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Thursday, March 17, 2011

लुंगी वाले क्रिकेटरों का वर्ल्ड कप

खुशबू(ख़ुशी)इन्द्री :
दुनिया भर में जहाँ क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 का खुमार लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा था वहां बंगलादेश में लुंगी वाले क्रिकेटरों का वर्ल्ड कप चल रहा था जिसमे बंगलादेश की टीम ने आस्ट्रेलिया को हराकर वर्ल्ड कप जीता!
बंगलादेश के मेमन सिंह जिले में गाँव चारपुलियामारी में हुए इस अनोखे विश्व कप में दो टीम थी जीके खिलाडी गाँव के 50 साल की उम्र के वे लोग थे जिन्होंने कभी बल्ला नहीं पकड़ा था! इस वर्ल्ड कप के क्रिकेट के कई नियम थे! लेकिन कोई एलबीडब्ल्यू से आउट नहीं था क्योंकि खिलाडी लुंगी पहन कर खेल रहे थे तो विकेट तो दिखना नहीं था!
इस वर्ल्ड कप में चिअर लीडर के नाम पर एक बंदरिया नाच रही थी किसानो के बीच यह क्रिकेट वर्ल्ड कप कराया वहां के एक निजी टीवी चेनल आई के निदेशक शेख रियाज़ ने बंगलादेश और आस्ट्रेलिया नाम की दो टीमों के खिलाडी गाँव के स्थानीय किसान थे, लुंगी कुर्ता धारी हाँ, कुरते के उपर दोनों देशों की जर्सी जरुर पहन ली गयी थी रात की रौशनी में यह दस-दस ओवरों का वर्ल्ड कप खेला गया! करीब दस हजार लोगों ने इसका मज़ा लिया! विजेता टीम को वर्ल्ड कप मिला और 80 रन बनाने वाले को इनाम में बकरा मिला!
इस अनोखे वर्ल्ड कप के आयोजक कहते हैं,जब देश की 20 फीसदी आबादी के लिए वर्ल्ड कप हो रहा है तो मैंने सोचा कि 80 फीसदी लोगों का क्या,जो इसी देश के हैं और वर्ल्ड कप नहीं देख सकते! यह पूछे जाने पर कि उन्हें इस वर्ल्ड कप कि प्रेरणा लगान फिल्म से मिली तो वे कहते हैं कि कुछ हद तक पर इसका मकसद दूसरा था! उन्होंने यह भी बताया कि इसके लिए कई आयोजक भी आये थे लेकिन उन्होंने मना कर दिया क्योंकि इसमें कोई धंधा नहीं होना था बल्कि यह तो लोगों के मनोरंजन के लिए था! इस वर्ल्ड कप के कुछ अंश एक घंटे के लिए चेनल पर प्रसारित भी किये गये थे!
इस वर्ल्ड कप कि सबसे दिलचस्प बात ये थी कि सभी खिलाडी लुंगी बंधे नंगे पैर थे क्योंकि किसानो को जूते पहनने कि आदत तो होती नहीं खेलने के लिए रबर कि गेंद थी! जंगली लकड़ी के बल्ले थे पेड़ कि टहनियों के रंगीन स्टंप थे! हाथ घुमाकर गेंद फैकने की अनिवार्यता नहीं थी! आसपास बनी गैलरियों के साथ ही दर्शक पेड़ों पर भी बैठे हुए थे चिअर लीडर बंदरिया ने बखूबी कम किया,पूरे मैच में उछलती कूदती रही!
इस वर्ल्ड कप के आयोजक बहुत खुश हैं! वे कहते हैं कि उनकी एक कोशिश से बंगलादेश के उन 80 फीसदी लोगों ने क्रिकेट से जुडाव महसूस किया जिनके लिए क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 देखना एक कभी न पूरे हो पाने वाले ख्वाब की तरह था!

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Thursday, March 17, 2011

लुंगी वाले क्रिकेटरों का वर्ल्ड कप

खुशबू(ख़ुशी)इन्द्री :
दुनिया भर में जहाँ क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 का खुमार लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा था वहां बंगलादेश में लुंगी वाले क्रिकेटरों का वर्ल्ड कप चल रहा था जिसमे बंगलादेश की टीम ने आस्ट्रेलिया को हराकर वर्ल्ड कप जीता!
बंगलादेश के मेमन सिंह जिले में गाँव चारपुलियामारी में हुए इस अनोखे विश्व कप में दो टीम थी जीके खिलाडी गाँव के 50 साल की उम्र के वे लोग थे जिन्होंने कभी बल्ला नहीं पकड़ा था! इस वर्ल्ड कप के क्रिकेट के कई नियम थे! लेकिन कोई एलबीडब्ल्यू से आउट नहीं था क्योंकि खिलाडी लुंगी पहन कर खेल रहे थे तो विकेट तो दिखना नहीं था!
इस वर्ल्ड कप में चिअर लीडर के नाम पर एक बंदरिया नाच रही थी किसानो के बीच यह क्रिकेट वर्ल्ड कप कराया वहां के एक निजी टीवी चेनल आई के निदेशक शेख रियाज़ ने बंगलादेश और आस्ट्रेलिया नाम की दो टीमों के खिलाडी गाँव के स्थानीय किसान थे, लुंगी कुर्ता धारी हाँ, कुरते के उपर दोनों देशों की जर्सी जरुर पहन ली गयी थी रात की रौशनी में यह दस-दस ओवरों का वर्ल्ड कप खेला गया! करीब दस हजार लोगों ने इसका मज़ा लिया! विजेता टीम को वर्ल्ड कप मिला और 80 रन बनाने वाले को इनाम में बकरा मिला!
इस अनोखे वर्ल्ड कप के आयोजक कहते हैं,जब देश की 20 फीसदी आबादी के लिए वर्ल्ड कप हो रहा है तो मैंने सोचा कि 80 फीसदी लोगों का क्या,जो इसी देश के हैं और वर्ल्ड कप नहीं देख सकते! यह पूछे जाने पर कि उन्हें इस वर्ल्ड कप कि प्रेरणा लगान फिल्म से मिली तो वे कहते हैं कि कुछ हद तक पर इसका मकसद दूसरा था! उन्होंने यह भी बताया कि इसके लिए कई आयोजक भी आये थे लेकिन उन्होंने मना कर दिया क्योंकि इसमें कोई धंधा नहीं होना था बल्कि यह तो लोगों के मनोरंजन के लिए था! इस वर्ल्ड कप के कुछ अंश एक घंटे के लिए चेनल पर प्रसारित भी किये गये थे!
इस वर्ल्ड कप कि सबसे दिलचस्प बात ये थी कि सभी खिलाडी लुंगी बंधे नंगे पैर थे क्योंकि किसानो को जूते पहनने कि आदत तो होती नहीं खेलने के लिए रबर कि गेंद थी! जंगली लकड़ी के बल्ले थे पेड़ कि टहनियों के रंगीन स्टंप थे! हाथ घुमाकर गेंद फैकने की अनिवार्यता नहीं थी! आसपास बनी गैलरियों के साथ ही दर्शक पेड़ों पर भी बैठे हुए थे चिअर लीडर बंदरिया ने बखूबी कम किया,पूरे मैच में उछलती कूदती रही!
इस वर्ल्ड कप के आयोजक बहुत खुश हैं! वे कहते हैं कि उनकी एक कोशिश से बंगलादेश के उन 80 फीसदी लोगों ने क्रिकेट से जुडाव महसूस किया जिनके लिए क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 देखना एक कभी न पूरे हो पाने वाले ख्वाब की तरह था!

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