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Saturday, July 3, 2010

बेबस पिता ....

-(मुज़फ्फरनगर) 11 साल से एक डॉक्टर की लापरवाही का खामियाजा भुगत रही है एक पिता की होनहार बेटी साबिया बिस्तर पर लेटी बेबसी के आंसू बहा रही है उसे तो ये भी मालूम नही है की उसके जीवन में ये कैसा मौड़ आया की उसे 11 सालो से बेहोशी का सामना करना पड़ रहा है और उसका बेबस पिता दिन रत उसकी सेवा में जुटा है साबिया के इस हाल से सभी परिचित है लेकिन उसके पिता हाकिम मोहम्मंद रफ़ी जैदी अपने सिने में छिपा हुआ दर्द किसे बताये दरशल हाकिम साहब की 6 बेटिया है साबिया उनकी चोथे नंबर की बेटी है साबिया की शादी अब से करीब 12 वर्ष पहले सीतापुर के रहिस ख़ानदान और इन्कम टैक्स कैमिस्निर ज़फर अली के बेटे अधिवक्ता फैज़ अब्बास से बड़ी ही धूम धाम से की गई उस टाइम साबिया एम ए की पढाई कर रही थी शादी के करीब एक साल बाद पिता के घर एम ए फ़ाइनल की परीक्षा देने अपने सोहर के साथ मुज़फ्फरनगर आ गयी उसी दौरान साबिया को प्रशव पीड़ा हुई तो उसके पिता शहर के एक निजी हॉस्पिटल में ले गए जहा आपरेशन के दौरान साबिया ने बेटे को जन्म दिया तो परिवार में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी लेकिन आपरेशन थियेटर से डॉक्टर और साबिया बहार नही आये तो परिज़नो को कुछ शंका पैदा हुई उन्हें ये मालूम नही था की अंदर क्या हो रहा है काफी दबाव देने पर हॉस्पिटल कर्मियों ने बताया की जिस टाइम साबिया का आपरेशन चल रहा था उसी टाइम साबिया होश में आ गयी थी होश में आते ही साबिया छटपटाने लगी डॉक्टर ने दोबारा उसे बेहोश करने के लिए ओवर डोज दे डाली जिस के तुरंत बाद साबिया अचेत हो गयी और जो आज भी अचेत ही है, डॉक्टर ने अपना बचाओ करते हुए उसे मेरठ रेफेर कर दिया जब 15 दिनों तक उसकी बेहोशी नही टूटी तो उसके पिता ने उसे दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया जब काफी टाइम तक उसकी हालत में कोई सुधार नही हुआ तो मुज़फ्फरनगर में घर पर ही उपचार शुरू किया गया इसी बीच साबिया के पति फैज़ अपने बेटे कासीर को लेकर अपने घर सीतापुर चले गये, तभी से साबिया बेहोशी की हालत में अपने पिता के घर पर है और उसका बेबस पिता अपनी बेटी की दिन रत सेवा कर रहा है एक और जहा साबिया वर्षो से बिस्तर पर बेहोशी की हालत में पड़ी हुई है वही दूसरी और साबिया के पति फैज़ ने कुछ दिन पूर्व दूसरी शादी कर ली है, साबिया के जिस बेटे के पैदा होने पर इस हालत में आई आज ना तो उसका वो बेटा ही उसके पास है और ना ही उसका पति, अगर उसका कोई है तो सिर्फ उसका बेबस पिता ....


राकेश शर्मा


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Saturday, July 3, 2010

बेबस पिता ....

-(मुज़फ्फरनगर) 11 साल से एक डॉक्टर की लापरवाही का खामियाजा भुगत रही है एक पिता की होनहार बेटी साबिया बिस्तर पर लेटी बेबसी के आंसू बहा रही है उसे तो ये भी मालूम नही है की उसके जीवन में ये कैसा मौड़ आया की उसे 11 सालो से बेहोशी का सामना करना पड़ रहा है और उसका बेबस पिता दिन रत उसकी सेवा में जुटा है साबिया के इस हाल से सभी परिचित है लेकिन उसके पिता हाकिम मोहम्मंद रफ़ी जैदी अपने सिने में छिपा हुआ दर्द किसे बताये दरशल हाकिम साहब की 6 बेटिया है साबिया उनकी चोथे नंबर की बेटी है साबिया की शादी अब से करीब 12 वर्ष पहले सीतापुर के रहिस ख़ानदान और इन्कम टैक्स कैमिस्निर ज़फर अली के बेटे अधिवक्ता फैज़ अब्बास से बड़ी ही धूम धाम से की गई उस टाइम साबिया एम ए की पढाई कर रही थी शादी के करीब एक साल बाद पिता के घर एम ए फ़ाइनल की परीक्षा देने अपने सोहर के साथ मुज़फ्फरनगर आ गयी उसी दौरान साबिया को प्रशव पीड़ा हुई तो उसके पिता शहर के एक निजी हॉस्पिटल में ले गए जहा आपरेशन के दौरान साबिया ने बेटे को जन्म दिया तो परिवार में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी लेकिन आपरेशन थियेटर से डॉक्टर और साबिया बहार नही आये तो परिज़नो को कुछ शंका पैदा हुई उन्हें ये मालूम नही था की अंदर क्या हो रहा है काफी दबाव देने पर हॉस्पिटल कर्मियों ने बताया की जिस टाइम साबिया का आपरेशन चल रहा था उसी टाइम साबिया होश में आ गयी थी होश में आते ही साबिया छटपटाने लगी डॉक्टर ने दोबारा उसे बेहोश करने के लिए ओवर डोज दे डाली जिस के तुरंत बाद साबिया अचेत हो गयी और जो आज भी अचेत ही है, डॉक्टर ने अपना बचाओ करते हुए उसे मेरठ रेफेर कर दिया जब 15 दिनों तक उसकी बेहोशी नही टूटी तो उसके पिता ने उसे दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया जब काफी टाइम तक उसकी हालत में कोई सुधार नही हुआ तो मुज़फ्फरनगर में घर पर ही उपचार शुरू किया गया इसी बीच साबिया के पति फैज़ अपने बेटे कासीर को लेकर अपने घर सीतापुर चले गये, तभी से साबिया बेहोशी की हालत में अपने पिता के घर पर है और उसका बेबस पिता अपनी बेटी की दिन रत सेवा कर रहा है एक और जहा साबिया वर्षो से बिस्तर पर बेहोशी की हालत में पड़ी हुई है वही दूसरी और साबिया के पति फैज़ ने कुछ दिन पूर्व दूसरी शादी कर ली है, साबिया के जिस बेटे के पैदा होने पर इस हालत में आई आज ना तो उसका वो बेटा ही उसके पास है और ना ही उसका पति, अगर उसका कोई है तो सिर्फ उसका बेबस पिता ....


राकेश शर्मा


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