुशबू (इन्द्री) :
जम्मू पंचायती राज कानून देश में भले ही तीन दशक पहले लागू हो गया हो, लेकिन जम्मू कश्मीर में तो यह पहली बार पूर्णतया और प्रभावी रूप से लागू होने जा रहा है। सूबे के 22 जिलों की 81 तहसीलों के 7050 गांवों में तीन महीनों तक चली 16 चरणों वाली चुनाव प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। राज्य सरकार 30 जून कर पंचायती राज अधिनियम 1989 के तहत नोटिफिकेशन जारी कर सूबे में पंचायती राज लागू कर देगी। इसके साथ ही ग्रामीणों को दस साल बाद एक बार फिर अपने फैसले खुद करने का अधिकार हासिल हो जाएगा। इतना ही नहीं, राज्य को केंद्र की ओर से ग्रामीण विकास के लिए सालाना करीब पांच सौ करोड़ की राशि जारी होने लगेगी, जो पंचायतें न होने के कारण पिछले पांच सालों से नहीं मिल रही थी। राज्य के विभिन्न 22 जिलों की 81 तहसीलों के 7050 गांव हैं, जिनमें 16 चरणों में मतदान की प्रक्रिया 18 जून तक चली। इनमें 4130 सरपंच और 29719 पंच चुने गए हैं। राज्य के कुल 143 ब्लॉकों में से 141 की डाटा एंट्री की प्रक्रिया जोरों पर है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीआर शर्मा 27 जून को कारगिल के दो ब्लॉकों में चुनाव करवाने के बाद पंचायत चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने संबंधी सारा डाटा सरकार को सौंप देंगे। इसके मिलते ही राज्य सरकार पंचायतीराज अधिनियम 1989 के तहत नोटिफिकेशन जारी कर देगी। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए लोगों को पंचायत चुनाव का वर्षाें से इंतजार था। नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकाल में 2001 में राज्य में 23 साल बाद पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन यह पहले चरण तक ही सिमट गई थी। कश्मीर घाटी की अधिकतर पंचायतों में चुनाव न होने से पंचायती राज औपचारिकता बनकर रह गया था। 2006 से राज्य में पंचायतों को भंग किए जाने के बाद से चुनाव का इंतजार हो रहा था। चुनाव न होने से राज्य को गत पांच सालों में अरबों का नुकसान हुआ, क्योंकि केंद्र सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए चिह्नित योजनाओं के लिए धनराशि जारी ही नहीं की। सूबे के पंचायती राज्यमंत्री एजाज अहमद खान का कहना है कि सरकार पंचायती राज कायम करने के प्रति गंभीर है। पंचायती राज के तीन चरणों को प्रभावी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा, 2001 के पंचायत चुनाव में राज्य में 38,02,302 मतदाता थे, जबकि 2011 में 50,68,975 लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया। राज्य में दस साल पूर्व 2702 सरपंच व 20559 पंच पद थे। एक दशक के इस अंतराल में राज्य में आठ नए जिले व 22 नए ब्लॉक बने। नए जिलों का गठन 2007 में हुआ। खान ने कहा, अब सरकार के लिए अगली चुनौती पंचायत कमेटियां, उनके चेयरमैन, जिला विकास बोर्ड के चेयरमैन व विधान परिषद के दो एमएलसी बनाना होगा।

Wednesday, June 29, 2011

मुज़फ्फरनगर में प्रदर्शनी को निहारती महिला

मुज़फ्फरनगर में प्रदर्शनी को निहारती महिला - फोटो : नासिर खान, मुज़फ्फरनगर

Tuesday, June 21, 2011

महिला उत्पीड़न पर घिरी माया सरकार:अपराधो पर र्प्क लगा पाने में साबित हो रही असफल

खुशबू(इन्द्री) :
यूपी में महिलाओं पर अत्याचार-दुराचार की घटनाओं में अचानक हुई बेतहाशा वृद्धि हो रही है! इस वक्त यूपी में हवस और द्र्न्दगी के जीते जागते नजारे देखने को मिल रहे हैं! भाजपा ने महिला उत्पीड़न मामलों की जांच के लिए समितियां गठित की हैं। सूबे की बिगड़ती कानून व्यवस्था और सरकारी कार्यशैली के विरोध में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कटियार वरिष्ठ नेताओं के साथ मंगलवार को धरने पर बैठने जा रहे हैं। कांग्रेस ने भी जुलाई माह में राजधानी लखनऊ में जोरदार प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। सपा नेता व नेता प्रतिपक्ष शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि माया सरकार ने सूबे को दुराचार प्रदेश बना दिया है। मुख्यमंत्री किसी से मिलती नहीं हैं। पुलिस पूरी तरह निरंकुश है। अपराधी स्वच्छंद हैं। अभी तक सरकार खुद अपराधियों को संरक्षण दे रही थी, अब उन्हें (अपराधियों) रोकना उसके वश के बाहर की बात हो गयी है। मायावती को नैतिकता के आधार मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। भाजपा ने निघासन कांड (सोनम की हत्या का मामला) के बाद बाराबंकी के भिटोखर मामले (सविता मौर्य की हत्या) और गया प्रसाद की पुलिस हिरासत में मौत के मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कटियार स्थानीय बसपा विधायक की भूमिका संदिग्ध बताते हुए मंगलवार को बाराबंकी के बाबागंज बाजार में प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही व अन्य प्रमुख नेताओं के साथ एक दिनी धरने पर बैठेंगे। दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर होने वाले इस प्रदर्शन के अगले ही दिन यानी बुधवार को साध्वी उमा भारती भी मृत सविता व गयाप्रसाद मौर्य के परिजनों से मिलेंगी। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने इस मामले में कांग्रेस को भी लपेटा है। उन्होंने संप्रग पर प्रदेश सरकार को बचाने का आरोप लगाया और कहा, संविधान के अनुच्छेद 355 के तहत केंद्र द्वारा ध्वस्त कानून व्यवस्था के सवाल पर जवाब तलबी क्यों नहीं की जा रही। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने बसपा को महिलाओं की दुश्मन नंबर एक बताते हुए कहा, महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद प्रदेश में महिलाएं ही सर्वाधिक असुरक्षित है। कांग्रेस बसपा सरकार की महिला विरोधी कार्यशैली का सच जनता तक पहुंचाने को जुलाई के प्रथम सप्ताह में लखनऊ में महिलाओं का बड़ा प्रदर्शन करेगी!

महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम:महिलाओं को समर्पित देश का पहला हाट तैयार

खुशबू(इन्द्री) :
नई दिल्ली महिलाओं को समर्पित देश में पहला महिला हाट जल्द ही गुलजार होने जा रहा है। स्टॉल सिर्फ महिलाओं को ही सामान की बिक्री के लिए आवंटित किए जाएंगे। साथ ही इनमें खरीददारी करने के लिए सिर्फ कपल्स को ही जाने की इजाजत होगी। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के मकसद से एमसीडी ने वर्ष 2007 में इसका निर्माण शुरू किया था। तत्कालीन मेयर आरती मेहरा ने इसकी नींव रखी थीं। गत महीने जब निर्माण कार्य संपन्न हुआ तो एमसीडी ने वह शर्ते भी तैयार कर ली जिसके आधार पर महिलाओं को स्टॉल आवंटित किए जाएंगे। राजधानी के दक्षिणी, बाहरी और पश्चिमी दिल्ली स्थित आईएनए, पीतमपुरा और जनकपुरी दिल्ली हाट की तर्ज पर एमसीडी ने महिला हाट तैयार किया है। आसिफ अली रोड की भूमिगत पार्किग के ऊपर बने इस हाट की खासियत यह होगी कि यहां के 39 स्टॉल सिर्फ महिलाओं को आवंटित किए जाएंगे। इसे वे चलाएंगी। खाने-पीने के सामान की बिक्री के लिए जो दो कैफेटेरिया बनाए गए हैं, इनका संचालन भी महिलाएं करेंगी। कैफेटेरिया का लाइसेंस दो साल के लिए एमसीडी जारी करेगी। हस्तकरघा सामान की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए एक महिला को 30 दिन के लिए ही स्टॉल दिए जाएंगे। 80 फीसदी स्टॉल दिल्ली की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। बाकी स्टॉल अन्य राज्यों की महिलाओं के लिए होंगे। एक साल में कोई महिला सिर्फ एक बार ही स्टाल अपने नाम बुक करा सकेगी। स्टॉल के एवज में उन्हें एक हजार रुपये बतौर फीस के रूप में एमसीडी को देना होगा। सुबह 10 बजे से रात नौ बजे तक महिला हाट खुला रहेगा। एमसीडी के प्रवक्ता दीप माथुर बताते हैं कि इसका मकसद यह था कि दिल्ली के अन्य इलाकों की तरह मध्य दिल्ली में भी हाट हो। बाद में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के मकसद से इसे महिला हाट बनाने का फैसला लिया गया। यह बनकर तैयार हो चुका है। इसके आवंटन आदि की शर्ते बुधवार को स्थायी समिति की बैठक में प्रस्तुत की जाएंगी। स्थायी समिति व सदन से स्वीकृति मिलते ही महिला हाट में स्टॉल आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

Now, free condoms, contraceptives at your doorstep!

The government will shortly launch a scheme to make male and female contraceptives available at people's doorsteps in a major bid to boost population control efforts, Health and Family Welfare Minister Ghulam Nabi Azad said.…

Sanjay Pahwa , Chandigarh / Mumbai :
The government will shortly launch a scheme to make male and female contraceptives available at people's doorsteps in a major bid to boost population control efforts, Health and Family Welfare Minister Ghulam Nabi Azad said.
Accredited Social Health Activists (ASHA) volunteers would promote the use of contraceptives - both male and female - at the household level in targeted districts, he said.
'Under the scheme, the centre will make available contraceptives free of cost at the block level, from where ASHA volunteers will pick up their supplies,' Azad said, addressing the 53rd Convocation of the International Institute of Population Sciences (IIPS) here.
Azad said the 2011 Census shows that efforts towards population stabilisation have yielded results.
'We have succeeded in reducing both fertility and mortality rates substantially and increasing the average life expectancy of the Indian population,' he said but expressed concern at the large regional disparities in demographic outcomes across different Indian states.
For instance, he said the Empowered Action Group (EAG) States, like Uttar Pradesh, Uttarakhand, Bihar, Jharkhand, Rajasthan, Orissa, Madhya Pradesh and Chhattisgrah - where 45 percent of India's population resides - lag behind the rest of the country in both fertility and mortality rate decline.
Azad emphasised that the government was committed to providing quality and universal health care to the rural population through the National Rural Health Mission (NRHM).
'The funding to the health sector is going to be increased from the present level of less than 1 percent of GDP to 2-3 percent of GDP during the 12th Five Year Plan (2012-17),' he said.
He also said that under the newly-launched Janani-Shishu Suraksha Karyakram (JSSK), the government has made child deliveries at government health institutions completely free.
Launched June 1 this year, the scheme provides for free diagnostic tests including ultrasound, free medicine, free provision of blood, free diet up to three days for normal delivery and up to seven days in case of caesarean births and even free to and fro transport from home to hospital to all pregnant women, Azad said.
The IIPS is a premier academic institution in the field of population studies.
It has trained over 3,000 students and professionals in the field from India and several Asian countries including China, Indonesia, Thailand, Vietnam and others.
It is renowned for its expertise in conducting large scale surveys, the results of which help the policy makers in formulating appropriate responses

Sunday, June 19, 2011

निम्ब्री के युवा सरपंच की हत्या

पानीपत, विजय काम्बोज : 
तीन  दिन पूर्व कुछ लोगों द्वारा पीटकर गंभीर रुप से घायल किए गए  हरियाणा के पानीपत जिले  के गांव निंबरी के युवा सरपंच की दिल्ली के एक निजी अस्पताल में आज मौत हो गई। सरपंच राजेष कुमार को पिछले साल हुए पंचायत चुनाव में सरपंच चुना गया था और 22 साल का राजेष कुमार जिले में सबसे छोटी आयु का सरपंच था।  बताया गया है कि गली में मिट्टी डलवाने के मामले को लेकर कुछ लोगों के साथ हुए झगडे में तीन दिन पहले सरपंच पर पांच लोगों ने जानलेवा हमला कर उसे घायल कर दिया था। हमले में राकेश  को काफी चोटें आई थीं और उसे दिल्ली रैफर कर दिया गया था। इस संबंध में पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया था जबकि तीन अन्य लोग फरार हैं। पुलिस के मुताबिक सरपंच की मौत होने के बाद अब मामले को हत्या के मामले में तबदील कर दिया गया है। राकेश  के शव  का दिल्ली में पोस्टमार्टम न हो पाने के चलते उसे अभी तक गांव नहीं लाया जा सका है। 

धर्मबीर सिंह खर्ब एसएचओ सदर थाना 
ने बताया कि पानीपत के गांव निंबरी में हुई एक सनसनीखेज वारदात में युवा सरपंच राकेश  की मौत हो गई। 22 वर्षीय  राकेश  को पिछले साल हुए पंचायती चुनाव में सरपंच पद मिला था। युवा सरपंच राकेश  की कुछ महीनो पहले ही शादी हुई थी !   राकेश  गांव में कुछ विकास कार्य करवा रहा था। इस दौरान एक गली में मिट्टी डलवाई जानी थी। राकेश  मिट्टी डलवाने का कार्य करवाना चाहता था जबकि गांव के ही कुछ लोग इसका विरोध कर रहे थे। तीन दिन पहले इसी मुद्दे को लेकर राकेश  और गांव के बिजेंद्र के बीच झगडा हुआ था और बात धक्का मुक्की तक पहुंच गई थी। कुछ लोगों ने बीच बचाव करते हुए दोनों को समझा दिया था लेकिन शाम  के समय जब राकेश  घर की तरफ जा रहा था  तब बिजेंद्र ने अपने चार साथियों को साथ लेकर तेज धारदार हथियारों से राकेश   पर हमला बोल दिया। इसमें राकेश  के शरीर  पर काफी चोटें आई थीं और वह गंभीर रुप से घायल हो गया था। उसे शहर  के एक निजी अस्पताल में लाया गया लेकिन हालत गंभीर होने पर उसे दिल्ली रैफर कर दिया गया था जहां आज उसकी मौत हो गई।  दिल्ली में पोस्टमार्टम न होने के चलते राकेश  का शव  आज शाम  तक भी पानीपत  नहीं लाया जा सका। 

मैं अपने अभी तक के काम से सतुष्ट हॅू: मोना सिंह

प्रेमाबाबू शर्मा, दिल्ली : 
मॉडल व टीवी एक्टैस मोना सिंह ने सोनी चैनल पर प्रसारित धारावाहिक ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ में जस्सी के किरदार से मिली पापुलटी को भुनाते हुए रियलिटी शो मीठी छुरी नः वन, ‘झलक दिखला जा’, ‘शादी तीन करोड़ की’ और ‘इंटेरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’ में बतौर एंकर के रूप में  काम किया। छोटे परदे के अलावा मोना ने  फिल्मों में भी दस्तक दी और  थ्री इंडियट,उठा पटक और लक्ष्मण रेखा जैसी फिल्मों में प्रभावी भूमिकाओं का निभाया। इसमें दो राय नही की मोना खूबसूरत तो है ही ,साथ ही बतूनी और एक मंझी कलाकार भी। इन दिनों मोना सिंह एक बार फिर से सुर्खियों में अपने नये रियलिटी शो ‘इंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’ के सीजन 4 के लिए,जिसमें वे एंकर के रूप में ही आ रही हैं। शो इन दिनों सोनी टीवी पर सोमवार से गुरुवार रात नौ बजे प्रसारित हो हैं। मोना का क्या कहना है अपने नये शो और करियर के बारे में ।जस्सी जैसे चर्चित किरदार को निभाने के बाद में आप टीवी पर दुबारा अभिनय करती नजर नही आई ?अभिनय मेेरे खून में भरा है, लेकिन मुझे टीवी पर काम करने के लिए जिस तरह के किरदारों के प्रस्ताव मिले वे सब जस्सी के मुकाबले कमजोर थे मेरेे लिए जरूरी था कि मैं छोटे परदे पर यदि किसी सीरियल में अभिनय करूं तो वह ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ से कई गुना ज्यादा बेहतर हो। लेकिन जब मुझे जब एंकरिंग के मौके मिलने लगे तोे मैंने एंकरिंग की। आप हर किरदार की तुलना जस्सी से क्यों करती हो ?अभिनय मैं पैसे के लिए नही, बल्कि मन की सतुष्टी के लिए करती हॅू। पैसा भले ही कम मिले किन्तु रोल तो बेहतर हो। वैसे भी जस्सी का रोल मेरेे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था और मैने भी  अपनी ओर से भरपूर मेहनत की ताकि कोई कमी ना रह जाए। इसलिए जस्सी किरदार से तुलना करती हॅ।आपको ऐसा लग रहा कि टीवी पर जिस प्रकार के किरदार दिखाये जा रहे है वे आपके मन मुताबिक नही है ?ऐसा मैंने कब कहा। चैनलों के बीच बढती प्रतिस्पर्धा के चलते अब अच्छी कहानी पर धारावाहिक बन रहे है और नये कलाकारों को भी अच्छा काम मिल रहा है लेकिन मैं जिस तरह का रोल चाहती हॅू वो नही मिल रहे। क्योकि मैं स्वयं को एक कलाकार के रूप में एक्सप्लोर करना चाहती है।तो क्या एंकरिंग से मन की सतुष्टी मिल रही है ?एंकरिंग एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां हम अपने आपको बेहतर तरीके से पेश कर सकते है। मंच संचालन करते हुए भी आपको कुछ न कुछ नया करने का पूरा मौका मिलता रहता है और उसमें किसी प्रकार बंधन या दबाव भी नही होता हैं।मैंने अब तक जो भी और जितना काम किया है  उससे पूरी तरह से सतुष्ट हॅू।चर्चा है कि ‘इंटेरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’ के सीजन चार में आपका एक नयी और अलग प्रकार की लुक देखने को मिलेगी अंदाज ?मैं आपको एक राज की बात बता ही देती हॅू कि  इसकी एक कडी में मैं दर्शक के बीच एक सिख किरदार में भी नजर आऊॅगी,अभी तो इसका प्रसारण शुरू हुआ है। आगे-आगे देखिएगा। बहुत कुछ नया नजर आएगा। ‘इंटेरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’ क्या खास बात है?‘इंटेरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’ लोगों को कुछ करने के लिए प्रेरित करता है। इसके पहले तीन भाग काफी हिट रहे है। बल्कि यूं कहे कि ये एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां देश में छिपी प्रतिभाओं को अपनी कला को दिखाने का मौका एक मंच पर मिल रहा है। लेकिन शो के सीजन तीन में जज अनु मलिक व फरहा खान ने तो अपनी तीखी प्रत्ििरक्रया से कई कलाकारों का मनोबल ही तोड दिया था?इस बारे में मै ज्यादा नही कह सकती लेकिन सीजन चार मे दोनों ही जज किसी को भी हतोत्साहित नहीं करते हैं।क्या आपने टीवी पर अभिनय सतुष्टी ना मिलने के कारण ही फिल्मों की ओर रूख किया था ?ऐसा कुछ नही है । मुझे जब थ्री इंडीयट मे काम का प्रस्ताव मिला और फिल्म की कहानी के मुताबिक मुझे रोल दमदार लगा मैने फिल्म कर ली और बाद में लोगों ने मेरे काम को भी पंसद किया । हाल में रीलिज फिल्म उठापटक में भी मेरा काम बेहतर है। फिल्मों में किस तरह के किरदारों को महत्व देना चाहती है? मैं फिल्मों में किसी एक टाईप्ड रोल की अपेक्षा विविधतापूर्ण किरदारों को निभाना चाहती हॅू , मुझे लटके झटके या फिर ग्लैमरस की आड में सैक्सी सीन वाले किरदारों पंसद नही है। मैं उसी तरह के चरित्र निभाना चाहती हूं जिस तरह के चरित्र स्मिता पाटिल, शबाना आजमीे विद्या बालन या कोंकणा सेन शर्मा निभा रही हैं।