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Wednesday, December 22, 2010

भारत माता-श्रीकृष्ण की 'अश्लील तस्वीर'

मेरठ। - 'अब तो भारत माता और भारत के नेता एक जैसे ही हैं, इसलिए भारत माता की नहीं भारत के नेता की जय बोलनी चाहिए।'
- 'कृष्ण की भले 16 हजार गोपियां दीवानी रही हों लेकिन वह आज की किसी लड़की को पटा कर दिखाएं तो मानें।'
मेरठ के विश्वविद्यालय में चौधरी चरण सिंह जैसे नेता की जयंती पर आयोजित चार दिनी कार्यक्रम में आज की पीढ़ी के बच्चों के मुंह से ऐसी टिप्पणियां सुनना वाकई चौका देने वाला था। लेकिन उससे भी ज्यादा हैरानी वाली बात तो यह थी कि इन अपत्तिजनक टिप्पणियों पर प्रेक्षागृह में बैठे तमाम शिक्षक और कुलपति ठहाके ओर तालियां बजा रहे थे। और जिने अच्छा नहीं लगा वे कार्यक्रम बीच में छोड़ कर चले गए।
घटना सोमवार की है। विवि में चल रहे कार्यक्रम के दौराने छात्रों ने ऐसी टिप्पणियां की जिसमें देश, देशभक्ति और आस्था का मजाक उड़ाया गया। जिस पर मंगलवार को वीसी को सख्त कदम उठाना पड़ा।
सोमवार को हुए इस कार्यक्रम के बाद बड़ी संख्या में छात्र सड़क पर उतर आए और जमकर प्रदर्शन किया। छात्रों ने वीसी दफ्तर में भी जमकर हंगामा किया और सांस्कृतिक परिषद के मुख्य संयोजक का घेराव कर इस्तीफे की मांग की।
दरअसल छात्रों में देवी-देवताओं पर अशोभनीय टिप्पणियों और चित्रकला प्रदर्शनी में अश्लील पेंटिंग्स के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को आहत करने पर विरोध की ज्वाला भड़की थी।
गुस्साए छात्र सबसे पहले यहां नेताजी सुभाष चंद बोस प्रेक्षागृह पहुंचे। उन्होंने पहले चित्रकला प्रदर्शनी में लगी विवादास्पद पेटिंग को तलाशा पर इसे पहले ही हटाया लिया गया था। प्रेक्षागृह के बाहर ही सांस्कृतिक परिषद मुख्य संयोजक/ महासचिव डा. असलम जमशेदपुरी तथा चीफ प्रोक्टर प्रो. योगेंद्र सिंह भी छात्रों को मिल गए। छात्रों ने वहीं डा. असलम का घेराव कर लिया। नारेबाजी तथा हंगामा कर डा. असलम से इस्तीफा देने की मांग की।
उनकी छात्रों से काफी देर तीखी नोकझोंक भी हुई। चीफ प्रोक्टर प्रो. सिंह ने कहा कि वीसी के समक्ष अपनी बात रखें। वह भी वहीं आ रहे हैं। इस पर छात्र वीसी कार्यालय में पहुंचे। वहां चीफ प्रॉक्टर तो पहुंचे पर डा. जमशेदपुरी नहीं गए। छात्रों ने वीसी प्रो. एनके तनेजा को घेर लिया।
विवि सांस्कृतिक परिषद भंग कर मुख्य संयोजक तथा अन्य दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। वीसी ने माना कि सोमवार को जो कुछ हुआ, वह बेहद गंभीर एवं शर्मनाक है। घंटों चले घेराव के बाद वीसी ने छात्रों को आश्र्वासन दिया कि आज शाम तक ही मामले में कार्रवाई सुनिश्चित कर अवगत करा दिया जाएगा।
बवाल के बढ़ने की आशंका में विवि प्रशासन ने मंगलवार को दोपहर बाद संकायाध्यक्षों की आपात बैठक बुलाई। साथ ही विवि सांस्कृतिक परिषद को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया। - सहयोग दैनिक भास्कर

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Wednesday, December 22, 2010

भारत माता-श्रीकृष्ण की 'अश्लील तस्वीर'

मेरठ। - 'अब तो भारत माता और भारत के नेता एक जैसे ही हैं, इसलिए भारत माता की नहीं भारत के नेता की जय बोलनी चाहिए।'
- 'कृष्ण की भले 16 हजार गोपियां दीवानी रही हों लेकिन वह आज की किसी लड़की को पटा कर दिखाएं तो मानें।'
मेरठ के विश्वविद्यालय में चौधरी चरण सिंह जैसे नेता की जयंती पर आयोजित चार दिनी कार्यक्रम में आज की पीढ़ी के बच्चों के मुंह से ऐसी टिप्पणियां सुनना वाकई चौका देने वाला था। लेकिन उससे भी ज्यादा हैरानी वाली बात तो यह थी कि इन अपत्तिजनक टिप्पणियों पर प्रेक्षागृह में बैठे तमाम शिक्षक और कुलपति ठहाके ओर तालियां बजा रहे थे। और जिने अच्छा नहीं लगा वे कार्यक्रम बीच में छोड़ कर चले गए।
घटना सोमवार की है। विवि में चल रहे कार्यक्रम के दौराने छात्रों ने ऐसी टिप्पणियां की जिसमें देश, देशभक्ति और आस्था का मजाक उड़ाया गया। जिस पर मंगलवार को वीसी को सख्त कदम उठाना पड़ा।
सोमवार को हुए इस कार्यक्रम के बाद बड़ी संख्या में छात्र सड़क पर उतर आए और जमकर प्रदर्शन किया। छात्रों ने वीसी दफ्तर में भी जमकर हंगामा किया और सांस्कृतिक परिषद के मुख्य संयोजक का घेराव कर इस्तीफे की मांग की।
दरअसल छात्रों में देवी-देवताओं पर अशोभनीय टिप्पणियों और चित्रकला प्रदर्शनी में अश्लील पेंटिंग्स के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को आहत करने पर विरोध की ज्वाला भड़की थी।
गुस्साए छात्र सबसे पहले यहां नेताजी सुभाष चंद बोस प्रेक्षागृह पहुंचे। उन्होंने पहले चित्रकला प्रदर्शनी में लगी विवादास्पद पेटिंग को तलाशा पर इसे पहले ही हटाया लिया गया था। प्रेक्षागृह के बाहर ही सांस्कृतिक परिषद मुख्य संयोजक/ महासचिव डा. असलम जमशेदपुरी तथा चीफ प्रोक्टर प्रो. योगेंद्र सिंह भी छात्रों को मिल गए। छात्रों ने वहीं डा. असलम का घेराव कर लिया। नारेबाजी तथा हंगामा कर डा. असलम से इस्तीफा देने की मांग की।
उनकी छात्रों से काफी देर तीखी नोकझोंक भी हुई। चीफ प्रोक्टर प्रो. सिंह ने कहा कि वीसी के समक्ष अपनी बात रखें। वह भी वहीं आ रहे हैं। इस पर छात्र वीसी कार्यालय में पहुंचे। वहां चीफ प्रॉक्टर तो पहुंचे पर डा. जमशेदपुरी नहीं गए। छात्रों ने वीसी प्रो. एनके तनेजा को घेर लिया।
विवि सांस्कृतिक परिषद भंग कर मुख्य संयोजक तथा अन्य दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। वीसी ने माना कि सोमवार को जो कुछ हुआ, वह बेहद गंभीर एवं शर्मनाक है। घंटों चले घेराव के बाद वीसी ने छात्रों को आश्र्वासन दिया कि आज शाम तक ही मामले में कार्रवाई सुनिश्चित कर अवगत करा दिया जाएगा।
बवाल के बढ़ने की आशंका में विवि प्रशासन ने मंगलवार को दोपहर बाद संकायाध्यक्षों की आपात बैठक बुलाई। साथ ही विवि सांस्कृतिक परिषद को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया। - सहयोग दैनिक भास्कर

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