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Sunday, May 22, 2011

सस्ते स्मार्ट मीटर रोकेंगे बिजली की चोरी

खुशबू(ख़ुशी)इन्द्री :
देश में बिजली का उत्पादन बढ़ाने में तो बहुत कामयाबी नहीं मिल रही है, लेकिन सरकार अब बिजली खपत को नियंत्रित करने के लिए कुछ स्मार्ट कदम उठाने की सोच रही है। केंद्र सरकार देश के सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर काम कर रही है। यह मीटर न सिर्फ बिजली की चोरी को पूरी तरह से रोक देगा, बल्कि घरों में बिजली के साथ ही पानी व रसोई गैस की खपत की भी निगरानी करेगा। स्मार्ट मीटर को दुनिया के कुछ गिने-चुने देशों ने हाल ही में लगाना शुरू किया है।
भारत में इसे लाने के लिए सैम पित्रोदा की अध्यक्षता में गठित एक समिति योजना बना रही है। वैसे इस समिति का गठन पिछले वर्ष देश में स्मार्ट ग्रिड स्थापित करने का रोड मैप तैयार करने के लिए किया गया था। बिजली मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में पित्रोदा समिति ने इस बारे में विचार किया है कि पूरे देश में एक ही तरह के मीटर हों, जो बिजली के साथ ही अन्य सभी सार्वजनिक उपयोग वाली आपूर्तियों (प्रमुख तौर पर पानी और रसोई गैस) पर नजर रख सकें। समिति की कोशिश यह है कि स्मार्ट मीटर की कीमत बेहद किफायती हो ताकि हर ग्राहक इसका इस्तेमाल कर सके। इसलिए पित्रोदा समिति ने इस प्रोजेक्ट को लो कास्ट स्मार्ट मीटर नाम दिया है। खासियत : सूत्रों के मुताबिक, यह मीटर बिजली की खपत की ऑन लाइन निगरानी करेगा। इसलिए इसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। बिजली चोरी को यह पूरी तरह से रोक सकता है। अभी हर राज्य के अपने-अपने मीटर होते हैं। इनमें छेड़छाड़ करने की घटनाएं आम है। स्मार्ट मीटर की एक खासियत यह होगी कि घर में जिस बिजली उपकरण को जितनी बिजली की जरूरत है, यह उसे उतनी ही बिजली की आपूर्ति करेगा। मसलन, चौबीसों घंटे चलने वाले फ्रिज और कभी-कभार चलने वाले माइक्रोवेव ओवन को कितनी बिजली दी जाए, यह अपने आप ही तय करेगा। इससे बिजली की खपत कम होगी। ग्राहकों के लिए अपना बिजली बिल जानना आसान होगा और बिजली वितरण कंपनियों को ज्यादा कर्मचारी रखने की जरूरत भी नहीं होगी। विस्तार : सरकारी सूत्रों के मुताबिक, शुरुआत में लो कॉस्ट स्मार्ट मीटर सिर्फ बिजली के लिए होंगे। मगर बहुत जल्द ही पानी और पाइप लाइन के जरिये दी जाने वाली गैस की भी निगरानी इनसे होने लगेगी। इनकी बिलिंग भी की जा सकेगी। बिजली मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि स्मार्ट मीटर लगाना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि बिजली उपकरणों का इस्तेमाल भारत में तेजी से बढ़ने वाला है। अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ ही हर घर में टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन के अलावा माइक्रोवेव ओवन, हीटर, होम थिएटर, कंप्यूटर जैसे उपकरण आएंगे। ऐसे में स्मार्ट मीटर के जरिये काफी बिजली बचाई जा सकेगी।


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Sunday, May 22, 2011

सस्ते स्मार्ट मीटर रोकेंगे बिजली की चोरी

खुशबू(ख़ुशी)इन्द्री :
देश में बिजली का उत्पादन बढ़ाने में तो बहुत कामयाबी नहीं मिल रही है, लेकिन सरकार अब बिजली खपत को नियंत्रित करने के लिए कुछ स्मार्ट कदम उठाने की सोच रही है। केंद्र सरकार देश के सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर काम कर रही है। यह मीटर न सिर्फ बिजली की चोरी को पूरी तरह से रोक देगा, बल्कि घरों में बिजली के साथ ही पानी व रसोई गैस की खपत की भी निगरानी करेगा। स्मार्ट मीटर को दुनिया के कुछ गिने-चुने देशों ने हाल ही में लगाना शुरू किया है।
भारत में इसे लाने के लिए सैम पित्रोदा की अध्यक्षता में गठित एक समिति योजना बना रही है। वैसे इस समिति का गठन पिछले वर्ष देश में स्मार्ट ग्रिड स्थापित करने का रोड मैप तैयार करने के लिए किया गया था। बिजली मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में पित्रोदा समिति ने इस बारे में विचार किया है कि पूरे देश में एक ही तरह के मीटर हों, जो बिजली के साथ ही अन्य सभी सार्वजनिक उपयोग वाली आपूर्तियों (प्रमुख तौर पर पानी और रसोई गैस) पर नजर रख सकें। समिति की कोशिश यह है कि स्मार्ट मीटर की कीमत बेहद किफायती हो ताकि हर ग्राहक इसका इस्तेमाल कर सके। इसलिए पित्रोदा समिति ने इस प्रोजेक्ट को लो कास्ट स्मार्ट मीटर नाम दिया है। खासियत : सूत्रों के मुताबिक, यह मीटर बिजली की खपत की ऑन लाइन निगरानी करेगा। इसलिए इसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। बिजली चोरी को यह पूरी तरह से रोक सकता है। अभी हर राज्य के अपने-अपने मीटर होते हैं। इनमें छेड़छाड़ करने की घटनाएं आम है। स्मार्ट मीटर की एक खासियत यह होगी कि घर में जिस बिजली उपकरण को जितनी बिजली की जरूरत है, यह उसे उतनी ही बिजली की आपूर्ति करेगा। मसलन, चौबीसों घंटे चलने वाले फ्रिज और कभी-कभार चलने वाले माइक्रोवेव ओवन को कितनी बिजली दी जाए, यह अपने आप ही तय करेगा। इससे बिजली की खपत कम होगी। ग्राहकों के लिए अपना बिजली बिल जानना आसान होगा और बिजली वितरण कंपनियों को ज्यादा कर्मचारी रखने की जरूरत भी नहीं होगी। विस्तार : सरकारी सूत्रों के मुताबिक, शुरुआत में लो कॉस्ट स्मार्ट मीटर सिर्फ बिजली के लिए होंगे। मगर बहुत जल्द ही पानी और पाइप लाइन के जरिये दी जाने वाली गैस की भी निगरानी इनसे होने लगेगी। इनकी बिलिंग भी की जा सकेगी। बिजली मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि स्मार्ट मीटर लगाना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि बिजली उपकरणों का इस्तेमाल भारत में तेजी से बढ़ने वाला है। अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ ही हर घर में टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन के अलावा माइक्रोवेव ओवन, हीटर, होम थिएटर, कंप्यूटर जैसे उपकरण आएंगे। ऐसे में स्मार्ट मीटर के जरिये काफी बिजली बचाई जा सकेगी।


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