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Thursday, April 30, 2015

भूकंप के मलबे में गूंजी मोहब्बत की सहनाई

भूकंप ने नेपाल को वो जख्म दिए हैं, जो कभी नहीं भुलाए जा सकते। सदियों तक इस भूकंप और त्रासदी का दंश यहां के वाशिंदों के लिए भले ही नासूर बना रहे, लेकिन यहां पर एक शख्स ने मोहब्बत की वो मिसाल कायम की है, जो नेपाल के इतिहास के पन्नों पर हमेशा के लिए अमर हो गया है।

भूकंप के मलबे में गूंजी मोहब्बत की सहनाई
दरअसल, ये कहानी है भूकंप की तबाही का शिकार हुए नेपाल के उस कपल की, जिसने लाशों का कब्रिस्तान बन चुके काठमांडू में न केवल शादी की शहनाई बजवाई, बल्कि अपना आशियाना न होने पर भी कैंप पर हनीमून मनाया। आपको बता दें कि अमिता और नरेंद्र काठमांडू में सालों से रहते हैं। पहले दोनों के बीच प्यार हुआ, जिसके बाद दोनों ने शादी का फैसला किया। शादी की तारीख 29 अप्रैल तय हुई। 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप में दोनों के घर तबाह हो गए। अमिता अपने घर के मलबे में फंस गई। नरेंद्र के मुताबिक, एक पल के लिए उन्हें लगा कि उनका सब कुछ तबाह हो गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। नरेंद्र सबसे पहले अमिता के घर पहुंचे और उसे और उसके परिवारवालों को मलबे से बाहर निकाला।

मलबे में दबने की वजह से अमिता काफी जख्मी हो गई थीं। शुरुआत में वह और उनका परिवार शादी के लिए तैयार नहीं थे। हालांकि, जब नरेंद्र ने समझाया तो वे राजी हो गए। इसके बाद तयशुदा 29 अप्रैल को दोनों ने पशुपतिनाथ मंदिर में शादी कर ली। अमिता ने बताया कि शादी में बाराती के तौर पर 36 लोग शामिल हुए जो 18 मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए। इनमें परिवार के लोग भी शामिल थे। सभी ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया।

Wednesday, April 29, 2015

"कायर" किसान को उकसाने मजबूर करने वालो पर मुकदमा क्यों नहीं...?


विकास बालियान। 


बात सही है धनकड़ की... असहमत हो ही नहीं सकते। आत्महत्या कायरता पूर्ण अपराध है। ये सत्य है ये अपराध है। ऐसा अपराधी बच जाए तो उसे गिरफ्तार किया जाता है। उसे सजा दी जाती है। ऐसे अपराधी के साथ रहना भी नहीं चाहिए। साथ देना भी नहीं चाहिए। मगर एक सवाल है। सिक्के के 2 पहलु है। आत्महत्या के इस खेल में भी किराफार अकेला नहीं है ...2 है। एक जो आत्महत्या करता है 1 जो उसे ये कदम उठाने को उकसाता है मजबूर करता है। आत्महत्या जैसा महा आत्मघाती कदम कोइ किसी मज़बूरी में उठाता है।

भारतीय कानून में साफ़ है आत्महत्या के लिए उकसाने या मजबूर करने वाले के खिलाफ IPC के तहत कानूनी कार्यवाही हो। उसे सज़ा दी जाए। जो आत्महत्या के लिए किसी को मजबूर करता है। किसान आत्महत्या  कर रहा है। कायरता है। गैर क़ानूनी है। अपराध है। मगर किसान को इस कृत्य के लिए उकसाने वाला मजबूर करने वाला कौन है। उसे तत्काल गिरफ्तार कर सज़ा दी जाए। उस पर मुकदमा चलाया जाए।

  • क्यों नहीं मिल रहा किसान को उसकी फसल का लाभकारी मुल्य?
  • क्यों नहीं होता किसान का फदल डालने के बाद भी 2-2 साल तक भुगतान?
  • क्यों बिकती है किसान की फसल 2-2, 3-3 रुपये किलो?

  • क्यूँ नहीं सरकारी खरीद केन्द्रों  पर होती किसान की पूरी फसल की खरीद?

  • क्यों किसान को 4 % कर्ज देने के बाद वसूली होती है 16 % ब्याज की?
  • क्यों किसान पर लगता है चक्रवर्ती पर चक्रवर्ती ब्याज?
  • क्यों किसान को नहीं मिलता फदल बीमा योजना का लाभ?
  • क्यों 2 लाख के क़र्ज़ के लिए 30 लाख की जमीन बंधक बनाई जाती है?
  • क्यूँ किसान के हालात को समझती नहीं सरकार?
  • क्यों क्यों क्यों......?
  • आखिर क्यों का जवाब देती क्यों नहीं सरकार....?

इस क्यों का जवाब नहीं देने वाली सरकारों ने ही किया किसान को आत्म हत्या के लिए मजबूर। आत्महत्या के लिए उकसाने वाली जिम्मेदार ये सरकारे है। जिनमे आप भी शामिल हो। फिर क्यों नहीं किसान के इस कायरतापूर्ण कदम के लिए किसान को उकसाने या मजबूर करने के लिए आप लोगो पर क्रिमिनल धाराओ में मुकदमा चलाया जाए। 

,,,,,,जवाब है तो दो जवाब??

लाडलों को न दें "मौत का सामान"!

  • - छात्रों की मौत का कारण बन रहे दुपहिया वाहन!
  • - सैंकड़ों छात्र-छात्राएं गंवा चुके हैं अपनी जिंदगी!

अमित सैनी।
अभिभावक अपने लाड़लों को हाईस्पीड बाइक के रूप में 'मौत का सामान' न दें, क्योंकि अब तक न जाने कितने दुपहिया वाहन सवार छात्रों की जिंदगी को डोर टूट चुकी है। आंकड़े साक्षी हैं कि सुरक्षा मानकों को धता बताकर सड़कों पर राईडिंग करने वाले नौजवानों की मौत का कारण दुपहिया वाहन ही हैं।




यातायात पुलिस लोगों को सड़क के नियमों को फोलो करने की हिदायत देते-देते थक चुकी है। 'जल्दी से देर भली', 'हेलमेट जरूर लगाएं', 'दुपहिया वाहनों पर दो से अधिक न बैठें', 'बिना लाइसेंस वाहन न चलाएं'... आदि स्लोगनों के जरिए विभाग वाहन चालकों को चेताते रहते हैं। बावजूद इसके इस ओर कोई ध्यान नहीं देता। अब तो स्कूल-कॉलेज में छात्र-छात्राओं का बाइक-स्कूटर आदि से जाना फैशन बन गया है। 

पब्लिक स्कूल हो या सरकारी.... बाइक और स्कूटर खड़े करने की जगह नहीं है। छोटी उम्र में ही अभिभावक अपने बच्चों को दुपहिया वाहन दे रहे हैं। 125 से लेकर 250 सीसी की बाइकें लेकर नौनिहाल सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जिनमें से अधिकांश के पास न लाइसेंस हैं और न ही वें हेलमेट लगाते हैं। नियम-कानून की धज्जियां उड़ाने वाले छात्र हादसों का शिकार बन रहे हैं। 

Tuesday, April 28, 2015

Aryans Group of Colleges, Chandigarh is going to organize its “27th Aryans Job Fest”

Mohali , (Kulbir Singh Kalsi):-
Aryans Group of Colleges, Chandigarh is going to organize its “27th Aryans Job Fest” on 30th  Aprilat Aryans Campus situated on Chandigarh-Patiala Highway, near Chandigarh. More than 30 Big and Small Companies will be participating in the Fest. Free online Registration can be done from Aryans Website www.aryans.edu.in with other details of the participating companies.

Prof. B.S Sidhu, Registrar, Aryans Group while giving this information said that thousands of candidates from North India are expected to participate in the Fest. In this fest, job opportunities would be available for B.Tech, MBA, BBA, BCA, BA, B.Com, M.Tech, Diploma, ITI etc. He further informed that candidates should carry 10 copies of their resumes and passport size photographs.

Ms Tejinder Kaur, TPO, Aryans Group of Colleges said that the one day fest will witness participation from leading companies that are looking to engage with prospective employees. The fair will give an opportunity to final year students and fresh graduates from all streams to access career options available in various leading organizations under one roof. 

बच्चो की आत्महत्या के कारण और समाधान को दर्शाती फिल्म 'थिंक अगेन'

​प्रेमबाबू शर्मा​!
आये दिन हम टीवी चैनेलो ,अखबारों में बच्चो द्वारा किये गए आत्महत्याओं के बारे में पढ़ते और सुनते है .कोई बच्चा गरीबी से तंग आकर आत्महत्या कर लेता है तो कोई परीक्षा में फ़ैल होने पर ,पर क्या उनके द्वारा उठाये गानेवाले यह कदम सही है ,हम सब का यही जवाब ना ही होगा.पर इन सभी आत्महत्याओं को  होने से कैसे हम बचा सकते है यह बहुत जल्द एक फिल्म के माध्यम से निर्माता -निर्देशक विक्रांत मोरे दर्शाने जा रहे है .
पिछले दिनों मुंबई के अँधेरी स्तिथ केफेस्टा रेस्टोरेंट में फिल्म 'थिंक अगेन ' का प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया जहा इस फिल्म से जुड़े सभी स्टार कास्ट सहित सिंगर इरफ़ान खान भी मौजूद थे जिन्होंने इस फिल्म में बेहतरीन गाना गाया है.'थिंक अगेन ' यह फिल्म बच्चो द्वारा किये जाने वाले आत्महत्याओं के कारण और उसके समाधान को फिल्म के माध्यम से दर्शको तक पहुचाया जाएगा.इस फिल्म में लगभग सभी कलाकार नए है पर सभी कलाकारों का चयन उन्हें बेहतरीन अभिनय को देख कर चुना गया है जो अपने काम में बहुत ही अच्छे और गंभीर है.प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सभी कलाकारों ने अपने-अपने किरदारों के बारे में मीडिया से बातचीत की.

विंग्स टू बॉलीवुड एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनने जा रही इस फिल्म में कलाकारों में आशीष स्वामी और दिव्या लता  मुख्य भूमिका में नजर आएँगे वही बाकि कलाकारों में संजना ,जहान सैयद,हासिम अहमद ,मुस्ताक खान,गणेश यादव और गुलशन पाण्डेय शामिल है.फिल्म की शूटिंग बहुत जल्द मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य लोकेशनों पर शूट की जाएगी .
निर्माता/निर्देशक-विक्रांत मोरे ,लेखक -अमित गुप्ता,एसोसिएट डायरेक्टर-धनञ्जय सिंह,संगीत-आर .के,रॉक (रंजीत),गीतकार-अलीम ताहिर,कैमरामैन-राजेश मिश्रा,पी,आर .ओ -संजय भूषण पटियाला.
मुख्य कलाकार- आशीष स्वामी , दिव्या लता  ,संजना ,जहान सैयद,हासिम अहमद ,मुस्ताक खान,गणेश यादव और गुलशन पाण्डेय  इत्यादि .

Tuesday, April 14, 2015

सनी लियोनी के इवेन्ट मैनेजर फिल्म ‘प्लेजर’ से बने हीरो

 -प्रेमबाबू शर्मा
मशहूर हॉट स्टार सनी लियोनी की किस्मत है कि उन्होंने कम ही समय में अपने आप को एक स्थापित हीरोईन की लाइन में शामिल कर लिया। रागिनी एम एम एस ,जिस्म 2 के बाद हाल मे रीलिज एक पहली लीला में उनके काम की तारीॅ हो रही है, उसकी बढती ख्याति के फायदा उनके इवेन्ट मैनेजर पियूष आनंद को भी मिला । उनको बतौर हीरो निर्माता निर्देशक सी पी सिंह ने मौका दिया है फिल्म ‘प्लेजर’ मंे। ‘साईं बाबा फिल्म्स 97’ के बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्देशन सी पी सिंह और ब्रह्मानंद, नवोदित नायक हैं पियूष आनंद और लीना विश्वकर्मा, साथ हैं प्रीत चैधरी, आकांक्षा सिंह और स्नेहल, संगीत मैनाक नंदी का है, कहानी का कांसेप्ट सी पी सिंह, कैमरा कमल लोखंडवाला  है, इ पी हैं रविश आनंद और मिनी शर्मा, एसोसिएट निर्माता हैं मदनपाल शर्मा मोरादाबाद। फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन ब्लेस्सफिल्म्स एंड पीआर में किया गया है, फिल्म प्रदर्शन के लिए तैयार है।
‘साईं बाबा फिल्म्स-97’ ने पियूष आनंद को तीन फिल्मो के लिए साइन किया है।  


Thursday, April 30, 2015

भूकंप के मलबे में गूंजी मोहब्बत की सहनाई

भूकंप ने नेपाल को वो जख्म दिए हैं, जो कभी नहीं भुलाए जा सकते। सदियों तक इस भूकंप और त्रासदी का दंश यहां के वाशिंदों के लिए भले ही नासूर बना रहे, लेकिन यहां पर एक शख्स ने मोहब्बत की वो मिसाल कायम की है, जो नेपाल के इतिहास के पन्नों पर हमेशा के लिए अमर हो गया है।

भूकंप के मलबे में गूंजी मोहब्बत की सहनाई
दरअसल, ये कहानी है भूकंप की तबाही का शिकार हुए नेपाल के उस कपल की, जिसने लाशों का कब्रिस्तान बन चुके काठमांडू में न केवल शादी की शहनाई बजवाई, बल्कि अपना आशियाना न होने पर भी कैंप पर हनीमून मनाया। आपको बता दें कि अमिता और नरेंद्र काठमांडू में सालों से रहते हैं। पहले दोनों के बीच प्यार हुआ, जिसके बाद दोनों ने शादी का फैसला किया। शादी की तारीख 29 अप्रैल तय हुई। 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप में दोनों के घर तबाह हो गए। अमिता अपने घर के मलबे में फंस गई। नरेंद्र के मुताबिक, एक पल के लिए उन्हें लगा कि उनका सब कुछ तबाह हो गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। नरेंद्र सबसे पहले अमिता के घर पहुंचे और उसे और उसके परिवारवालों को मलबे से बाहर निकाला।

मलबे में दबने की वजह से अमिता काफी जख्मी हो गई थीं। शुरुआत में वह और उनका परिवार शादी के लिए तैयार नहीं थे। हालांकि, जब नरेंद्र ने समझाया तो वे राजी हो गए। इसके बाद तयशुदा 29 अप्रैल को दोनों ने पशुपतिनाथ मंदिर में शादी कर ली। अमिता ने बताया कि शादी में बाराती के तौर पर 36 लोग शामिल हुए जो 18 मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए। इनमें परिवार के लोग भी शामिल थे। सभी ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया।

Wednesday, April 29, 2015

"कायर" किसान को उकसाने मजबूर करने वालो पर मुकदमा क्यों नहीं...?


विकास बालियान। 


बात सही है धनकड़ की... असहमत हो ही नहीं सकते। आत्महत्या कायरता पूर्ण अपराध है। ये सत्य है ये अपराध है। ऐसा अपराधी बच जाए तो उसे गिरफ्तार किया जाता है। उसे सजा दी जाती है। ऐसे अपराधी के साथ रहना भी नहीं चाहिए। साथ देना भी नहीं चाहिए। मगर एक सवाल है। सिक्के के 2 पहलु है। आत्महत्या के इस खेल में भी किराफार अकेला नहीं है ...2 है। एक जो आत्महत्या करता है 1 जो उसे ये कदम उठाने को उकसाता है मजबूर करता है। आत्महत्या जैसा महा आत्मघाती कदम कोइ किसी मज़बूरी में उठाता है।

भारतीय कानून में साफ़ है आत्महत्या के लिए उकसाने या मजबूर करने वाले के खिलाफ IPC के तहत कानूनी कार्यवाही हो। उसे सज़ा दी जाए। जो आत्महत्या के लिए किसी को मजबूर करता है। किसान आत्महत्या  कर रहा है। कायरता है। गैर क़ानूनी है। अपराध है। मगर किसान को इस कृत्य के लिए उकसाने वाला मजबूर करने वाला कौन है। उसे तत्काल गिरफ्तार कर सज़ा दी जाए। उस पर मुकदमा चलाया जाए।

  • क्यों नहीं मिल रहा किसान को उसकी फसल का लाभकारी मुल्य?
  • क्यों नहीं होता किसान का फदल डालने के बाद भी 2-2 साल तक भुगतान?
  • क्यों बिकती है किसान की फसल 2-2, 3-3 रुपये किलो?

  • क्यूँ नहीं सरकारी खरीद केन्द्रों  पर होती किसान की पूरी फसल की खरीद?

  • क्यों किसान को 4 % कर्ज देने के बाद वसूली होती है 16 % ब्याज की?
  • क्यों किसान पर लगता है चक्रवर्ती पर चक्रवर्ती ब्याज?
  • क्यों किसान को नहीं मिलता फदल बीमा योजना का लाभ?
  • क्यों 2 लाख के क़र्ज़ के लिए 30 लाख की जमीन बंधक बनाई जाती है?
  • क्यूँ किसान के हालात को समझती नहीं सरकार?
  • क्यों क्यों क्यों......?
  • आखिर क्यों का जवाब देती क्यों नहीं सरकार....?

इस क्यों का जवाब नहीं देने वाली सरकारों ने ही किया किसान को आत्म हत्या के लिए मजबूर। आत्महत्या के लिए उकसाने वाली जिम्मेदार ये सरकारे है। जिनमे आप भी शामिल हो। फिर क्यों नहीं किसान के इस कायरतापूर्ण कदम के लिए किसान को उकसाने या मजबूर करने के लिए आप लोगो पर क्रिमिनल धाराओ में मुकदमा चलाया जाए। 

,,,,,,जवाब है तो दो जवाब??

लाडलों को न दें "मौत का सामान"!

  • - छात्रों की मौत का कारण बन रहे दुपहिया वाहन!
  • - सैंकड़ों छात्र-छात्राएं गंवा चुके हैं अपनी जिंदगी!

अमित सैनी।
अभिभावक अपने लाड़लों को हाईस्पीड बाइक के रूप में 'मौत का सामान' न दें, क्योंकि अब तक न जाने कितने दुपहिया वाहन सवार छात्रों की जिंदगी को डोर टूट चुकी है। आंकड़े साक्षी हैं कि सुरक्षा मानकों को धता बताकर सड़कों पर राईडिंग करने वाले नौजवानों की मौत का कारण दुपहिया वाहन ही हैं।




यातायात पुलिस लोगों को सड़क के नियमों को फोलो करने की हिदायत देते-देते थक चुकी है। 'जल्दी से देर भली', 'हेलमेट जरूर लगाएं', 'दुपहिया वाहनों पर दो से अधिक न बैठें', 'बिना लाइसेंस वाहन न चलाएं'... आदि स्लोगनों के जरिए विभाग वाहन चालकों को चेताते रहते हैं। बावजूद इसके इस ओर कोई ध्यान नहीं देता। अब तो स्कूल-कॉलेज में छात्र-छात्राओं का बाइक-स्कूटर आदि से जाना फैशन बन गया है। 

पब्लिक स्कूल हो या सरकारी.... बाइक और स्कूटर खड़े करने की जगह नहीं है। छोटी उम्र में ही अभिभावक अपने बच्चों को दुपहिया वाहन दे रहे हैं। 125 से लेकर 250 सीसी की बाइकें लेकर नौनिहाल सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जिनमें से अधिकांश के पास न लाइसेंस हैं और न ही वें हेलमेट लगाते हैं। नियम-कानून की धज्जियां उड़ाने वाले छात्र हादसों का शिकार बन रहे हैं। 

Tuesday, April 28, 2015

Aryans Group of Colleges, Chandigarh is going to organize its “27th Aryans Job Fest”

Mohali , (Kulbir Singh Kalsi):-
Aryans Group of Colleges, Chandigarh is going to organize its “27th Aryans Job Fest” on 30th  Aprilat Aryans Campus situated on Chandigarh-Patiala Highway, near Chandigarh. More than 30 Big and Small Companies will be participating in the Fest. Free online Registration can be done from Aryans Website www.aryans.edu.in with other details of the participating companies.

Prof. B.S Sidhu, Registrar, Aryans Group while giving this information said that thousands of candidates from North India are expected to participate in the Fest. In this fest, job opportunities would be available for B.Tech, MBA, BBA, BCA, BA, B.Com, M.Tech, Diploma, ITI etc. He further informed that candidates should carry 10 copies of their resumes and passport size photographs.

Ms Tejinder Kaur, TPO, Aryans Group of Colleges said that the one day fest will witness participation from leading companies that are looking to engage with prospective employees. The fair will give an opportunity to final year students and fresh graduates from all streams to access career options available in various leading organizations under one roof. 

बच्चो की आत्महत्या के कारण और समाधान को दर्शाती फिल्म 'थिंक अगेन'

​प्रेमबाबू शर्मा​!
आये दिन हम टीवी चैनेलो ,अखबारों में बच्चो द्वारा किये गए आत्महत्याओं के बारे में पढ़ते और सुनते है .कोई बच्चा गरीबी से तंग आकर आत्महत्या कर लेता है तो कोई परीक्षा में फ़ैल होने पर ,पर क्या उनके द्वारा उठाये गानेवाले यह कदम सही है ,हम सब का यही जवाब ना ही होगा.पर इन सभी आत्महत्याओं को  होने से कैसे हम बचा सकते है यह बहुत जल्द एक फिल्म के माध्यम से निर्माता -निर्देशक विक्रांत मोरे दर्शाने जा रहे है .
पिछले दिनों मुंबई के अँधेरी स्तिथ केफेस्टा रेस्टोरेंट में फिल्म 'थिंक अगेन ' का प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया जहा इस फिल्म से जुड़े सभी स्टार कास्ट सहित सिंगर इरफ़ान खान भी मौजूद थे जिन्होंने इस फिल्म में बेहतरीन गाना गाया है.'थिंक अगेन ' यह फिल्म बच्चो द्वारा किये जाने वाले आत्महत्याओं के कारण और उसके समाधान को फिल्म के माध्यम से दर्शको तक पहुचाया जाएगा.इस फिल्म में लगभग सभी कलाकार नए है पर सभी कलाकारों का चयन उन्हें बेहतरीन अभिनय को देख कर चुना गया है जो अपने काम में बहुत ही अच्छे और गंभीर है.प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सभी कलाकारों ने अपने-अपने किरदारों के बारे में मीडिया से बातचीत की.

विंग्स टू बॉलीवुड एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनने जा रही इस फिल्म में कलाकारों में आशीष स्वामी और दिव्या लता  मुख्य भूमिका में नजर आएँगे वही बाकि कलाकारों में संजना ,जहान सैयद,हासिम अहमद ,मुस्ताक खान,गणेश यादव और गुलशन पाण्डेय शामिल है.फिल्म की शूटिंग बहुत जल्द मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य लोकेशनों पर शूट की जाएगी .
निर्माता/निर्देशक-विक्रांत मोरे ,लेखक -अमित गुप्ता,एसोसिएट डायरेक्टर-धनञ्जय सिंह,संगीत-आर .के,रॉक (रंजीत),गीतकार-अलीम ताहिर,कैमरामैन-राजेश मिश्रा,पी,आर .ओ -संजय भूषण पटियाला.
मुख्य कलाकार- आशीष स्वामी , दिव्या लता  ,संजना ,जहान सैयद,हासिम अहमद ,मुस्ताक खान,गणेश यादव और गुलशन पाण्डेय  इत्यादि .

Tuesday, April 14, 2015

सनी लियोनी के इवेन्ट मैनेजर फिल्म ‘प्लेजर’ से बने हीरो

 -प्रेमबाबू शर्मा
मशहूर हॉट स्टार सनी लियोनी की किस्मत है कि उन्होंने कम ही समय में अपने आप को एक स्थापित हीरोईन की लाइन में शामिल कर लिया। रागिनी एम एम एस ,जिस्म 2 के बाद हाल मे रीलिज एक पहली लीला में उनके काम की तारीॅ हो रही है, उसकी बढती ख्याति के फायदा उनके इवेन्ट मैनेजर पियूष आनंद को भी मिला । उनको बतौर हीरो निर्माता निर्देशक सी पी सिंह ने मौका दिया है फिल्म ‘प्लेजर’ मंे। ‘साईं बाबा फिल्म्स 97’ के बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्देशन सी पी सिंह और ब्रह्मानंद, नवोदित नायक हैं पियूष आनंद और लीना विश्वकर्मा, साथ हैं प्रीत चैधरी, आकांक्षा सिंह और स्नेहल, संगीत मैनाक नंदी का है, कहानी का कांसेप्ट सी पी सिंह, कैमरा कमल लोखंडवाला  है, इ पी हैं रविश आनंद और मिनी शर्मा, एसोसिएट निर्माता हैं मदनपाल शर्मा मोरादाबाद। फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन ब्लेस्सफिल्म्स एंड पीआर में किया गया है, फिल्म प्रदर्शन के लिए तैयार है।
‘साईं बाबा फिल्म्स-97’ ने पियूष आनंद को तीन फिल्मो के लिए साइन किया है।