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Tuesday, December 20, 2011

अंधविश्वास : औलाद की चाहत में मासूम बच्ची की बलि


- कई टुकड़ो में बरामद हुआ बच्चा का शव
- तांत्रिक क्रियाओं के चलते दी गयी बलि
मुजफ्फरनगर। आस-औलाद की चाहत में आरोपियों ने चार साल की मासूम बच्ची की तांत्रिक क्रियाओं के चलते बलि दे दी गयी। जिसका खुलासा उस समय हुआ, जब पुलिस ने शक के आधार पर आरोपियों को पकड़कर  पूछताछ की तो ये सनसनीखेज मामला सामने आया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर बच्चे के शव को कई टुकड़ो में बरामद कर पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जबकि पुलिस ने चोरी-छिपे ही आरोपियों को जेल भेज दिया।
छपार थाना क्षेत्र के नंगला खोजा निवासी मोमीन की 4 वर्षीया बेटी मेविश गत 7 दिसम्बर को रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गयी थी, जिसको परिजनों ने आसपास खूब तलाश किया, लेकिन बच्ची का जब कुछ अता-पता नहीं चल सका तो मजबूरन पीडि़तो को पुलिस से शिकायत करनी पड़ी। पुलिस ने मामला गुमशुदगी में दर्ज कर कार्रवाई आगे बढा दी, मगर परिजन इससे संतुष्ट नहीं हुए तो पुलिस ने मामले को अपहरण में दर्ज कर लिया और शक के आधार पर गांव के ही सकील को उसकी पत्नी महरूबी, पुत्रवधु महरूनी पत्नी हुसैन, बेटे तनवीर और कलीम को उठाकर पूछताछ करनी शुरू कर दी। पहले तो आरोपी पुलिस की आंखों में धूल झौंकते रहे, लेकिन जब पुलिस ने सख्ताई से पूछताछ की तो आरोपी टूट गये और उन्होंने सारा वाक्या पुलिस को कह सुनाया।
डेमो पिक्चर 
दरअसल सकील के तीन बेटे है मौहम्मद हुसैन, तनवीर और कलीम। तीनों ही शादीशुदा तो है, लेकिन किसी को भी औलाद पैदा नहीं हुई, जिस पर उक्त लोगों ने तमाम नीम-हकीम और डाक्टरों से अपना और अपनी पत्नियों का उपचार कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हो सका तो अंधविश्वास के चलते आरोपी तंत्र-मंत्र के चक्कर में फंस गये। आरोप है कि आरोपियों को किसी तांत्रिक ने मासूम बच्चे की बलि देने की सलाह दी, जिस पर आरोपियों ने गत 7 दिसम्बर को मासूम मेविश का अपहरण कर लिया और फिर उसकी बलि दे डाली। आरोपियों के मुंह से ये सब सुनकर पुलिस का भी कलेजा फटा का फटा रह गया। आनन-फानन में आलाधिकारियों के निर्देश पर आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने सहारनपुर जनपद के देवबंद थाना क्षेत्र के केंदकी गांव के जंगल में संजय त्यागी के खेत में तलाश किया तो बच्ची का शव छ: टुकड़ों में बरामद हो गया। सूत्रों की माने तो मौके से तांत्रिक क्रियाओं का भी सामान बरामद किया गया। पुलिस ने शव को पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बताया जाता है कि जैसे ही मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में आया, वैसे ही पुलिस अधिकारियों द्वारा निर्देशित छपार पुलिस ने आनन-फानन में मामले को नर बलि से रंजिश की ओर मोड दिया तथा लिखा-पढी में मामला रंजिश का बताते हुए आरोपियों को जेल भेज दिये गये। ये भी बताया जा रहा है कि धर-पकड़ की सुचना मिलते ही हुसैन घबराकर दो दिन पहले ही कोर्ट के पेश होकर जेल जा चुका है, जबकि ये भी बताया जा रहा है कि इससे पहले भी आरोपीगण करीब चार वर्ष पूर्व गांव के ही रिजवान के चार वर्षीय बेटे मुसाहिद की बलि दे चुके है, जिसके खुलासे के बाद पुलिस ने आरोपियों को पकडकर जेल भेजा था, मगर बच्चे की चाह में इस बार फिर से आरोपियों ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दे डाला।


अमित सैनी
मुज़फ्फरनगर

Monday, December 19, 2011

फिरौती न देने पर दो किसानों की हत्या

मुजफ्फरनगर : जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह

- दो-दो लाख रूपये की मांगी गई थी फिरौती
- 7 दिसम्बर को किया गया था दोनों का अपहरण
मुजफ्फरनगर।
दो-दो लाख रूपये की फिरौती न देने पर बदमाशों ने अपहृत दो किसानों की गोली मारकर हत्या कर दी और उनके शवों को गन्ने के खेत में फेंक दिया, जिसका खुलासा उस समय हुआ जब पुलिस ने सर्विलांस की मदद से एक बदमाश को दबोच लिया, जिनसे पूछताछ में सारी घटना का खुलासा कर दिया। पकडे गये बदमाश की निशानदेही पर पुलिस ने दोनों किसानों के शवों को बरामद कर लिये, जिनको पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जबकि मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
दरअसल पुरकाजी थाना क्षेत्र के नंगला दुहेली ग्राम निवासी 3० वर्षीय किसान ज्ञानसिंह पुत्र महावीर तथा 48 वर्षीय किसान राजपाल पुत्र चंद्रभान गत 7 दिसम्बर को घर से फसलों में डालने के लिए खाद लेने के लिए पुरकाजी कस्बे के लिए साईकिलों पर निकले थे, लेकिन देर शाम तक भी जब दोनों किसान वापिस घर नहीं पहुंचे तो परिजनों को चिंता सताने लगी, जिस पर परिजनों की ओर से पुलिस से शिकायत की गयी। छानबीन के दौरान दोनों किसानों की साईकिले क्षेत्र के तेजलहेड़ा और खाईखेड़ी गांव के जंगल से लावारिस अवस्था में पड़ी हुई मिल गयी, जबकि पुलिस ने तहरीर के अनुसार मामला गुमशुदगी में दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।

9 दिसम्बर को दोनों किसानों के परिजनों के मोबाईलों पर एक ही नम्बर से बदमाशों ने फोन करके दो-दो लाख रूपये की फिरौती मांगी, जिसकी सूचना परिजनों ने तत्काल ही पुलिस को दी, जिस पर पुलिस ने कथित मोबाइल नम्बर को सर्विलांस के जरिये ट्रेस किया और सोमवार को पुलिस ने भोपा थाना क्षेत्र के सीकरी ग्राम निवासी कलीम को धर-दबोचा, जिसने पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने अपराध करना कुबूल करते हुए बताया कि उक्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर दोनों किसानों का तेजलहेडा और खाईखेडी गांव के बीच अपहरण किया था, जबकि फिरौती न मिलने तथा पुलिस को सूचना देने पर उन्होंने दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने कलीम की निशानदेही पर छपार थाना क्षेत्र के दतियाना गांव के जंगल से एक गन्ने के खेत से किसान ज्ञान सिंह और राजपाल के गोली लगे शव बरामद कर लिये। एक की जहां खोपडी में गोली मारी गयी थी, वहीं दूसरे की छाती को निशाना बनाया गया था। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, जबकि पकडे गये बदमाश के अन्य साथियों को तलाश किया जा रहा है।
 
 
अमित सैनी
मुज़फ्फरनगर

Saturday, December 17, 2011

....मुजफ्फरनगर में लगा लाशों का ढेर

- कहीं पर हादशा तो कहीं पर वारदात के शिकार हुए मृतक
- बार्डर पर तैनात बीएसएफ का जवान हुआ पश्चिमी बंगाल में शहीद
मुजफ्फरनगर।
कहते है कि मौत कभी बताकर नहीं आती, वो कहीं भी और कभी भी बिन बताये जा पहुंचती। बहाने केवल अलग-अलग होते है, मगर जब आती है तो अपने पीछे दहशत और खौफ के अलावा कुछ नहीं छोड जाती। मुजफ्फरनगर के ग्यारह लोगों को अलग-अलग स्थानों पर मौत को लगे लगाना पड़ा। कोई हादशे का शिकार हुआ तो कोई वारदात में मारा गया, जबकि एक बीएसएफ का जवान भी पंश्चिमी बंगाल में शहीद हो गया, जबकि एक जवान अपनी पत्नी सहित हादशे का शिकार हो गया। इतना ही नहीं दो अलग-अलग स्थानों पर छ: लोग भी सड़क हादशों का शिकार होकर काल का ग्रास बन गये, जबकि इन हादशों और वारदातों में कई लोग बुरी तरह से घायल भी हुए, जिनको विभिन्न अस्पतालों में उपचार हेतु भर्ती कराये गये है।




कैराना। क्षेत्र के ग्राम पंजीठ निवासी विनोद कुमार सैनी श्रीनगर में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में चालक के पद पर तैनात था। गत दिवस उसके परिवार में उसके भाई के बच्चे की हुई मौत का समाचार सुनकर विनोद छुट्टी लेकर अपनी पत्नी अनीता देवी व बच्चे को साथ लेकर श्रीनगर से कैराना के लिए चला था। पंजाब प्रदेश के पठानकोट शहर के निकट कोहरे के कारण हुए सड़क हादसे में विनोद एवं उसकी पत्नी अनीता की मौके पर ही मृत्यु हो गयी तथा बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये, जिन्हें राहगीरों ने निकट के चिकित्सालय में भर्ती कराकर उनके परिजनों को सूचना दी। सूचना मिलने पर मृतक विनोद का भाई मदन सैनी व अन्य ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे और विनोद व उसकी पत्नी का शव और घायल बच्चे का शव लेकर कैराना पहुंचे। उक्त दु:खद दुर्घटना के समाचार से हर ओर कोहराम मच गया तथा शनिवार को ग्राम पंजीठ में विनोद व उसकी पत्नी अनिता का जब दाह-संस्कार किया गया, तो सभी हिन्दू-मुस्लिम हजारों लोगों की आंखे रो उठी। सभी ने आंसू भरी आंखों से विनोद व उसकी पत्नी को अन्तिम विदाई दी।

खतौली। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम केलावडा निवासी मुवासी पुत्र संगत के भाई लाल सिंह के कोई औलाद नही थी। लाल सिंह मरने से पूर्व पौने तीन बिघा जमीन व मकान की वसीयत मुवासी के नाम कर गया था। लाल सिंह की मौत के बाद इसके साले की लड़की माला के पति हरेन्द्र ने मकान व जमीन पर कब्जा कर लिया। वसीयत में चले मुकदमे में मुवासी जीत गया। लेखपाल ने जमीन व मकान पर कब्जा करा दिया था। मकान व जमीन चले जाने से क्षुब्ध हरेन्द्र व उसके पुत्र गौरव, टीटू, अभिषेक ने विगत रात्रि विजयपाल पर धारदार हथियारों से हमला कर घायल कर दिया था। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घायल विजयपाल को इलाज हेतू सीएचसी पर भर्ती कराया। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देकर मुजफ्फरनगर रैफर कर दिया था। शनिवार की सुबह विजयपाल को चिकित्सकों ने मेरठ के लिए रैफर किया था, लेकिन मेरठ जाते समय विजयपाल की मौत हो गयी। परिजन शव को लेकर कोतवाली पहुंचे। पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के पुत्र मिन्टू द्वारा दी गयी तहरीर पर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या करने का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने एक आरोपी गौरव को पकड़कर थाने बैठा लिया है। पुलिस हरेन्द्र, टिटू, अभिषेक की तालश में दबिशे दे रही है।

शामली (प्रबुद्घनगर)। मुंबई से आए अपने दोस्त को लेकर वापस लौट रहे कस्बा बनत के चार युवकों की इंडिको गाडी की डीजल टैंकर के साथ भिडंत के बाद गाडी में आग लगने से जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गयी। उक्त घटना से कस्बा बनत में शोक की लहर दौड गयी है। सायं के समय जैसे ही तीन शव कस्बे में पहुंचे, म्रतकों के परिजनों के करूण रूद्रन से माहौल बेहद गमगीन हो गया जबकि चौथा शव उसके परिजन मुंबई ले गये। आदर्श मंडी थाना क्षेत्र के कस्बा बनत निवासी विशाल शर्मा उर्फ बंटी पुत्र श्रीपाल मौहल्ला पटेलनगर में अपने चाचा राजेन्द्र के पास रह रहा था। उसके पिता की स्टील फैक्टरी है। बताया जाता है कि बंटी मुंबई से दिल्ली हवाई जहाज द्वारा पहुंचा था और उसे एयरपोर्ट से लाने के लिए बनत निवासी उसके दोस्त उसे इंडिगों कार एचआर-१५-३११३ में लेने के लिए गए थे। गाडी १९ वर्षीय सरू उर्फ सरफराज पुत्र अख्तर निवासी दक्षिण प्रेमनगर बनत की थी और वह खुद ही गाडी चला रहा था जबकि उसके साथ जोया उर्फ दीया ,२२, वर्षीय पुत्र सैय्यद धम्मो मौहल्ला हकीकतनगर बनत, नटवर उर्फ नीटू पुत्र सतेन्द्र प्रतापनगर बनत गए थे। तीनों दोस्त बंटी को एयरपोर्ट पर रिसीव करने के बाद जब गाडी लेकर वाया सोनीपत-पानीपत होते हुए शामली आ रहे थे तो पानीपत और सिम्भालका के बीच एक मोड पर सामने से आ रहे ईंटों से भरे ट्रक से बचने के प्रयास में जैसे ही सरफराज ने गाडी मोडी तो उसकी भीषण टक्कर वहां से गुजर रहे एक डीजल के टैंकर से हो गयी, टक्कर इतनी जोरदार थी कि इंडिगों पलट गयी और पलटते ही उसमें आग लग गयी। गाडी अत्याधुनिक व कंप्यूटराइज्ड होने के कारण बिना रिमोट के उसके खिडकी व शीशे नहीं खुल पाए जिससे सभी गाडी के अंदर बुरी तरह झुलस गए। गाडी गाडी चालक सरफराज ने किसी तरह शीशे तोडकर शोर मचाया और दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाकर सबसे पहले सरफराज को गाडी से बाहर निकला। उस समय केवल उसी की संासें चल रही थी। जबकि शेष तीनों गाडी इस कदर जल चुकी थी कि उनकी शिनाख्त भी नहीं हो पा रही थी। सरफराज को उपचार के लिए एक निजी चिकित्सालय में ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गयी। मरने से पूर्व सरफराज ने अपने व अपने साथियों के बारे में पुलिस को जानकारी दी जिस पर पानीपत पुलिस ने शामली पुलिस व बनत में उसके परिजनों को घटना की जानकारी दी। कस्बे के चार जवान युवकों की मौत की सूचना मिलते ही बनत मे शोक की लहर दौड गयी और भारी संख्या में लोग उनके आवासों पर शोक जताने के लिए एकत्र हो गए। काफी संख्या में लोग मृतकों के शव पानीपत से लाने के लिए रवाना हुए। सायंकाल जैसे ही तीन शव कस्बे में पहुंचे, गमगीन परिजनों का सब्र टूट गया और उनके दहाडे मारकर करूण रूद्रन से माहौल बेहद गमगीन हो गया। बंटी का शव पोस्टमार्टम हाउस पर ही छोड दिया गया क्योकि उसके परिजन उसका शव मुबंई लेकर जायेंगे। मृतक सरफराज जहंा अपनी ही इंडिगो कार पर चालक था वहीं नीटू कृषि कार्य करता था।

जानसठ । पानीपत खटीमा हाइवे पर धागा फैक्ट्री के पास घने कोहरे के कारण तेज गति से चल रही डीसीएम आगे जा रहे ट्रक से जा टकराई। भीषण टक्कर से डीसीएम के परखच्चे उड़ गए। जिसमें सवार दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गर्ई तथा चालक सहित चार अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर अवस्था में घायल एक मजदूर को मेरठ रेफर किया गया है।

शनिवार की सुबह गांव नवादा से डीसीएम गाड़ी में बैठकर थाना सरधना क्षेत्र के गांव सबदलपुर निवासी सलीम पुत्र इसमाइल, गांवं खिवाई निवासी अबरार पुत्र इसरार, नोशाद पुत्र तरीखत, गांव नवादा निवासी दिलशाद पुत्र अली हसन, रिजवान पुत्र युनुस, गांव हरसोपुर निवासी बाबूराम पुत्र रामपाल खोई लेने के लिए चांदपुर जा रहे थे। सुबह करीब छह बजे पानीपत खटीमा हाइवे पर धागा फैक्ट्री के पास आगे जा रहे ट्रक में पीछे से डीसीएम टकरा गई। जबदस्त टक्कर लगने से डीसीएम के आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। उसमें सवार सभी लोग दब गए। चींखने चिल्लाने की आवाज सुनकर वहां से गुजरने वाले अन्य वाहनों के चालकों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस खिड़की काटकर सभी घायल लोगों बाहर निकाला। जिनमें से सलीम और अबरार की मौत हो चुकी थी। पुलिस चारों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर गंभीर अवस्था में घायल नोशाद को मेरठ के लिए रेफर किया गया है। पुलिस ने मृतक लोगों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।


जानसठ/सिखेड़ा। पश्चिम बंगाल में डयूटी के दौरान बीएसएफ के जवान की अचानक हार्टअटैक से मौत हो गई। जवान की मौत को लेकर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शनिवार की सुबह गमगीन माहौल में जवान के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बीएसएफ के जवानों ने अपने साथी को अंतिम सलामी दी। अंतिम संंस्कार में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा।

थाना सिखेड़ा क्षेत्र के गांव फहीमपुर निवासी बलबीर सिंह के ४५ वर्षीय पुत्र प्रमोद कुमार सन् १९८९ में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। फिलहाल उसकी तैनाती पश्चिम बंगाल के बालूघाट पर थी। शुक्रवार को डयूटी के दौरान अचानक हार्टअटैक आने से प्रमोद की मृत्यु हो गई। बीएसएफ के कमांडर ने इसकी सूचना उसके परिजनों को फोन पर दी। प्रमोद की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। प्रमोद की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शुक्रवार की देर रात्रि को बीएसएफ के जवान मृतक प्रमोद का शव लेकर गांवं फहीमपुर पहुंचे। शनिवार की सुबह सवेरे प्रमोद के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार करते समय ग्रामीणों की आंखे नम हो गई। ग्रामीणों का कहना था कि देशवासियों की रक्षा करने वाला एक जवान हमको छोड़ कर चलाया गया। शमशान में बीएसएफ के जवानों ने अपने साथी को सलामी देकर अंतिम विदाई दी। जवान के अंतिम संस्कार के मौके पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जबकि पुलिस मौके पर मौजूद रही। प्रशासनिक अधिकारी के मौके पर नहीं पहुंचने को लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

मुजफ्फरनगर। मूल रूप से ककरौली निवासी धर्मवीर पुत्र लेखराम हाल में नई मण्डी कोतवाली क्षेत्र के सुभाषनगर में रह रहा था, जबकि वह खाईखेड़ी शुगर मिल में बॉयलर एटेंडेंट के रूप में कार्यरत था। बताया जाता है कि रोजाना की भांति शनिवार को भी वह मिल में गया, जहां पर अचानक से वह बॉयर की चेन में आकर बुरी तरह से घायल हो गया, जिसको तत्काल ही मिल प्रबंधन अपनी बिना नम्बर की न्यू ब्राडेंड बुलेरो कार द्वारा जिला चिकित्सालय ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसको गंभीर अवस्था के चलते तुरंत ही मेरठ अथवा दिल्ली ले जाने की सलाह दी, जिस पर मिल प्रबंधन बजाय उसको मेरठ ले जाने के चिकित्सालय के बाहर आकर खडे हो गये और पाल धर्मशाला के पास बुलेरो कार खड़ी करके घंटों तक विचार-विमर्श करते रहे, जिसके चलते धर्मवीर ने तडफ़ते हुए वहीं पर दम तोड़ दिया। संदिग्ध परिस्थितियों में इस तरह से कार खड़ी होना देख लोगों को संदेह हुआ तो कुछ लोगों ने कार के अंदर झांककर देखा तो उसके अंदर लाश पड़ी होना देख शोर मचा दिया, जिसक चलते आरोपी कार को लेकर रूड़की चुंगी की ओर दौड़ पड़े, मगर लोगों ने उनका वहां भी पीछा नहीं छोड़ा और कई लोगों ने जहां कार का पीछा करना शुरू कर दिया, वहीं इस सम्बंध में तत्काल ही पुलिस को भी सूचना दी। आरोप है कि आरोपीगण रूडकी रोड पर स्थित एक आर्युवेदिक अस्पताल के पास कार को छोड़कर फरार हो गये, जबकि सूचना मिलते ही एसपी सिटी केबी सिंह, सीओ सिटी शिवराम यादव मय पुलिस फोर्स के मौके पर जा पहुंचे, जिन्होंने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

इन्सान की अनुभूति किसी भी कला की जन्मदाता है: बिजेन्द्र शर्मा

नई दिल्ली! (Prem Babu Sharma)
प्रेम एक ऐसा कांटा है जिसमे पराया दर्द ही मिलता है, पर जब यह मिलता है तो इससे फूलो की खुशबू झरती है। यह कविता नही, चित्रो के कुछ नमूने है, जिन्हे अपनी कल्पना और रंगो के माध्यम से कलाकार विजेन्द्र शर्मा ने कैनवास पर उकेरा है। जिनकी उंगलियों में कमाल का जादू है, जब वे रंग और बर्श से कैनवास पर चित्र उकेरते है तो उसमें पूरी तरह डूब जाते है। यही वजह है की उनकी कृति वास्तविकता के काफी करीब और संजीव प्रतीत होती है। विजेन्द्र शर्मा कैनवास पर जीवन, मृत्यु, सधंर्ष, अध्यात्म और प्रकृति को ही चित्रित नही करते, बल्कि सामाजिक कुरीतियो और भष्ट्राचार को उकेर कर सामाजिक दायित्व का भी निर्वाह करते है, इनकी कला के प्रशंसको में बिरला अम्बानी ग्रुप, अभिनेता अमिताभ बच्चन के अलावा भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा0 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्रमुख है, डा.कलाम जब भारत के राष्ट्रपति थे तब इन्होने अपना स्वंय का पोट्रेट विजेन्द्र शर्मा से बनवाया था।
दिल्ली में जन्मे और दिल्ली कालेज आॅफ आर्टस से स्नातक और गोल्ड मेडलिस्ट विजेन्द्र के लिए यह गौरव की बात है। विजेन्द्र कहते है कि यहाँ तक पहुचने के लिए मुझे बहुत संधर्ष करना पड़ा, शुरुआत में किताबों आदि का कवर डिजाईन किया उसके बाद महाभारत, रामायण, विक्रम बेताल जैसे चर्चित सीरियल के लिए पेटिंग बनाई,
विजेन्द्र की पहली एकल प्रदर्शनी दिल्ली की श्रीधारणी आर्ट गैलरी में लगी। इसके बाद इन्होनें कभी पीछे मुड़कर नही देखा। देश और विदेशो में कई शोज हो चुके है। इस कला यात्रा के दौरान उन्हे कई पुरस्कार और सम्मानो के नवाजा गया जिसमे साहित्य कला परिषद सम्मान, आल इण्डिया पुलिस मीट सम्मान, पं0 रविशंकर अवार्ड आदि प्रमुख है। कलाकार विजेन्द्र शर्मा का मानना है कि इन्सान की अनुभूति किसी भी कला की जन्मदाता है। चित्रकला के माध्यम से इन्सान अपनी सवेदंनाओ की अभिव्यक्ति करता है, दिल्ली में जल्द ही प्रदर्शित होने वाली इस प्रदर्शनी में कलाकार विजेन्द्र शर्मा ने अपने देश के समाज और अध्यात्म को प्रभावशाली विषय बनाकर कैनवास पर विभिन्न रंगो से आकार देने की कोशिश की है।

Friday, December 16, 2011

एक और उद्यमी का सूर्यास्त : जेल में बंद धर्मदास जैन की मौत

- दहेज हत्या के मामले में सजायेआफ्ता
- मृतक कैदी था रेनबो स्टील का साझेदार
मुजफ्फरनगर।
जिला कारागार में उम्र कैद की सजा काट रहे उद्यमी की खून की कमी के चलते जिला चिकित्सालय में मौत हो गयी, जो कि दहेज हत्या के मामले में अपने तीनों बेटो सहित जेल में बंद थे, जबकि हाल ही में उनकी पत्नी को पैरोल पर छोड़ा गया था। मृतक रेनबो स्टील के मालिकों में से एक थे। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जानी-मानी 'रेनबो स्टीलÓ के साझेदार नगर कोतवाली क्षेत्र के रेनबो विहार मौहल्ला निवासी धर्मदास जैन पुत्र मांगेराम के बेटे संजीव जैन की शादी सहारनपुर निवासी अल्पना के साथ हुई थी, जिसने सन् 1998 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जिस पर अल्पना के परिजनों की ओर से दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया गया था, जिसके चलते पुलिस ने धर्मदास जैन सहित उसकी पत्नी मेमलता जैन, बेटे संजीव जैन, राजीव जैन और अजय जैन को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। केश ट्रायल पर आया तो जज ने दोनों पक्षों की सुनने के बाद कथित आरोपियों को दोषी करार देते हुए 4 अक्टूबर, सन् 2०1० में उम्र कैद की सजा सुना दी। बताया जाता है  हाल ही में उनकी पत्नी मेमलता को पैरोल पर छोडा गया था, जबकि 75 वर्षीय धर्मदास अपने तीनों बेटो सहित जेल में सजा काट रहे थे।
सूत्रों की माने तो पिछले कुछ दिनों से धर्मदास जैन खून की कमी की बिमारी से जूझ रहे थे, जिसके चलते उनको जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, मगर जब उनकी हालत बद से बदतर होती चली गयी तो उनको बृहस्पतिवार को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां पर उनको गत शाम उनको अस्पताल में ही एक बोतल खून चढाया गया था, जिसके चलते उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार भी होने लगा था। इतना ही नहीं सुबह सवेरे उन्होने अच्छी तरह से बातचीतों के अलावा कस्टडी के लिए तैनात सिपाहियों से हंसी-ठिठौली भी काफी दे तक की थी, जबकि उनकी पत्नी मेमलता उनको चाय अथवा कॉफी पीने के लिए कहने लगी तो उन्होंने पीने से इंकार कर दिया, मगर करीब साढे आठ बजे के लगभग उनको दम तोड़ दिया, जिसकी सूचना मिलते ही जेल प्रशासन में हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में जेल अधिकारी अस्पताल पहुंचे, जबकि सूचना मिलते ही मृतक की पत्नी एवं बेटी-दामाद मौके पर जा पहुंचे। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। ज्ञात रहे कि रेनबो स्टील में धर्मदास के अलावा पूर्व मंत्री विद्या भूषण भी साझेदार थे।

Tuesday, December 20, 2011

अंधविश्वास : औलाद की चाहत में मासूम बच्ची की बलि


- कई टुकड़ो में बरामद हुआ बच्चा का शव
- तांत्रिक क्रियाओं के चलते दी गयी बलि
मुजफ्फरनगर। आस-औलाद की चाहत में आरोपियों ने चार साल की मासूम बच्ची की तांत्रिक क्रियाओं के चलते बलि दे दी गयी। जिसका खुलासा उस समय हुआ, जब पुलिस ने शक के आधार पर आरोपियों को पकड़कर  पूछताछ की तो ये सनसनीखेज मामला सामने आया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर बच्चे के शव को कई टुकड़ो में बरामद कर पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जबकि पुलिस ने चोरी-छिपे ही आरोपियों को जेल भेज दिया।
छपार थाना क्षेत्र के नंगला खोजा निवासी मोमीन की 4 वर्षीया बेटी मेविश गत 7 दिसम्बर को रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गयी थी, जिसको परिजनों ने आसपास खूब तलाश किया, लेकिन बच्ची का जब कुछ अता-पता नहीं चल सका तो मजबूरन पीडि़तो को पुलिस से शिकायत करनी पड़ी। पुलिस ने मामला गुमशुदगी में दर्ज कर कार्रवाई आगे बढा दी, मगर परिजन इससे संतुष्ट नहीं हुए तो पुलिस ने मामले को अपहरण में दर्ज कर लिया और शक के आधार पर गांव के ही सकील को उसकी पत्नी महरूबी, पुत्रवधु महरूनी पत्नी हुसैन, बेटे तनवीर और कलीम को उठाकर पूछताछ करनी शुरू कर दी। पहले तो आरोपी पुलिस की आंखों में धूल झौंकते रहे, लेकिन जब पुलिस ने सख्ताई से पूछताछ की तो आरोपी टूट गये और उन्होंने सारा वाक्या पुलिस को कह सुनाया।
डेमो पिक्चर 
दरअसल सकील के तीन बेटे है मौहम्मद हुसैन, तनवीर और कलीम। तीनों ही शादीशुदा तो है, लेकिन किसी को भी औलाद पैदा नहीं हुई, जिस पर उक्त लोगों ने तमाम नीम-हकीम और डाक्टरों से अपना और अपनी पत्नियों का उपचार कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हो सका तो अंधविश्वास के चलते आरोपी तंत्र-मंत्र के चक्कर में फंस गये। आरोप है कि आरोपियों को किसी तांत्रिक ने मासूम बच्चे की बलि देने की सलाह दी, जिस पर आरोपियों ने गत 7 दिसम्बर को मासूम मेविश का अपहरण कर लिया और फिर उसकी बलि दे डाली। आरोपियों के मुंह से ये सब सुनकर पुलिस का भी कलेजा फटा का फटा रह गया। आनन-फानन में आलाधिकारियों के निर्देश पर आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने सहारनपुर जनपद के देवबंद थाना क्षेत्र के केंदकी गांव के जंगल में संजय त्यागी के खेत में तलाश किया तो बच्ची का शव छ: टुकड़ों में बरामद हो गया। सूत्रों की माने तो मौके से तांत्रिक क्रियाओं का भी सामान बरामद किया गया। पुलिस ने शव को पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बताया जाता है कि जैसे ही मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में आया, वैसे ही पुलिस अधिकारियों द्वारा निर्देशित छपार पुलिस ने आनन-फानन में मामले को नर बलि से रंजिश की ओर मोड दिया तथा लिखा-पढी में मामला रंजिश का बताते हुए आरोपियों को जेल भेज दिये गये। ये भी बताया जा रहा है कि धर-पकड़ की सुचना मिलते ही हुसैन घबराकर दो दिन पहले ही कोर्ट के पेश होकर जेल जा चुका है, जबकि ये भी बताया जा रहा है कि इससे पहले भी आरोपीगण करीब चार वर्ष पूर्व गांव के ही रिजवान के चार वर्षीय बेटे मुसाहिद की बलि दे चुके है, जिसके खुलासे के बाद पुलिस ने आरोपियों को पकडकर जेल भेजा था, मगर बच्चे की चाह में इस बार फिर से आरोपियों ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दे डाला।


अमित सैनी
मुज़फ्फरनगर

Monday, December 19, 2011

फिरौती न देने पर दो किसानों की हत्या

मुजफ्फरनगर : जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह

- दो-दो लाख रूपये की मांगी गई थी फिरौती
- 7 दिसम्बर को किया गया था दोनों का अपहरण
मुजफ्फरनगर।
दो-दो लाख रूपये की फिरौती न देने पर बदमाशों ने अपहृत दो किसानों की गोली मारकर हत्या कर दी और उनके शवों को गन्ने के खेत में फेंक दिया, जिसका खुलासा उस समय हुआ जब पुलिस ने सर्विलांस की मदद से एक बदमाश को दबोच लिया, जिनसे पूछताछ में सारी घटना का खुलासा कर दिया। पकडे गये बदमाश की निशानदेही पर पुलिस ने दोनों किसानों के शवों को बरामद कर लिये, जिनको पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जबकि मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
दरअसल पुरकाजी थाना क्षेत्र के नंगला दुहेली ग्राम निवासी 3० वर्षीय किसान ज्ञानसिंह पुत्र महावीर तथा 48 वर्षीय किसान राजपाल पुत्र चंद्रभान गत 7 दिसम्बर को घर से फसलों में डालने के लिए खाद लेने के लिए पुरकाजी कस्बे के लिए साईकिलों पर निकले थे, लेकिन देर शाम तक भी जब दोनों किसान वापिस घर नहीं पहुंचे तो परिजनों को चिंता सताने लगी, जिस पर परिजनों की ओर से पुलिस से शिकायत की गयी। छानबीन के दौरान दोनों किसानों की साईकिले क्षेत्र के तेजलहेड़ा और खाईखेड़ी गांव के जंगल से लावारिस अवस्था में पड़ी हुई मिल गयी, जबकि पुलिस ने तहरीर के अनुसार मामला गुमशुदगी में दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।

9 दिसम्बर को दोनों किसानों के परिजनों के मोबाईलों पर एक ही नम्बर से बदमाशों ने फोन करके दो-दो लाख रूपये की फिरौती मांगी, जिसकी सूचना परिजनों ने तत्काल ही पुलिस को दी, जिस पर पुलिस ने कथित मोबाइल नम्बर को सर्विलांस के जरिये ट्रेस किया और सोमवार को पुलिस ने भोपा थाना क्षेत्र के सीकरी ग्राम निवासी कलीम को धर-दबोचा, जिसने पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने अपराध करना कुबूल करते हुए बताया कि उक्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर दोनों किसानों का तेजलहेडा और खाईखेडी गांव के बीच अपहरण किया था, जबकि फिरौती न मिलने तथा पुलिस को सूचना देने पर उन्होंने दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने कलीम की निशानदेही पर छपार थाना क्षेत्र के दतियाना गांव के जंगल से एक गन्ने के खेत से किसान ज्ञान सिंह और राजपाल के गोली लगे शव बरामद कर लिये। एक की जहां खोपडी में गोली मारी गयी थी, वहीं दूसरे की छाती को निशाना बनाया गया था। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, जबकि पकडे गये बदमाश के अन्य साथियों को तलाश किया जा रहा है।
 
 
अमित सैनी
मुज़फ्फरनगर

Saturday, December 17, 2011

....मुजफ्फरनगर में लगा लाशों का ढेर

- कहीं पर हादशा तो कहीं पर वारदात के शिकार हुए मृतक
- बार्डर पर तैनात बीएसएफ का जवान हुआ पश्चिमी बंगाल में शहीद
मुजफ्फरनगर।
कहते है कि मौत कभी बताकर नहीं आती, वो कहीं भी और कभी भी बिन बताये जा पहुंचती। बहाने केवल अलग-अलग होते है, मगर जब आती है तो अपने पीछे दहशत और खौफ के अलावा कुछ नहीं छोड जाती। मुजफ्फरनगर के ग्यारह लोगों को अलग-अलग स्थानों पर मौत को लगे लगाना पड़ा। कोई हादशे का शिकार हुआ तो कोई वारदात में मारा गया, जबकि एक बीएसएफ का जवान भी पंश्चिमी बंगाल में शहीद हो गया, जबकि एक जवान अपनी पत्नी सहित हादशे का शिकार हो गया। इतना ही नहीं दो अलग-अलग स्थानों पर छ: लोग भी सड़क हादशों का शिकार होकर काल का ग्रास बन गये, जबकि इन हादशों और वारदातों में कई लोग बुरी तरह से घायल भी हुए, जिनको विभिन्न अस्पतालों में उपचार हेतु भर्ती कराये गये है।




कैराना। क्षेत्र के ग्राम पंजीठ निवासी विनोद कुमार सैनी श्रीनगर में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में चालक के पद पर तैनात था। गत दिवस उसके परिवार में उसके भाई के बच्चे की हुई मौत का समाचार सुनकर विनोद छुट्टी लेकर अपनी पत्नी अनीता देवी व बच्चे को साथ लेकर श्रीनगर से कैराना के लिए चला था। पंजाब प्रदेश के पठानकोट शहर के निकट कोहरे के कारण हुए सड़क हादसे में विनोद एवं उसकी पत्नी अनीता की मौके पर ही मृत्यु हो गयी तथा बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये, जिन्हें राहगीरों ने निकट के चिकित्सालय में भर्ती कराकर उनके परिजनों को सूचना दी। सूचना मिलने पर मृतक विनोद का भाई मदन सैनी व अन्य ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे और विनोद व उसकी पत्नी का शव और घायल बच्चे का शव लेकर कैराना पहुंचे। उक्त दु:खद दुर्घटना के समाचार से हर ओर कोहराम मच गया तथा शनिवार को ग्राम पंजीठ में विनोद व उसकी पत्नी अनिता का जब दाह-संस्कार किया गया, तो सभी हिन्दू-मुस्लिम हजारों लोगों की आंखे रो उठी। सभी ने आंसू भरी आंखों से विनोद व उसकी पत्नी को अन्तिम विदाई दी।

खतौली। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम केलावडा निवासी मुवासी पुत्र संगत के भाई लाल सिंह के कोई औलाद नही थी। लाल सिंह मरने से पूर्व पौने तीन बिघा जमीन व मकान की वसीयत मुवासी के नाम कर गया था। लाल सिंह की मौत के बाद इसके साले की लड़की माला के पति हरेन्द्र ने मकान व जमीन पर कब्जा कर लिया। वसीयत में चले मुकदमे में मुवासी जीत गया। लेखपाल ने जमीन व मकान पर कब्जा करा दिया था। मकान व जमीन चले जाने से क्षुब्ध हरेन्द्र व उसके पुत्र गौरव, टीटू, अभिषेक ने विगत रात्रि विजयपाल पर धारदार हथियारों से हमला कर घायल कर दिया था। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घायल विजयपाल को इलाज हेतू सीएचसी पर भर्ती कराया। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देकर मुजफ्फरनगर रैफर कर दिया था। शनिवार की सुबह विजयपाल को चिकित्सकों ने मेरठ के लिए रैफर किया था, लेकिन मेरठ जाते समय विजयपाल की मौत हो गयी। परिजन शव को लेकर कोतवाली पहुंचे। पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के पुत्र मिन्टू द्वारा दी गयी तहरीर पर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या करने का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने एक आरोपी गौरव को पकड़कर थाने बैठा लिया है। पुलिस हरेन्द्र, टिटू, अभिषेक की तालश में दबिशे दे रही है।

शामली (प्रबुद्घनगर)। मुंबई से आए अपने दोस्त को लेकर वापस लौट रहे कस्बा बनत के चार युवकों की इंडिको गाडी की डीजल टैंकर के साथ भिडंत के बाद गाडी में आग लगने से जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गयी। उक्त घटना से कस्बा बनत में शोक की लहर दौड गयी है। सायं के समय जैसे ही तीन शव कस्बे में पहुंचे, म्रतकों के परिजनों के करूण रूद्रन से माहौल बेहद गमगीन हो गया जबकि चौथा शव उसके परिजन मुंबई ले गये। आदर्श मंडी थाना क्षेत्र के कस्बा बनत निवासी विशाल शर्मा उर्फ बंटी पुत्र श्रीपाल मौहल्ला पटेलनगर में अपने चाचा राजेन्द्र के पास रह रहा था। उसके पिता की स्टील फैक्टरी है। बताया जाता है कि बंटी मुंबई से दिल्ली हवाई जहाज द्वारा पहुंचा था और उसे एयरपोर्ट से लाने के लिए बनत निवासी उसके दोस्त उसे इंडिगों कार एचआर-१५-३११३ में लेने के लिए गए थे। गाडी १९ वर्षीय सरू उर्फ सरफराज पुत्र अख्तर निवासी दक्षिण प्रेमनगर बनत की थी और वह खुद ही गाडी चला रहा था जबकि उसके साथ जोया उर्फ दीया ,२२, वर्षीय पुत्र सैय्यद धम्मो मौहल्ला हकीकतनगर बनत, नटवर उर्फ नीटू पुत्र सतेन्द्र प्रतापनगर बनत गए थे। तीनों दोस्त बंटी को एयरपोर्ट पर रिसीव करने के बाद जब गाडी लेकर वाया सोनीपत-पानीपत होते हुए शामली आ रहे थे तो पानीपत और सिम्भालका के बीच एक मोड पर सामने से आ रहे ईंटों से भरे ट्रक से बचने के प्रयास में जैसे ही सरफराज ने गाडी मोडी तो उसकी भीषण टक्कर वहां से गुजर रहे एक डीजल के टैंकर से हो गयी, टक्कर इतनी जोरदार थी कि इंडिगों पलट गयी और पलटते ही उसमें आग लग गयी। गाडी अत्याधुनिक व कंप्यूटराइज्ड होने के कारण बिना रिमोट के उसके खिडकी व शीशे नहीं खुल पाए जिससे सभी गाडी के अंदर बुरी तरह झुलस गए। गाडी गाडी चालक सरफराज ने किसी तरह शीशे तोडकर शोर मचाया और दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाकर सबसे पहले सरफराज को गाडी से बाहर निकला। उस समय केवल उसी की संासें चल रही थी। जबकि शेष तीनों गाडी इस कदर जल चुकी थी कि उनकी शिनाख्त भी नहीं हो पा रही थी। सरफराज को उपचार के लिए एक निजी चिकित्सालय में ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गयी। मरने से पूर्व सरफराज ने अपने व अपने साथियों के बारे में पुलिस को जानकारी दी जिस पर पानीपत पुलिस ने शामली पुलिस व बनत में उसके परिजनों को घटना की जानकारी दी। कस्बे के चार जवान युवकों की मौत की सूचना मिलते ही बनत मे शोक की लहर दौड गयी और भारी संख्या में लोग उनके आवासों पर शोक जताने के लिए एकत्र हो गए। काफी संख्या में लोग मृतकों के शव पानीपत से लाने के लिए रवाना हुए। सायंकाल जैसे ही तीन शव कस्बे में पहुंचे, गमगीन परिजनों का सब्र टूट गया और उनके दहाडे मारकर करूण रूद्रन से माहौल बेहद गमगीन हो गया। बंटी का शव पोस्टमार्टम हाउस पर ही छोड दिया गया क्योकि उसके परिजन उसका शव मुबंई लेकर जायेंगे। मृतक सरफराज जहंा अपनी ही इंडिगो कार पर चालक था वहीं नीटू कृषि कार्य करता था।

जानसठ । पानीपत खटीमा हाइवे पर धागा फैक्ट्री के पास घने कोहरे के कारण तेज गति से चल रही डीसीएम आगे जा रहे ट्रक से जा टकराई। भीषण टक्कर से डीसीएम के परखच्चे उड़ गए। जिसमें सवार दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गर्ई तथा चालक सहित चार अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर अवस्था में घायल एक मजदूर को मेरठ रेफर किया गया है।

शनिवार की सुबह गांव नवादा से डीसीएम गाड़ी में बैठकर थाना सरधना क्षेत्र के गांव सबदलपुर निवासी सलीम पुत्र इसमाइल, गांवं खिवाई निवासी अबरार पुत्र इसरार, नोशाद पुत्र तरीखत, गांव नवादा निवासी दिलशाद पुत्र अली हसन, रिजवान पुत्र युनुस, गांव हरसोपुर निवासी बाबूराम पुत्र रामपाल खोई लेने के लिए चांदपुर जा रहे थे। सुबह करीब छह बजे पानीपत खटीमा हाइवे पर धागा फैक्ट्री के पास आगे जा रहे ट्रक में पीछे से डीसीएम टकरा गई। जबदस्त टक्कर लगने से डीसीएम के आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। उसमें सवार सभी लोग दब गए। चींखने चिल्लाने की आवाज सुनकर वहां से गुजरने वाले अन्य वाहनों के चालकों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस खिड़की काटकर सभी घायल लोगों बाहर निकाला। जिनमें से सलीम और अबरार की मौत हो चुकी थी। पुलिस चारों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर गंभीर अवस्था में घायल नोशाद को मेरठ के लिए रेफर किया गया है। पुलिस ने मृतक लोगों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।


जानसठ/सिखेड़ा। पश्चिम बंगाल में डयूटी के दौरान बीएसएफ के जवान की अचानक हार्टअटैक से मौत हो गई। जवान की मौत को लेकर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शनिवार की सुबह गमगीन माहौल में जवान के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बीएसएफ के जवानों ने अपने साथी को अंतिम सलामी दी। अंतिम संंस्कार में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा।

थाना सिखेड़ा क्षेत्र के गांव फहीमपुर निवासी बलबीर सिंह के ४५ वर्षीय पुत्र प्रमोद कुमार सन् १९८९ में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। फिलहाल उसकी तैनाती पश्चिम बंगाल के बालूघाट पर थी। शुक्रवार को डयूटी के दौरान अचानक हार्टअटैक आने से प्रमोद की मृत्यु हो गई। बीएसएफ के कमांडर ने इसकी सूचना उसके परिजनों को फोन पर दी। प्रमोद की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। प्रमोद की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शुक्रवार की देर रात्रि को बीएसएफ के जवान मृतक प्रमोद का शव लेकर गांवं फहीमपुर पहुंचे। शनिवार की सुबह सवेरे प्रमोद के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार करते समय ग्रामीणों की आंखे नम हो गई। ग्रामीणों का कहना था कि देशवासियों की रक्षा करने वाला एक जवान हमको छोड़ कर चलाया गया। शमशान में बीएसएफ के जवानों ने अपने साथी को सलामी देकर अंतिम विदाई दी। जवान के अंतिम संस्कार के मौके पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जबकि पुलिस मौके पर मौजूद रही। प्रशासनिक अधिकारी के मौके पर नहीं पहुंचने को लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

मुजफ्फरनगर। मूल रूप से ककरौली निवासी धर्मवीर पुत्र लेखराम हाल में नई मण्डी कोतवाली क्षेत्र के सुभाषनगर में रह रहा था, जबकि वह खाईखेड़ी शुगर मिल में बॉयलर एटेंडेंट के रूप में कार्यरत था। बताया जाता है कि रोजाना की भांति शनिवार को भी वह मिल में गया, जहां पर अचानक से वह बॉयर की चेन में आकर बुरी तरह से घायल हो गया, जिसको तत्काल ही मिल प्रबंधन अपनी बिना नम्बर की न्यू ब्राडेंड बुलेरो कार द्वारा जिला चिकित्सालय ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसको गंभीर अवस्था के चलते तुरंत ही मेरठ अथवा दिल्ली ले जाने की सलाह दी, जिस पर मिल प्रबंधन बजाय उसको मेरठ ले जाने के चिकित्सालय के बाहर आकर खडे हो गये और पाल धर्मशाला के पास बुलेरो कार खड़ी करके घंटों तक विचार-विमर्श करते रहे, जिसके चलते धर्मवीर ने तडफ़ते हुए वहीं पर दम तोड़ दिया। संदिग्ध परिस्थितियों में इस तरह से कार खड़ी होना देख लोगों को संदेह हुआ तो कुछ लोगों ने कार के अंदर झांककर देखा तो उसके अंदर लाश पड़ी होना देख शोर मचा दिया, जिसक चलते आरोपी कार को लेकर रूड़की चुंगी की ओर दौड़ पड़े, मगर लोगों ने उनका वहां भी पीछा नहीं छोड़ा और कई लोगों ने जहां कार का पीछा करना शुरू कर दिया, वहीं इस सम्बंध में तत्काल ही पुलिस को भी सूचना दी। आरोप है कि आरोपीगण रूडकी रोड पर स्थित एक आर्युवेदिक अस्पताल के पास कार को छोड़कर फरार हो गये, जबकि सूचना मिलते ही एसपी सिटी केबी सिंह, सीओ सिटी शिवराम यादव मय पुलिस फोर्स के मौके पर जा पहुंचे, जिन्होंने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

इन्सान की अनुभूति किसी भी कला की जन्मदाता है: बिजेन्द्र शर्मा

नई दिल्ली! (Prem Babu Sharma)
प्रेम एक ऐसा कांटा है जिसमे पराया दर्द ही मिलता है, पर जब यह मिलता है तो इससे फूलो की खुशबू झरती है। यह कविता नही, चित्रो के कुछ नमूने है, जिन्हे अपनी कल्पना और रंगो के माध्यम से कलाकार विजेन्द्र शर्मा ने कैनवास पर उकेरा है। जिनकी उंगलियों में कमाल का जादू है, जब वे रंग और बर्श से कैनवास पर चित्र उकेरते है तो उसमें पूरी तरह डूब जाते है। यही वजह है की उनकी कृति वास्तविकता के काफी करीब और संजीव प्रतीत होती है। विजेन्द्र शर्मा कैनवास पर जीवन, मृत्यु, सधंर्ष, अध्यात्म और प्रकृति को ही चित्रित नही करते, बल्कि सामाजिक कुरीतियो और भष्ट्राचार को उकेर कर सामाजिक दायित्व का भी निर्वाह करते है, इनकी कला के प्रशंसको में बिरला अम्बानी ग्रुप, अभिनेता अमिताभ बच्चन के अलावा भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा0 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्रमुख है, डा.कलाम जब भारत के राष्ट्रपति थे तब इन्होने अपना स्वंय का पोट्रेट विजेन्द्र शर्मा से बनवाया था।
दिल्ली में जन्मे और दिल्ली कालेज आॅफ आर्टस से स्नातक और गोल्ड मेडलिस्ट विजेन्द्र के लिए यह गौरव की बात है। विजेन्द्र कहते है कि यहाँ तक पहुचने के लिए मुझे बहुत संधर्ष करना पड़ा, शुरुआत में किताबों आदि का कवर डिजाईन किया उसके बाद महाभारत, रामायण, विक्रम बेताल जैसे चर्चित सीरियल के लिए पेटिंग बनाई,
विजेन्द्र की पहली एकल प्रदर्शनी दिल्ली की श्रीधारणी आर्ट गैलरी में लगी। इसके बाद इन्होनें कभी पीछे मुड़कर नही देखा। देश और विदेशो में कई शोज हो चुके है। इस कला यात्रा के दौरान उन्हे कई पुरस्कार और सम्मानो के नवाजा गया जिसमे साहित्य कला परिषद सम्मान, आल इण्डिया पुलिस मीट सम्मान, पं0 रविशंकर अवार्ड आदि प्रमुख है। कलाकार विजेन्द्र शर्मा का मानना है कि इन्सान की अनुभूति किसी भी कला की जन्मदाता है। चित्रकला के माध्यम से इन्सान अपनी सवेदंनाओ की अभिव्यक्ति करता है, दिल्ली में जल्द ही प्रदर्शित होने वाली इस प्रदर्शनी में कलाकार विजेन्द्र शर्मा ने अपने देश के समाज और अध्यात्म को प्रभावशाली विषय बनाकर कैनवास पर विभिन्न रंगो से आकार देने की कोशिश की है।

Friday, December 16, 2011

एक और उद्यमी का सूर्यास्त : जेल में बंद धर्मदास जैन की मौत

- दहेज हत्या के मामले में सजायेआफ्ता
- मृतक कैदी था रेनबो स्टील का साझेदार
मुजफ्फरनगर।
जिला कारागार में उम्र कैद की सजा काट रहे उद्यमी की खून की कमी के चलते जिला चिकित्सालय में मौत हो गयी, जो कि दहेज हत्या के मामले में अपने तीनों बेटो सहित जेल में बंद थे, जबकि हाल ही में उनकी पत्नी को पैरोल पर छोड़ा गया था। मृतक रेनबो स्टील के मालिकों में से एक थे। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जानी-मानी 'रेनबो स्टीलÓ के साझेदार नगर कोतवाली क्षेत्र के रेनबो विहार मौहल्ला निवासी धर्मदास जैन पुत्र मांगेराम के बेटे संजीव जैन की शादी सहारनपुर निवासी अल्पना के साथ हुई थी, जिसने सन् 1998 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जिस पर अल्पना के परिजनों की ओर से दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया गया था, जिसके चलते पुलिस ने धर्मदास जैन सहित उसकी पत्नी मेमलता जैन, बेटे संजीव जैन, राजीव जैन और अजय जैन को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। केश ट्रायल पर आया तो जज ने दोनों पक्षों की सुनने के बाद कथित आरोपियों को दोषी करार देते हुए 4 अक्टूबर, सन् 2०1० में उम्र कैद की सजा सुना दी। बताया जाता है  हाल ही में उनकी पत्नी मेमलता को पैरोल पर छोडा गया था, जबकि 75 वर्षीय धर्मदास अपने तीनों बेटो सहित जेल में सजा काट रहे थे।
सूत्रों की माने तो पिछले कुछ दिनों से धर्मदास जैन खून की कमी की बिमारी से जूझ रहे थे, जिसके चलते उनको जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, मगर जब उनकी हालत बद से बदतर होती चली गयी तो उनको बृहस्पतिवार को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां पर उनको गत शाम उनको अस्पताल में ही एक बोतल खून चढाया गया था, जिसके चलते उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार भी होने लगा था। इतना ही नहीं सुबह सवेरे उन्होने अच्छी तरह से बातचीतों के अलावा कस्टडी के लिए तैनात सिपाहियों से हंसी-ठिठौली भी काफी दे तक की थी, जबकि उनकी पत्नी मेमलता उनको चाय अथवा कॉफी पीने के लिए कहने लगी तो उन्होंने पीने से इंकार कर दिया, मगर करीब साढे आठ बजे के लगभग उनको दम तोड़ दिया, जिसकी सूचना मिलते ही जेल प्रशासन में हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में जेल अधिकारी अस्पताल पहुंचे, जबकि सूचना मिलते ही मृतक की पत्नी एवं बेटी-दामाद मौके पर जा पहुंचे। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। ज्ञात रहे कि रेनबो स्टील में धर्मदास के अलावा पूर्व मंत्री विद्या भूषण भी साझेदार थे।