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Tuesday, November 23, 2010

भज्जी ने बनाया अनोखा डबल

हरभजन सिंह का नाम सुनते ही हर भारतीय क्रिकेट प्रशंसक के दिमाग में एक ही बात आती है। वो है स्पिन गेंदबाजी। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में वे टीम इंडिया के लिए बल्ले से भी संकटमोचक बनकर उभरे। उन्होंने सीरीज के दौरान लगातार दो टेस्ट मैचों में दो शतक जड़ा। जो किसी आठवें नंबर के बल्लेबाज के लिए कीर्तिमान है। इसके अलावा उन्होंने इस सीरीज में तीन सौ रन और 10 विकेट लेने का अनोखा कारनामा किया है।
भज्जी के इस प्रदर्शन से टीम इंडिया को जल्द ही एक ऑलरांउडर मिलने की उम्मीद जग गई है। उन्होंने यह साबित कर दिया है टीम पुछल्ले बल्लेबाज जरुरत पड़ने पर बड़ी पारियां खेल सकते हैं। उनके इसी प्रदर्शन के लिए भज्जी को मैन ऑफ द सीरीज भी दिया गया।
हरभजन सिंह ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में चार पारियों में 105 की औसत से 315 रन बनाए। उनका यह औसत सीरीज के दौरान सभी बल्लेबाजों से बेहतर है। इन चार पारियों में भज्जी ने दो शतक और एक अर्धशतक जड़ा। नागपुर टेस्ट ही एक मात्र ऐसा मौका था जब वे बल्ले से कुछ खास कमाल नहीं कर सके।
वहीं गेंदबाजी में हरभजन सिंह ने 42 की औसत से 10 विकेट झटके। हालांकि भज्जी का यह प्रदर्शन सबसे बेहतरीन नहीं था। लेकिन हैदराबाद और अहमदाबाद की सपाट पिचों के मद्देनजर उन्होंने अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया है।

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Tuesday, November 23, 2010

भज्जी ने बनाया अनोखा डबल

हरभजन सिंह का नाम सुनते ही हर भारतीय क्रिकेट प्रशंसक के दिमाग में एक ही बात आती है। वो है स्पिन गेंदबाजी। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में वे टीम इंडिया के लिए बल्ले से भी संकटमोचक बनकर उभरे। उन्होंने सीरीज के दौरान लगातार दो टेस्ट मैचों में दो शतक जड़ा। जो किसी आठवें नंबर के बल्लेबाज के लिए कीर्तिमान है। इसके अलावा उन्होंने इस सीरीज में तीन सौ रन और 10 विकेट लेने का अनोखा कारनामा किया है।
भज्जी के इस प्रदर्शन से टीम इंडिया को जल्द ही एक ऑलरांउडर मिलने की उम्मीद जग गई है। उन्होंने यह साबित कर दिया है टीम पुछल्ले बल्लेबाज जरुरत पड़ने पर बड़ी पारियां खेल सकते हैं। उनके इसी प्रदर्शन के लिए भज्जी को मैन ऑफ द सीरीज भी दिया गया।
हरभजन सिंह ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में चार पारियों में 105 की औसत से 315 रन बनाए। उनका यह औसत सीरीज के दौरान सभी बल्लेबाजों से बेहतर है। इन चार पारियों में भज्जी ने दो शतक और एक अर्धशतक जड़ा। नागपुर टेस्ट ही एक मात्र ऐसा मौका था जब वे बल्ले से कुछ खास कमाल नहीं कर सके।
वहीं गेंदबाजी में हरभजन सिंह ने 42 की औसत से 10 विकेट झटके। हालांकि भज्जी का यह प्रदर्शन सबसे बेहतरीन नहीं था। लेकिन हैदराबाद और अहमदाबाद की सपाट पिचों के मद्देनजर उन्होंने अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया है।

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