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Monday, February 15, 2016

भूमि फर्जीवाड़ा : आईटीबीपी की जमीन बेचने वालों पर मुकदमा दर्ज

देहरादून। मसूरी में आईटीबीपी भूमि फर्जीवाड़ा मामले में कार्रवाई हुई है। फर्जी पॉवर ऑफ अटार्नी से मसूरी के क्यारखुली स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की जमीन फर्जी ढंग से बेचकर 32 लाख रुपए हड़पने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया है। एसआईटी के आईजी संजय गुंज्याल के निर्देश पर भूमि फर्जीवाड़ा मामले में चार लोगों के खिलाफ थाना मसूरी में मुकदमा दर्ज किया गया है। इन आरोपियों में से एक अधिवक्ता भी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने धरपकड़ तेज कर दी है।


भूमि फर्जीवाड़ा में पीड़ित है दिल्ली निवासी

भूमि फर्जीवाड़ा मामले में दिल्ली के तरुण एन्क्लेव में रहने वाले प्रवेश कुमार बक्शी ने आईजी संजय गुंज्याल से शिकायत की थी। बक्शी ने आरोप लगाए हैं कि एक अधिवक्ता ने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी पावर ऑफ अटार्नी तैयार करके उनसे क्यारकुली में कई बीघा जमीन का सौदा किया। प्रवेश कुमार ने 25 अगस्त 2015 को इस वकील और उसके साथियों को 32 लाख रुपये अदा भी कर दिए। इसके बावजूद भी जमीन की रजिस्ट्री उसके नाम पर नहीं हुई। कई बार कहने के बावजूद जब आरोपियों ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं की तो उन्हें शक हुआ। जांच पड़ताल में ये बात सामने आई कि संबंधित जमीन आईटीबीपी की है।

एसआईटी की जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा

एसआईटी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि 18 दिसंबर 1933 को रघुराज सिंह ने मसूरी में 795 बीघा से ज्यादा जमीन एडमिनिस्ट्रेटर ऑफ जनरल ऑफ यूपी से खरीदी थी। इस जमीन को रघुराज सिंह के पुत्र रघुप्रताप और ओलफ ब्रैमवेल की अन्य जमीन को राज्य सरकार ने 23 दिसंबर 1964 को अधिग्रहित किया था। यूपी सरकार ने 31 मई 1988 को इस भूमि को भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी को आवंटित किया था। लेकिन लंबे समय तक आईटीबीपी आवंटित भूमि का राजस्व अभिलेखों में दाखिल खारिज नहीं हो पाया। इसका फायदा उठाते हुए रघुप्रताप ने इस भूमि की पॉवर ऑफ अटार्नी एक अधिवक्ता और अन्य लोगों के नाम कर दी। इन लोगों ने पावर ऑफ अटार्नी से जमीन प्रवेश कुमार को बेची।

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Monday, February 15, 2016

भूमि फर्जीवाड़ा : आईटीबीपी की जमीन बेचने वालों पर मुकदमा दर्ज

देहरादून। मसूरी में आईटीबीपी भूमि फर्जीवाड़ा मामले में कार्रवाई हुई है। फर्जी पॉवर ऑफ अटार्नी से मसूरी के क्यारखुली स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की जमीन फर्जी ढंग से बेचकर 32 लाख रुपए हड़पने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया है। एसआईटी के आईजी संजय गुंज्याल के निर्देश पर भूमि फर्जीवाड़ा मामले में चार लोगों के खिलाफ थाना मसूरी में मुकदमा दर्ज किया गया है। इन आरोपियों में से एक अधिवक्ता भी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने धरपकड़ तेज कर दी है।


भूमि फर्जीवाड़ा में पीड़ित है दिल्ली निवासी

भूमि फर्जीवाड़ा मामले में दिल्ली के तरुण एन्क्लेव में रहने वाले प्रवेश कुमार बक्शी ने आईजी संजय गुंज्याल से शिकायत की थी। बक्शी ने आरोप लगाए हैं कि एक अधिवक्ता ने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी पावर ऑफ अटार्नी तैयार करके उनसे क्यारकुली में कई बीघा जमीन का सौदा किया। प्रवेश कुमार ने 25 अगस्त 2015 को इस वकील और उसके साथियों को 32 लाख रुपये अदा भी कर दिए। इसके बावजूद भी जमीन की रजिस्ट्री उसके नाम पर नहीं हुई। कई बार कहने के बावजूद जब आरोपियों ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं की तो उन्हें शक हुआ। जांच पड़ताल में ये बात सामने आई कि संबंधित जमीन आईटीबीपी की है।

एसआईटी की जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा

एसआईटी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि 18 दिसंबर 1933 को रघुराज सिंह ने मसूरी में 795 बीघा से ज्यादा जमीन एडमिनिस्ट्रेटर ऑफ जनरल ऑफ यूपी से खरीदी थी। इस जमीन को रघुराज सिंह के पुत्र रघुप्रताप और ओलफ ब्रैमवेल की अन्य जमीन को राज्य सरकार ने 23 दिसंबर 1964 को अधिग्रहित किया था। यूपी सरकार ने 31 मई 1988 को इस भूमि को भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी को आवंटित किया था। लेकिन लंबे समय तक आईटीबीपी आवंटित भूमि का राजस्व अभिलेखों में दाखिल खारिज नहीं हो पाया। इसका फायदा उठाते हुए रघुप्रताप ने इस भूमि की पॉवर ऑफ अटार्नी एक अधिवक्ता और अन्य लोगों के नाम कर दी। इन लोगों ने पावर ऑफ अटार्नी से जमीन प्रवेश कुमार को बेची।

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