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Thursday, November 18, 2010

क‍रगिल की लड़ाई में मरे थे उसके सैनिक : पाकिस्‍तान

नई दिल्‍ली. पाकिस्‍तान अब तक इस बात से इनकार करता रहा है कि करगिल युद्ध में इसकी सेना भी शामिल थी लेकिन इस लड़ाई के एक दशक से अधिक का समय गुजर जाने के बाद पहली बार पाकिस्‍तान ने उन सैनिकों की सूची सार्वजनिक की जिन्‍होंने इस लड़ाई में अपनी जान गंवा दी थी।
पाकिस्‍तानी सेना ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर 350 सैनिकों के नाम जारी किए हैं। 'सुहादा' (शहीद) नाम से इस सेक्‍शन में जिन सैनिकों के नाम हैं उनमें अधिकतर पाकिस्‍तानी सेना की नार्दर्न लाइट इंफ्रैंट्री से हैं।
इस सूची में पाकिस्‍तान के दो ‘हीरो’ कैप्‍टन कमाल शेर खान और हवलदार ललक जान का भी नाम है जिन्‍हें पाकिस्‍तान के सर्वोच्‍च वीरता पुरस्‍कार निशान-ए-हैदर से सम्‍मानित किया गया। इनके अलावा सैकड़ों सिपाहियों को अन्‍य वीरता पुरस्‍कार से नवाजा गया है।
एक ओर जहां पाकिस्‍तान ने अब तक करगिल युद्ध में मारे गए सैनिकों की संख्‍या का ब्‍यौरा आधिकारिक तौर नहीं दिया था वहीं पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने 2007 में लिखी अपनी पुस्‍तक में कहा था कि इस लड़ाई में 357 सैनिक मारे गए और 665 जख्‍मी हुए थे।
इस सूची में यह बात भी सामने आई है कि पाक सेना की नार्दर्न लाइट इंफैंट्री ने भारतीय ठिकानों पर कब्‍जा करने की नी‍यत से करगिल ऑपरेशन को कोह-ए-पैमा नाम से चलाया था।
सूची के मुताबिक करगिल की लड़ाई के दौरान मारे गए सैनिक गोलियों, हवाई बमबारी और ‘दुश्‍मनों की कार्रवाई’ का शिकार हुए थे। इनके नाम को करगिल और कोह-ए-पैमा ऑपरेशन के दो वर्गों में रखा गया है और इनके नाम के साथ रैंक, यूनिट, लोकेशन, मारे जाने की तारीख और मौत के स्‍वरूप का ब्‍यौरा दिया गया है। हवलदार ललक जान समेत नार्दर्न लाइट इंफ्रैंट्री के अधिकतर जवानों को कोह-ए-पैमा के तहत जबकि कैप्‍टन कमाल शेर खान समेत अन्‍य सैनिकों को ऑपरेशन करगिल की कैटे‍गरी में रखा गया है।
भारतीय सेना के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक करगिल की लड़ाई में पाकिस्‍तानी सेना के 1000-1200 सैनिक मारे गए थे। इनमें से करीब 200 तो भारत की जमीन में ही दफन किए गए थे।

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Thursday, November 18, 2010

क‍रगिल की लड़ाई में मरे थे उसके सैनिक : पाकिस्‍तान

नई दिल्‍ली. पाकिस्‍तान अब तक इस बात से इनकार करता रहा है कि करगिल युद्ध में इसकी सेना भी शामिल थी लेकिन इस लड़ाई के एक दशक से अधिक का समय गुजर जाने के बाद पहली बार पाकिस्‍तान ने उन सैनिकों की सूची सार्वजनिक की जिन्‍होंने इस लड़ाई में अपनी जान गंवा दी थी।
पाकिस्‍तानी सेना ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर 350 सैनिकों के नाम जारी किए हैं। 'सुहादा' (शहीद) नाम से इस सेक्‍शन में जिन सैनिकों के नाम हैं उनमें अधिकतर पाकिस्‍तानी सेना की नार्दर्न लाइट इंफ्रैंट्री से हैं।
इस सूची में पाकिस्‍तान के दो ‘हीरो’ कैप्‍टन कमाल शेर खान और हवलदार ललक जान का भी नाम है जिन्‍हें पाकिस्‍तान के सर्वोच्‍च वीरता पुरस्‍कार निशान-ए-हैदर से सम्‍मानित किया गया। इनके अलावा सैकड़ों सिपाहियों को अन्‍य वीरता पुरस्‍कार से नवाजा गया है।
एक ओर जहां पाकिस्‍तान ने अब तक करगिल युद्ध में मारे गए सैनिकों की संख्‍या का ब्‍यौरा आधिकारिक तौर नहीं दिया था वहीं पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने 2007 में लिखी अपनी पुस्‍तक में कहा था कि इस लड़ाई में 357 सैनिक मारे गए और 665 जख्‍मी हुए थे।
इस सूची में यह बात भी सामने आई है कि पाक सेना की नार्दर्न लाइट इंफैंट्री ने भारतीय ठिकानों पर कब्‍जा करने की नी‍यत से करगिल ऑपरेशन को कोह-ए-पैमा नाम से चलाया था।
सूची के मुताबिक करगिल की लड़ाई के दौरान मारे गए सैनिक गोलियों, हवाई बमबारी और ‘दुश्‍मनों की कार्रवाई’ का शिकार हुए थे। इनके नाम को करगिल और कोह-ए-पैमा ऑपरेशन के दो वर्गों में रखा गया है और इनके नाम के साथ रैंक, यूनिट, लोकेशन, मारे जाने की तारीख और मौत के स्‍वरूप का ब्‍यौरा दिया गया है। हवलदार ललक जान समेत नार्दर्न लाइट इंफ्रैंट्री के अधिकतर जवानों को कोह-ए-पैमा के तहत जबकि कैप्‍टन कमाल शेर खान समेत अन्‍य सैनिकों को ऑपरेशन करगिल की कैटे‍गरी में रखा गया है।
भारतीय सेना के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक करगिल की लड़ाई में पाकिस्‍तानी सेना के 1000-1200 सैनिक मारे गए थे। इनमें से करीब 200 तो भारत की जमीन में ही दफन किए गए थे।

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