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Wednesday, August 28, 2013

मुजफ्फरनगर में हिंसा

मुजफ्फरनगर :

जानसठ थाना क्षेत्र के कवाल में हुई तीन हत्याओं के मामले में दूसरे दिन भी गांव में सांप्रदायिक आग सुलगती रही। दो दर्जन मकानों में तोड़फोड़ की, आग लगा दी। लोगों ने जाम लगाकर दो बाइक फूंक डालीं। राहगीरों पर हमला बोल दिया, जिसमें एक महिला व बच्ची समेत पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने गोलियां हवा में दागीं और लाठियां फटकारकर लोगों को खदेड़ा। एडीजी कानून- व्यवस्था अरुण कुमार समेत तमाम आला अधिकारियों ने हालात पर बमुश्किल काबू पाया।
मलिकपुरा निवासी गौरव व सचिन और कवाल निवासी शाहनवाज की मंगलवार को कवाल में हत्या कर दी गई थी। मंगलवार की रात्रि पोस्टमार्टम के बाद हजारों लोग सचिन व गौरव के शवों को लेकर मलिकपुरा पहुंचे। शव देखते ही परिजनों में हाहाकार मच गया। मंजर देख लोगों में आक्रोश भर गया और वह कवाल गांव की ओर दौड़ लिए। कुछ लोगों ने उन्हें किसी तरह समझाकर अंतिम संस्कार कराया। इस दौरान तय हुआ कि 31 अगस्त को कवाल स्थित स्कूल में पंचायत कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
अंतिम संस्कार के बाद एक बार फिर भीड़ बेकाबू हो गई और कवाल की और बढ़नी शुरू हो गई। इस दौरान पुलिस बेबस रही। हजारों लोगों ने कवाल पहुंचते ही कई मकानों व दुकानों में जमकर तोड़फोड़ की। भीड़ ने कई राहगीरों को मारपीट कर घायल कर दिया। इस दौरान पुलिस ने करीब एक दर्जन हवाई फायर करते हुए जमकर लाठी भांजी। इसके बाद भीड़ तितर-बितर हुई।
तोड़फोड़ करती हुई भीड़ पानीपत-खटीमा राजमार्ग पर पहुंची और तीन जगह जाम लगा दिया। एक बस में तोड़फोड़ की, जिससे कई यात्री घायल हो गए। एक दंपती को मारपीट कर घायल कर दिया। लोगों ने दो अलग-अलग स्थानों पर वहां से गुजर रहे दो लोगों की बाइक फूंक दी। बस अड्डे के सामने स्थित एक मकान में आग लगा दी। पानीपत-खटीमा मार्ग पर एक दुकान को फूंक डाला। मारपीट में एक महिला और बच्ची समेत कुल पांच लोग घायल हो गए।
मौके पर पहुंचे बिजनौर भाजपा विधायक कुंवर भारतेंदु सिंह व भाजपा नेता संजीव बालियान आदि ने जाम लगा रहे लोगों को समझाया। इधर नेता लोगों को समझा रहे थे और उधर कुछ युवकों ने निकट ही एक झोपड़ी में आग लगा दी। एडीजी कानून-व्यवस्था अरुण कुमार, नवागत डीएम कौशलराज शर्मा, नवागत एसएसपी सुभाष चंद दुबे व एडीएम ई इंद्रमणि त्रिपाठी ने बमुश्किल हालात पर काबू पाया।


एडीजी अरुण कुमार ने हालात का जायजा लिया

जिले के गांव कवाल में ट्रिपल मर्डर के बाद सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की गूंज से शासन हिल गया है। दूसरे दिन हालात बिगड़ने की खबर मिलते ही एडीजी (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार ने चंद घंटे में कवाल पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
एडीजी कानून-व्यवस्था अरुण कुमार ने कहा कि कवाल में शांति बहाली को सख्त कदम उठाये जाएंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने माना कि जिले में पूर्व में अन्य स्थानों पर छेड़छाड़ को लेकर हुए सांप्रदायिक संघर्षो में पुलिस-प्रशासन के स्तर पर चूक से ही कवाल की घटना हुई है।
अरुण कुमार जिले के नवागत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद दुबे के साथ विशेष हेलीकाप्टर से लखनऊ से पुलिस लाइन पहुंचे, जहां से कार द्वारा लोनिवि के जानसठ गेस्ट हाउस पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कवाल में शांति कायम करने के लिए पर्याप्त सीआरपीएफ व पीएसी तैनात कर दी गई है। किसी को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। पूरे प्रकरण में निष्पक्ष कार्रवाई होगी।
जिले में छेड़छाड़ की वजह से सांप्रदायिक संघर्ष की कई घटनाएं घटित होने के सवाल पर एडीजी ने माना कि उक्त मामलों में सख्ती से कार्रवाई करने में चूक हुई है, जिसकी जांच की जाएगी। डीएम व एसएसपी को कवाल घटना की वजह से स्थानांतरित किए जाने के सवाल पर कहा कि स्थानांतरण कोई सजा नहीं है। शासन ने शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए कदम उठाए हैं।

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मुजफ्फरनगर में हिंसा

मुजफ्फरनगर :

जानसठ थाना क्षेत्र के कवाल में हुई तीन हत्याओं के मामले में दूसरे दिन भी गांव में सांप्रदायिक आग सुलगती रही। दो दर्जन मकानों में तोड़फोड़ की, आग लगा दी। लोगों ने जाम लगाकर दो बाइक फूंक डालीं। राहगीरों पर हमला बोल दिया, जिसमें एक महिला व बच्ची समेत पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने गोलियां हवा में दागीं और लाठियां फटकारकर लोगों को खदेड़ा। एडीजी कानून- व्यवस्था अरुण कुमार समेत तमाम आला अधिकारियों ने हालात पर बमुश्किल काबू पाया।
मलिकपुरा निवासी गौरव व सचिन और कवाल निवासी शाहनवाज की मंगलवार को कवाल में हत्या कर दी गई थी। मंगलवार की रात्रि पोस्टमार्टम के बाद हजारों लोग सचिन व गौरव के शवों को लेकर मलिकपुरा पहुंचे। शव देखते ही परिजनों में हाहाकार मच गया। मंजर देख लोगों में आक्रोश भर गया और वह कवाल गांव की ओर दौड़ लिए। कुछ लोगों ने उन्हें किसी तरह समझाकर अंतिम संस्कार कराया। इस दौरान तय हुआ कि 31 अगस्त को कवाल स्थित स्कूल में पंचायत कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
अंतिम संस्कार के बाद एक बार फिर भीड़ बेकाबू हो गई और कवाल की और बढ़नी शुरू हो गई। इस दौरान पुलिस बेबस रही। हजारों लोगों ने कवाल पहुंचते ही कई मकानों व दुकानों में जमकर तोड़फोड़ की। भीड़ ने कई राहगीरों को मारपीट कर घायल कर दिया। इस दौरान पुलिस ने करीब एक दर्जन हवाई फायर करते हुए जमकर लाठी भांजी। इसके बाद भीड़ तितर-बितर हुई।
तोड़फोड़ करती हुई भीड़ पानीपत-खटीमा राजमार्ग पर पहुंची और तीन जगह जाम लगा दिया। एक बस में तोड़फोड़ की, जिससे कई यात्री घायल हो गए। एक दंपती को मारपीट कर घायल कर दिया। लोगों ने दो अलग-अलग स्थानों पर वहां से गुजर रहे दो लोगों की बाइक फूंक दी। बस अड्डे के सामने स्थित एक मकान में आग लगा दी। पानीपत-खटीमा मार्ग पर एक दुकान को फूंक डाला। मारपीट में एक महिला और बच्ची समेत कुल पांच लोग घायल हो गए।
मौके पर पहुंचे बिजनौर भाजपा विधायक कुंवर भारतेंदु सिंह व भाजपा नेता संजीव बालियान आदि ने जाम लगा रहे लोगों को समझाया। इधर नेता लोगों को समझा रहे थे और उधर कुछ युवकों ने निकट ही एक झोपड़ी में आग लगा दी। एडीजी कानून-व्यवस्था अरुण कुमार, नवागत डीएम कौशलराज शर्मा, नवागत एसएसपी सुभाष चंद दुबे व एडीएम ई इंद्रमणि त्रिपाठी ने बमुश्किल हालात पर काबू पाया।


एडीजी अरुण कुमार ने हालात का जायजा लिया

जिले के गांव कवाल में ट्रिपल मर्डर के बाद सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की गूंज से शासन हिल गया है। दूसरे दिन हालात बिगड़ने की खबर मिलते ही एडीजी (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार ने चंद घंटे में कवाल पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
एडीजी कानून-व्यवस्था अरुण कुमार ने कहा कि कवाल में शांति बहाली को सख्त कदम उठाये जाएंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने माना कि जिले में पूर्व में अन्य स्थानों पर छेड़छाड़ को लेकर हुए सांप्रदायिक संघर्षो में पुलिस-प्रशासन के स्तर पर चूक से ही कवाल की घटना हुई है।
अरुण कुमार जिले के नवागत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद दुबे के साथ विशेष हेलीकाप्टर से लखनऊ से पुलिस लाइन पहुंचे, जहां से कार द्वारा लोनिवि के जानसठ गेस्ट हाउस पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कवाल में शांति कायम करने के लिए पर्याप्त सीआरपीएफ व पीएसी तैनात कर दी गई है। किसी को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। पूरे प्रकरण में निष्पक्ष कार्रवाई होगी।
जिले में छेड़छाड़ की वजह से सांप्रदायिक संघर्ष की कई घटनाएं घटित होने के सवाल पर एडीजी ने माना कि उक्त मामलों में सख्ती से कार्रवाई करने में चूक हुई है, जिसकी जांच की जाएगी। डीएम व एसएसपी को कवाल घटना की वजह से स्थानांतरित किए जाने के सवाल पर कहा कि स्थानांतरण कोई सजा नहीं है। शासन ने शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए कदम उठाए हैं।

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