- कहीं पर हादशा तो कहीं पर वारदात के शिकार हुए मृतक
- बार्डर पर तैनात बीएसएफ का जवान हुआ पश्चिमी बंगाल में शहीद
मुजफ्फरनगर।
कहते है कि मौत कभी बताकर नहीं आती, वो कहीं भी और कभी भी बिन बताये जा पहुंचती। बहाने केवल अलग-अलग होते है, मगर जब आती है तो अपने पीछे दहशत और खौफ के अलावा कुछ नहीं छोड जाती। मुजफ्फरनगर के ग्यारह लोगों को अलग-अलग स्थानों पर मौत को लगे लगाना पड़ा। कोई हादशे का शिकार हुआ तो कोई वारदात में मारा गया, जबकि एक बीएसएफ का जवान भी पंश्चिमी बंगाल में शहीद हो गया, जबकि एक जवान अपनी पत्नी सहित हादशे का शिकार हो गया। इतना ही नहीं दो अलग-अलग स्थानों पर छ: लोग भी सड़क हादशों का शिकार होकर काल का ग्रास बन गये, जबकि इन हादशों और वारदातों में कई लोग बुरी तरह से घायल भी हुए, जिनको विभिन्न अस्पतालों में उपचार हेतु भर्ती कराये गये है।
कैराना। क्षेत्र के ग्राम पंजीठ निवासी विनोद कुमार सैनी श्रीनगर में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में चालक के पद पर तैनात था। गत दिवस उसके परिवार में उसके भाई के बच्चे की हुई मौत का समाचार सुनकर विनोद छुट्टी लेकर अपनी पत्नी अनीता देवी व बच्चे को साथ लेकर श्रीनगर से कैराना के लिए चला था। पंजाब प्रदेश के पठानकोट शहर के निकट कोहरे के कारण हुए सड़क हादसे में विनोद एवं उसकी पत्नी अनीता की मौके पर ही मृत्यु हो गयी तथा बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये, जिन्हें राहगीरों ने निकट के चिकित्सालय में भर्ती कराकर उनके परिजनों को सूचना दी। सूचना मिलने पर मृतक विनोद का भाई मदन सैनी व अन्य ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे और विनोद व उसकी पत्नी का शव और घायल बच्चे का शव लेकर कैराना पहुंचे। उक्त दु:खद दुर्घटना के समाचार से हर ओर कोहराम मच गया तथा शनिवार को ग्राम पंजीठ में विनोद व उसकी पत्नी अनिता का जब दाह-संस्कार किया गया, तो सभी हिन्दू-मुस्लिम हजारों लोगों की आंखे रो उठी। सभी ने आंसू भरी आंखों से विनोद व उसकी पत्नी को अन्तिम विदाई दी।
खतौली। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम केलावडा निवासी मुवासी पुत्र संगत के भाई लाल सिंह के कोई औलाद नही थी। लाल सिंह मरने से पूर्व पौने तीन बिघा जमीन व मकान की वसीयत मुवासी के नाम कर गया था। लाल सिंह की मौत के बाद इसके साले की लड़की माला के पति हरेन्द्र ने मकान व जमीन पर कब्जा कर लिया। वसीयत में चले मुकदमे में मुवासी जीत गया। लेखपाल ने जमीन व मकान पर कब्जा करा दिया था। मकान व जमीन चले जाने से क्षुब्ध हरेन्द्र व उसके पुत्र गौरव, टीटू, अभिषेक ने विगत रात्रि विजयपाल पर धारदार हथियारों से हमला कर घायल कर दिया था। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घायल विजयपाल को इलाज हेतू सीएचसी पर भर्ती कराया। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देकर मुजफ्फरनगर रैफर कर दिया था। शनिवार की सुबह विजयपाल को चिकित्सकों ने मेरठ के लिए रैफर किया था, लेकिन मेरठ जाते समय विजयपाल की मौत हो गयी। परिजन शव को लेकर कोतवाली पहुंचे। पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के पुत्र मिन्टू द्वारा दी गयी तहरीर पर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या करने का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने एक आरोपी गौरव को पकड़कर थाने बैठा लिया है। पुलिस हरेन्द्र, टिटू, अभिषेक की तालश में दबिशे दे रही है।
शामली (प्रबुद्घनगर)। मुंबई से आए अपने दोस्त को लेकर वापस लौट रहे कस्बा बनत के चार युवकों की इंडिको गाडी की डीजल टैंकर के साथ भिडंत के बाद गाडी में आग लगने से जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गयी। उक्त घटना से कस्बा बनत में शोक की लहर दौड गयी है। सायं के समय जैसे ही तीन शव कस्बे में पहुंचे, म्रतकों के परिजनों के करूण रूद्रन से माहौल बेहद गमगीन हो गया जबकि चौथा शव उसके परिजन मुंबई ले गये। आदर्श मंडी थाना क्षेत्र के कस्बा बनत निवासी विशाल शर्मा उर्फ बंटी पुत्र श्रीपाल मौहल्ला पटेलनगर में अपने चाचा राजेन्द्र के पास रह रहा था। उसके पिता की स्टील फैक्टरी है। बताया जाता है कि बंटी मुंबई से दिल्ली हवाई जहाज द्वारा पहुंचा था और उसे एयरपोर्ट से लाने के लिए बनत निवासी उसके दोस्त उसे इंडिगों कार एचआर-१५-३११३ में लेने के लिए गए थे। गाडी १९ वर्षीय सरू उर्फ सरफराज पुत्र अख्तर निवासी दक्षिण प्रेमनगर बनत की थी और वह खुद ही गाडी चला रहा था जबकि उसके साथ जोया उर्फ दीया ,२२, वर्षीय पुत्र सैय्यद धम्मो मौहल्ला हकीकतनगर बनत, नटवर उर्फ नीटू पुत्र सतेन्द्र प्रतापनगर बनत गए थे। तीनों दोस्त बंटी को एयरपोर्ट पर रिसीव करने के बाद जब गाडी लेकर वाया सोनीपत-पानीपत होते हुए शामली आ रहे थे तो पानीपत और सिम्भालका के बीच एक मोड पर सामने से आ रहे ईंटों से भरे ट्रक से बचने के प्रयास में जैसे ही सरफराज ने गाडी मोडी तो उसकी भीषण टक्कर वहां से गुजर रहे एक डीजल के टैंकर से हो गयी, टक्कर इतनी जोरदार थी कि इंडिगों पलट गयी और पलटते ही उसमें आग लग गयी। गाडी अत्याधुनिक व कंप्यूटराइज्ड होने के कारण बिना रिमोट के उसके खिडकी व शीशे नहीं खुल पाए जिससे सभी गाडी के अंदर बुरी तरह झुलस गए। गाडी गाडी चालक सरफराज ने किसी तरह शीशे तोडकर शोर मचाया और दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाकर सबसे पहले सरफराज को गाडी से बाहर निकला। उस समय केवल उसी की संासें चल रही थी। जबकि शेष तीनों गाडी इस कदर जल चुकी थी कि उनकी शिनाख्त भी नहीं हो पा रही थी। सरफराज को उपचार के लिए एक निजी चिकित्सालय में ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गयी। मरने से पूर्व सरफराज ने अपने व अपने साथियों के बारे में पुलिस को जानकारी दी जिस पर पानीपत पुलिस ने शामली पुलिस व बनत में उसके परिजनों को घटना की जानकारी दी। कस्बे के चार जवान युवकों की मौत की सूचना मिलते ही बनत मे शोक की लहर दौड गयी और भारी संख्या में लोग उनके आवासों पर शोक जताने के लिए एकत्र हो गए। काफी संख्या में लोग मृतकों के शव पानीपत से लाने के लिए रवाना हुए। सायंकाल जैसे ही तीन शव कस्बे में पहुंचे, गमगीन परिजनों का सब्र टूट गया और उनके दहाडे मारकर करूण रूद्रन से माहौल बेहद गमगीन हो गया। बंटी का शव पोस्टमार्टम हाउस पर ही छोड दिया गया क्योकि उसके परिजन उसका शव मुबंई लेकर जायेंगे। मृतक सरफराज जहंा अपनी ही इंडिगो कार पर चालक था वहीं नीटू कृषि कार्य करता था।
जानसठ । पानीपत खटीमा हाइवे पर धागा फैक्ट्री के पास घने कोहरे के कारण तेज गति से चल रही डीसीएम आगे जा रहे ट्रक से जा टकराई। भीषण टक्कर से डीसीएम के परखच्चे उड़ गए। जिसमें सवार दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गर्ई तथा चालक सहित चार अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर अवस्था में घायल एक मजदूर को मेरठ रेफर किया गया है।
शनिवार की सुबह गांव नवादा से डीसीएम गाड़ी में बैठकर थाना सरधना क्षेत्र के गांव सबदलपुर निवासी सलीम पुत्र इसमाइल, गांवं खिवाई निवासी अबरार पुत्र इसरार, नोशाद पुत्र तरीखत, गांव नवादा निवासी दिलशाद पुत्र अली हसन, रिजवान पुत्र युनुस, गांव हरसोपुर निवासी बाबूराम पुत्र रामपाल खोई लेने के लिए चांदपुर जा रहे थे। सुबह करीब छह बजे पानीपत खटीमा हाइवे पर धागा फैक्ट्री के पास आगे जा रहे ट्रक में पीछे से डीसीएम टकरा गई। जबदस्त टक्कर लगने से डीसीएम के आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। उसमें सवार सभी लोग दब गए। चींखने चिल्लाने की आवाज सुनकर वहां से गुजरने वाले अन्य वाहनों के चालकों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस खिड़की काटकर सभी घायल लोगों बाहर निकाला। जिनमें से सलीम और अबरार की मौत हो चुकी थी। पुलिस चारों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर गंभीर अवस्था में घायल नोशाद को मेरठ के लिए रेफर किया गया है। पुलिस ने मृतक लोगों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
जानसठ/सिखेड़ा। पश्चिम बंगाल में डयूटी के दौरान बीएसएफ के जवान की अचानक हार्टअटैक से मौत हो गई। जवान की मौत को लेकर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शनिवार की सुबह गमगीन माहौल में जवान के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बीएसएफ के जवानों ने अपने साथी को अंतिम सलामी दी। अंतिम संंस्कार में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा।
थाना सिखेड़ा क्षेत्र के गांव फहीमपुर निवासी बलबीर सिंह के ४५ वर्षीय पुत्र प्रमोद कुमार सन् १९८९ में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। फिलहाल उसकी तैनाती पश्चिम बंगाल के बालूघाट पर थी। शुक्रवार को डयूटी के दौरान अचानक हार्टअटैक आने से प्रमोद की मृत्यु हो गई। बीएसएफ के कमांडर ने इसकी सूचना उसके परिजनों को फोन पर दी। प्रमोद की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। प्रमोद की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शुक्रवार की देर रात्रि को बीएसएफ के जवान मृतक प्रमोद का शव लेकर गांवं फहीमपुर पहुंचे। शनिवार की सुबह सवेरे प्रमोद के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार करते समय ग्रामीणों की आंखे नम हो गई। ग्रामीणों का कहना था कि देशवासियों की रक्षा करने वाला एक जवान हमको छोड़ कर चलाया गया। शमशान में बीएसएफ के जवानों ने अपने साथी को सलामी देकर अंतिम विदाई दी। जवान के अंतिम संस्कार के मौके पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जबकि पुलिस मौके पर मौजूद रही। प्रशासनिक अधिकारी के मौके पर नहीं पहुंचने को लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
मुजफ्फरनगर। मूल रूप से ककरौली निवासी धर्मवीर पुत्र लेखराम हाल में नई मण्डी कोतवाली क्षेत्र के सुभाषनगर में रह रहा था, जबकि वह खाईखेड़ी शुगर मिल में बॉयलर एटेंडेंट के रूप में कार्यरत था। बताया जाता है कि रोजाना की भांति शनिवार को भी वह मिल में गया, जहां पर अचानक से वह बॉयर की चेन में आकर बुरी तरह से घायल हो गया, जिसको तत्काल ही मिल प्रबंधन अपनी बिना नम्बर की न्यू ब्राडेंड बुलेरो कार द्वारा जिला चिकित्सालय ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसको गंभीर अवस्था के चलते तुरंत ही मेरठ अथवा दिल्ली ले जाने की सलाह दी, जिस पर मिल प्रबंधन बजाय उसको मेरठ ले जाने के चिकित्सालय के बाहर आकर खडे हो गये और पाल धर्मशाला के पास बुलेरो कार खड़ी करके घंटों तक विचार-विमर्श करते रहे, जिसके चलते धर्मवीर ने तडफ़ते हुए वहीं पर दम तोड़ दिया। संदिग्ध परिस्थितियों में इस तरह से कार खड़ी होना देख लोगों को संदेह हुआ तो कुछ लोगों ने कार के अंदर झांककर देखा तो उसके अंदर लाश पड़ी होना देख शोर मचा दिया, जिसक चलते आरोपी कार को लेकर रूड़की चुंगी की ओर दौड़ पड़े, मगर लोगों ने उनका वहां भी पीछा नहीं छोड़ा और कई लोगों ने जहां कार का पीछा करना शुरू कर दिया, वहीं इस सम्बंध में तत्काल ही पुलिस को भी सूचना दी। आरोप है कि आरोपीगण रूडकी रोड पर स्थित एक आर्युवेदिक अस्पताल के पास कार को छोड़कर फरार हो गये, जबकि सूचना मिलते ही एसपी सिटी केबी सिंह, सीओ सिटी शिवराम यादव मय पुलिस फोर्स के मौके पर जा पहुंचे, जिन्होंने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।