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Wednesday, January 19, 2011

सांवरडा गांव की कहानी

बाड़मेर
गांव : बाड़मेर जिला का सांवरडा गांव
क्यों चर्चा में : यहां बच्चे अपने पिता का नाम तक नहीं जानते
कारण : नगरवधुओं का गांव है
कुल परिवारों की संख्या : 70
जीं हां बात आश्चर्यजनक लेकिन बाड़ेमेर जिले के सांवरडा गांव की कहानी तो यहीं कहती है। जब आप इस गांव में जाएंगे तो आपको यहां एक प्राथमिक स्कूल मिलेगा और यहां पढ़ने वाले बच्चे अपने पिता का नाम नहीं जानते। और कुछ सालों बाद इनकों जो मार्कशीट मिलेगी उस पर भी इनके पिता का नाम नहीं होगा क्योंकि स्कूल में भी इनकी पहचान इनकी माता के नाम पर ही दर्ज है। गांव में 70 परिवारों के करीब 45 बच्चों की जिंदगी का एक कड़वा सच है और ये बच्चे नहीं जानते कि वो पापा कहकर किसे बुलाएं।
दरअसल इस गांव में देह व्यापार में लिप्त एक जाति विशेष के लगभग सत्तर परिवार यहां रहते हैं इस बस्ती में देह व्यापार में लिप्त महिलाएं और उनके बच्चें निवास करते है।इन बच्चों को कभी पिता का नाम नहीं मिलता और ये बच्चे अपनी माताओं के नाम से ही जाने जाते है।
सत्तर परिवारों के इस गांव में 132 नगर वधुएं है और करीब 45 बच्चें है। इस गांव में प्राथमिक स्तर का एक विद्यालय है जिसमें इनके बच्चें शिक्षा ग्रहण करते है।

- भास्कर से

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Wednesday, January 19, 2011

सांवरडा गांव की कहानी

बाड़मेर
गांव : बाड़मेर जिला का सांवरडा गांव
क्यों चर्चा में : यहां बच्चे अपने पिता का नाम तक नहीं जानते
कारण : नगरवधुओं का गांव है
कुल परिवारों की संख्या : 70
जीं हां बात आश्चर्यजनक लेकिन बाड़ेमेर जिले के सांवरडा गांव की कहानी तो यहीं कहती है। जब आप इस गांव में जाएंगे तो आपको यहां एक प्राथमिक स्कूल मिलेगा और यहां पढ़ने वाले बच्चे अपने पिता का नाम नहीं जानते। और कुछ सालों बाद इनकों जो मार्कशीट मिलेगी उस पर भी इनके पिता का नाम नहीं होगा क्योंकि स्कूल में भी इनकी पहचान इनकी माता के नाम पर ही दर्ज है। गांव में 70 परिवारों के करीब 45 बच्चों की जिंदगी का एक कड़वा सच है और ये बच्चे नहीं जानते कि वो पापा कहकर किसे बुलाएं।
दरअसल इस गांव में देह व्यापार में लिप्त एक जाति विशेष के लगभग सत्तर परिवार यहां रहते हैं इस बस्ती में देह व्यापार में लिप्त महिलाएं और उनके बच्चें निवास करते है।इन बच्चों को कभी पिता का नाम नहीं मिलता और ये बच्चे अपनी माताओं के नाम से ही जाने जाते है।
सत्तर परिवारों के इस गांव में 132 नगर वधुएं है और करीब 45 बच्चें है। इस गांव में प्राथमिक स्तर का एक विद्यालय है जिसमें इनके बच्चें शिक्षा ग्रहण करते है।

- भास्कर से

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