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Thursday, December 9, 2010

तालिबानी फरमानः टीचर जींस पहनकर आई तो खैर नही

भोपाल. राजधानी के शासकीय सरोजिनी नायडू (नूतन) कॉलेज में शिक्षिकाएं अब जींस पहनकर नहीं आ सकेंगी। इतना ही नहीं,वे कुर्ता या टी-शर्ट भी नहीं पहन सकेंगी। कॉलेज प्रबंधन के नए फरमान के मुताबिक शिक्षिकाओं के लिए साड़ी पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं हो जाती,पुरुष शिक्षक भी अब जींस,टी-शर्ट नहीं पहन सकेंगे। उन्हें सामान्य पैंट, शर्ट पहनकर कॉलेज आना होगा।
अगले सत्र से छात्राओं के जींस पहनकर कॉलेज आने पर भी पाबंदी लगाने की तैयारी की जा रही है। नूतन कॉलेज प्रबंधन का मानना है कि शैक्षणिक संस्थान में भारतीय संस्कृति की झलक दिखना बेहद आवश्यक है। अब तक यहां की शिक्षिकाएं सूट,कुर्ता और जींस पहनकर आ जाती थीं,जिससे छात्राओं और शिक्षिकाओं में फर्क समझ नहीं आता था।
बुधवार को कॉलेज के सूचना पटल पर इसके निर्देश जारी कर दिए गए हैं।फिलहाल साड़ी में किसी भी विशेष रंग के इस्तेमाल का जिक्र नहीं किया गया है। मतलब साड़ी किसी भी रंग और बॉर्डर की हो सकती है। कुछ शिक्षिकाएं कुर्ता और जींस पहनकर आने लगी थीं। इससे छात्राओं और शिक्षिकाओं में अंतर ही समझ नहीं आता था। वैसे भी ड्रेस कोड अनुशासन का प्रतीक है। अगले सत्र से छात्राओं के लिए भी इसे लागू कर दिया जाएगा।  - दीपिका नारोलिया,अध्यक्ष,जनभागीदारी समिति
छात्राओं के लिए अगले सत्र से
टीचिंग स्टाफ के ड्रेस कोड के बाद अगले सत्र से छात्राओं के लिए भी विशेष परिधान की व्यवस्था लागू की जाएगी। सत्र के बीच में इस तरह का निर्णय नहीं लिया जा सकता था। फिलहाल ये तय नहीं किया गया है कि छात्राओं की ड्रेस और उसका रंग क्या होगा। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि कॉलेज में हर वर्ग-तबके की छात्राएं आती हैं। ऐसे में ड्रेस कोड होने से सभी में समानता का भाव आएगा।
 (भास्कर से )

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Thursday, December 9, 2010

तालिबानी फरमानः टीचर जींस पहनकर आई तो खैर नही

भोपाल. राजधानी के शासकीय सरोजिनी नायडू (नूतन) कॉलेज में शिक्षिकाएं अब जींस पहनकर नहीं आ सकेंगी। इतना ही नहीं,वे कुर्ता या टी-शर्ट भी नहीं पहन सकेंगी। कॉलेज प्रबंधन के नए फरमान के मुताबिक शिक्षिकाओं के लिए साड़ी पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं हो जाती,पुरुष शिक्षक भी अब जींस,टी-शर्ट नहीं पहन सकेंगे। उन्हें सामान्य पैंट, शर्ट पहनकर कॉलेज आना होगा।
अगले सत्र से छात्राओं के जींस पहनकर कॉलेज आने पर भी पाबंदी लगाने की तैयारी की जा रही है। नूतन कॉलेज प्रबंधन का मानना है कि शैक्षणिक संस्थान में भारतीय संस्कृति की झलक दिखना बेहद आवश्यक है। अब तक यहां की शिक्षिकाएं सूट,कुर्ता और जींस पहनकर आ जाती थीं,जिससे छात्राओं और शिक्षिकाओं में फर्क समझ नहीं आता था।
बुधवार को कॉलेज के सूचना पटल पर इसके निर्देश जारी कर दिए गए हैं।फिलहाल साड़ी में किसी भी विशेष रंग के इस्तेमाल का जिक्र नहीं किया गया है। मतलब साड़ी किसी भी रंग और बॉर्डर की हो सकती है। कुछ शिक्षिकाएं कुर्ता और जींस पहनकर आने लगी थीं। इससे छात्राओं और शिक्षिकाओं में अंतर ही समझ नहीं आता था। वैसे भी ड्रेस कोड अनुशासन का प्रतीक है। अगले सत्र से छात्राओं के लिए भी इसे लागू कर दिया जाएगा।  - दीपिका नारोलिया,अध्यक्ष,जनभागीदारी समिति
छात्राओं के लिए अगले सत्र से
टीचिंग स्टाफ के ड्रेस कोड के बाद अगले सत्र से छात्राओं के लिए भी विशेष परिधान की व्यवस्था लागू की जाएगी। सत्र के बीच में इस तरह का निर्णय नहीं लिया जा सकता था। फिलहाल ये तय नहीं किया गया है कि छात्राओं की ड्रेस और उसका रंग क्या होगा। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि कॉलेज में हर वर्ग-तबके की छात्राएं आती हैं। ऐसे में ड्रेस कोड होने से सभी में समानता का भाव आएगा।
 (भास्कर से )

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