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Tuesday, November 23, 2010

----आरोपी ने जज को जूते से धुन डाला

इस्लामाबाद.पाकिस्तान के मुल्तान शहर की एक अदालत में आवदेन खारिज किए जाने पर एक आरोपी ने गुस्से में आकर अपने जूते न्यायाधीश की ओर उछाल दिए।इस शख्स का नाम नजीर हुसैन है। मुल्तान की जिला अदालत में सोमवार को हत्या के आरोपी नजीर ने चिकित्सा राहत की अर्जी न्यायधीश मियां कासिम के समक्ष दाखिल की थी।
उसका कहना था कि उसकी बांह में चोट है और उसे राहत मिलनी चाहिए। स्थानीय समाचार पत्र 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के अनुसार कासिम ने यह कहते हुए नजीर की अर्जी खारिज कर दी कि उसे पहले भी कई बार सेहत की बुनियाद पर राहत दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि अर्जी खारिज किए जाने के बाद नजीर ने गुस्से में अपने दोनों जूते न्यायधीश की ओर उछाल दिए। एक जूता न्यायाधीश के चेहरे पर लगा जबकि दूसरा उनके सीने से टकराया। नजीर ने कटघरा फांदकर न्यायधीश पर हमला करने की कोशिश की।
पुलिस अधिकारी दिलवर अब्बास ने बताया, "यह बड़ा अटपटा रवैया था। नजीर हर सुनवाई से पहले दर्द की शिकायत करने लगता है।" सुनवाई के दौरान नजीर ने कहा कि उसे सेहत की बुनियाद पर तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। उसने न्यायधीश को अभ्रद शब्द कहे।
अब्बास ने बताया, "नजीर ने न्यायधीश से कहा कि वह सैय्यद (जाति) है और कोई सैय्यद किसी का खून नहीं कर सकता। इसके जवाब में न्यायधीश ने कहा कि मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम सैय्यद हो। यह तुम्हारे मामले की बुनियाद नहीं है।"

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Tuesday, November 23, 2010

----आरोपी ने जज को जूते से धुन डाला

इस्लामाबाद.पाकिस्तान के मुल्तान शहर की एक अदालत में आवदेन खारिज किए जाने पर एक आरोपी ने गुस्से में आकर अपने जूते न्यायाधीश की ओर उछाल दिए।इस शख्स का नाम नजीर हुसैन है। मुल्तान की जिला अदालत में सोमवार को हत्या के आरोपी नजीर ने चिकित्सा राहत की अर्जी न्यायधीश मियां कासिम के समक्ष दाखिल की थी।
उसका कहना था कि उसकी बांह में चोट है और उसे राहत मिलनी चाहिए। स्थानीय समाचार पत्र 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के अनुसार कासिम ने यह कहते हुए नजीर की अर्जी खारिज कर दी कि उसे पहले भी कई बार सेहत की बुनियाद पर राहत दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि अर्जी खारिज किए जाने के बाद नजीर ने गुस्से में अपने दोनों जूते न्यायधीश की ओर उछाल दिए। एक जूता न्यायाधीश के चेहरे पर लगा जबकि दूसरा उनके सीने से टकराया। नजीर ने कटघरा फांदकर न्यायधीश पर हमला करने की कोशिश की।
पुलिस अधिकारी दिलवर अब्बास ने बताया, "यह बड़ा अटपटा रवैया था। नजीर हर सुनवाई से पहले दर्द की शिकायत करने लगता है।" सुनवाई के दौरान नजीर ने कहा कि उसे सेहत की बुनियाद पर तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। उसने न्यायधीश को अभ्रद शब्द कहे।
अब्बास ने बताया, "नजीर ने न्यायधीश से कहा कि वह सैय्यद (जाति) है और कोई सैय्यद किसी का खून नहीं कर सकता। इसके जवाब में न्यायधीश ने कहा कि मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम सैय्यद हो। यह तुम्हारे मामले की बुनियाद नहीं है।"

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