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Saturday, March 5, 2011

भारतीय राजनेताओं की अमीरी

खुशबू (ख़ुशी) इन्द्री, करनाल :
यूँ तो सर्वेक्षण संस्थाएं भारत में तरह तरह के सर्वे करती रहती हैं
आलम यह है कि भारत के विधायक सांसदों से ज्यादा अमीर हैं तो संसद मंत्रियों से ज्यादा मंत्रियों कि अमीरी का तो अंदाजा लगा पाना कठिन है! कहने का मतलब ये कि एक नेता से लेकर मंत्री तक सभी बेशुमार दौलत से खेल रहे हैं! अब ये पैसा मेहनत की कमाई का है या ऊपर की कमाई का कोई नहीं जनता हाल ही का एक वाकया, देश भर में इसकी चर्चा हो रही है की हरियाणा के एक विधायक ने अपनी बेटी की शादी में दामाद को 45 करोड़ का हेलीकाप्टर तोहफे में दिया! अढाई करोड़ का दूल्हे का टीका किया गया !
एक -एक करोड़ का दूल्हे के परिवार के 18 सदस्यों का टीका किया गया ! बारात में शामिल 2000 बारातियों को चांदी के बिस्कुट,एक-एक सफारी सूट और ग्यारह से लेकर इक्कीस हजार रूपये शगुन में दिए गए ! पंडाल सजाने के लिए कोलकाता से लेकर बेंकोक तक से फूल मंगाए गए ! कुल मिलकर २५० करोड़ की यह शादी रही और अभी तो रिसेप्शन भी होना है ! इस शादी को अब तक की सबसे महंगी शादी का दर्जा दिया गया है ! यहाँ इस वाकये में सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है की एक विधायक ,जिसका दर्जा मंत्री और संसद के बाद आता है, के पास इतना पैसा है की वह अपने दामाद को हेलीकाप्टर भेंट कर सकता है !
वह क्या ठाठ हैं ! यह उस देश का विधायक है जिसकी जनता को आज भी दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होती ! जिनके पास रोजगार के लाले हैं ! जो आज महंगाई की मार झेल रही है ! ये उस देश के नेता हैं जो आज भ्रष्टाचारियों की सूची में चोथे नंबर पर विराजमान है और जो भविष्य में इस सूची में पहले स्थान पर भी पहुँच सकता है ! अब सवाल ये उठता है कि भारतीय राजनेताओं के पास इतना पैसा कहाँ से आया !
अगर पैसा है तो ये जन कल्याण पर खर्च करने कि बजाय अपनी शानो शोकत पर क्यों खर्च किया जा रहा है ! वास्तव में सारी गलती भारतीय प्रशाशन व्यवस्था कि है जो कि भ्रष्टाचारियों से भरा पड़ा है! प्रशासक और राजनेता जन कल्याण योजनायें बनाते है ! इन्हें लागू करने के लिए सरकार हजारों करोड़ो का बजट पास कराते हैं ! कुल बजट का कुछ प्रतिशत योजना पर खर्च कर बाकी अपनी जेबों में भरतें है ! जनत बेचारी न तो योजनायों का लाभ मिलता है न ही कोई सुधार होता है ! यही कारण है कि आज भारत का हर आदमी राजनीति में आना चाहता है,चाहे वो संत महात्मा हो,अपराधी हो या कोई और सबकी कोई न कोई जुगाड़ कर राजनीति में आने कि होती है ! शायद इसी कारण आज कि भारतीय राजनीति अपराधियों की राजनीति बनकर रह गयी है ! संक्षेप में अगर भारतीय राजनेता जेबों में पैसा भरकर काला धन इकठ्ठा करने की बजाय ईमानदारी से जनकल्याण करें तो शायद भारत से गरीबी और अव्यवस्था का नामोनिशान मिट जाये !
अगर एक सर्वे भारतीय राजनेताओं की अमीरी से सम्बंधित किया जाये तो यह पता लगाना भुत मुश्किल होगा कि कौन सबसे ज्यादा आमिर है ! क्योंकि इस वक्त भारत के राजनेता अमीरी के भंवर में झूल रहे हैं!

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Saturday, March 5, 2011

भारतीय राजनेताओं की अमीरी

खुशबू (ख़ुशी) इन्द्री, करनाल :
यूँ तो सर्वेक्षण संस्थाएं भारत में तरह तरह के सर्वे करती रहती हैं
आलम यह है कि भारत के विधायक सांसदों से ज्यादा अमीर हैं तो संसद मंत्रियों से ज्यादा मंत्रियों कि अमीरी का तो अंदाजा लगा पाना कठिन है! कहने का मतलब ये कि एक नेता से लेकर मंत्री तक सभी बेशुमार दौलत से खेल रहे हैं! अब ये पैसा मेहनत की कमाई का है या ऊपर की कमाई का कोई नहीं जनता हाल ही का एक वाकया, देश भर में इसकी चर्चा हो रही है की हरियाणा के एक विधायक ने अपनी बेटी की शादी में दामाद को 45 करोड़ का हेलीकाप्टर तोहफे में दिया! अढाई करोड़ का दूल्हे का टीका किया गया !
एक -एक करोड़ का दूल्हे के परिवार के 18 सदस्यों का टीका किया गया ! बारात में शामिल 2000 बारातियों को चांदी के बिस्कुट,एक-एक सफारी सूट और ग्यारह से लेकर इक्कीस हजार रूपये शगुन में दिए गए ! पंडाल सजाने के लिए कोलकाता से लेकर बेंकोक तक से फूल मंगाए गए ! कुल मिलकर २५० करोड़ की यह शादी रही और अभी तो रिसेप्शन भी होना है ! इस शादी को अब तक की सबसे महंगी शादी का दर्जा दिया गया है ! यहाँ इस वाकये में सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है की एक विधायक ,जिसका दर्जा मंत्री और संसद के बाद आता है, के पास इतना पैसा है की वह अपने दामाद को हेलीकाप्टर भेंट कर सकता है !
वह क्या ठाठ हैं ! यह उस देश का विधायक है जिसकी जनता को आज भी दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होती ! जिनके पास रोजगार के लाले हैं ! जो आज महंगाई की मार झेल रही है ! ये उस देश के नेता हैं जो आज भ्रष्टाचारियों की सूची में चोथे नंबर पर विराजमान है और जो भविष्य में इस सूची में पहले स्थान पर भी पहुँच सकता है ! अब सवाल ये उठता है कि भारतीय राजनेताओं के पास इतना पैसा कहाँ से आया !
अगर पैसा है तो ये जन कल्याण पर खर्च करने कि बजाय अपनी शानो शोकत पर क्यों खर्च किया जा रहा है ! वास्तव में सारी गलती भारतीय प्रशाशन व्यवस्था कि है जो कि भ्रष्टाचारियों से भरा पड़ा है! प्रशासक और राजनेता जन कल्याण योजनायें बनाते है ! इन्हें लागू करने के लिए सरकार हजारों करोड़ो का बजट पास कराते हैं ! कुल बजट का कुछ प्रतिशत योजना पर खर्च कर बाकी अपनी जेबों में भरतें है ! जनत बेचारी न तो योजनायों का लाभ मिलता है न ही कोई सुधार होता है ! यही कारण है कि आज भारत का हर आदमी राजनीति में आना चाहता है,चाहे वो संत महात्मा हो,अपराधी हो या कोई और सबकी कोई न कोई जुगाड़ कर राजनीति में आने कि होती है ! शायद इसी कारण आज कि भारतीय राजनीति अपराधियों की राजनीति बनकर रह गयी है ! संक्षेप में अगर भारतीय राजनेता जेबों में पैसा भरकर काला धन इकठ्ठा करने की बजाय ईमानदारी से जनकल्याण करें तो शायद भारत से गरीबी और अव्यवस्था का नामोनिशान मिट जाये !
अगर एक सर्वे भारतीय राजनेताओं की अमीरी से सम्बंधित किया जाये तो यह पता लगाना भुत मुश्किल होगा कि कौन सबसे ज्यादा आमिर है ! क्योंकि इस वक्त भारत के राजनेता अमीरी के भंवर में झूल रहे हैं!

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