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Sunday, May 8, 2011

नई रस्मे कायम कर पुरुषवादी वर्चस्व तोडती महिलाएं

खुशबू(ख़ुशी)इन्द्री
भारतीय महिलाएं अब नई वैवाहिक रस्मे कायम कर पुरुषवादी वर्चस्व तोड़ने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठा रही हैं.यह कदम महिलाओं को समाज में पुरुषों के बराबर खड़ा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा ! इसकी शुरुआत की है भिवानी की मोनिका ने भिवानी नए जमाने के साथ प्रदेश के ग्रामीण परिवेश में बदलाव आ रहा है और पुरानी रस्म व रिवाज भी बदल रहे हैं। शादी में धूमधाम से दूल्हे की घुड़चढ़ी निकलती थी, लेकिन जब महिलाओं ने हर क्षेत्र में पुरुषों के वर्चस्व को चुनौती दी है तो फिर शादी के रस्मों में बदलाव क्यों न हों। और इसकी अगुवा बनी है भिवानी के छोटे से गांव खापड़वास की 23 साल की मोनिका। मोनिका की 5 मई को शादी है और 4 मई को वह घुड़चढ़ी निकालेगी। अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ सिलाई कढ़ाई कर भाई को उच्च शिक्षा दिलाने वाली मोनिका को सभी का पूरा समर्थन है। मोनिका जब घुड़चढ़ी करेगी तो गांव की महिलाओं सहित सैकड़ों गणमान्य लोग इस पल के साक्षी बनेंगे। देश के इतिहास में यह अनूठी सामाजिक बदलाव की शुरुआत होगी और यह बेटी बचाओ अभियान और महिलाओं के सम्मान को समर्पित होगी। इतना ही नहीं मोनिका 5 मई की रात भारीवास निवासी कंप्यूटर इंजीनियर संदीप के साथ शादी में आठवां फेरा भी लेगी। यह आठवां फेरा कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ होगा। अपनी तरह की इस अनूठी क्रांतिकारी एवं सामाजिक शुरुआत को अमलीजामा पहनाने का काम किया है बेटी जन्म कुआं पूजन एवं आठवां फेरा के संस्थापक व रेडक्रास के भिवानी जिला सचिव श्याम सुंदर ने। लोग इसे एक नए सामाजिक क्रांति की शुरुआत मानते हैं। ग्रामीणों के अनुसार, मोनिका बचपन से ही साहसी व नई सोच वाली रही है। मोनिका के पिता सतबीर सिंह, माता अंगूरी देवी, भाई चेतन, दादा ताराचंद और दादी शारदा देवी व मोनिका की बहन सुशीला और भाभी ने भी उसके इस कदम को समर्थन दिया है। उनका कहना है कि वह बेटे से कम नहीं है जिसकी बदौलत वे अच्छी हालत में हैं। मोनिका के इस प्रयास में आपसी, जागो, रेडक्रास सोसायटी एवं आर्ट ऑफ लिविंग भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। जो मोनिका के इस कार्य को सम्मान देने के लिए गांव में पहुंचेंगे। मोनिका के होने वाले पति संदीप का कहना कि आज भारत आजाद है। सभी को अपना निर्णय लेने का अधिकार है। यदि कोई भी नई शुरुआत समाज के लिए प्रेरणादायक हो तो उसका वह पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं। बेटी बचाओ अभियान के सूत्रधार श्याम सुंदर का कहना है कि समाज में जब एक लड़का गाजेबाजे के साथ घुड़चढ़ी निकाल सकता है तो लड़की क्यों नहीं। बदलेगी रस्म, दुल्हन करेगी घुड़चढ़ी भिवानी के खापड़वास गांव में आज बनेगा अनूठा इतिहास मिसाल !



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Sunday, May 8, 2011

नई रस्मे कायम कर पुरुषवादी वर्चस्व तोडती महिलाएं

खुशबू(ख़ुशी)इन्द्री
भारतीय महिलाएं अब नई वैवाहिक रस्मे कायम कर पुरुषवादी वर्चस्व तोड़ने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठा रही हैं.यह कदम महिलाओं को समाज में पुरुषों के बराबर खड़ा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा ! इसकी शुरुआत की है भिवानी की मोनिका ने भिवानी नए जमाने के साथ प्रदेश के ग्रामीण परिवेश में बदलाव आ रहा है और पुरानी रस्म व रिवाज भी बदल रहे हैं। शादी में धूमधाम से दूल्हे की घुड़चढ़ी निकलती थी, लेकिन जब महिलाओं ने हर क्षेत्र में पुरुषों के वर्चस्व को चुनौती दी है तो फिर शादी के रस्मों में बदलाव क्यों न हों। और इसकी अगुवा बनी है भिवानी के छोटे से गांव खापड़वास की 23 साल की मोनिका। मोनिका की 5 मई को शादी है और 4 मई को वह घुड़चढ़ी निकालेगी। अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ सिलाई कढ़ाई कर भाई को उच्च शिक्षा दिलाने वाली मोनिका को सभी का पूरा समर्थन है। मोनिका जब घुड़चढ़ी करेगी तो गांव की महिलाओं सहित सैकड़ों गणमान्य लोग इस पल के साक्षी बनेंगे। देश के इतिहास में यह अनूठी सामाजिक बदलाव की शुरुआत होगी और यह बेटी बचाओ अभियान और महिलाओं के सम्मान को समर्पित होगी। इतना ही नहीं मोनिका 5 मई की रात भारीवास निवासी कंप्यूटर इंजीनियर संदीप के साथ शादी में आठवां फेरा भी लेगी। यह आठवां फेरा कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ होगा। अपनी तरह की इस अनूठी क्रांतिकारी एवं सामाजिक शुरुआत को अमलीजामा पहनाने का काम किया है बेटी जन्म कुआं पूजन एवं आठवां फेरा के संस्थापक व रेडक्रास के भिवानी जिला सचिव श्याम सुंदर ने। लोग इसे एक नए सामाजिक क्रांति की शुरुआत मानते हैं। ग्रामीणों के अनुसार, मोनिका बचपन से ही साहसी व नई सोच वाली रही है। मोनिका के पिता सतबीर सिंह, माता अंगूरी देवी, भाई चेतन, दादा ताराचंद और दादी शारदा देवी व मोनिका की बहन सुशीला और भाभी ने भी उसके इस कदम को समर्थन दिया है। उनका कहना है कि वह बेटे से कम नहीं है जिसकी बदौलत वे अच्छी हालत में हैं। मोनिका के इस प्रयास में आपसी, जागो, रेडक्रास सोसायटी एवं आर्ट ऑफ लिविंग भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। जो मोनिका के इस कार्य को सम्मान देने के लिए गांव में पहुंचेंगे। मोनिका के होने वाले पति संदीप का कहना कि आज भारत आजाद है। सभी को अपना निर्णय लेने का अधिकार है। यदि कोई भी नई शुरुआत समाज के लिए प्रेरणादायक हो तो उसका वह पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं। बेटी बचाओ अभियान के सूत्रधार श्याम सुंदर का कहना है कि समाज में जब एक लड़का गाजेबाजे के साथ घुड़चढ़ी निकाल सकता है तो लड़की क्यों नहीं। बदलेगी रस्म, दुल्हन करेगी घुड़चढ़ी भिवानी के खापड़वास गांव में आज बनेगा अनूठा इतिहास मिसाल !



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