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Monday, March 7, 2011

सात साल पहले बनी सड़कें भी जीर्णोद्धार की राह देख रही है

करनाल ,विजय काम्बोज :
करनाल जिले में 1700 किलोमीटर का सड़कों का जाल बुजुर्ग हो चुका है। सात साल पहले बनी सड़कें भी जीर्णोद्धार की राह देख रही है। बरसों बाद इंद्री-करनाल रोड को दुरुस्त करने का कार्य आखिरी चरण में पहुंच गया है। लेकिन यह कार्य सड़कों की हालत सुधारने की दिशा में ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। करनाल की कई सड़कों की सुध पिछले छह साल से नहीं ली गई है। विभाग भी स्वीकार करता है कि इतने बरस पुरानी सड़कों की हालत जर्जर है, लेकिन भविष्य में जब इन सड़कों का दोबारा निर्माण होगा तो दस बरस तक यह दोबारा मरम्मत नहीं मांगेगी।
करनाल जिले में करीब 1700 किलोमीटर लंबा सड़कों का जाल बिछा हुआ है। देहात व शहर को जोड़ने के लिए सड़कों का जाल पूरी तरह बिछा है, लेकिन अब ये सड़कें बूढ़ी हो चुकी हैं। किसी सड़क को बने हुए पांच बरस हो गए हैं तो किसी को बने हुए सात साल। ओवरलोड वाहनों की वजह से सड़कों की हालत काफी पतली हो चुकी है। सड़क गड्ढों में नजर आती है। करनाल से इंद्री रोड की हालत जर्जर रहने से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। कई जानें जा चुकी हैं तो ग्रामीण कई बार जाम भी लगा चुके हैं। खैर अब इस सड़क की हालत 30 करोड़ की लागत से सुधरने को तैयार है। इसे छोड़कर हादसों को न्योता दे रही सड़कों की फेहरिस्त लंबी है।
बड़ा गांव से लंडौरा तक महज डेढ़ किलोमीटर का टुकड़ा कई साल से खत्म है। लेकिन इस ओर अधिकारियों का ध्यान नहीं है। काछवा गांव के पास करीब साढे़ पांच किलोमीटर की सड़क दम तोड़ चुकी है। संगोहा से दरड़ व बजीदा रोड अब वाहन चालकों के लिए दुर्घटना का सबब बन चुकी है। शहरी सड़कों पर गौर किया जाए तो सेक्टर क्षेत्र की तमाम सड़कें पूरी तरह उखड़ी हुई हैं। हुड्डा अधिकारियों से सीजीसी कई बार सड़कों की हालत सुधारने के लिए बैठक कर चुकी है, लेकिन सड़कें उसी स्थिति में हैं।
पीडब्ल्यूडी के एक्सइएन केके नैन के अनुसार अब दस वर्ष की योजना को आधार बनाकर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। करनाल-इंद्री रोड लगभग बनकर तैयार होने वाला है। उन्होंने कहा कि ओवरलोड वाहन सड़कों को तोड़ने के लिए जिम्मेदार हैं। अब विभाग पूरी सजगता के साथ सड़कों का निर्माण कर रहा है। इस साल काछवा रोड के टूटे साढे़ पांच किलोमीटर के टुकडे़ का निर्माण कर दिया जाएगा। इसके अलावा भी सड़कों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार को एस्टीमेंट भेजे जाएंगे।

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Monday, March 7, 2011

सात साल पहले बनी सड़कें भी जीर्णोद्धार की राह देख रही है

करनाल ,विजय काम्बोज :
करनाल जिले में 1700 किलोमीटर का सड़कों का जाल बुजुर्ग हो चुका है। सात साल पहले बनी सड़कें भी जीर्णोद्धार की राह देख रही है। बरसों बाद इंद्री-करनाल रोड को दुरुस्त करने का कार्य आखिरी चरण में पहुंच गया है। लेकिन यह कार्य सड़कों की हालत सुधारने की दिशा में ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। करनाल की कई सड़कों की सुध पिछले छह साल से नहीं ली गई है। विभाग भी स्वीकार करता है कि इतने बरस पुरानी सड़कों की हालत जर्जर है, लेकिन भविष्य में जब इन सड़कों का दोबारा निर्माण होगा तो दस बरस तक यह दोबारा मरम्मत नहीं मांगेगी।
करनाल जिले में करीब 1700 किलोमीटर लंबा सड़कों का जाल बिछा हुआ है। देहात व शहर को जोड़ने के लिए सड़कों का जाल पूरी तरह बिछा है, लेकिन अब ये सड़कें बूढ़ी हो चुकी हैं। किसी सड़क को बने हुए पांच बरस हो गए हैं तो किसी को बने हुए सात साल। ओवरलोड वाहनों की वजह से सड़कों की हालत काफी पतली हो चुकी है। सड़क गड्ढों में नजर आती है। करनाल से इंद्री रोड की हालत जर्जर रहने से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। कई जानें जा चुकी हैं तो ग्रामीण कई बार जाम भी लगा चुके हैं। खैर अब इस सड़क की हालत 30 करोड़ की लागत से सुधरने को तैयार है। इसे छोड़कर हादसों को न्योता दे रही सड़कों की फेहरिस्त लंबी है।
बड़ा गांव से लंडौरा तक महज डेढ़ किलोमीटर का टुकड़ा कई साल से खत्म है। लेकिन इस ओर अधिकारियों का ध्यान नहीं है। काछवा गांव के पास करीब साढे़ पांच किलोमीटर की सड़क दम तोड़ चुकी है। संगोहा से दरड़ व बजीदा रोड अब वाहन चालकों के लिए दुर्घटना का सबब बन चुकी है। शहरी सड़कों पर गौर किया जाए तो सेक्टर क्षेत्र की तमाम सड़कें पूरी तरह उखड़ी हुई हैं। हुड्डा अधिकारियों से सीजीसी कई बार सड़कों की हालत सुधारने के लिए बैठक कर चुकी है, लेकिन सड़कें उसी स्थिति में हैं।
पीडब्ल्यूडी के एक्सइएन केके नैन के अनुसार अब दस वर्ष की योजना को आधार बनाकर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। करनाल-इंद्री रोड लगभग बनकर तैयार होने वाला है। उन्होंने कहा कि ओवरलोड वाहन सड़कों को तोड़ने के लिए जिम्मेदार हैं। अब विभाग पूरी सजगता के साथ सड़कों का निर्माण कर रहा है। इस साल काछवा रोड के टूटे साढे़ पांच किलोमीटर के टुकडे़ का निर्माण कर दिया जाएगा। इसके अलावा भी सड़कों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार को एस्टीमेंट भेजे जाएंगे।

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