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Thursday, January 6, 2011

कलर्स पर फुलवा और मुक्तिबंधन

नई दिल्ली। चैनलों के बीच बढती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए अब कलर्स चैनल ने 10 जनवरी से दो नये शो ‘फुलवा‘ रात 9 बजे और मुक्तिबंधन‘10 जनवरी ( रात 9.30 सोमवार से वीरवार )उतारे है। चैनल के अनुसार ये षो दर्शकों के लिए शानदार विविधता लेकर आएंगे, दोनों ही धारावाहिक अपने दर्शकों को अपनी कहानियों के साथ संसार की दो पराकाष्ठाओं तक ले जाएंगे - चंबल के बीहड़ों में रहने वाली 11 साल की एक चंचल लड़की से लेकर मुम्बई में लगभग 50 वर्ष के एक अहंकारी व्यवसायी की भव्य जीवनशैली तक। नए वर्ष के साथ दर्शक 60 मिनट में उतार-चढ़ाव से भरपूर दो कहानियों के साक्षी बनेंगे। फुलवा और मुक्ति बंधन की कहानी के बारे में बताते हुए यश्विनी यर्डी, हैड-प्रोग्रामिंग, कलर्स ने कहा कि, ‘‘बिग बॉस सीजन 4 ने हमें एक नई शक्ति दी है और अब हम इस सफलता को आगे भी कायम रखने की योजना बना रहे हैं। इन दो नए धारावाहिक शुरू करने का उद्देश्य, हमारे दर्शकों के लिए अलग तरह के धारावाहिक लाना है जो सभी क्षेत्रों के दर्शकों को बंधकर रखने में समर्थ हों। फुलवा में हम भारत के ग्रामीण क्षेत्रा की सजीव तस्वीर पेश करेंगे जबकि मुक्ति बंधन में भारतीय टेलीविज़न पर पहली बार प्राइमटाइम शो में पचास साल का एक अहंकारी पुरुष दिखाई देगा। हमें विश्वास है कि हमारे दर्शक नवविचारों और अनोखी कहानियों वाले इन दो धारावाहिकों को अवश्य पसंद करेंगे।’’फुलवा ग्रामीणों के क्रूर झगड़ों के बीच फंसी एक युवा चंचल लड़की की प्यारी सी कहानी है। चंबल के कुख्यात ठाकुर के अन्याय के विरूद्ध उसकी लड़ाई में वह केवल 11 साल की उम्र में अपनी मासूमियत गंवा देती है। सदियों से डाकुओं या सिरकटवों को पनाह देने के लिए कुख्यात चंबल के बीहड़ों की ग्रामीण पृष्ठभूमि पर सेट; फुलवा का निर्माण स्वास्तिक पिक्चर ने किया है।
सिद्धार्थ तेवरे, क्रीएटिव डायरेक्टर, स्वास्तिक पिक्चर, जो फुलवा की कहानी के लेखक भी हैं, ने कहा कि, ‘‘फुलवा का मतलब फूल होता है और छोटा सा फुल यह नहीं जानता कि उसकी किस्मत क्या होगी। मगर यह एक फूल की ऐसी कहानी है जो अपने नसीब को खुद बनाने का निर्णय लेता है। फुलवा एक युवा लड़की फुलवा की कहानी है जो उस पर हुए उच्च जाति के अत्याचारों की साक्षी है। वह अपने भावी जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए कैसे निर्णय लेती है, और वह अपनी किस्मत को अपने हाथ से कैसे लिखती है, यही इसमें दिखाया गया है।’’ मुक्ति बंधन एक आम आदमी, आई. एम. विरानी की कहानी है, जो कारोबार करने का असाधारण दिमाग रखता है, पर काम करता है। आई एम विरानी भारत का चौथा सबसे बड़ा उद्योगपति है जो अपनी स्थिति को लेकर जिसे सफलता तो हासिल होती है मगर अपनी पत्नी, चारूलता विरानी की सहायता से। वह अपने आदमी के जीवन में एक शक्ति स्तंभ की तरह है, जिसके फैसले पर सवाल उठाए बिना उसका आदमी जीवनभर उसके मार्गदर्शनएक महत्वाकांक्षी औरत, देवकी से भयभीत है, जिसे अगला आई एम विरानी के रूप में देखा जाता है। यह पहली बार है कि कलर्स अपने दर्शकों के लिए गुजराती संस्कृति को दिखाएगा। श्री हरिकिशन मेहता के प्रसिद्ध गुजराती उपन्यास पर आधारित ‘मुक्ति बंधन‘ को शोभना देसाई प्रोडक्शन प्रा. लि. द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है।

-  प्रेमबाबू शर्मा, दिल्ली

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Thursday, January 6, 2011

कलर्स पर फुलवा और मुक्तिबंधन

नई दिल्ली। चैनलों के बीच बढती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए अब कलर्स चैनल ने 10 जनवरी से दो नये शो ‘फुलवा‘ रात 9 बजे और मुक्तिबंधन‘10 जनवरी ( रात 9.30 सोमवार से वीरवार )उतारे है। चैनल के अनुसार ये षो दर्शकों के लिए शानदार विविधता लेकर आएंगे, दोनों ही धारावाहिक अपने दर्शकों को अपनी कहानियों के साथ संसार की दो पराकाष्ठाओं तक ले जाएंगे - चंबल के बीहड़ों में रहने वाली 11 साल की एक चंचल लड़की से लेकर मुम्बई में लगभग 50 वर्ष के एक अहंकारी व्यवसायी की भव्य जीवनशैली तक। नए वर्ष के साथ दर्शक 60 मिनट में उतार-चढ़ाव से भरपूर दो कहानियों के साक्षी बनेंगे। फुलवा और मुक्ति बंधन की कहानी के बारे में बताते हुए यश्विनी यर्डी, हैड-प्रोग्रामिंग, कलर्स ने कहा कि, ‘‘बिग बॉस सीजन 4 ने हमें एक नई शक्ति दी है और अब हम इस सफलता को आगे भी कायम रखने की योजना बना रहे हैं। इन दो नए धारावाहिक शुरू करने का उद्देश्य, हमारे दर्शकों के लिए अलग तरह के धारावाहिक लाना है जो सभी क्षेत्रों के दर्शकों को बंधकर रखने में समर्थ हों। फुलवा में हम भारत के ग्रामीण क्षेत्रा की सजीव तस्वीर पेश करेंगे जबकि मुक्ति बंधन में भारतीय टेलीविज़न पर पहली बार प्राइमटाइम शो में पचास साल का एक अहंकारी पुरुष दिखाई देगा। हमें विश्वास है कि हमारे दर्शक नवविचारों और अनोखी कहानियों वाले इन दो धारावाहिकों को अवश्य पसंद करेंगे।’’फुलवा ग्रामीणों के क्रूर झगड़ों के बीच फंसी एक युवा चंचल लड़की की प्यारी सी कहानी है। चंबल के कुख्यात ठाकुर के अन्याय के विरूद्ध उसकी लड़ाई में वह केवल 11 साल की उम्र में अपनी मासूमियत गंवा देती है। सदियों से डाकुओं या सिरकटवों को पनाह देने के लिए कुख्यात चंबल के बीहड़ों की ग्रामीण पृष्ठभूमि पर सेट; फुलवा का निर्माण स्वास्तिक पिक्चर ने किया है।
सिद्धार्थ तेवरे, क्रीएटिव डायरेक्टर, स्वास्तिक पिक्चर, जो फुलवा की कहानी के लेखक भी हैं, ने कहा कि, ‘‘फुलवा का मतलब फूल होता है और छोटा सा फुल यह नहीं जानता कि उसकी किस्मत क्या होगी। मगर यह एक फूल की ऐसी कहानी है जो अपने नसीब को खुद बनाने का निर्णय लेता है। फुलवा एक युवा लड़की फुलवा की कहानी है जो उस पर हुए उच्च जाति के अत्याचारों की साक्षी है। वह अपने भावी जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए कैसे निर्णय लेती है, और वह अपनी किस्मत को अपने हाथ से कैसे लिखती है, यही इसमें दिखाया गया है।’’ मुक्ति बंधन एक आम आदमी, आई. एम. विरानी की कहानी है, जो कारोबार करने का असाधारण दिमाग रखता है, पर काम करता है। आई एम विरानी भारत का चौथा सबसे बड़ा उद्योगपति है जो अपनी स्थिति को लेकर जिसे सफलता तो हासिल होती है मगर अपनी पत्नी, चारूलता विरानी की सहायता से। वह अपने आदमी के जीवन में एक शक्ति स्तंभ की तरह है, जिसके फैसले पर सवाल उठाए बिना उसका आदमी जीवनभर उसके मार्गदर्शनएक महत्वाकांक्षी औरत, देवकी से भयभीत है, जिसे अगला आई एम विरानी के रूप में देखा जाता है। यह पहली बार है कि कलर्स अपने दर्शकों के लिए गुजराती संस्कृति को दिखाएगा। श्री हरिकिशन मेहता के प्रसिद्ध गुजराती उपन्यास पर आधारित ‘मुक्ति बंधन‘ को शोभना देसाई प्रोडक्शन प्रा. लि. द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है।

-  प्रेमबाबू शर्मा, दिल्ली

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