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Sunday, February 21, 2016

जाटों ने लगाया जाम

आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा में शुरु हुई जाट आरक्षण आंदोलन की आग की चिंगारी ने अब उत्तर प्रदेश को भी अपनी चपेट में लेना शुरु कर दिया है जिसके चलते जनपद मुजफ्फरनगर में शनिवार को  गांव शौरम में हुई सर्वखाप पंचायत में खाप चौधरियों ने हरियाणा के जाटो का समर्थन करते हुए रविवार को उत्तर प्रदेश में दोपहर 11 से 1 बजे तक चक्का जाम करने का ऐलान किया गया था जिसके चलते मुज़फ्फरनगर में NH 58 सहित दर्जनो जगहों पर जाटो ने रोड जाम कर अपना विरोध जता दिया है 

आज का चक्का जाम शांति पूर्वक रहा मगर इस अवसर पर जाटो ने सरकार को चेताया कि अगर उनकी मांगे नही मानी जाती तो उन्हें मजबूरन रेल भी रोकनी पडी तो वे रेल भी रोकेंगे और पटरियां भी फाड़ेंगे जाम के दौरान जाट समुदाय के लोग काफी गुस्से में दिखाई पड रहे थे जाम की अगुवाई कर रहे जाट नेता चंद्रपाल फौजी ने कहा वे हरियाणा के जाटो के साथ है अगर हरियाणा में आरक्षण बहाल नही होता तो वे भी अनिश्चित काल के लिए सड़क और रेल जाम कर देंगे जाम से हाइवे पर दोनों और लम्बी लम्बी लाइने लग गयी हालांकि बसो में बैठी सवारियां परेशान जरूर दिखाई पड़ी लेकिन जाटो की आरक्षण की मांग  उन्होंने भी समर्थन किया 

Saturday, February 20, 2016

हर किरदार को जीने की चाह है:रतन राजपूत



-प्रेमबाबू शर्मा

महाभारत में अम्बा का किरदार निभाने वाली रतन राजपूत का सही मायने में पहचान मिली‘‘अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो’ की लाली किरदार से । उनका एक मजबूर लडकी के किरदार घर-घर अपनी पहचान बनाने वाली रतन राजपूत ने अब तक टीवी पर कई शो किये हैं। इनमें से महाभारत में अम्बा का किरदार सबसे यादगार माना जाता है। रतन आजकल एंड टीवी के सोशियो-माइथोलॉजिकल शो ‘‘संतोषी मां’ में संतोषी मां की भक्त के रूप में नजर आ ही हैं। शो के बारे उनका क्या कहना है,जानते है,उनकी ही जुबानी -


‘‘संतोषी मां’ में अपने कैरेक्टर के बारे में कुछ बताएं? 

मैं एक माध्यम वर्गीय परिवार की लड़की संतोषी का किरदार निभा रही हूं जो संतोषी मां की परम भक्त है। संतोषी के माता पिता मर जाते हैं और वह अनाथ हो जाती है। उसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि उसे जीवन जीने की कला आती है जो उसके पास है वो उसी में खुश रहती है, कभी भी उन चीजों की इच्छा नहीं करती जो उसके पास नहीं है या जो उसकी पहुंच के बाहर है। देवी मां के आशीर्वाद से संतोषी जीवन की सभी कठिनाइयों का सामना करती है।

ऐसी कौन सी खास बात थी जिसकी वजह से आपने यह रोल स्वीकार किया? 

शो करने के मामले में मैं बहुत सिलेक्टिव हूं। लेकिन शो बहुत शानदार है और एक व्यक्ति के रूप में, मैं भगवान में बहुत विास करती हूं। चूंकि यह शो देवी संतोषी मां पर आधारित है और मेरा किरदार इस तरह से सजाया गया है कि मुझे लगता है कि जैसे शो में मैं खुद का ही चरित्र अदा कर रही हूं। मुझे इस शो को मना करने का एक कारण भी नहीं मिला।

असली जिंदगी में कितनी बातें भगवान पर छोड़ देती हैं? 


मैं जो भी करती हूं, उसे भगवान पर छोड़ने से पहले अपने अधिकतम प्रयास करती हूं। जैसा कि सब कहते हैं, ‘‘भगवान उन्हीं की मदद करता है जो अपनी मदद स्वयं करते हैं।‘‘ मैं असल जिंदगी में इसी का अनुसरण करती हूं और हर दिन की समाप्ति पर भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं कि उन्होंने मुझे ताकत के साथ ही उनके जरिये चीजों को देखने की गंभीरता प्रदान की।
संतोषी मां ऐसा शो है, जिनका सिद्धांत संतोष पर आधारित है, क्या आप अपनी जिंदगी में संतुष्ट हैं ?
हां, मैंने अभी तक जो भी हासिल किया, उससे संतुष्ट हूं। मैं थोड़ी महत्वाकांक्षी हूं और अपना सिर ऊंचा रखकर जीवन में आगे बढ़ने में विास करती हूं। मुझे मालूम है कि कड़ी मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। इसलिए, मैं बहुत कड़ा परिश्रम करती हूं और पूरे धीरज के साथ परिणाम का इंतजार करती हूं।

आप, संतोषी मां पर कितना विष्वास करती हैं?
क्या मां के व्रत से फल मिलता है?


 मैं ईश्वर  को और इस व्रत को मानती हूं इसलिए जाहिर सी बात है कि मैं संतोषी मां को भी काफी मानती हूं। पर हां मैं संतोषी मां का व्रत नहीं रखती क्योंकि ऐसा कहा जाता है की मानो तो सब है और न मानो तो कुछ भी नहीं।
अपने किसी एक अनुभव के बारे में बतायें जो इस बात का आश्वासन देता है कि भगवान का अस्तित्व है?
मुझे लगता है कि मैंने अभी तक जो हासिल किया और मुझे जो जिंदगी मिली, वह भगवान के होने का आश्वासन देती है। मुझे सभी सफलताएं जैसे प्रसिद्धि और मेरे प्रशंसकों का प्यार मिला, जिसके लिए मैं वास्तव में खुद को भाग्यशाली मानती हूं। मुझे पता है कि यह सब आसान नहीं है और मुझे जो इतना अच्छा काम मिला और मुझे जो कुछ मिला, वह भगवान के आशीर्वाद के कारण ही संभव हुआ है।ृ

अब तक आपने कई शोज किये हैं, कैसा अनुभव रहा? 

मुझे कैमरे से काफी लगाव है, सिर्फ रोल, एक्शन एंड कैमरा शब्द सुनकर ही मैं बहुत उत्साहित हो जाती हूं। मैंने अभी तक बहुत कम शूट किया है जिसकी वजह से मेरे रास्ते में आये किसी भी करेक्टर को निभाने का मौका नहीं छोड़ना चाहती, क्योंकि सारे शो कहीं न कहीं, कुछ न कुछ सिखाते ही हैं जो आगे जाकर जीवन में लाभदायक होगा।

रोने धोने वाले शो से परहेज हैःं सृष्टि रोडे


-प्रेमबाबू शर्मा

आपके नए शो चलती का नाम गाड़ी की अवधारणा क्या है?

चलती का नाम गाड़ी नई दिल्ली में रहने वाले आहूजा परिवार की एक कहानी है। उनकी रोजमर्रा की नीरस जिंदगी में अचानक रोचक मोड़ आता है जब वे अपनी पहली फैमिली कार मारुति ऑल्टो 800 खरीद कर लाते हैं। कहानी में फिर ट्विस्ट आता है जब करण नई कार की आवाज सुनना आरंभ कर देता है और वह भी उससे पलट कर बात करती है। इसका मजेदार हिस्सा यह है कि करण के अलावा कोई और व्यक्ति कार की आवाज नहीं सुन सकता। कार उसकी हर दिन की समस्याओं और परिस्थितियों का अनूठा समाधान खोजने में मदद करती है और परिवार को एक साथ जाने में भी सहायता करती है।


इस शो में अपने किरदार के विषय में हमें कुछ बताएं?

मैं घर की आदर्श बहू पिया का मजेदार चरित्र अदा कर रही हूं। पिया आहूजा परिवार को प्रभावित करने के लिए नई-नई चीजें करती है। उदाहरण के लिए वह नए पकवान बनाती है, नई पहल करती है। कई बार पिया के इन प्रयासों के दौरान मजेदार घटनाएं घट जाती हैं, और पूरा परिवार एक साथ आकर घटना की जिम्मेदारी लेता है और पिया पर निराशा के बोझ को कम करता है। 

क्या आपको लगता है कि भारतीय दर्शक ‘चलती का नाम गाड़ी’ जैसा शो देखने के लिए तैयार हैं?

यह बहुत हलका-फुलका शो है जिसे हर कोई देख सकता है। यह एक कॉमेडी शो है जिसका कॉन्सेप्ट नया है। मुझे लगता है कि लोग इस तरह के शो देखना पसंद करेंगे और पूरा भरोसा है कि वे चलती का नाम गाड़ी जैसे शो देखने के लिए तैयार हैं। हम लंबे समय बाद आपको पर्दे पर देख रहे हैं। अभी तक कहां थी, टीवी से दूर क्यों थीं?हां, यह वास्तव में लंबा ब्रेक था। अभिनय के अलावा मुझे नए स्थानों पर घूमना और नई चीजों जैसे संगीत, नृत्य या फिर कोई भिन्न भाषा के बारे में सीखना पसंद है। इस ब्रेक के दौरान मैं यात्रा कर रही थी और मैं ने विदेश का एक दौरा किया और भारत में एक यात्रा की। 

आपने ‘चलती का नाम गाड़ी’ क्यों चुना?

मैंने चलती का नाम गाड़ी इसलिए चुना क्योंकि मैं हमेशा से सब टीवी के साथ काम करना चाहती थी। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कारण है कि मेरे माता-पिता चैनल के बहुत बड़े फैन हैं और मुझे इसके लिए काम करते हुये देखना चाहते थे। इसलिए जब मुझे सब टीवी से ऑफर मिला, बिना देरी किए मैंने इसे हां कह दिया। मैं खुश थी कि मैं आखिरकार हर समय रोने-धोने से दूर हूं और बदलाव के लिए कॉमेडी कर रही हूं। यह शो बहुत हलका-फुलका है और मैं इसमें काम करने का आनंद उठा रही हूं।

यदि आपके पास टॉकिंग कार हो, तो कैसा लगेगा?

यह सबसे मजेदार सवाल है जिसका मैं जवाब दे रही हूं। टॉकिंग कार होना सबसे हास्यप्रद होगा। यदि एक कार बात करने लग जाए तो इससे ज्यादा मजेदार क्या होगा, आपको किसी दोस्त की ही जरूरत नहीं पड़ेगी। उदाहरण के लिए, यदि आप पूरे दिन के व्यस्त शेड्यूल से थक गए हैं तो ड्राइव के लिए टॉकिंग कार बाहर निकालें जिसमें कार आपसे बात करेगी, आप इससे बहुत अच्छा महसूस करेंगे और आपका सारा तनाव छूमंतर हो जाएगा। सच कहूं तो मैं असली जिंदगी में अपनी कार से बात करती हूं, यदि स्पीड ब्रेकर पर मैं तेजी से अपनी गाड़ी निकालती हूं तो उससे माफी मांगती हूं। यदि मेरे पास टॉकिंग कार हो तो यह वाकई में अद्भुत होगा।

Monday, February 15, 2016

बच्ची से रेप, 90 हजार में मामला रफा-दफा, पुलिस का इंकार

सिखेड़ा क्षेत्र के एक गांव में एक युवक पड़ोस की पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर फरार हो गया। रविवार सुबह परिजनों ने युवक को पकड़कर जमकर पीटा। ग्रामीणों ने दोनों पक्षों की बैठक कर मामले को 90 हजार रुपये में रफादफा करवा दिया। पुलिस ने कोई भी ऐसी घटना होने से मना किया।
सिखेड़ा क्षेत्र के एक गांव में शनिवार शाम अपने ही पड़ोस के घर में पांच व सात वर्षीय दो सगी बहनें एक बच्चे के साथ खेल रही थीं, तभी पड़ोस का एक युवक आया और दो बच्चों को पैसे देकर दुकान पर टाफी लेने के लिए भेज दिया। कुछ समय बाद जब वह दोनों बच्चे वापस आए तो पांच वर्षीय बच्ची खून में लथपथ पड़ी थी। जब उसकी बड़ी बहन ने घर जाकर मामले की जानकारी दी तो परिजनों में हड़कंप मच गया और वह मौके पर पहुंचे।
मकान मालिक ने बताया कि बच्ची गिर गई थी, जिससे उसी गम्भीर चोटें लगी है और खून निकल आया है। परिजनों ने बच्ची को एक निजी चिकित्सक को दिखाया तो उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि की। दुष्कर्म की बात सुनकर परिजनों में रोष फैल गया। परिजनों ने तुरंत बच्ची को मुजफ्फरनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया।
रविवार को घर पहुंचकर आरोपी युवक के तलाश की कुछ देर बाद युवक को उन्होंने धर दबोचा और उसकी जमकर पिटाई की। जब परिजनों ने उसके खिलाफ कार्रवाई कराने को कहा तो गांव के कुछ लोगों ने मिलकर बैठक की और मामले को वहीं निपटाने की सलाह दी।
सोमवार को बच्ची अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही थी, वहीं गांव में परिजन और आरोपी पक्षके लोग समझौते के लिए पंचायत करने में लगे थे। गांव में कई घंटे की पंचायत के बाद दोनों पक्षों में 90 हजार रुपये में समझौता हो गया। थाना प्रभारी प्रभाकर केंतुरा ने बताया कि इस तरह की सूचना मिली थी गांव में जाकर जानकारी की तो पुलिस को इस तरह की घटना की कोई जानकारी नहीं मिली।

प्यार के परिंदों पर भारी रहा इस बार वैलेंटाइन डे

रविवार का वैलेंटाइनडे पडने के कारण बहुत से स्कूली छात्र और छात्राएं अपने प्यार का इजहार न कर सके और सोमवार को जब अपना प्यार का इजहार किया तो कही पब्लिक ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा तो कही लड़की ने आशिक के प्यार का बुखार पीट पीट उतरा । 
दिल्ली के युवक से फेस बुक पर एक साल से चैटिंग करते करते दोस्ती प्यार में बदल गयी और आज वो अपनी प्रेमिका से मिलने अपनी आई टेन लाल रंग की कार DL 8C AA 2770 से मेरठ पंहुचा । मेरठ पहुंच कर सीधा अपनी प्रेमिका की गली के बहार ही मेन रोड पर कार को लोक कर और गाडी के शीशो पर नेट वाली जाली लगा कर दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे और बीच सड़क पर ही अपने प्यार से सभी सीमाओ को लांघ दिया और ये भी भूल गए की वो किस स्थान पर प्यार कर रहे है । ये सब नजारा आते जाते लोगो ने जब देखा तो पब्लिक इक्कठी होनी शुरू हुई और उनकी गाडी को घेर लिया जब उनसे शीशे खोलने को कहा तो उन्होंने आनन फानन में गाडी सड़क पर दौड़ा दी और जो भी सामने आया उसे रोंदते हुए तेज गाती से भाग रहे थे पब्लिक पीछे पीछे एक जगह उनकी कार ने एक स्कूटी सवार के टककर मार दी और गाडी बंद हो गयी वही पीछे आ रही पब्लिक ने गाडी में तोड़ फोड़ शुरू कर दी यही नहीं भीड़ में मौजूद एक युवक ने लड़की को बचाते हुए उसको तन ढकने के लिए अपनी जैकिट दी इतने में किसी ने पुलिस को सुचना दी पुलिस में मोके पर जा कर दोनों को थाने ले आई और मुकदमा दर्ज कर लिया वही लड़की के परिजनों को बुला कर उसे उनके सुपुर्द कर दिया । 
पकड़ा गया प्रेमी असद  दिल्ली के अंगलोरवीन्क स्कुल का इंटर का छात्र है और दिल्ली के होसकाजी का रहने वाला है फ़िलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर युवक को हवालात में डाल दिया । लेकिन पुलिस इस मामले से अपने को बचाती दिखाई दी । पर इतना जरूर है इन प्रेमिया की कही जनता ने पिटाई की तो कही लड़की ने मजनू की करी । 

देशद्रोह के मुक़दमे में गिलानी गिरफ़्तार

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में भारत विरोधी नारेबाजी को लेकर देशद्रोह के आरोप में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व लेक्चरर एसएआर गिलानी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आज गिलानी की कोर्ट में पेशी होगी। 
दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाने के बाद उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। आज गिलानी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। 
गिलानी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उन्हें दिल्ली के आरएमएल अस्पताल ले गई, जहां उनका मेडिकल कराया गया. गिलानी पर आरोप है कि उन्होंने 10 फरवरी को अफजल गुरु की बरसी के मौके पर प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम आयोजित किया था और वहां देश-विरोधी नारे लगाए गए थे. नारे लगाने वालों में कथित रूप से गिलानी भी शामिल थे। बता दे कि इससे पहले गिलानी को 2001 में संसद हमला मामले में गिरफ्तार किया गया था लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने 'सबूतों की कमी' के चलते अक्टूबर 2003 में उन्हें बरी कर दिया था। 

भूमि फर्जीवाड़ा : आईटीबीपी की जमीन बेचने वालों पर मुकदमा दर्ज

देहरादून। मसूरी में आईटीबीपी भूमि फर्जीवाड़ा मामले में कार्रवाई हुई है। फर्जी पॉवर ऑफ अटार्नी से मसूरी के क्यारखुली स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की जमीन फर्जी ढंग से बेचकर 32 लाख रुपए हड़पने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया है। एसआईटी के आईजी संजय गुंज्याल के निर्देश पर भूमि फर्जीवाड़ा मामले में चार लोगों के खिलाफ थाना मसूरी में मुकदमा दर्ज किया गया है। इन आरोपियों में से एक अधिवक्ता भी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने धरपकड़ तेज कर दी है।


भूमि फर्जीवाड़ा में पीड़ित है दिल्ली निवासी

भूमि फर्जीवाड़ा मामले में दिल्ली के तरुण एन्क्लेव में रहने वाले प्रवेश कुमार बक्शी ने आईजी संजय गुंज्याल से शिकायत की थी। बक्शी ने आरोप लगाए हैं कि एक अधिवक्ता ने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी पावर ऑफ अटार्नी तैयार करके उनसे क्यारकुली में कई बीघा जमीन का सौदा किया। प्रवेश कुमार ने 25 अगस्त 2015 को इस वकील और उसके साथियों को 32 लाख रुपये अदा भी कर दिए। इसके बावजूद भी जमीन की रजिस्ट्री उसके नाम पर नहीं हुई। कई बार कहने के बावजूद जब आरोपियों ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं की तो उन्हें शक हुआ। जांच पड़ताल में ये बात सामने आई कि संबंधित जमीन आईटीबीपी की है।

एसआईटी की जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा

एसआईटी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि 18 दिसंबर 1933 को रघुराज सिंह ने मसूरी में 795 बीघा से ज्यादा जमीन एडमिनिस्ट्रेटर ऑफ जनरल ऑफ यूपी से खरीदी थी। इस जमीन को रघुराज सिंह के पुत्र रघुप्रताप और ओलफ ब्रैमवेल की अन्य जमीन को राज्य सरकार ने 23 दिसंबर 1964 को अधिग्रहित किया था। यूपी सरकार ने 31 मई 1988 को इस भूमि को भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी को आवंटित किया था। लेकिन लंबे समय तक आईटीबीपी आवंटित भूमि का राजस्व अभिलेखों में दाखिल खारिज नहीं हो पाया। इसका फायदा उठाते हुए रघुप्रताप ने इस भूमि की पॉवर ऑफ अटार्नी एक अधिवक्ता और अन्य लोगों के नाम कर दी। इन लोगों ने पावर ऑफ अटार्नी से जमीन प्रवेश कुमार को बेची।

Sunday, February 21, 2016

जाटों ने लगाया जाम

आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा में शुरु हुई जाट आरक्षण आंदोलन की आग की चिंगारी ने अब उत्तर प्रदेश को भी अपनी चपेट में लेना शुरु कर दिया है जिसके चलते जनपद मुजफ्फरनगर में शनिवार को  गांव शौरम में हुई सर्वखाप पंचायत में खाप चौधरियों ने हरियाणा के जाटो का समर्थन करते हुए रविवार को उत्तर प्रदेश में दोपहर 11 से 1 बजे तक चक्का जाम करने का ऐलान किया गया था जिसके चलते मुज़फ्फरनगर में NH 58 सहित दर्जनो जगहों पर जाटो ने रोड जाम कर अपना विरोध जता दिया है 

आज का चक्का जाम शांति पूर्वक रहा मगर इस अवसर पर जाटो ने सरकार को चेताया कि अगर उनकी मांगे नही मानी जाती तो उन्हें मजबूरन रेल भी रोकनी पडी तो वे रेल भी रोकेंगे और पटरियां भी फाड़ेंगे जाम के दौरान जाट समुदाय के लोग काफी गुस्से में दिखाई पड रहे थे जाम की अगुवाई कर रहे जाट नेता चंद्रपाल फौजी ने कहा वे हरियाणा के जाटो के साथ है अगर हरियाणा में आरक्षण बहाल नही होता तो वे भी अनिश्चित काल के लिए सड़क और रेल जाम कर देंगे जाम से हाइवे पर दोनों और लम्बी लम्बी लाइने लग गयी हालांकि बसो में बैठी सवारियां परेशान जरूर दिखाई पड़ी लेकिन जाटो की आरक्षण की मांग  उन्होंने भी समर्थन किया 

Saturday, February 20, 2016

हर किरदार को जीने की चाह है:रतन राजपूत



-प्रेमबाबू शर्मा

महाभारत में अम्बा का किरदार निभाने वाली रतन राजपूत का सही मायने में पहचान मिली‘‘अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो’ की लाली किरदार से । उनका एक मजबूर लडकी के किरदार घर-घर अपनी पहचान बनाने वाली रतन राजपूत ने अब तक टीवी पर कई शो किये हैं। इनमें से महाभारत में अम्बा का किरदार सबसे यादगार माना जाता है। रतन आजकल एंड टीवी के सोशियो-माइथोलॉजिकल शो ‘‘संतोषी मां’ में संतोषी मां की भक्त के रूप में नजर आ ही हैं। शो के बारे उनका क्या कहना है,जानते है,उनकी ही जुबानी -


‘‘संतोषी मां’ में अपने कैरेक्टर के बारे में कुछ बताएं? 

मैं एक माध्यम वर्गीय परिवार की लड़की संतोषी का किरदार निभा रही हूं जो संतोषी मां की परम भक्त है। संतोषी के माता पिता मर जाते हैं और वह अनाथ हो जाती है। उसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि उसे जीवन जीने की कला आती है जो उसके पास है वो उसी में खुश रहती है, कभी भी उन चीजों की इच्छा नहीं करती जो उसके पास नहीं है या जो उसकी पहुंच के बाहर है। देवी मां के आशीर्वाद से संतोषी जीवन की सभी कठिनाइयों का सामना करती है।

ऐसी कौन सी खास बात थी जिसकी वजह से आपने यह रोल स्वीकार किया? 

शो करने के मामले में मैं बहुत सिलेक्टिव हूं। लेकिन शो बहुत शानदार है और एक व्यक्ति के रूप में, मैं भगवान में बहुत विास करती हूं। चूंकि यह शो देवी संतोषी मां पर आधारित है और मेरा किरदार इस तरह से सजाया गया है कि मुझे लगता है कि जैसे शो में मैं खुद का ही चरित्र अदा कर रही हूं। मुझे इस शो को मना करने का एक कारण भी नहीं मिला।

असली जिंदगी में कितनी बातें भगवान पर छोड़ देती हैं? 


मैं जो भी करती हूं, उसे भगवान पर छोड़ने से पहले अपने अधिकतम प्रयास करती हूं। जैसा कि सब कहते हैं, ‘‘भगवान उन्हीं की मदद करता है जो अपनी मदद स्वयं करते हैं।‘‘ मैं असल जिंदगी में इसी का अनुसरण करती हूं और हर दिन की समाप्ति पर भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं कि उन्होंने मुझे ताकत के साथ ही उनके जरिये चीजों को देखने की गंभीरता प्रदान की।
संतोषी मां ऐसा शो है, जिनका सिद्धांत संतोष पर आधारित है, क्या आप अपनी जिंदगी में संतुष्ट हैं ?
हां, मैंने अभी तक जो भी हासिल किया, उससे संतुष्ट हूं। मैं थोड़ी महत्वाकांक्षी हूं और अपना सिर ऊंचा रखकर जीवन में आगे बढ़ने में विास करती हूं। मुझे मालूम है कि कड़ी मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। इसलिए, मैं बहुत कड़ा परिश्रम करती हूं और पूरे धीरज के साथ परिणाम का इंतजार करती हूं।

आप, संतोषी मां पर कितना विष्वास करती हैं?
क्या मां के व्रत से फल मिलता है?


 मैं ईश्वर  को और इस व्रत को मानती हूं इसलिए जाहिर सी बात है कि मैं संतोषी मां को भी काफी मानती हूं। पर हां मैं संतोषी मां का व्रत नहीं रखती क्योंकि ऐसा कहा जाता है की मानो तो सब है और न मानो तो कुछ भी नहीं।
अपने किसी एक अनुभव के बारे में बतायें जो इस बात का आश्वासन देता है कि भगवान का अस्तित्व है?
मुझे लगता है कि मैंने अभी तक जो हासिल किया और मुझे जो जिंदगी मिली, वह भगवान के होने का आश्वासन देती है। मुझे सभी सफलताएं जैसे प्रसिद्धि और मेरे प्रशंसकों का प्यार मिला, जिसके लिए मैं वास्तव में खुद को भाग्यशाली मानती हूं। मुझे पता है कि यह सब आसान नहीं है और मुझे जो इतना अच्छा काम मिला और मुझे जो कुछ मिला, वह भगवान के आशीर्वाद के कारण ही संभव हुआ है।ृ

अब तक आपने कई शोज किये हैं, कैसा अनुभव रहा? 

मुझे कैमरे से काफी लगाव है, सिर्फ रोल, एक्शन एंड कैमरा शब्द सुनकर ही मैं बहुत उत्साहित हो जाती हूं। मैंने अभी तक बहुत कम शूट किया है जिसकी वजह से मेरे रास्ते में आये किसी भी करेक्टर को निभाने का मौका नहीं छोड़ना चाहती, क्योंकि सारे शो कहीं न कहीं, कुछ न कुछ सिखाते ही हैं जो आगे जाकर जीवन में लाभदायक होगा।

रोने धोने वाले शो से परहेज हैःं सृष्टि रोडे


-प्रेमबाबू शर्मा

आपके नए शो चलती का नाम गाड़ी की अवधारणा क्या है?

चलती का नाम गाड़ी नई दिल्ली में रहने वाले आहूजा परिवार की एक कहानी है। उनकी रोजमर्रा की नीरस जिंदगी में अचानक रोचक मोड़ आता है जब वे अपनी पहली फैमिली कार मारुति ऑल्टो 800 खरीद कर लाते हैं। कहानी में फिर ट्विस्ट आता है जब करण नई कार की आवाज सुनना आरंभ कर देता है और वह भी उससे पलट कर बात करती है। इसका मजेदार हिस्सा यह है कि करण के अलावा कोई और व्यक्ति कार की आवाज नहीं सुन सकता। कार उसकी हर दिन की समस्याओं और परिस्थितियों का अनूठा समाधान खोजने में मदद करती है और परिवार को एक साथ जाने में भी सहायता करती है।


इस शो में अपने किरदार के विषय में हमें कुछ बताएं?

मैं घर की आदर्श बहू पिया का मजेदार चरित्र अदा कर रही हूं। पिया आहूजा परिवार को प्रभावित करने के लिए नई-नई चीजें करती है। उदाहरण के लिए वह नए पकवान बनाती है, नई पहल करती है। कई बार पिया के इन प्रयासों के दौरान मजेदार घटनाएं घट जाती हैं, और पूरा परिवार एक साथ आकर घटना की जिम्मेदारी लेता है और पिया पर निराशा के बोझ को कम करता है। 

क्या आपको लगता है कि भारतीय दर्शक ‘चलती का नाम गाड़ी’ जैसा शो देखने के लिए तैयार हैं?

यह बहुत हलका-फुलका शो है जिसे हर कोई देख सकता है। यह एक कॉमेडी शो है जिसका कॉन्सेप्ट नया है। मुझे लगता है कि लोग इस तरह के शो देखना पसंद करेंगे और पूरा भरोसा है कि वे चलती का नाम गाड़ी जैसे शो देखने के लिए तैयार हैं। हम लंबे समय बाद आपको पर्दे पर देख रहे हैं। अभी तक कहां थी, टीवी से दूर क्यों थीं?हां, यह वास्तव में लंबा ब्रेक था। अभिनय के अलावा मुझे नए स्थानों पर घूमना और नई चीजों जैसे संगीत, नृत्य या फिर कोई भिन्न भाषा के बारे में सीखना पसंद है। इस ब्रेक के दौरान मैं यात्रा कर रही थी और मैं ने विदेश का एक दौरा किया और भारत में एक यात्रा की। 

आपने ‘चलती का नाम गाड़ी’ क्यों चुना?

मैंने चलती का नाम गाड़ी इसलिए चुना क्योंकि मैं हमेशा से सब टीवी के साथ काम करना चाहती थी। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कारण है कि मेरे माता-पिता चैनल के बहुत बड़े फैन हैं और मुझे इसके लिए काम करते हुये देखना चाहते थे। इसलिए जब मुझे सब टीवी से ऑफर मिला, बिना देरी किए मैंने इसे हां कह दिया। मैं खुश थी कि मैं आखिरकार हर समय रोने-धोने से दूर हूं और बदलाव के लिए कॉमेडी कर रही हूं। यह शो बहुत हलका-फुलका है और मैं इसमें काम करने का आनंद उठा रही हूं।

यदि आपके पास टॉकिंग कार हो, तो कैसा लगेगा?

यह सबसे मजेदार सवाल है जिसका मैं जवाब दे रही हूं। टॉकिंग कार होना सबसे हास्यप्रद होगा। यदि एक कार बात करने लग जाए तो इससे ज्यादा मजेदार क्या होगा, आपको किसी दोस्त की ही जरूरत नहीं पड़ेगी। उदाहरण के लिए, यदि आप पूरे दिन के व्यस्त शेड्यूल से थक गए हैं तो ड्राइव के लिए टॉकिंग कार बाहर निकालें जिसमें कार आपसे बात करेगी, आप इससे बहुत अच्छा महसूस करेंगे और आपका सारा तनाव छूमंतर हो जाएगा। सच कहूं तो मैं असली जिंदगी में अपनी कार से बात करती हूं, यदि स्पीड ब्रेकर पर मैं तेजी से अपनी गाड़ी निकालती हूं तो उससे माफी मांगती हूं। यदि मेरे पास टॉकिंग कार हो तो यह वाकई में अद्भुत होगा।

Monday, February 15, 2016

बच्ची से रेप, 90 हजार में मामला रफा-दफा, पुलिस का इंकार

सिखेड़ा क्षेत्र के एक गांव में एक युवक पड़ोस की पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर फरार हो गया। रविवार सुबह परिजनों ने युवक को पकड़कर जमकर पीटा। ग्रामीणों ने दोनों पक्षों की बैठक कर मामले को 90 हजार रुपये में रफादफा करवा दिया। पुलिस ने कोई भी ऐसी घटना होने से मना किया।
सिखेड़ा क्षेत्र के एक गांव में शनिवार शाम अपने ही पड़ोस के घर में पांच व सात वर्षीय दो सगी बहनें एक बच्चे के साथ खेल रही थीं, तभी पड़ोस का एक युवक आया और दो बच्चों को पैसे देकर दुकान पर टाफी लेने के लिए भेज दिया। कुछ समय बाद जब वह दोनों बच्चे वापस आए तो पांच वर्षीय बच्ची खून में लथपथ पड़ी थी। जब उसकी बड़ी बहन ने घर जाकर मामले की जानकारी दी तो परिजनों में हड़कंप मच गया और वह मौके पर पहुंचे।
मकान मालिक ने बताया कि बच्ची गिर गई थी, जिससे उसी गम्भीर चोटें लगी है और खून निकल आया है। परिजनों ने बच्ची को एक निजी चिकित्सक को दिखाया तो उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि की। दुष्कर्म की बात सुनकर परिजनों में रोष फैल गया। परिजनों ने तुरंत बच्ची को मुजफ्फरनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया।
रविवार को घर पहुंचकर आरोपी युवक के तलाश की कुछ देर बाद युवक को उन्होंने धर दबोचा और उसकी जमकर पिटाई की। जब परिजनों ने उसके खिलाफ कार्रवाई कराने को कहा तो गांव के कुछ लोगों ने मिलकर बैठक की और मामले को वहीं निपटाने की सलाह दी।
सोमवार को बच्ची अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही थी, वहीं गांव में परिजन और आरोपी पक्षके लोग समझौते के लिए पंचायत करने में लगे थे। गांव में कई घंटे की पंचायत के बाद दोनों पक्षों में 90 हजार रुपये में समझौता हो गया। थाना प्रभारी प्रभाकर केंतुरा ने बताया कि इस तरह की सूचना मिली थी गांव में जाकर जानकारी की तो पुलिस को इस तरह की घटना की कोई जानकारी नहीं मिली।

प्यार के परिंदों पर भारी रहा इस बार वैलेंटाइन डे

रविवार का वैलेंटाइनडे पडने के कारण बहुत से स्कूली छात्र और छात्राएं अपने प्यार का इजहार न कर सके और सोमवार को जब अपना प्यार का इजहार किया तो कही पब्लिक ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा तो कही लड़की ने आशिक के प्यार का बुखार पीट पीट उतरा । 
दिल्ली के युवक से फेस बुक पर एक साल से चैटिंग करते करते दोस्ती प्यार में बदल गयी और आज वो अपनी प्रेमिका से मिलने अपनी आई टेन लाल रंग की कार DL 8C AA 2770 से मेरठ पंहुचा । मेरठ पहुंच कर सीधा अपनी प्रेमिका की गली के बहार ही मेन रोड पर कार को लोक कर और गाडी के शीशो पर नेट वाली जाली लगा कर दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे और बीच सड़क पर ही अपने प्यार से सभी सीमाओ को लांघ दिया और ये भी भूल गए की वो किस स्थान पर प्यार कर रहे है । ये सब नजारा आते जाते लोगो ने जब देखा तो पब्लिक इक्कठी होनी शुरू हुई और उनकी गाडी को घेर लिया जब उनसे शीशे खोलने को कहा तो उन्होंने आनन फानन में गाडी सड़क पर दौड़ा दी और जो भी सामने आया उसे रोंदते हुए तेज गाती से भाग रहे थे पब्लिक पीछे पीछे एक जगह उनकी कार ने एक स्कूटी सवार के टककर मार दी और गाडी बंद हो गयी वही पीछे आ रही पब्लिक ने गाडी में तोड़ फोड़ शुरू कर दी यही नहीं भीड़ में मौजूद एक युवक ने लड़की को बचाते हुए उसको तन ढकने के लिए अपनी जैकिट दी इतने में किसी ने पुलिस को सुचना दी पुलिस में मोके पर जा कर दोनों को थाने ले आई और मुकदमा दर्ज कर लिया वही लड़की के परिजनों को बुला कर उसे उनके सुपुर्द कर दिया । 
पकड़ा गया प्रेमी असद  दिल्ली के अंगलोरवीन्क स्कुल का इंटर का छात्र है और दिल्ली के होसकाजी का रहने वाला है फ़िलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर युवक को हवालात में डाल दिया । लेकिन पुलिस इस मामले से अपने को बचाती दिखाई दी । पर इतना जरूर है इन प्रेमिया की कही जनता ने पिटाई की तो कही लड़की ने मजनू की करी । 

देशद्रोह के मुक़दमे में गिलानी गिरफ़्तार

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में भारत विरोधी नारेबाजी को लेकर देशद्रोह के आरोप में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व लेक्चरर एसएआर गिलानी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आज गिलानी की कोर्ट में पेशी होगी। 
दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाने के बाद उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। आज गिलानी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। 
गिलानी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उन्हें दिल्ली के आरएमएल अस्पताल ले गई, जहां उनका मेडिकल कराया गया. गिलानी पर आरोप है कि उन्होंने 10 फरवरी को अफजल गुरु की बरसी के मौके पर प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम आयोजित किया था और वहां देश-विरोधी नारे लगाए गए थे. नारे लगाने वालों में कथित रूप से गिलानी भी शामिल थे। बता दे कि इससे पहले गिलानी को 2001 में संसद हमला मामले में गिरफ्तार किया गया था लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने 'सबूतों की कमी' के चलते अक्टूबर 2003 में उन्हें बरी कर दिया था। 

भूमि फर्जीवाड़ा : आईटीबीपी की जमीन बेचने वालों पर मुकदमा दर्ज

देहरादून। मसूरी में आईटीबीपी भूमि फर्जीवाड़ा मामले में कार्रवाई हुई है। फर्जी पॉवर ऑफ अटार्नी से मसूरी के क्यारखुली स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की जमीन फर्जी ढंग से बेचकर 32 लाख रुपए हड़पने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया है। एसआईटी के आईजी संजय गुंज्याल के निर्देश पर भूमि फर्जीवाड़ा मामले में चार लोगों के खिलाफ थाना मसूरी में मुकदमा दर्ज किया गया है। इन आरोपियों में से एक अधिवक्ता भी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने धरपकड़ तेज कर दी है।


भूमि फर्जीवाड़ा में पीड़ित है दिल्ली निवासी

भूमि फर्जीवाड़ा मामले में दिल्ली के तरुण एन्क्लेव में रहने वाले प्रवेश कुमार बक्शी ने आईजी संजय गुंज्याल से शिकायत की थी। बक्शी ने आरोप लगाए हैं कि एक अधिवक्ता ने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी पावर ऑफ अटार्नी तैयार करके उनसे क्यारकुली में कई बीघा जमीन का सौदा किया। प्रवेश कुमार ने 25 अगस्त 2015 को इस वकील और उसके साथियों को 32 लाख रुपये अदा भी कर दिए। इसके बावजूद भी जमीन की रजिस्ट्री उसके नाम पर नहीं हुई। कई बार कहने के बावजूद जब आरोपियों ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं की तो उन्हें शक हुआ। जांच पड़ताल में ये बात सामने आई कि संबंधित जमीन आईटीबीपी की है।

एसआईटी की जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा

एसआईटी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि 18 दिसंबर 1933 को रघुराज सिंह ने मसूरी में 795 बीघा से ज्यादा जमीन एडमिनिस्ट्रेटर ऑफ जनरल ऑफ यूपी से खरीदी थी। इस जमीन को रघुराज सिंह के पुत्र रघुप्रताप और ओलफ ब्रैमवेल की अन्य जमीन को राज्य सरकार ने 23 दिसंबर 1964 को अधिग्रहित किया था। यूपी सरकार ने 31 मई 1988 को इस भूमि को भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी को आवंटित किया था। लेकिन लंबे समय तक आईटीबीपी आवंटित भूमि का राजस्व अभिलेखों में दाखिल खारिज नहीं हो पाया। इसका फायदा उठाते हुए रघुप्रताप ने इस भूमि की पॉवर ऑफ अटार्नी एक अधिवक्ता और अन्य लोगों के नाम कर दी। इन लोगों ने पावर ऑफ अटार्नी से जमीन प्रवेश कुमार को बेची।