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Sunday, May 15, 2011

आज भी जिन्दा है इंसानियत :एक दूसरे के पति को किडनी देंगी महिलाएं

खुशबू(ख़ुशी)इन्द्री :
बठिंडा की सुमन व फिरोजपुर की अनीता (काल्पनिक नाम) के बीच वैसे तो कोई नाता नहीं, लेकिन अपने-अपने पति की जिंदगी बचाने के लिए दोनों रिश्ते की अटूट डोर में बंध गई हैं। दोनों ही एक दूसरे की जिंदगी में मसीहा बनकर आई हैं। ब्लड ग्रुप मैच होने के बाद वे एक-दूसरे के पति को किडनी दान कर रही हैं। फरीदकोट में ह्यूमन आर्गन ट्रांसप्लांटेशन की ऑथोराइजेशन कमेटी बठिंडा के इस मामले को मंजूरी दे चुकी है। फिरोजपुर की महिला को भी जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार शहर के वार्ड नंबर बसंत विहार 16 में मकान नंबर 561 में रहने वाली सुमन के पति महेश सिंह की दोनों किडनियां खराब हैं। महेश की लगातार डायलसिस करवानी पड़ती है। उन्होंने जालंधर के एक निजी अस्पताल में इसकी जांच करवाई तो डाक्टर ने कहा कि एक किडनी मिल जाए तो फिर वह स्वस्थ जिंदगी जी सकेंगे। इस पर सुमन ने सावित्री बन पति महेश की जिंदगी बचाने के लिए किडनी दान करने की इच्छा जाहिर की। यह केस इस क्षेत्र के लिए बनी ऑथोराइजेशन कमेटी को भेज दिया गया। वहां सुमन व महेश का ब्लड ग्रुप आपस में मैच नहीं हुआ। कुछ यही हाल फिरोजपुर की मोरी गेट के नजदीक मकान नंबर 190 में रहने वाली अनीता का भी था। उसके पति यशपाल का भी जालंधर के ही अस्पताल में इलाज चल रहा था। यशपाल की भी दोनों किडनियां खराब हो गई थीं। उनकी पत्नी ने भी अपनी किडनी देने की इच्छा जाहिर की, लेकिन उनका भी पति से ब्लड ग्रुप मैच नहीं हुआ। ऐसे में इसे संयोग ही कहेंगे कि दोनों पक्षों की आपस में मुलाकात हुई तथा सुमन का ब्लड ग्रुप यशपाल से मैच हो गया और अनीता का महेश से। फिर दोनों परिवारों ने तय किया कि सुमन, यशपाल को किडनी देंगी और अनीता महेश को, ताकि दोनों अपने-अपने पति की जिंदगी बचा सकें। सिविल सर्जन बठिंडा डॉ. नीलम बजाज ने कहा कि यहां के केस को मंजूरी मिल गई है। सिविल सर्जन फिरोजपुर डॉ. धर्मपाल गोदारा ने कहा कि पुलिस की तरफ से किसी के न आने के कारण मंजूरी नहीं मिल सकी। संभवत: अगली बैठक में मंजूरी मिल जाएगी।


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Sunday, May 15, 2011

आज भी जिन्दा है इंसानियत :एक दूसरे के पति को किडनी देंगी महिलाएं

खुशबू(ख़ुशी)इन्द्री :
बठिंडा की सुमन व फिरोजपुर की अनीता (काल्पनिक नाम) के बीच वैसे तो कोई नाता नहीं, लेकिन अपने-अपने पति की जिंदगी बचाने के लिए दोनों रिश्ते की अटूट डोर में बंध गई हैं। दोनों ही एक दूसरे की जिंदगी में मसीहा बनकर आई हैं। ब्लड ग्रुप मैच होने के बाद वे एक-दूसरे के पति को किडनी दान कर रही हैं। फरीदकोट में ह्यूमन आर्गन ट्रांसप्लांटेशन की ऑथोराइजेशन कमेटी बठिंडा के इस मामले को मंजूरी दे चुकी है। फिरोजपुर की महिला को भी जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार शहर के वार्ड नंबर बसंत विहार 16 में मकान नंबर 561 में रहने वाली सुमन के पति महेश सिंह की दोनों किडनियां खराब हैं। महेश की लगातार डायलसिस करवानी पड़ती है। उन्होंने जालंधर के एक निजी अस्पताल में इसकी जांच करवाई तो डाक्टर ने कहा कि एक किडनी मिल जाए तो फिर वह स्वस्थ जिंदगी जी सकेंगे। इस पर सुमन ने सावित्री बन पति महेश की जिंदगी बचाने के लिए किडनी दान करने की इच्छा जाहिर की। यह केस इस क्षेत्र के लिए बनी ऑथोराइजेशन कमेटी को भेज दिया गया। वहां सुमन व महेश का ब्लड ग्रुप आपस में मैच नहीं हुआ। कुछ यही हाल फिरोजपुर की मोरी गेट के नजदीक मकान नंबर 190 में रहने वाली अनीता का भी था। उसके पति यशपाल का भी जालंधर के ही अस्पताल में इलाज चल रहा था। यशपाल की भी दोनों किडनियां खराब हो गई थीं। उनकी पत्नी ने भी अपनी किडनी देने की इच्छा जाहिर की, लेकिन उनका भी पति से ब्लड ग्रुप मैच नहीं हुआ। ऐसे में इसे संयोग ही कहेंगे कि दोनों पक्षों की आपस में मुलाकात हुई तथा सुमन का ब्लड ग्रुप यशपाल से मैच हो गया और अनीता का महेश से। फिर दोनों परिवारों ने तय किया कि सुमन, यशपाल को किडनी देंगी और अनीता महेश को, ताकि दोनों अपने-अपने पति की जिंदगी बचा सकें। सिविल सर्जन बठिंडा डॉ. नीलम बजाज ने कहा कि यहां के केस को मंजूरी मिल गई है। सिविल सर्जन फिरोजपुर डॉ. धर्मपाल गोदारा ने कहा कि पुलिस की तरफ से किसी के न आने के कारण मंजूरी नहीं मिल सकी। संभवत: अगली बैठक में मंजूरी मिल जाएगी।


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