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Saturday, April 30, 2016

परिणय सूत्र में बंधे जोडे़

-प्रेमबाबू शर्मा
दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री संदीप कुमार की उपस्थिति में दिल्ली व एनसीआर के 51 जोडे़ शादी के बंधन में बंधे। सामाजिक संस्था वल्र्ड ब्रदर्सहूड आॅर्गेनाइजेेशन की ओर से राजेन्द्र नगर पूरा रोड स्थित चेतनदास पार्क में आयोजित पांचवां सामूहिक विवाह समारोह में 51 युवक-युवतियों ने सर्वधर्म गुरूओं के समक्ष शादी के बंधन में बंधे। 
आयोजकों द्वारा सभी जोड़ों को घर गृहस्थी का आवश्यक सामान उपहार स्वरूप भेंट किया। इस मौके पर हांस्य कवि सुरेन्द्र शर्मा, जिला पुलिस आयुक्त परमादित्य,एसीपी अभिषेक दहिया और संस्था महासचिव एस एस मारवाह,संजय मलिक,अनिल कुमार जैन,इकवाल सिंह जगदेवा उपस्थित थे।
 
शाम को आयोजित भजन संघ्या में वृदावन से आये हरे रामा हरे कृष्णा मंडली, मशहूर सूफी गायक निजामी ब्रदर्स और मोहित चोपड़ा द्वारा गाये सांई  भजन और राधा कृष्ण रास ने मनमोह लिया।  

मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे ले जाना चाहते है - रेणु भार्गव

नई दिल्ली। मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे ले जाना चाहते है। यह कहना है जस्ट डिजाइनल संस्थान की कार्यकारी निदेशक रेनू भार्गव। उनका कहना है कि इससे  निश्चित दौर पर लोगों को रोजगार मिलेगाऔर अब हम इंडिया इंटरनेशनल स्टाइल वीक में हम कुछ अलग करेगें। जस्ट डिजाइनल संस्थान के छात्रों द्वारा देश के अनेक शहरों में अपने डिजाइन पेश करने की योजना है। दिल्ली में फैशन शो की कामयाबी के बाद में जस्ट डिजाइन संस्थान के 20 छात्र राजस्थान की राजधानी जयपुर में फैशन शो करने जा रहे है।
इस दौरान देश-विदेश की 36 मॉडल्स रैंप पर अपना जलबा बिखेगी। बॉलीवुड की हस्तियां के अलावा चार मशहूर डिजाइनर भी भाग लेंगे। यह जानकारी संस्थान की कार्यकारी निदेशक रेनू भार्गव ने दी। क्षेत्र से जुडी कई हस्तियां में अखिलेश अग्रवाल, लोकेश शर्मा, दीपाली चुंग, गजल मिश्रा और जेडी महेश्वरी शो का हिस्सा होगें। 

इस दौरान संस्थान के बच्चों द्वारा डिजाइन किये गये कपड़े मॉडल द्वारा प्रदर्शित किये गये। रेनु भार्गव ने कहा देश में लोग बाजार में उपलब्ध डिजाइन की तरफ जाने लगे हैं। फिर भी लोगों का अभी और जागरूक होने की जरूरत है। हम फैशन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे ले जाना चाहते है। हम मेक इंन इंडिया पर ज्यादा फोकस कर रहे है। इससे निश्चित दौर पर लोगों को रोजगार मिलेगा। इंडिया इंटरनेशनल स्टाइल वीक में हम कुछ अलग करेगें। योग, वस्तु, मिर्च-मसाले पर कुछ कलेक्शन तैयार किये हैं। इस बार हमारी थीम प्रकृति और आकाश से जुड़े रंग से जुड़े कलेक्शन की है। अब तो फैशन के क्षेत्र में पुरूष भी सफल हो रहे हैं। ड्रेस डिजाइन की आज हर जगह जरूरत है। यह अच्छी बात है कि अब देश के छोटे-छोटे शहरों से इस क्षेत्र से जुड़ी प्रतिभायें आने लगी है। जयपुर में हाथ के कलाकारों की बड़ी जामात रहती है इसलिए बच्चों को उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। इस दौरान समर एडीसन का लॉच हुआ। जिसके  निदेशक अखिलेश अग्रवाल ने कहा देश के मशहूर डिजाइनर जिन्होंने विदेशों में खूब नाम कमाया है। वे इंडिया इंटरनेशनल वीक में हिस्सा लेगें। युवा डिजाइनरों को काफी कुछ दिखने और सीखने को मिलेगा। हम जल्दी ही विटर एडीसन लॉंच करेंगें। अगले सीजन में इंटरनेशनल फैशन डिजाइनर दो दिवसीय फैशन वीक का आयोजन करेगा। इस दौरान कई शानदार कलेक्शनों का प्रदर्शन किया जाएगा। आज डिजाइनर किसी पहचान के मोहताज नहीं है। हैदराबाद फैशन वीक में कई नये डिजाइनर सामने आये।     

सरदार भगत सिंह का अपमान नहीं करेंगे सहन

-प्रेमबाबू शर्मा दिल्ली विश्वविधालय में पढ़ाई जा रही किताब में शहीद भगत सिंह को क्रांतिकारी आतंकवादी लिखे जाने के विरोध में हिन्दुस्तान उत्थान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानेश कुमार चैहान एवं राष्ट्रीय महासचिव ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि ‘कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अगर जल्द हीे इस पुस्तक को पढ़ाये जाने से ना रोका गया तो हम देशभक्त सरदार भगत सिंह का यह अपमान सहन नहीं करेंगे और देश में बड़ा आंदोलन चलाएंगे। उन्होंने कहा कि‘युवाओं के प्रेरणास्रोत और देश को आजाद कराने की लड़ाई में फांसी पर लटककर बलिदान देने वाले महान देशभक्त सरदार भगत सिंह को आज क्रांतिकारी आतंकी बताया जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविधालय में मृदुला मुखर्जी और विपिन चंद्रा की पुस्तक इंडियाज स्ट्रगल फाॅर इंडीपेंडेंस पढ़ाई जा रही है, जिसमें शहीद-ए-आजम भगत सिंह को कथित रूप से क्रांतिकारी आतंकवादी बताया जा रहा है। 
पुस्तक इंडियाज स्ट्रगल फाॅर इंडीपेंडेंस के 20वें अध्याय में भगत सिंह को क्रांतिकारी आतंकवादी बताया जाना बेहद आपत्तिजनक है।


अनिल कपूर का सोशल वीडियो में लाइव हुआ

-प्रेमबाबू शर्मा
 
अभिनेता अनिल कपूर से समर्थन प्राप्त व इंडि डाॅट कामद ने भारतीय बाजार में 28 अप्रैल से अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है जिसका मकसद प्रतिभा खोज को लोकतांत्रिक बनाना और ब्रांडों की सोशल मीडिया ऐंगेजमेंट को बढ़ावा देने का काम शुरू किया।   
इंडि डाॅट कामद की स्थापना 2012 में दक्षिण कैलीफोर्निया में हुई थी शुरुआत में यह बतौर आॅनलाइन आर्टिस्ट कन्सोर्टियम काम करता था। आज 200 से ज्यादा देशों के लोग इसे ऐक्सैस करते हैं, यह प्लैटफाॅर्म ब्रांडों के लिए व्यापक संसाधन के तौर पर काम करता है और ज्यादा अर्थपूर्ण व गहरी सोशल मीडिया गतिविधियां करता है। इस प्लैटफाॅर्म पर ब्रांड चुनौतियां व काॅन्टेस्ट शुरु कर सकते हैं।
इंडि डाॅट कामद के साथ जुड़ने पर विख्यात अंतर्राष्ट्रीय सेलिब्रिटी अनिल कपूर ने कहा, ’’भारत में इंडि डाॅट कामद के लांच पर मैं बहुत खुश हूं जो 28 अप्रैल से शुरु लोगों के बीच होगा। 
हमारे पास बहुत सी शैलियां हैं जैसे अभिनय, गायन, रिटेल ब्रांड, उद्यमिता, फैशन व माॅडलिंग आदि तथा बहुत कुछ अभी आने को है। हमारे लांच चैनल पार्टनर भी अहम अवसर व पुरस्कार दे रहे हैं तो इस वजह से हम काफी सकारात्मक हैं कि भारतीय लोग भी इंडी पर आने को उत्साहित होंगे और अपनी दिलचस्पियों के मुताबिक चुनौतियां स्वीकार करेंगे।’’
 

टाइगर श्राॅफ और श्रद्धा कपूर ने रंग जमाया ‘द ग्रेट इंडिया प्लेस माॅल’ में

-प्रेमबाबू शर्मा


 ऐंटरटेनमेंट सिटी लि. का ग्रेट इंडिया प्लेस माॅल में फिल्म बागी के प्रमोशन के लिए टाइगर श्राॅफ और श्रद्धा कपूर आये,और उन्होंने अपनी बहुमुखी शैली में दर्शकों के बीच रंग जमाया। 

इस कार्यक्रम में ऐंटरटेनमेंट सिटी लि. के मुनीष बलदेव ने कहा, ’’अपने हाई-ऐंड लाइफस्टाईल, फैशन और लैज़र गतिविधियों की वजह से द ग्रेट इंडिय प्लेस माॅल नोएडा व एनसीआर के लोगों के लिए एक प्रीमियम डेस्टीनेशन है। लोकप्रिय फिल्मस्टार्स टाइगर श्राॅफ व श्रद्धा कपूर के साथ फिल्म बाग़ी के लांच के लिए इसे चुना जाना फिर से यह पुख्ता करता है कि द ग्रेट इंडिया प्लेस माॅल का रुतबा इस क्षेत्र में प्रीमियम रिटेल व हाॅस्पिटैलिटी प्राॅपर्टी के तौर पर बहुत महत्वपूर्ण है।’’

बिकाऊ चेहरों का बाजार...!!



तारकेश कुमार ओझा
दुनिया को बदल कर रख देने वाले कंप्यूटर- इंटरनेट और स्मार्ट फोन बनाने वालोॆं ने क्या कभी हाथों में माइक पकड़ कर भाषण दिया। अविष्कार से पहले कभी दावा किया कि उसकी क्या योजना है , अथवा अविष्कार के बाद भी कोई सामने आया कि उसने किस तरह ये चीजें बना कर मानवता पर उपकार किया। आज से महज एक दशक पहले तक सेलफोन के तौर पर चुनिंदा हाथों तक सीमित रहने वाला मोबाइल आज यदि हर हाथ की जरूरत बन गया है तो उसे इस मुकाम तक पहुंचाने वालों ने क्या कभी ऐसा दावा किया था या लंबे - चौड़े भाषण दिए थे। टेलीविजन पर जब कभी किसी को लच्छेदार बातें करता देखता हूं तो मेरे मन में यही सवाल बार - बार कौंधने लगता है। बेशक लुभावनी बातें मुझे भी लुभाती है। लेकिन दिमाग बार - बार चुगली करता है कि ऐसी लच्छेदार बातें पहले भी बहुत सुनी। लेकिन दुनिया अपनी तरह से आगे बढ़ते हुए चलती है। सिर्फ बोलने - कहने से कुछ नहीं हो सकता। लेकिन बिकाऊ चेहरों के बाजार को क्या कहें जिसे हमेशा ऐसे चेहरों की तलाश रहती है जो बाजार में बिक सके। वह चेहरा किसी क्रिकेटर का हो सकता है या अभिनेता का अथवा किसी राजनेता का। बाजार में बिकाऊ चेहरों की मांग इस कदर है कि अब इसे उन चेहरों को भु नाने से भी परहेज नही जो गलत वजहों से चर्चा में आए । बिकाऊ चेहरों के इस बाजार को पोर्न स्टार को भी सेलिब्रेटी बनाने में कोई हिचक नहीं। पिछले कुछ दिनों से टेलीविजन चैनलों पर कन्हैया कुमार को छाया देख मुझे भारी आश्चर्य हुआ। मैं खुद से ही सवाल पूछने लगा कि कहीं जनलोकपाल बिल वाला 2011 का वह ऐतिहासिक आंदोलन  वापस तो नहीं लौट आया। क्योंकि ऐसा लग रहा था  जैसे अन्ना हजारे या अरविंद केजरीवाल का कोई नया संस्करण हमारे हाथ लग गया हो। जब देखो किसी न किसी बहाने कन्हैया की चर्चा।कोई उसके गांव - गली की खबरें दिखा रहा है तो कोई एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पूछ रहा है कि शादी कब रह रहे हैं। ऐसे सवाल तो साधारणतः फिल्मी हीरो या हीरोइनों से ही पूछे जाते हैं।  न कोई ब्रेक न व्यावसायिक व्यवधान। जब लगता कि यह कन्हैया डोज कुछ ज्यादा हो रहा है और दर्शक शायद इसे पचा नहीं पाए तभी बताया जाता कि फलां - फलां ने कन्हैया के समर्थन में ट्वीट किया है। आश्चर्य  कि जेएनयू में विवादास्पद नारे दूसरे छात्रों ने भी लगाए। लेकिन छाया सिर्फ कन्हैया है क्योंकि उसे बोलना आता है। बेशक उससे पहले कुछ ऐसा ही हाइप उमर खालिद ने भी लेने की कोशिश की। लेकिन वह ज्यादा सफल नहीं हो पाया। फिर पता चला कि वामपंथी कन्हैया से चुनाव प्रचार कराने की भी सोच रहे हैें। सही - गलत तरीके से रातोरात मिली इस प्रसिद्धि पर कन्हैया का खुश होना तो स्वाभाविक है। लेकिन उसे नहीं भूलना चाहिए कि बिकाऊ चेहरों का यह बाजार हर किसी को भुनाने में  माहिर है। मंडल कमीशन के बाद 80 के दशक का आरक्षण विरोधी आंदोलन जिन्हें याद होगा, वे राजीव गोस्वामी को शायद नहीं भूलें होगे जो आरक्षण के विरोध में अपने शरीर पर सार्वजनिक रूप से  आग लगा कर कन्हैया कुमार की तरह ही देश - दुनिया में छा गया था। तब चैनलों का  कोई प्रभाव तो नहीं था। लेकिन तत्कालीन पत्र - पत्रिकाओं में राजीव की खूब तस्वीरें और खबरें छपी थी। लेकिन कुछ साल बाद आखिरकार राजीव गोस्वामी एक दिन गुमनाम मौत का शिकार बना। 2008 से 2009 तक माओवाद प्रभावित जंगल महल में छत्रधर महतो को भी बिकाऊ चेहरों के बाजार ने जम कर भुनाया। चैनलों पर हर वक्त किसी न किसी बहाने छत्रधर महतो का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू हमेशा दिखाया जाता। लेकिन पकड़े जाने के बाद से छत्रदर महतो  का परिवार आज गुमनाम जिंदगी जी रहा है। जिसकी ओर देखने तक की फुर्सत आज उन्हीं के पास नहीं है जिसने कभी उसे हीरो की तरह पेश किया था। सही या गलत तरीके से  हीरो बनने या बनाने से बेशक किसी को फर्क नहीं पड़ता, लेकिन डर इसी बात का है कि इसके चलते समाज में बदनाम होकर नाम कमाने का नया ट्रेंड न चल निकले।

Saturday, April 30, 2016

परिणय सूत्र में बंधे जोडे़

-प्रेमबाबू शर्मा
दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री संदीप कुमार की उपस्थिति में दिल्ली व एनसीआर के 51 जोडे़ शादी के बंधन में बंधे। सामाजिक संस्था वल्र्ड ब्रदर्सहूड आॅर्गेनाइजेेशन की ओर से राजेन्द्र नगर पूरा रोड स्थित चेतनदास पार्क में आयोजित पांचवां सामूहिक विवाह समारोह में 51 युवक-युवतियों ने सर्वधर्म गुरूओं के समक्ष शादी के बंधन में बंधे। 
आयोजकों द्वारा सभी जोड़ों को घर गृहस्थी का आवश्यक सामान उपहार स्वरूप भेंट किया। इस मौके पर हांस्य कवि सुरेन्द्र शर्मा, जिला पुलिस आयुक्त परमादित्य,एसीपी अभिषेक दहिया और संस्था महासचिव एस एस मारवाह,संजय मलिक,अनिल कुमार जैन,इकवाल सिंह जगदेवा उपस्थित थे।
 
शाम को आयोजित भजन संघ्या में वृदावन से आये हरे रामा हरे कृष्णा मंडली, मशहूर सूफी गायक निजामी ब्रदर्स और मोहित चोपड़ा द्वारा गाये सांई  भजन और राधा कृष्ण रास ने मनमोह लिया।  

मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे ले जाना चाहते है - रेणु भार्गव

नई दिल्ली। मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे ले जाना चाहते है। यह कहना है जस्ट डिजाइनल संस्थान की कार्यकारी निदेशक रेनू भार्गव। उनका कहना है कि इससे  निश्चित दौर पर लोगों को रोजगार मिलेगाऔर अब हम इंडिया इंटरनेशनल स्टाइल वीक में हम कुछ अलग करेगें। जस्ट डिजाइनल संस्थान के छात्रों द्वारा देश के अनेक शहरों में अपने डिजाइन पेश करने की योजना है। दिल्ली में फैशन शो की कामयाबी के बाद में जस्ट डिजाइन संस्थान के 20 छात्र राजस्थान की राजधानी जयपुर में फैशन शो करने जा रहे है।
इस दौरान देश-विदेश की 36 मॉडल्स रैंप पर अपना जलबा बिखेगी। बॉलीवुड की हस्तियां के अलावा चार मशहूर डिजाइनर भी भाग लेंगे। यह जानकारी संस्थान की कार्यकारी निदेशक रेनू भार्गव ने दी। क्षेत्र से जुडी कई हस्तियां में अखिलेश अग्रवाल, लोकेश शर्मा, दीपाली चुंग, गजल मिश्रा और जेडी महेश्वरी शो का हिस्सा होगें। 

इस दौरान संस्थान के बच्चों द्वारा डिजाइन किये गये कपड़े मॉडल द्वारा प्रदर्शित किये गये। रेनु भार्गव ने कहा देश में लोग बाजार में उपलब्ध डिजाइन की तरफ जाने लगे हैं। फिर भी लोगों का अभी और जागरूक होने की जरूरत है। हम फैशन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे ले जाना चाहते है। हम मेक इंन इंडिया पर ज्यादा फोकस कर रहे है। इससे निश्चित दौर पर लोगों को रोजगार मिलेगा। इंडिया इंटरनेशनल स्टाइल वीक में हम कुछ अलग करेगें। योग, वस्तु, मिर्च-मसाले पर कुछ कलेक्शन तैयार किये हैं। इस बार हमारी थीम प्रकृति और आकाश से जुड़े रंग से जुड़े कलेक्शन की है। अब तो फैशन के क्षेत्र में पुरूष भी सफल हो रहे हैं। ड्रेस डिजाइन की आज हर जगह जरूरत है। यह अच्छी बात है कि अब देश के छोटे-छोटे शहरों से इस क्षेत्र से जुड़ी प्रतिभायें आने लगी है। जयपुर में हाथ के कलाकारों की बड़ी जामात रहती है इसलिए बच्चों को उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। इस दौरान समर एडीसन का लॉच हुआ। जिसके  निदेशक अखिलेश अग्रवाल ने कहा देश के मशहूर डिजाइनर जिन्होंने विदेशों में खूब नाम कमाया है। वे इंडिया इंटरनेशनल वीक में हिस्सा लेगें। युवा डिजाइनरों को काफी कुछ दिखने और सीखने को मिलेगा। हम जल्दी ही विटर एडीसन लॉंच करेंगें। अगले सीजन में इंटरनेशनल फैशन डिजाइनर दो दिवसीय फैशन वीक का आयोजन करेगा। इस दौरान कई शानदार कलेक्शनों का प्रदर्शन किया जाएगा। आज डिजाइनर किसी पहचान के मोहताज नहीं है। हैदराबाद फैशन वीक में कई नये डिजाइनर सामने आये।     

सरदार भगत सिंह का अपमान नहीं करेंगे सहन

-प्रेमबाबू शर्मा दिल्ली विश्वविधालय में पढ़ाई जा रही किताब में शहीद भगत सिंह को क्रांतिकारी आतंकवादी लिखे जाने के विरोध में हिन्दुस्तान उत्थान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानेश कुमार चैहान एवं राष्ट्रीय महासचिव ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि ‘कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अगर जल्द हीे इस पुस्तक को पढ़ाये जाने से ना रोका गया तो हम देशभक्त सरदार भगत सिंह का यह अपमान सहन नहीं करेंगे और देश में बड़ा आंदोलन चलाएंगे। उन्होंने कहा कि‘युवाओं के प्रेरणास्रोत और देश को आजाद कराने की लड़ाई में फांसी पर लटककर बलिदान देने वाले महान देशभक्त सरदार भगत सिंह को आज क्रांतिकारी आतंकी बताया जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविधालय में मृदुला मुखर्जी और विपिन चंद्रा की पुस्तक इंडियाज स्ट्रगल फाॅर इंडीपेंडेंस पढ़ाई जा रही है, जिसमें शहीद-ए-आजम भगत सिंह को कथित रूप से क्रांतिकारी आतंकवादी बताया जा रहा है। 
पुस्तक इंडियाज स्ट्रगल फाॅर इंडीपेंडेंस के 20वें अध्याय में भगत सिंह को क्रांतिकारी आतंकवादी बताया जाना बेहद आपत्तिजनक है।


अनिल कपूर का सोशल वीडियो में लाइव हुआ

-प्रेमबाबू शर्मा
 
अभिनेता अनिल कपूर से समर्थन प्राप्त व इंडि डाॅट कामद ने भारतीय बाजार में 28 अप्रैल से अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है जिसका मकसद प्रतिभा खोज को लोकतांत्रिक बनाना और ब्रांडों की सोशल मीडिया ऐंगेजमेंट को बढ़ावा देने का काम शुरू किया।   
इंडि डाॅट कामद की स्थापना 2012 में दक्षिण कैलीफोर्निया में हुई थी शुरुआत में यह बतौर आॅनलाइन आर्टिस्ट कन्सोर्टियम काम करता था। आज 200 से ज्यादा देशों के लोग इसे ऐक्सैस करते हैं, यह प्लैटफाॅर्म ब्रांडों के लिए व्यापक संसाधन के तौर पर काम करता है और ज्यादा अर्थपूर्ण व गहरी सोशल मीडिया गतिविधियां करता है। इस प्लैटफाॅर्म पर ब्रांड चुनौतियां व काॅन्टेस्ट शुरु कर सकते हैं।
इंडि डाॅट कामद के साथ जुड़ने पर विख्यात अंतर्राष्ट्रीय सेलिब्रिटी अनिल कपूर ने कहा, ’’भारत में इंडि डाॅट कामद के लांच पर मैं बहुत खुश हूं जो 28 अप्रैल से शुरु लोगों के बीच होगा। 
हमारे पास बहुत सी शैलियां हैं जैसे अभिनय, गायन, रिटेल ब्रांड, उद्यमिता, फैशन व माॅडलिंग आदि तथा बहुत कुछ अभी आने को है। हमारे लांच चैनल पार्टनर भी अहम अवसर व पुरस्कार दे रहे हैं तो इस वजह से हम काफी सकारात्मक हैं कि भारतीय लोग भी इंडी पर आने को उत्साहित होंगे और अपनी दिलचस्पियों के मुताबिक चुनौतियां स्वीकार करेंगे।’’
 

टाइगर श्राॅफ और श्रद्धा कपूर ने रंग जमाया ‘द ग्रेट इंडिया प्लेस माॅल’ में

-प्रेमबाबू शर्मा


 ऐंटरटेनमेंट सिटी लि. का ग्रेट इंडिया प्लेस माॅल में फिल्म बागी के प्रमोशन के लिए टाइगर श्राॅफ और श्रद्धा कपूर आये,और उन्होंने अपनी बहुमुखी शैली में दर्शकों के बीच रंग जमाया। 

इस कार्यक्रम में ऐंटरटेनमेंट सिटी लि. के मुनीष बलदेव ने कहा, ’’अपने हाई-ऐंड लाइफस्टाईल, फैशन और लैज़र गतिविधियों की वजह से द ग्रेट इंडिय प्लेस माॅल नोएडा व एनसीआर के लोगों के लिए एक प्रीमियम डेस्टीनेशन है। लोकप्रिय फिल्मस्टार्स टाइगर श्राॅफ व श्रद्धा कपूर के साथ फिल्म बाग़ी के लांच के लिए इसे चुना जाना फिर से यह पुख्ता करता है कि द ग्रेट इंडिया प्लेस माॅल का रुतबा इस क्षेत्र में प्रीमियम रिटेल व हाॅस्पिटैलिटी प्राॅपर्टी के तौर पर बहुत महत्वपूर्ण है।’’

बिकाऊ चेहरों का बाजार...!!



तारकेश कुमार ओझा
दुनिया को बदल कर रख देने वाले कंप्यूटर- इंटरनेट और स्मार्ट फोन बनाने वालोॆं ने क्या कभी हाथों में माइक पकड़ कर भाषण दिया। अविष्कार से पहले कभी दावा किया कि उसकी क्या योजना है , अथवा अविष्कार के बाद भी कोई सामने आया कि उसने किस तरह ये चीजें बना कर मानवता पर उपकार किया। आज से महज एक दशक पहले तक सेलफोन के तौर पर चुनिंदा हाथों तक सीमित रहने वाला मोबाइल आज यदि हर हाथ की जरूरत बन गया है तो उसे इस मुकाम तक पहुंचाने वालों ने क्या कभी ऐसा दावा किया था या लंबे - चौड़े भाषण दिए थे। टेलीविजन पर जब कभी किसी को लच्छेदार बातें करता देखता हूं तो मेरे मन में यही सवाल बार - बार कौंधने लगता है। बेशक लुभावनी बातें मुझे भी लुभाती है। लेकिन दिमाग बार - बार चुगली करता है कि ऐसी लच्छेदार बातें पहले भी बहुत सुनी। लेकिन दुनिया अपनी तरह से आगे बढ़ते हुए चलती है। सिर्फ बोलने - कहने से कुछ नहीं हो सकता। लेकिन बिकाऊ चेहरों के बाजार को क्या कहें जिसे हमेशा ऐसे चेहरों की तलाश रहती है जो बाजार में बिक सके। वह चेहरा किसी क्रिकेटर का हो सकता है या अभिनेता का अथवा किसी राजनेता का। बाजार में बिकाऊ चेहरों की मांग इस कदर है कि अब इसे उन चेहरों को भु नाने से भी परहेज नही जो गलत वजहों से चर्चा में आए । बिकाऊ चेहरों के इस बाजार को पोर्न स्टार को भी सेलिब्रेटी बनाने में कोई हिचक नहीं। पिछले कुछ दिनों से टेलीविजन चैनलों पर कन्हैया कुमार को छाया देख मुझे भारी आश्चर्य हुआ। मैं खुद से ही सवाल पूछने लगा कि कहीं जनलोकपाल बिल वाला 2011 का वह ऐतिहासिक आंदोलन  वापस तो नहीं लौट आया। क्योंकि ऐसा लग रहा था  जैसे अन्ना हजारे या अरविंद केजरीवाल का कोई नया संस्करण हमारे हाथ लग गया हो। जब देखो किसी न किसी बहाने कन्हैया की चर्चा।कोई उसके गांव - गली की खबरें दिखा रहा है तो कोई एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पूछ रहा है कि शादी कब रह रहे हैं। ऐसे सवाल तो साधारणतः फिल्मी हीरो या हीरोइनों से ही पूछे जाते हैं।  न कोई ब्रेक न व्यावसायिक व्यवधान। जब लगता कि यह कन्हैया डोज कुछ ज्यादा हो रहा है और दर्शक शायद इसे पचा नहीं पाए तभी बताया जाता कि फलां - फलां ने कन्हैया के समर्थन में ट्वीट किया है। आश्चर्य  कि जेएनयू में विवादास्पद नारे दूसरे छात्रों ने भी लगाए। लेकिन छाया सिर्फ कन्हैया है क्योंकि उसे बोलना आता है। बेशक उससे पहले कुछ ऐसा ही हाइप उमर खालिद ने भी लेने की कोशिश की। लेकिन वह ज्यादा सफल नहीं हो पाया। फिर पता चला कि वामपंथी कन्हैया से चुनाव प्रचार कराने की भी सोच रहे हैें। सही - गलत तरीके से रातोरात मिली इस प्रसिद्धि पर कन्हैया का खुश होना तो स्वाभाविक है। लेकिन उसे नहीं भूलना चाहिए कि बिकाऊ चेहरों का यह बाजार हर किसी को भुनाने में  माहिर है। मंडल कमीशन के बाद 80 के दशक का आरक्षण विरोधी आंदोलन जिन्हें याद होगा, वे राजीव गोस्वामी को शायद नहीं भूलें होगे जो आरक्षण के विरोध में अपने शरीर पर सार्वजनिक रूप से  आग लगा कर कन्हैया कुमार की तरह ही देश - दुनिया में छा गया था। तब चैनलों का  कोई प्रभाव तो नहीं था। लेकिन तत्कालीन पत्र - पत्रिकाओं में राजीव की खूब तस्वीरें और खबरें छपी थी। लेकिन कुछ साल बाद आखिरकार राजीव गोस्वामी एक दिन गुमनाम मौत का शिकार बना। 2008 से 2009 तक माओवाद प्रभावित जंगल महल में छत्रधर महतो को भी बिकाऊ चेहरों के बाजार ने जम कर भुनाया। चैनलों पर हर वक्त किसी न किसी बहाने छत्रधर महतो का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू हमेशा दिखाया जाता। लेकिन पकड़े जाने के बाद से छत्रदर महतो  का परिवार आज गुमनाम जिंदगी जी रहा है। जिसकी ओर देखने तक की फुर्सत आज उन्हीं के पास नहीं है जिसने कभी उसे हीरो की तरह पेश किया था। सही या गलत तरीके से  हीरो बनने या बनाने से बेशक किसी को फर्क नहीं पड़ता, लेकिन डर इसी बात का है कि इसके चलते समाज में बदनाम होकर नाम कमाने का नया ट्रेंड न चल निकले।