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Monday, November 22, 2010

....अश्‍लीलता फैला रहे बिग बॉस और राखी का इंसाफ!

नई दिल्‍ली. सरकार की नजर में ‘एडल्‍ट शो’, बिग बॉस का प्रसारण अभी रात 9 बजे ही होगा। रात 11 से सुबह 5 बजे के बीच ही इसका प्रसारण किए जाने के सरकारी निर्देश पर लगी रोक बांबे हाईकोर्ट ने सोमवार को 3 दिसंबर तक बढ़ा दी। अदालत का इस बारे में आखिरी फैसला चाहे जो आए, लेकिन dainikbhaskar.com के सर्वे में शामिल करीब 85 फीसदी पाठकों ने सरकार की दलील से सहमति जताई है। इन्‍होंने बिग बॉस और राखी का इंसाफ को अश्‍लीलता फैलाने वाले शोज माना है। करीब तीन चौथाई पाठकों का तो रियलिटी शोज में भरोसा ही नहीं है। उन्‍होंने रियलिटी शोज को हकीकत से दूर, पूरा ड्रामा करार दिया है।
सर्वे में शामिल 68 फीसदी पाठकों ने कहा कि बिग बॉस और राखी का इंसाफ अश्‍लीलता फैला रहे हैं और इन शोज में टीआरपी के लिए कुछ भी किया जाता है। बिग बॉस की ही बात करें तो इसमें हाल ही में सिर्फ तीन दिन के लिए हॉलीवुड सेलेब्रिटी पामेला एंडरसन को बुलाया गया, अली को एंट्री दिला कर सारा खान से उनकी शादी कराई गई, फिल्‍मी सितारों को बुलाया गया। और भी बहुत कुछ किया गया, जिस पर काफी विवाद हुआ।
सूचना-प्रसारण (आईबी) मंत्रालय ने कलर्स और एनडीटीवी इमैजीन को निर्देश दिए हैं कि वे क्रमश: बिग बॉस और राखी का इंसाफ का प्रसारण रात 11 बजे से 5 बजे के बीच प्रसारित करें। उन्‍हें यह स्‍क्रॉल चलाने का निर्देश भी दिया गया है कि यह कार्यक्रम बच्‍चों के लिए ठीक नहीं है। सरकार के इस रुख पर सर्वे में मिली-जुली राय सामने आई। 15.17 फीसदी लोगों ने कहा कि ये टीवी शोज अश्‍लीलता नहीं फैला रहे, यह तो हम पर है कि हम इसे किस रूप में लेते हैं।
करीब 13 (12.98) फीसदी दर्शकों ने यह तो माना कि बिग बॉस और राखी का इंसाफ से अश्‍लीलता फैल रही है, पर यह सवाल भी उठाया कि सरकार इन्‍हीं दो शोज पर गाज क्‍यों गिरा रही है? वह दूसरे चैनलों और फिल्मों के खिलाफ भी तो कार्रवाई करे। कुछ पाठक तो चाहते ही नहीं कि सरकार ‘नैतिकता की ठेकेदार’ बने। सर्वे में शामिल 3.5 फीसदी पाठकों ने राय दी कि ये दोनों सीरियल अश्लीलता तो फैला रहे हैं, लेकिन सरकार को नैतिकता की ठेकेदार नहीं बनना चाहिए।
कोट्स :
‘ये रियलिटी शोज पूरी तरह से प्रायोजित रहते हैं। मैंने बिग बॉस में हिस्सा लिया है और वहां घटी घटनाओं के आधार पर मैं कह सकता हूं कि यहां सब कुछ प्रायोजित है।’
: राहुल भट्ट, जिम ट्रेनर और बिग बॉस 4 के प्रतिभागी
‘ये रियलिटी शो परंपरागत भारतीय दर्शक को अत्याधुनिक माहौल दिखाते हैं, जिसका वह आदी नहीं है। इसलिए दर्शक बड़ी संख्या में इनकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं।’: चेतन भगत, प्रख्यात लेखक
 ‘इन रियलिटी शो पर सरकारी नियंत्रण पूरी तरह गलत है। माता-पिता अपने बच्चों को संभालें और उन्हें ऐसे कार्यक्रम देखने से रोकें।’- : फराह खान, फिल्म निर्माता

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Monday, November 22, 2010

....अश्‍लीलता फैला रहे बिग बॉस और राखी का इंसाफ!

नई दिल्‍ली. सरकार की नजर में ‘एडल्‍ट शो’, बिग बॉस का प्रसारण अभी रात 9 बजे ही होगा। रात 11 से सुबह 5 बजे के बीच ही इसका प्रसारण किए जाने के सरकारी निर्देश पर लगी रोक बांबे हाईकोर्ट ने सोमवार को 3 दिसंबर तक बढ़ा दी। अदालत का इस बारे में आखिरी फैसला चाहे जो आए, लेकिन dainikbhaskar.com के सर्वे में शामिल करीब 85 फीसदी पाठकों ने सरकार की दलील से सहमति जताई है। इन्‍होंने बिग बॉस और राखी का इंसाफ को अश्‍लीलता फैलाने वाले शोज माना है। करीब तीन चौथाई पाठकों का तो रियलिटी शोज में भरोसा ही नहीं है। उन्‍होंने रियलिटी शोज को हकीकत से दूर, पूरा ड्रामा करार दिया है।
सर्वे में शामिल 68 फीसदी पाठकों ने कहा कि बिग बॉस और राखी का इंसाफ अश्‍लीलता फैला रहे हैं और इन शोज में टीआरपी के लिए कुछ भी किया जाता है। बिग बॉस की ही बात करें तो इसमें हाल ही में सिर्फ तीन दिन के लिए हॉलीवुड सेलेब्रिटी पामेला एंडरसन को बुलाया गया, अली को एंट्री दिला कर सारा खान से उनकी शादी कराई गई, फिल्‍मी सितारों को बुलाया गया। और भी बहुत कुछ किया गया, जिस पर काफी विवाद हुआ।
सूचना-प्रसारण (आईबी) मंत्रालय ने कलर्स और एनडीटीवी इमैजीन को निर्देश दिए हैं कि वे क्रमश: बिग बॉस और राखी का इंसाफ का प्रसारण रात 11 बजे से 5 बजे के बीच प्रसारित करें। उन्‍हें यह स्‍क्रॉल चलाने का निर्देश भी दिया गया है कि यह कार्यक्रम बच्‍चों के लिए ठीक नहीं है। सरकार के इस रुख पर सर्वे में मिली-जुली राय सामने आई। 15.17 फीसदी लोगों ने कहा कि ये टीवी शोज अश्‍लीलता नहीं फैला रहे, यह तो हम पर है कि हम इसे किस रूप में लेते हैं।
करीब 13 (12.98) फीसदी दर्शकों ने यह तो माना कि बिग बॉस और राखी का इंसाफ से अश्‍लीलता फैल रही है, पर यह सवाल भी उठाया कि सरकार इन्‍हीं दो शोज पर गाज क्‍यों गिरा रही है? वह दूसरे चैनलों और फिल्मों के खिलाफ भी तो कार्रवाई करे। कुछ पाठक तो चाहते ही नहीं कि सरकार ‘नैतिकता की ठेकेदार’ बने। सर्वे में शामिल 3.5 फीसदी पाठकों ने राय दी कि ये दोनों सीरियल अश्लीलता तो फैला रहे हैं, लेकिन सरकार को नैतिकता की ठेकेदार नहीं बनना चाहिए।
कोट्स :
‘ये रियलिटी शोज पूरी तरह से प्रायोजित रहते हैं। मैंने बिग बॉस में हिस्सा लिया है और वहां घटी घटनाओं के आधार पर मैं कह सकता हूं कि यहां सब कुछ प्रायोजित है।’
: राहुल भट्ट, जिम ट्रेनर और बिग बॉस 4 के प्रतिभागी
‘ये रियलिटी शो परंपरागत भारतीय दर्शक को अत्याधुनिक माहौल दिखाते हैं, जिसका वह आदी नहीं है। इसलिए दर्शक बड़ी संख्या में इनकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं।’: चेतन भगत, प्रख्यात लेखक
 ‘इन रियलिटी शो पर सरकारी नियंत्रण पूरी तरह गलत है। माता-पिता अपने बच्चों को संभालें और उन्हें ऐसे कार्यक्रम देखने से रोकें।’- : फराह खान, फिल्म निर्माता

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