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Monday, October 29, 2012

मौत की रफ्तार ने निगली पांच जिंदगी


* नो एंट्री में घुसे असंतुलित ट्रक का तांड़व

अमित सैनी, मुजफ्फरनगर।
मौत की रफ्तार ने पांच बेकुसूरों की जिंदगी निगल ली। जानसठ रेलवे क्रोसिंग पुल पर अंधी स्पीड ने पहले एक साइकिल सवार को रौंदा और फिर रिक्शा सवार चार लोगों को मौत की नींद सुला दिया। इसमें से रिक्शा पोलर तो उछलकर पुल से करीब ३० फुट नीचे जा गिरा। ट्रक का कहर यहीं भी नहीं रुका। करीब ड़ेढ किमी तक रिक्शा को घसीटते हुए अलमासपुर चौक तक ले गया। पुलिस के रोकने पर चालक ने ट्रक को एक दुकान में घुसा दिया। लापरवाही के आरोप में दरोगा समेत चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
मौत का यह तांड़व सोमवार रात करीब सवा आठ बजे शहर के जानसठ रेलवे क्रोसिंग पुल पर हुआ। नशे में धुत्त चालक अंधी रफ्तार से नई मंडी के अलमासपुर की ओर दौड़ा जा रहा था। पुल पर चढ़ते ही ट्रक ने पहले साइकिल सवार को कुचल दिया। पीछे से आ रहे लोगों ने शोर मचाया तो चालक ने ट्रक की ओर स्पीड बढ़ा दी। इसके बाद ट्रक ने रिक्शा को टक्कर मारकर उड़ा दिया। रिक्शा चालक तो उछलकर पुल से करीब ३० फुट नीचे जा गिरा, जबकि रिक् शा सवार महिला, पुरुष और एक बच्चे को ट्रक कुचलते हुए आगे बढ़ गया। चकनाचूर हुई रिक्शा का हैडिंल ट्रक के निचले हिस्से में फंस गया। ट्रक चिंगारी के साथ उसी स्पीड से सामने आने वालों को क्षतिग्रस्त करते हुए अलमासपुर चौक तक जा पहुंचा। पुलिस कर्मियों ने उसे रोकने का प्रयास किया तो चालक ने ट्रक को पवन साइकिल वक्र्स की दुकान में घुसा दिया। पुलिस ने नशे में धुत्त चालक संजय पुत्र रामपाल निवासी चौधरान पट्टी, नकुड़ को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में रिपोर्ट दर्ज करने की तैयारी कर रही है। समाचार लिखे जाने तक मृतकों की शिनाख्त नहीं हो सकी थी।
*
मौत के कहर का कौन है जिम्मेदार
* ट्रक के तांड़व से मची जानसठ रोड पर भगदड़
* तीन कारों में सवार परिवार भी बचे बाल-बाल
* नो एंट्री होते हुए आखिर कैसे घुसा शहर में ट्रक
शहर में हादसों को टालने के लिए सुबह सात बजे से रात्रि नौ बजे तक बड़े वाहनों, खासतौर से ट्रकों के आवागमन पर पूरी तरह रोक है। फिर भी पुलिस सांठ-गांठ से ट्रक अंदर दाखिल ही हो जाते हैं। मौत का कहर बरपाने वाला यह ट्रक भी दिनभर मीनाक्षी चौक स्थित कांग्रेस नेता की ट्रांसपोर्ट पर खड़ा रहा। शाम के समय से ही ट्रक चालक संजय चौधरी ने शराब ड़कारनी शुरू कर दी थी। आठ बजे करीब संजय नशे में धुत्त होकर ट्रक लेकर भोपा रोड जाने के लिए चला। मीनाक्षी चौक पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने ट्रक को रोकने तक की जहमत नहीं उठाई। शायद यदि ट्रक को रोक लिया जाता तो इस भयानक हादसे को रोका जा सकता था। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब नो एंट्री में घुसे किसी ट्रक ने मौत का कहर बरपाया हो। पहले भी ऐसी अनेक घटनाऐं हो चुकी हैं, बावजूद इसके प्रशासन उससे कोई सबक नहीं ले रहा है। सोमवार रात हुए दर्दनाक हादसे ने पुलिस की घोर लापरवाही उजागर की है। अधिकारियों ने भी आनन-फानन में गलती पर पर्दा डालने के लिए मंडी थाने के दरोगा सीपी कठेरिया और चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर तो कर दिया, लेकिन सवाल यही है कि आखिर कब तक नो एंट्री का मखौल उड़ता रहेगा और बेकुसूर अपनी जिंदगी से हाथ धोते रहेगें।
*
मौत का मंजर देखकर सहम गए लोग
मुजफ्फरनगर। खून से लथपथ इधर-उधर पड़ी पांच लाशें, मांस के लौथड़े और बहता खून। यह खौफनाक मंजर जिसने भी देखा, वह सहम गया। सैकड़ों लोगों का जमावड़ा था और हर किसी का गुस्सा उबाल पर था। मौत बने ट्रक के सामने जो भी आया उसकी सांसे अटककर रह गई। क्योंकि ट्रक में फंसी रिक्शा सड़क से घिसड़ते हुए चिंगारी निकाल रही थी। कुदरत का करम रहा कि कोई दूसरा वाहन उसके सामने नहीं आया। अन्यथा हादसा ओर भी बड़ा हो सकता था।
मौत के इस कहर के एक नहीं अनेक प्रत्यक्षदर्शी गवाह हैं। साइकिल सवार को कुचलकर भाग रहे ट्रक चालक को पकडऩे के प्रयास भी हुए, लेकिन रिक् शा को रौंदकर जिस तरह ट्रक भागा कोई उसका पीछा करने की हिम्मत नहीं जुटा सका। धर्मवीर बालियान भी उनमें से एक थे। यह खौफनाक मंजर देखकर वो भी एक बारगी हिल गए। बाद में उन्होंने खुद को संभालते हुए पुलिस को सूचना दी। ऐसा ही भरतिया कॉलोनी के विजय के साथ भी हुआ। खून से लथपथ पांच लाशें देखकर उनका सिर चकरा गया, क्योंकि लाशों का स्वरूप इतना बिगड़ चुका था कि उनके भेजे और मांस के लोथड़े इधर-उधर बिखरे पड़े थे। कुल मिलाकर जिसने भी यह मंजर देखा उसके होश उड़ गए। उन लोगों की तो सांसे ही अटक गई थी, जो मौत की रफ्तार से भाग रहे ट्रक के सामने आने से बाल-बाल बचे।
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हादसों को दावत देने वाला है रेलवे क्रोसिंग पुल
मुजफ्फरनगर। आखिर जिस अनहोनी की आशंका थी, वो सोमवार को सही साबित हुई। पुल के निर्माण से ही यह सवाल उठ रहा था कि बिना फुटपाथ का यह पुल हादसों को दावत दे रहा है। ट्रक के नीचे आकर पांचों लोग जहां मारे गए हैं, वह पुल का एक किनारा है। रेलवे विभाग ने बरसों से खुले नीचे के रास्ते को दीवार कर पूरी तरह बंद किया हुआ है। जिस कारण रिक्शा चालकों और छोटे वाहनों को मजबूरन पुल के ऊपर से गुजरना पड़ता है। यहां पर पथ-प्रकाश की भी समुचित इंतजाम नहीं है।
भोपा पुल के मुकाबले जानसठ रेलवे क्रोसिग पर बनाए गए पुल के अस्तित्व को लेकर करीब एक बरस से सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि पुल का आकार और बनाने का ढग़ जिस तरह का है, वो वाकई दुर्घटनाओं को आमंत्रण देने वाला है। पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ तक नहीं बनाया गया है। उल्टा विरोध के बावजूद रेलवे विभाग ने बरसों से नीचे बने रेलवे क्रोसिंग के रास्ते को दीवार बनाकर बंद कर दिया है। ऐसे में तमाम लोगों को पुल का ही सहारा है। सोमवार रात ट्रक ने जहां पर पांच लोगों को कुचला है, वो पुल का एक किनारा है। इस पुल पर पथ प्रकाश का भी कोई इंतजाम नहीं है। 
*
ये है मरने वाले
मुजफ्फरनगर। हादसे में मारे गए पांचों लोगों की देर रात पहचान हो गई। मरने वालों में अमित विहार का मुकेश उसकी पत्नी कविता और आठ साल की बेटी निशा शामिल हैं। लक्ष्मण विहार निवासी रिटायर्ड दरोगा राजेंद्र शर्मा का बेटा पंकज भी काल का ग्रास बना है। पांचवा मृतक दुधिया बबलू पुत्र रहीस निवासी निराना बताया गया है। मृतक विकलांग बबलू के चार बच्चें बताए गए हैं। अभी यह नहीं साफ हो सका है कि रिक्शा कौन चला रहा था। हालांकि मौत की खबर मिलते ही उनके परिजन रोते-बिलखते जिला अस्पताल में पहुंच गए।
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मौत पर उबाल, लोगों ने किया हंगामा
* अलमासपुर चौक पर भीड़ ने लगाया जाम
* मंडी थाने के दरोगा कठेरिया ने की अभद्रता
मुजफ्फरनगर। पांच लोगों की मौत और ट्रक की बेलगाम रफ्तार को लेकर लोगों का गुस्सा उबाल पर था। यही वजह थी कि अलमासपुर चौक पर एकत्र हुए लोगों ने नो एंट्री में घुसे ट्रक को लेकर पुलिस के खिलाफ हंगामा भी किया। आरोप है कि इस दौरान मंडी थाने में दरोगा सीपी कठेरिया ने कई लोगों के साथ अभद्रता भी की। 
ट्रक के कुचलने से हुई पांच लोगों की दर्दनाक मौत से हर कोई गमगीन होने के साथ इस बात को लेकर गुस्सा था कि नो एंट्री होते हुए पुलिस की सांठ-गांठ से ट्रक कैसे शहर के अंदर घुस आया। ट्रक असंतुलित होकर पवन पाल साइकिल वक्र्स की दुकान में जा घुसा। गनीमत रही कि उस वक्त दुकान बंद थी। लेकिन लोग काफी तादाद में सड़क किनारे खड़े थे। यही वजह थी कि लोगों ने हादसे के विरोध में जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन भी किया। दरोगा कठेरिया और साथी पुलिसकर्मियों बदमीजी किए जाने से लोग भड़क गए थे। लेकिन बाद में समझा-बुझाकर शांत किया। 

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Monday, October 29, 2012

मौत की रफ्तार ने निगली पांच जिंदगी


* नो एंट्री में घुसे असंतुलित ट्रक का तांड़व

अमित सैनी, मुजफ्फरनगर।
मौत की रफ्तार ने पांच बेकुसूरों की जिंदगी निगल ली। जानसठ रेलवे क्रोसिंग पुल पर अंधी स्पीड ने पहले एक साइकिल सवार को रौंदा और फिर रिक्शा सवार चार लोगों को मौत की नींद सुला दिया। इसमें से रिक्शा पोलर तो उछलकर पुल से करीब ३० फुट नीचे जा गिरा। ट्रक का कहर यहीं भी नहीं रुका। करीब ड़ेढ किमी तक रिक्शा को घसीटते हुए अलमासपुर चौक तक ले गया। पुलिस के रोकने पर चालक ने ट्रक को एक दुकान में घुसा दिया। लापरवाही के आरोप में दरोगा समेत चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
मौत का यह तांड़व सोमवार रात करीब सवा आठ बजे शहर के जानसठ रेलवे क्रोसिंग पुल पर हुआ। नशे में धुत्त चालक अंधी रफ्तार से नई मंडी के अलमासपुर की ओर दौड़ा जा रहा था। पुल पर चढ़ते ही ट्रक ने पहले साइकिल सवार को कुचल दिया। पीछे से आ रहे लोगों ने शोर मचाया तो चालक ने ट्रक की ओर स्पीड बढ़ा दी। इसके बाद ट्रक ने रिक्शा को टक्कर मारकर उड़ा दिया। रिक्शा चालक तो उछलकर पुल से करीब ३० फुट नीचे जा गिरा, जबकि रिक् शा सवार महिला, पुरुष और एक बच्चे को ट्रक कुचलते हुए आगे बढ़ गया। चकनाचूर हुई रिक्शा का हैडिंल ट्रक के निचले हिस्से में फंस गया। ट्रक चिंगारी के साथ उसी स्पीड से सामने आने वालों को क्षतिग्रस्त करते हुए अलमासपुर चौक तक जा पहुंचा। पुलिस कर्मियों ने उसे रोकने का प्रयास किया तो चालक ने ट्रक को पवन साइकिल वक्र्स की दुकान में घुसा दिया। पुलिस ने नशे में धुत्त चालक संजय पुत्र रामपाल निवासी चौधरान पट्टी, नकुड़ को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में रिपोर्ट दर्ज करने की तैयारी कर रही है। समाचार लिखे जाने तक मृतकों की शिनाख्त नहीं हो सकी थी।
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मौत के कहर का कौन है जिम्मेदार
* ट्रक के तांड़व से मची जानसठ रोड पर भगदड़
* तीन कारों में सवार परिवार भी बचे बाल-बाल
* नो एंट्री होते हुए आखिर कैसे घुसा शहर में ट्रक
शहर में हादसों को टालने के लिए सुबह सात बजे से रात्रि नौ बजे तक बड़े वाहनों, खासतौर से ट्रकों के आवागमन पर पूरी तरह रोक है। फिर भी पुलिस सांठ-गांठ से ट्रक अंदर दाखिल ही हो जाते हैं। मौत का कहर बरपाने वाला यह ट्रक भी दिनभर मीनाक्षी चौक स्थित कांग्रेस नेता की ट्रांसपोर्ट पर खड़ा रहा। शाम के समय से ही ट्रक चालक संजय चौधरी ने शराब ड़कारनी शुरू कर दी थी। आठ बजे करीब संजय नशे में धुत्त होकर ट्रक लेकर भोपा रोड जाने के लिए चला। मीनाक्षी चौक पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने ट्रक को रोकने तक की जहमत नहीं उठाई। शायद यदि ट्रक को रोक लिया जाता तो इस भयानक हादसे को रोका जा सकता था। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब नो एंट्री में घुसे किसी ट्रक ने मौत का कहर बरपाया हो। पहले भी ऐसी अनेक घटनाऐं हो चुकी हैं, बावजूद इसके प्रशासन उससे कोई सबक नहीं ले रहा है। सोमवार रात हुए दर्दनाक हादसे ने पुलिस की घोर लापरवाही उजागर की है। अधिकारियों ने भी आनन-फानन में गलती पर पर्दा डालने के लिए मंडी थाने के दरोगा सीपी कठेरिया और चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर तो कर दिया, लेकिन सवाल यही है कि आखिर कब तक नो एंट्री का मखौल उड़ता रहेगा और बेकुसूर अपनी जिंदगी से हाथ धोते रहेगें।
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मौत का मंजर देखकर सहम गए लोग
मुजफ्फरनगर। खून से लथपथ इधर-उधर पड़ी पांच लाशें, मांस के लौथड़े और बहता खून। यह खौफनाक मंजर जिसने भी देखा, वह सहम गया। सैकड़ों लोगों का जमावड़ा था और हर किसी का गुस्सा उबाल पर था। मौत बने ट्रक के सामने जो भी आया उसकी सांसे अटककर रह गई। क्योंकि ट्रक में फंसी रिक्शा सड़क से घिसड़ते हुए चिंगारी निकाल रही थी। कुदरत का करम रहा कि कोई दूसरा वाहन उसके सामने नहीं आया। अन्यथा हादसा ओर भी बड़ा हो सकता था।
मौत के इस कहर के एक नहीं अनेक प्रत्यक्षदर्शी गवाह हैं। साइकिल सवार को कुचलकर भाग रहे ट्रक चालक को पकडऩे के प्रयास भी हुए, लेकिन रिक् शा को रौंदकर जिस तरह ट्रक भागा कोई उसका पीछा करने की हिम्मत नहीं जुटा सका। धर्मवीर बालियान भी उनमें से एक थे। यह खौफनाक मंजर देखकर वो भी एक बारगी हिल गए। बाद में उन्होंने खुद को संभालते हुए पुलिस को सूचना दी। ऐसा ही भरतिया कॉलोनी के विजय के साथ भी हुआ। खून से लथपथ पांच लाशें देखकर उनका सिर चकरा गया, क्योंकि लाशों का स्वरूप इतना बिगड़ चुका था कि उनके भेजे और मांस के लोथड़े इधर-उधर बिखरे पड़े थे। कुल मिलाकर जिसने भी यह मंजर देखा उसके होश उड़ गए। उन लोगों की तो सांसे ही अटक गई थी, जो मौत की रफ्तार से भाग रहे ट्रक के सामने आने से बाल-बाल बचे।
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हादसों को दावत देने वाला है रेलवे क्रोसिंग पुल
मुजफ्फरनगर। आखिर जिस अनहोनी की आशंका थी, वो सोमवार को सही साबित हुई। पुल के निर्माण से ही यह सवाल उठ रहा था कि बिना फुटपाथ का यह पुल हादसों को दावत दे रहा है। ट्रक के नीचे आकर पांचों लोग जहां मारे गए हैं, वह पुल का एक किनारा है। रेलवे विभाग ने बरसों से खुले नीचे के रास्ते को दीवार कर पूरी तरह बंद किया हुआ है। जिस कारण रिक्शा चालकों और छोटे वाहनों को मजबूरन पुल के ऊपर से गुजरना पड़ता है। यहां पर पथ-प्रकाश की भी समुचित इंतजाम नहीं है।
भोपा पुल के मुकाबले जानसठ रेलवे क्रोसिग पर बनाए गए पुल के अस्तित्व को लेकर करीब एक बरस से सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि पुल का आकार और बनाने का ढग़ जिस तरह का है, वो वाकई दुर्घटनाओं को आमंत्रण देने वाला है। पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ तक नहीं बनाया गया है। उल्टा विरोध के बावजूद रेलवे विभाग ने बरसों से नीचे बने रेलवे क्रोसिंग के रास्ते को दीवार बनाकर बंद कर दिया है। ऐसे में तमाम लोगों को पुल का ही सहारा है। सोमवार रात ट्रक ने जहां पर पांच लोगों को कुचला है, वो पुल का एक किनारा है। इस पुल पर पथ प्रकाश का भी कोई इंतजाम नहीं है। 
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ये है मरने वाले
मुजफ्फरनगर। हादसे में मारे गए पांचों लोगों की देर रात पहचान हो गई। मरने वालों में अमित विहार का मुकेश उसकी पत्नी कविता और आठ साल की बेटी निशा शामिल हैं। लक्ष्मण विहार निवासी रिटायर्ड दरोगा राजेंद्र शर्मा का बेटा पंकज भी काल का ग्रास बना है। पांचवा मृतक दुधिया बबलू पुत्र रहीस निवासी निराना बताया गया है। मृतक विकलांग बबलू के चार बच्चें बताए गए हैं। अभी यह नहीं साफ हो सका है कि रिक्शा कौन चला रहा था। हालांकि मौत की खबर मिलते ही उनके परिजन रोते-बिलखते जिला अस्पताल में पहुंच गए।
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मौत पर उबाल, लोगों ने किया हंगामा
* अलमासपुर चौक पर भीड़ ने लगाया जाम
* मंडी थाने के दरोगा कठेरिया ने की अभद्रता
मुजफ्फरनगर। पांच लोगों की मौत और ट्रक की बेलगाम रफ्तार को लेकर लोगों का गुस्सा उबाल पर था। यही वजह थी कि अलमासपुर चौक पर एकत्र हुए लोगों ने नो एंट्री में घुसे ट्रक को लेकर पुलिस के खिलाफ हंगामा भी किया। आरोप है कि इस दौरान मंडी थाने में दरोगा सीपी कठेरिया ने कई लोगों के साथ अभद्रता भी की। 
ट्रक के कुचलने से हुई पांच लोगों की दर्दनाक मौत से हर कोई गमगीन होने के साथ इस बात को लेकर गुस्सा था कि नो एंट्री होते हुए पुलिस की सांठ-गांठ से ट्रक कैसे शहर के अंदर घुस आया। ट्रक असंतुलित होकर पवन पाल साइकिल वक्र्स की दुकान में जा घुसा। गनीमत रही कि उस वक्त दुकान बंद थी। लेकिन लोग काफी तादाद में सड़क किनारे खड़े थे। यही वजह थी कि लोगों ने हादसे के विरोध में जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन भी किया। दरोगा कठेरिया और साथी पुलिसकर्मियों बदमीजी किए जाने से लोग भड़क गए थे। लेकिन बाद में समझा-बुझाकर शांत किया। 

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