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Friday, November 26, 2010

गलत रिपोर्ट ने सब कुछ खत्म कर दिया

कांगड़ा . डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में निजी प्रयोगशाला की गलत एचआईवी रिपोर्ट से नवजात शिशु की मौत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। गलत रिपोर्ट से सामाजिक बहिष्कार झेल रहे प्रभावित परिवार ने निजी प्रयोगशाला के प्रबंधक और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के खिलाफ कांगड़ा थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।
पीड़ित महिला के पति सतीश कुमार और उसकी सास माया देवी ने कांगड़ा पुलिस थाना में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया कि निजी प्रयोगशाला की ओर से सतीश की पत्नी की एचआईवी की गलत रिपोर्ट देने से क्षेत्र के लोगों ने उनका सामाजिक बहिष्कार शुरू कर दिया है। इससे वह मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं।
माया देवी ने पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया कि बेटी की सगाई आठ महीने पहले साथ लगते गांव में ही हुई थी, जिसकी शादी भी आठ फरवरी को निर्धारित थी। बहू की एचआईवी की गलत रिपोर्ट आने के बाद उसकी बेटी की सगाई भी टूट गई है। लड़के वालों ने यह कहकर की आपके सारे परिवार को एड्स है हम यहां शादी नहीं करेंगे।
गांव में उनके परिवार को लोग शक की निगाह से देख रहे हैं। माया देवी ने शिकायत में एचआईवी की गलत रिपोर्ट के बाद टांडा कॉलेज में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों पर बहू से अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी जड़ा है। एचआईवी की गलत रिपोर्ट के चलते उसकी बहू भी मानसिक तौर पर परेशान है।
उन्होंने आरोप लगाया कि निजी प्रयोगशाला का प्रबंधक और कुछ डाक्टर इस मामले को दबाने के लिए उनपर दबाव व जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। पीड़ित महिला के पति सतीश और सास माया देवी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ओर महिला आयोग की अध्यक्ष अंबिका सूद को भी पत्र लिखकर दोषियों के विरुद्ध कारवाई की मांग की है।
उनका आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने भी निजी लैब के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करने के लिए लिखित में आग्रह किया था, लेकिन पुलिस ने अभी इस मामले में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई है जबकि चिकित्सा अधिकारी की जांच में पाया गया था कि टांडा मेडिकल कॉलेज के बाहर संचालित निजी लैबोरेटरी में बिना औपचारिकताएं पूर्ण किए 353 लोगों के एचआईवी टेस्ट किए गए हैं, जबकि निजी लैब संचालक इन टेस्टों को करने के लिए अधिकृत ही नहीं थे।
इसके बावजूद न तो टांडा मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने निजी लैब प्रबंधकों के खिलाफ कोई कार्रवाई की और न ही पुलिस ने। डीएसपी दिनेश शर्मा ने बताया कि पुलिस ने माया देवी और सतीश कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

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Friday, November 26, 2010

गलत रिपोर्ट ने सब कुछ खत्म कर दिया

कांगड़ा . डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में निजी प्रयोगशाला की गलत एचआईवी रिपोर्ट से नवजात शिशु की मौत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। गलत रिपोर्ट से सामाजिक बहिष्कार झेल रहे प्रभावित परिवार ने निजी प्रयोगशाला के प्रबंधक और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के खिलाफ कांगड़ा थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।
पीड़ित महिला के पति सतीश कुमार और उसकी सास माया देवी ने कांगड़ा पुलिस थाना में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया कि निजी प्रयोगशाला की ओर से सतीश की पत्नी की एचआईवी की गलत रिपोर्ट देने से क्षेत्र के लोगों ने उनका सामाजिक बहिष्कार शुरू कर दिया है। इससे वह मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं।
माया देवी ने पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया कि बेटी की सगाई आठ महीने पहले साथ लगते गांव में ही हुई थी, जिसकी शादी भी आठ फरवरी को निर्धारित थी। बहू की एचआईवी की गलत रिपोर्ट आने के बाद उसकी बेटी की सगाई भी टूट गई है। लड़के वालों ने यह कहकर की आपके सारे परिवार को एड्स है हम यहां शादी नहीं करेंगे।
गांव में उनके परिवार को लोग शक की निगाह से देख रहे हैं। माया देवी ने शिकायत में एचआईवी की गलत रिपोर्ट के बाद टांडा कॉलेज में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों पर बहू से अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी जड़ा है। एचआईवी की गलत रिपोर्ट के चलते उसकी बहू भी मानसिक तौर पर परेशान है।
उन्होंने आरोप लगाया कि निजी प्रयोगशाला का प्रबंधक और कुछ डाक्टर इस मामले को दबाने के लिए उनपर दबाव व जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। पीड़ित महिला के पति सतीश और सास माया देवी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ओर महिला आयोग की अध्यक्ष अंबिका सूद को भी पत्र लिखकर दोषियों के विरुद्ध कारवाई की मांग की है।
उनका आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने भी निजी लैब के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करने के लिए लिखित में आग्रह किया था, लेकिन पुलिस ने अभी इस मामले में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई है जबकि चिकित्सा अधिकारी की जांच में पाया गया था कि टांडा मेडिकल कॉलेज के बाहर संचालित निजी लैबोरेटरी में बिना औपचारिकताएं पूर्ण किए 353 लोगों के एचआईवी टेस्ट किए गए हैं, जबकि निजी लैब संचालक इन टेस्टों को करने के लिए अधिकृत ही नहीं थे।
इसके बावजूद न तो टांडा मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने निजी लैब प्रबंधकों के खिलाफ कोई कार्रवाई की और न ही पुलिस ने। डीएसपी दिनेश शर्मा ने बताया कि पुलिस ने माया देवी और सतीश कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

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