SAMACHAR TODAY LIVE TV

http://samacharcloud.purplestream.in/samachar/samachar2-live.smil/playlist.m3u8

Sunday, June 19, 2011

अम्माजी सुनते हुए अच्छा लगता है: फरीदा जलाल

प्रेमबाबू शर्मा, दिल्ली :
फिल्म अभिनेत्री फरीदा जलाल की एक लंबे गैप के बाद में फिर से सब टीवी शो अम्मी जी गली सेे वापिसी हो रही है। धारावाहिक में वे शीर्ष पात्र याानि अम्माजी के किरदार में है। अम्माजी का चरित्र गली के लोगों को संगठिन करना और उनकी समस्याओं का निवारण करना है।इस शो के बाद से तो फरीदा जलाल को भी अम्माजी का संबोधन अच्छा लगने लगा है। अगर हम बात करे फरीदा जलाल के टीवी शो की तो उन्होंने दूरदर्शन सीरीयल ये जो है जिंदगी और देख भाई देख में काम किया और उनकी भूमिका को जमकर सराहा भी गया। शरारत में जादू करने वाली नानी और बालिका वधु के मौसी चरित्र में भी फरीदा जलाल का किरदार दमदार रहा। 
अगर हम बात करते है फरीदा जलाल के अभिनय सफर की तो उन्होंने 1960 मे रीलिज फिल्म चौदवीं का चांद में बतौर चाईल्ड अर्टिस्ट अभिनय किया था। उन्होने अपने अब तक के 51 वर्ष के सफर में सहेली,बहन और मां जैसे हर प्रकार के किरदार को जिया है। उन्होंने अपने अब तक के अभिनय सफर में सौ से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है उनकी कुछ चर्चित फिल्मो में जहांआरा,अराधना,महल,जहांआरा,बॉबी,लोफर,गोपी,ये रास्ते प्यार है ,पिंजर के नाम उलेखनीय है। हाल मे ही उनसे मुलाकात हुई पेश है चंद अंश ।
एक लंबे गैंप के बाद फरीदा की पुनः वापिसी अम्मी जी गली से हो रही है कैसा महसूस कर रही है?
अच्छा लग रहा है, क्योंकि धारावाहिक की पूरी कथावस्तु ही अम्माजी के इर्द गिर्द घूूमती है। या यूं कहे कि पूरा ही शो मेरे लिए बना है। अम्माजी का किरदार बहुत ही  भावुक और संवेदनशील है । 
बालिका वधू के बाद अचानक टीवी से गायब होने की कोई वजह या फिर आपको किसी खास रोल का इतंजार में था?
मैं टेलीविजन पर अपनी वापसी के लिए काफी अरसे से सोच रही थी लेकिन मुझे तलाश थी एक ऐसे किरदार की जिसके साथ मैं न्याय कर सकूं। अम्माजी की गली जैसे प्रभावशाली रोल को करते हुए मुझे फिल्म बावर्ची राजंेश खन्ना के किरदार की याद आ जाती है।  
इसकी पटकथा में ऐसा क्या खास था?
एक ऐसी भूमिका जिसमें आप मुझे आमतौर पर नहीं देखेंगे. धारावाहिक अम्माजी की गली के निर्माता और निर्देशक से मिलने के बाद मुझे लगा कि मेरी तलाश की मंजिल यही है।
धारावाहिक की कहानी क्या है?
धारावाहिक की कहानी अम्माजी यानी फरीदा जलाल के आसपास ही घूमती है और इसमें उनका किरदार लकवे का शिकार हो चुकी एक ऐसी महिला का है जो देखने में तो निरीह और असहाय नजर आती है, लेकिन असल में पूरी गली की हर समस्या का निदान उनके ही द्वारा होता रहा है।
बालिका वधु की चंद कडियों के बाद,आपका  अचानक गायब होने की कोई खास वजह ?
इस बारे में मुझ से बेहतर धारावाहिक के निर्माता निर्देशक ही बता सकते है। लेकिन जितना भी काम मुझे सौपा गया था उसे मैंने जिम्मेदारी से निभाया।
कही ऐसा तो नही था कि आपके आते ही अम्माजी का किरदार दब रहा हो ?
ऐसा नही है उसका किरदार घंमडी,उग्र किस्म की प्रौढा का था जबकि मेरा रोल ऐसी माहिला का जो परिवार को संगठित करने में विष्वास रखती है। दोनों ही किरदारों में कही समानता नही है वैसे सुलेखा सीकरी  मुझसे काफी बडी हैं और वरिष्ठ भी। उनके साथ काम करने का अनुभव अच्छा ही रहा है।

No comments:

Sunday, June 19, 2011

अम्माजी सुनते हुए अच्छा लगता है: फरीदा जलाल

प्रेमबाबू शर्मा, दिल्ली :
फिल्म अभिनेत्री फरीदा जलाल की एक लंबे गैप के बाद में फिर से सब टीवी शो अम्मी जी गली सेे वापिसी हो रही है। धारावाहिक में वे शीर्ष पात्र याानि अम्माजी के किरदार में है। अम्माजी का चरित्र गली के लोगों को संगठिन करना और उनकी समस्याओं का निवारण करना है।इस शो के बाद से तो फरीदा जलाल को भी अम्माजी का संबोधन अच्छा लगने लगा है। अगर हम बात करे फरीदा जलाल के टीवी शो की तो उन्होंने दूरदर्शन सीरीयल ये जो है जिंदगी और देख भाई देख में काम किया और उनकी भूमिका को जमकर सराहा भी गया। शरारत में जादू करने वाली नानी और बालिका वधु के मौसी चरित्र में भी फरीदा जलाल का किरदार दमदार रहा। 
अगर हम बात करते है फरीदा जलाल के अभिनय सफर की तो उन्होंने 1960 मे रीलिज फिल्म चौदवीं का चांद में बतौर चाईल्ड अर्टिस्ट अभिनय किया था। उन्होने अपने अब तक के 51 वर्ष के सफर में सहेली,बहन और मां जैसे हर प्रकार के किरदार को जिया है। उन्होंने अपने अब तक के अभिनय सफर में सौ से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है उनकी कुछ चर्चित फिल्मो में जहांआरा,अराधना,महल,जहांआरा,बॉबी,लोफर,गोपी,ये रास्ते प्यार है ,पिंजर के नाम उलेखनीय है। हाल मे ही उनसे मुलाकात हुई पेश है चंद अंश ।
एक लंबे गैंप के बाद फरीदा की पुनः वापिसी अम्मी जी गली से हो रही है कैसा महसूस कर रही है?
अच्छा लग रहा है, क्योंकि धारावाहिक की पूरी कथावस्तु ही अम्माजी के इर्द गिर्द घूूमती है। या यूं कहे कि पूरा ही शो मेरे लिए बना है। अम्माजी का किरदार बहुत ही  भावुक और संवेदनशील है । 
बालिका वधू के बाद अचानक टीवी से गायब होने की कोई वजह या फिर आपको किसी खास रोल का इतंजार में था?
मैं टेलीविजन पर अपनी वापसी के लिए काफी अरसे से सोच रही थी लेकिन मुझे तलाश थी एक ऐसे किरदार की जिसके साथ मैं न्याय कर सकूं। अम्माजी की गली जैसे प्रभावशाली रोल को करते हुए मुझे फिल्म बावर्ची राजंेश खन्ना के किरदार की याद आ जाती है।  
इसकी पटकथा में ऐसा क्या खास था?
एक ऐसी भूमिका जिसमें आप मुझे आमतौर पर नहीं देखेंगे. धारावाहिक अम्माजी की गली के निर्माता और निर्देशक से मिलने के बाद मुझे लगा कि मेरी तलाश की मंजिल यही है।
धारावाहिक की कहानी क्या है?
धारावाहिक की कहानी अम्माजी यानी फरीदा जलाल के आसपास ही घूमती है और इसमें उनका किरदार लकवे का शिकार हो चुकी एक ऐसी महिला का है जो देखने में तो निरीह और असहाय नजर आती है, लेकिन असल में पूरी गली की हर समस्या का निदान उनके ही द्वारा होता रहा है।
बालिका वधु की चंद कडियों के बाद,आपका  अचानक गायब होने की कोई खास वजह ?
इस बारे में मुझ से बेहतर धारावाहिक के निर्माता निर्देशक ही बता सकते है। लेकिन जितना भी काम मुझे सौपा गया था उसे मैंने जिम्मेदारी से निभाया।
कही ऐसा तो नही था कि आपके आते ही अम्माजी का किरदार दब रहा हो ?
ऐसा नही है उसका किरदार घंमडी,उग्र किस्म की प्रौढा का था जबकि मेरा रोल ऐसी माहिला का जो परिवार को संगठित करने में विष्वास रखती है। दोनों ही किरदारों में कही समानता नही है वैसे सुलेखा सीकरी  मुझसे काफी बडी हैं और वरिष्ठ भी। उनके साथ काम करने का अनुभव अच्छा ही रहा है।

No comments: