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Sunday, June 19, 2011

भोजपुरी फिल्म वाह! जीजा जी


नई दिल्ली ;चंदन शर्मा :
मसाला फिल्में ऐसी ही होती हैं। थोड़ा रोमांसए थोड़ी कॉमेडी और थोड़ा एक्शन। एक आइटम सौंग भी शामिल कर लिया जाएए तो सोने में सुहागा। ऐसी फिल्मों में कहानी और पटकथा का ज्यादा महत्व नहीं होता। फिल्म वाह! जीजा जी पूरी तरह मसाला फिल्म हैए!रिस्पांस पिक्चर्स प्रस्तुति निर्माता भट्टाचार्य और निर्देशक अभिषेक चड्ढा की भोजपुरी फिल्म समाज के उस वर्ग की जिसमें कभी.कभी रिश्तें कुछ अजीब से बन जाते हैं। ऐसे ही रिश्तों की एक कहानी है ष्वाह! जीजा जीष्।  फिल्म की कहानीं विमल सहाय और उनकी चार बेटियाँ मंजूए मीराए मीना और मेघा के इर्द गिर्द घूमती है। उनकी दो बडी बेटियां मंजू और मीरा विवाहित है जबकि मीना और मेघा अभी अविवाहित हैं। 
मंजू का पति विष्णु सीधा सादा और पारिवारिक हैए जबकि मीरा का पति श्मोरी लाल  स्वार्थी एमौका परस्त है। कॉलेज में अपने हुस्न से युवाओं के दिल पर राज करने वाली मेघा अनाथ युवक सागर को प्यार करती है। जबकि एक अन्य युवा श्रवण ए मेघा को एक तरफा प्यार करता हैए। श्रवणए मेधा को पाने की लालसा में मेघा के जीजा श्मोरीलाल की मदद लेता है। वह अपनी एक सुनियोजित चाल के तहत् श्रवण का परिचय अपने ससुर विमल सहाय से कराता है।  लेकिन विमल सहाय की मजबूरी यह है कि वे अपनी बडी बेटी मीना के विवाह से पूर्व  मेघा का विवाह नही कर सकते है । तिकडबाज श्मोरी लाल अब अपनी एक नई चाल के तहत् श्रवण मीना से करवा देता है।विवाहोपांत श्रवण चाह कर भी मेघा को नही भुला पाता है और उसे पाने की लालसा में वह मीना की हत्या करके उसे हमेशा के लिए को रास्ते से हटा देता है। मेघा अपनी बहन मीना की मौत के बाद से तो श्रवण से नफरत करने लगती है। अब मेघा की जिंदगी का एक ही मकसद है कि वह पढ़ लिख कर पुलिस अधिकारी बने।अभिताभ बच्चनए हेमा मालिनी जैसे सितारों वाली फिल्म गंगा और गंगोत्री के जाने.पहचान के निर्देशक अभिषेक चड्ढा ने इस फिल्म का निर्देशन किया है। उनका कहता है कि लटके.झटके वाली खोखली कहानियों पर तो सैंकड़ों भोजपुरी फिल्में बनी हैं और बनती जा रही हैंए लेकिन कुछ ऐसे कहानियों पर भी फिल्में बनाई जानी चाहिए जो समाज की बुराईयों को सामने लायेए मनोरंजन के साथ.साथ यदि कुछ अच्छे संदेश भी दर्शकों को दिये जायें तो अच्छी फिल्मों को दर्शक जरूर पसंद करेंगें।फिल्म वाह! जीजा जी के निमाता सुमन भट्टाचार्या कोलकात्ता के जाने.माने लोकप्रिय व्यवसायी हैं। उनका कहता है कि इस फिल्म से उन्हें लाभ की इच्छा नहीं है यदि समाज का छोटा वर्ग भी फिल्म से कुछ सीखता है तो उनका सबसे बड़ा लाभ वही होगा।ष्वाह! जीजा जीष् की कथा चित्रांस ने लिखी हैए जबकि पटकथा.संवाद चुनमुन पंडित के हैंए छायाकार वसंत जाधव तथा गीत.संगीत अशोक घायल का है।फिल्म के मुख्य कलाकार हैं. छोटू छलियाए प्रिया कपूरए अमीर चंदए सुमंत मिश्राए मनोज जयसवालए ज्ञानेश गौतमए प्रियंका चटर्जीए श्रीपर्णाए संतोष विश्वकर्माए राजूए सूरज जैसवालए मोहनए दीपकए ओसियाना चौधरीए पायलए बिन्दूए प्रियाए सुतृष्णाए तरूणए टीण् पीण् श्रीवास्तवए प्रभाकरए अभिषेक और नये चेहरे रतन लखमनी के साथ सुमन भट्टाचार्य।

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Sunday, June 19, 2011

भोजपुरी फिल्म वाह! जीजा जी


नई दिल्ली ;चंदन शर्मा :
मसाला फिल्में ऐसी ही होती हैं। थोड़ा रोमांसए थोड़ी कॉमेडी और थोड़ा एक्शन। एक आइटम सौंग भी शामिल कर लिया जाएए तो सोने में सुहागा। ऐसी फिल्मों में कहानी और पटकथा का ज्यादा महत्व नहीं होता। फिल्म वाह! जीजा जी पूरी तरह मसाला फिल्म हैए!रिस्पांस पिक्चर्स प्रस्तुति निर्माता भट्टाचार्य और निर्देशक अभिषेक चड्ढा की भोजपुरी फिल्म समाज के उस वर्ग की जिसमें कभी.कभी रिश्तें कुछ अजीब से बन जाते हैं। ऐसे ही रिश्तों की एक कहानी है ष्वाह! जीजा जीष्।  फिल्म की कहानीं विमल सहाय और उनकी चार बेटियाँ मंजूए मीराए मीना और मेघा के इर्द गिर्द घूमती है। उनकी दो बडी बेटियां मंजू और मीरा विवाहित है जबकि मीना और मेघा अभी अविवाहित हैं। 
मंजू का पति विष्णु सीधा सादा और पारिवारिक हैए जबकि मीरा का पति श्मोरी लाल  स्वार्थी एमौका परस्त है। कॉलेज में अपने हुस्न से युवाओं के दिल पर राज करने वाली मेघा अनाथ युवक सागर को प्यार करती है। जबकि एक अन्य युवा श्रवण ए मेघा को एक तरफा प्यार करता हैए। श्रवणए मेधा को पाने की लालसा में मेघा के जीजा श्मोरीलाल की मदद लेता है। वह अपनी एक सुनियोजित चाल के तहत् श्रवण का परिचय अपने ससुर विमल सहाय से कराता है।  लेकिन विमल सहाय की मजबूरी यह है कि वे अपनी बडी बेटी मीना के विवाह से पूर्व  मेघा का विवाह नही कर सकते है । तिकडबाज श्मोरी लाल अब अपनी एक नई चाल के तहत् श्रवण मीना से करवा देता है।विवाहोपांत श्रवण चाह कर भी मेघा को नही भुला पाता है और उसे पाने की लालसा में वह मीना की हत्या करके उसे हमेशा के लिए को रास्ते से हटा देता है। मेघा अपनी बहन मीना की मौत के बाद से तो श्रवण से नफरत करने लगती है। अब मेघा की जिंदगी का एक ही मकसद है कि वह पढ़ लिख कर पुलिस अधिकारी बने।अभिताभ बच्चनए हेमा मालिनी जैसे सितारों वाली फिल्म गंगा और गंगोत्री के जाने.पहचान के निर्देशक अभिषेक चड्ढा ने इस फिल्म का निर्देशन किया है। उनका कहता है कि लटके.झटके वाली खोखली कहानियों पर तो सैंकड़ों भोजपुरी फिल्में बनी हैं और बनती जा रही हैंए लेकिन कुछ ऐसे कहानियों पर भी फिल्में बनाई जानी चाहिए जो समाज की बुराईयों को सामने लायेए मनोरंजन के साथ.साथ यदि कुछ अच्छे संदेश भी दर्शकों को दिये जायें तो अच्छी फिल्मों को दर्शक जरूर पसंद करेंगें।फिल्म वाह! जीजा जी के निमाता सुमन भट्टाचार्या कोलकात्ता के जाने.माने लोकप्रिय व्यवसायी हैं। उनका कहता है कि इस फिल्म से उन्हें लाभ की इच्छा नहीं है यदि समाज का छोटा वर्ग भी फिल्म से कुछ सीखता है तो उनका सबसे बड़ा लाभ वही होगा।ष्वाह! जीजा जीष् की कथा चित्रांस ने लिखी हैए जबकि पटकथा.संवाद चुनमुन पंडित के हैंए छायाकार वसंत जाधव तथा गीत.संगीत अशोक घायल का है।फिल्म के मुख्य कलाकार हैं. छोटू छलियाए प्रिया कपूरए अमीर चंदए सुमंत मिश्राए मनोज जयसवालए ज्ञानेश गौतमए प्रियंका चटर्जीए श्रीपर्णाए संतोष विश्वकर्माए राजूए सूरज जैसवालए मोहनए दीपकए ओसियाना चौधरीए पायलए बिन्दूए प्रियाए सुतृष्णाए तरूणए टीण् पीण् श्रीवास्तवए प्रभाकरए अभिषेक और नये चेहरे रतन लखमनी के साथ सुमन भट्टाचार्य।

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