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Wednesday, May 20, 2015

'आजतक' वालों... क्यों पत्रकारिता की 'मां-बहन' करने पर तुले हो भई?

गुस्ताफी माफः अमित सैनी


इसे पत्रकारिता का दमन कहूं या फिर हत्या? कुछ समझ में नहीं आ रहा है! अपने आप को देश का नंबर-वन कहलाने वाला "AAJTAK" Channel गलती पर गलती किए जा रहा है! गलती भी छोटी नहीं, बल्कि बड़ी-बड़ी! हालांकि खबरिया चैनलों पर गलती करने का पुराना रिवाज हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से तो हद ही हो गई है। "आजतक" ने कुछ  दिन पहले "कांड का गां..." कर दिया था, जो कि अपने आप में बहुत बड़ी गलती थी, जिससे "आजतक" के "धुरंधरों" को सबक लेना चाहिए था, लेकिन नहीं लिया और फिर से गलती दोहरा दी। 


इस बार "आजतक" पर आॅनएयर गलती जो गई है वो किसी बुलेटिन में नहीं, बल्कि स्पेशल कार्यक्रम में हुई है। फोटो पिता का और नाम मां  था...इसी तरह से फोटो मां का तो नाम पिता का लिख दिया गया। समझ से परे है कि आखिर ये हो क्या रहा है? मन-मंथन करता हूं तो सिर दर्द करने लगता है। दिल करता है कि अपना सिर दीवार में दे मारूं! क्योंकि ये हाल केवल "आजतक" का ही नहीं है, बल्कि बड़े चैनलों में शुमार "IBN-7" और "ABP" NEWS का भी है। 

"आजतक कांड" के बाद "ABP" NEWS ने भी बड़ी गलती की थी। "ABP" ने तो एक कार्यक्रम के दौरान स्क्रीन पर पता नहीं कहां से “मुस्लिम एक्सपर्ट” लाकर बैठा दिया था। अब कोई पूछने वाला हो कि भई ये "एक्सपर्ट" कहां से पैदा हो गया या फिर एबीपी ने ही अपने न्यूजरूम में एक्सपर्ट पैदा करने की कोई मशीन लगा ली है? जहां से "हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई" आदि समय-समय पर पैदा कर आॅन स्क्रिन लाकर बैठाया जाएगा? इस एक्सपर्ट कांड़ की वजह से "ABP" की चाैतरफा निंदा हुई। शायद इस लापरवाही के चलते किसी पर गाज भी गिरी हो, लेकिन इस कांड़ के बाद "ABP" की कोई गलती या लापरवाही सामने नहीं आई।


"ABP" और "आजतक" ने तो खैर कांड़ ही किया था...लेकिन आईबीएन-7 तो इनसे भी "चार चंदे" आगे निकला। आईबीएन-7 ने तो पूरी ही खबर का एनकाउंटर कर दिया। दरअसल, आईबीएन-7 पर दिल्ली पुलिस द्वारा मनोज कुमार वशिष्ठ का कथित तौर पर किए गए एनकाउंटर के बाद उठे बवाल की खबर चल रही थी। अब पता नहीं कौन महाशय थे वो... जिन्होंने एनकाउंटर का एनकाउंटर कर दिया और चला दिया “एनकांटर”। भला ये भी कोई बात हुई।

और सही भी तो है...पुरानी कहावत है, जितनी चीनी डालोगे उतना ही तो मीठा होगा। इंटर्न-ट्रेनी से प्रोड्यूसर का काम लोगे तो भई ऐसा ही होगा! हां....अगर सीनियर लेविल पर ऐसी गलतियां हो रही है तो फिर भगवान ही मालिक है।

एक बार फिर से गुस्ताखी माफ...क्या करूं मजबूर जो हूं, देखकर रहा नहीं जाता और कलम चल पड़ती है मेरी

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Wednesday, May 20, 2015

'आजतक' वालों... क्यों पत्रकारिता की 'मां-बहन' करने पर तुले हो भई?

गुस्ताफी माफः अमित सैनी


इसे पत्रकारिता का दमन कहूं या फिर हत्या? कुछ समझ में नहीं आ रहा है! अपने आप को देश का नंबर-वन कहलाने वाला "AAJTAK" Channel गलती पर गलती किए जा रहा है! गलती भी छोटी नहीं, बल्कि बड़ी-बड़ी! हालांकि खबरिया चैनलों पर गलती करने का पुराना रिवाज हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से तो हद ही हो गई है। "आजतक" ने कुछ  दिन पहले "कांड का गां..." कर दिया था, जो कि अपने आप में बहुत बड़ी गलती थी, जिससे "आजतक" के "धुरंधरों" को सबक लेना चाहिए था, लेकिन नहीं लिया और फिर से गलती दोहरा दी। 


इस बार "आजतक" पर आॅनएयर गलती जो गई है वो किसी बुलेटिन में नहीं, बल्कि स्पेशल कार्यक्रम में हुई है। फोटो पिता का और नाम मां  था...इसी तरह से फोटो मां का तो नाम पिता का लिख दिया गया। समझ से परे है कि आखिर ये हो क्या रहा है? मन-मंथन करता हूं तो सिर दर्द करने लगता है। दिल करता है कि अपना सिर दीवार में दे मारूं! क्योंकि ये हाल केवल "आजतक" का ही नहीं है, बल्कि बड़े चैनलों में शुमार "IBN-7" और "ABP" NEWS का भी है। 

"आजतक कांड" के बाद "ABP" NEWS ने भी बड़ी गलती की थी। "ABP" ने तो एक कार्यक्रम के दौरान स्क्रीन पर पता नहीं कहां से “मुस्लिम एक्सपर्ट” लाकर बैठा दिया था। अब कोई पूछने वाला हो कि भई ये "एक्सपर्ट" कहां से पैदा हो गया या फिर एबीपी ने ही अपने न्यूजरूम में एक्सपर्ट पैदा करने की कोई मशीन लगा ली है? जहां से "हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई" आदि समय-समय पर पैदा कर आॅन स्क्रिन लाकर बैठाया जाएगा? इस एक्सपर्ट कांड़ की वजह से "ABP" की चाैतरफा निंदा हुई। शायद इस लापरवाही के चलते किसी पर गाज भी गिरी हो, लेकिन इस कांड़ के बाद "ABP" की कोई गलती या लापरवाही सामने नहीं आई।


"ABP" और "आजतक" ने तो खैर कांड़ ही किया था...लेकिन आईबीएन-7 तो इनसे भी "चार चंदे" आगे निकला। आईबीएन-7 ने तो पूरी ही खबर का एनकाउंटर कर दिया। दरअसल, आईबीएन-7 पर दिल्ली पुलिस द्वारा मनोज कुमार वशिष्ठ का कथित तौर पर किए गए एनकाउंटर के बाद उठे बवाल की खबर चल रही थी। अब पता नहीं कौन महाशय थे वो... जिन्होंने एनकाउंटर का एनकाउंटर कर दिया और चला दिया “एनकांटर”। भला ये भी कोई बात हुई।

और सही भी तो है...पुरानी कहावत है, जितनी चीनी डालोगे उतना ही तो मीठा होगा। इंटर्न-ट्रेनी से प्रोड्यूसर का काम लोगे तो भई ऐसा ही होगा! हां....अगर सीनियर लेविल पर ऐसी गलतियां हो रही है तो फिर भगवान ही मालिक है।

एक बार फिर से गुस्ताखी माफ...क्या करूं मजबूर जो हूं, देखकर रहा नहीं जाता और कलम चल पड़ती है मेरी

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