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Tuesday, November 9, 2010

डीजे की धुन के साथ श्मशानघाट में जन्मदिन का जश्न

जालंधर. जालंधर में सात नवंबर की रात को नया इतिहास बन गया। बस्ती गुजां के एक व्यक्ति ने श्मशानघाट में अपना जन्म दिवस मनाकर सबको चकित कर दिया। जन्म-दिन भी इतनी धूमधाम से मनाया गया कि सारा मोहल्ला देर रात तक संगीत की धुन पर नाचता रहा। श्मशानघाट का नजारा देखने योग्य था।
दुल्हन की तरह लड़ियों से श्मशानघाट को सजाया गया था और शादी के जश्न की तरह डीजे सिस्टम भी लगवाया गया था। ऐसा पहली बार हुआ कि इलाका निवासी श्मशानघाट में निमंत्रण देकर बुलाए गए और वहां पर अंतिम संस्कार की जगह जन्म-दिवस का जश्न मनाया गया। ये जश्न-ए-माहौल देर रात तक चलता रहा।
जन्म-दिवस मनाने वाले बस्ती गुजां निवासी विशाल ने बताया कि श्मशानघाट में हर व्यक्ति दुख के समय आता है और हर इंसान का यही अंतिम स्थान है। वह चाहते हैं कि लोग अपनी खुशी भी यहां आकर मनाएं। इसके लिए एक हफ्ता पहले ही निमंत्रण भेज दिए गए थे और उन्हें खुशी है कि बर्थ-डे फंक्शन में सभी ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।

2 comments:

संजय कुमार चौरसिया said...

bahut khoob, kya kahne

http://sanjaykuamr.blogspot.com/

honesty project democracy said...

बहुत ही बुद्धिमान है यह व्यक्ति इसे एहसास है की इस देश में शरद पवार,सोनिया गाँधी और कांग्रेस के रहते जिन्दा इंसान भी मुर्दा ही है ......हमसब को भी श्मशान में ही अपना जन्मदिन मनाना चाहिए जब तक ये शर्मनाक स्तर के भ्रष्टाचारी लोग जिन्दा हैं.....इस खबर को आपने ब्लॉग पोस्ट में जगह दिया इसके लिए आभार ....

Tuesday, November 9, 2010

डीजे की धुन के साथ श्मशानघाट में जन्मदिन का जश्न

जालंधर. जालंधर में सात नवंबर की रात को नया इतिहास बन गया। बस्ती गुजां के एक व्यक्ति ने श्मशानघाट में अपना जन्म दिवस मनाकर सबको चकित कर दिया। जन्म-दिन भी इतनी धूमधाम से मनाया गया कि सारा मोहल्ला देर रात तक संगीत की धुन पर नाचता रहा। श्मशानघाट का नजारा देखने योग्य था।
दुल्हन की तरह लड़ियों से श्मशानघाट को सजाया गया था और शादी के जश्न की तरह डीजे सिस्टम भी लगवाया गया था। ऐसा पहली बार हुआ कि इलाका निवासी श्मशानघाट में निमंत्रण देकर बुलाए गए और वहां पर अंतिम संस्कार की जगह जन्म-दिवस का जश्न मनाया गया। ये जश्न-ए-माहौल देर रात तक चलता रहा।
जन्म-दिवस मनाने वाले बस्ती गुजां निवासी विशाल ने बताया कि श्मशानघाट में हर व्यक्ति दुख के समय आता है और हर इंसान का यही अंतिम स्थान है। वह चाहते हैं कि लोग अपनी खुशी भी यहां आकर मनाएं। इसके लिए एक हफ्ता पहले ही निमंत्रण भेज दिए गए थे और उन्हें खुशी है कि बर्थ-डे फंक्शन में सभी ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।

2 comments:

संजय कुमार चौरसिया said...

bahut khoob, kya kahne

http://sanjaykuamr.blogspot.com/

honesty project democracy said...

बहुत ही बुद्धिमान है यह व्यक्ति इसे एहसास है की इस देश में शरद पवार,सोनिया गाँधी और कांग्रेस के रहते जिन्दा इंसान भी मुर्दा ही है ......हमसब को भी श्मशान में ही अपना जन्मदिन मनाना चाहिए जब तक ये शर्मनाक स्तर के भ्रष्टाचारी लोग जिन्दा हैं.....इस खबर को आपने ब्लॉग पोस्ट में जगह दिया इसके लिए आभार ....