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Tuesday, May 3, 2011

महज चंद रूपये रह गयी है आज एक आम आदमी की कीमत

कितनी अजीब बात है की जिस जिन्दगी को सबसे मूल्यवान माना जाता है को ही आज सरे आम मूल्यहीन बना दिया जाता है मतलब आज इंसान सिर्फ पैसे का मोहताज है पैसे के लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहता है यहाँ तक कि पैसे के आगे वह खूनी रिश्तों और मानवीय मूल्यों तक को दांव पर लगा देता है!
आज का इंसान पैसे कि भूख में इतना अँधा हो चुका है कि किसी को भी मौत के घाट उतार सकता है! ये भी नही सोचता के उसके बाद अंजाम क्या होगा! कहा जाये तो आज इंसान की कीमत महज चंद रूपये ही रह गई है! पैसा पैसा और पैसा सब कुछ है पैसा आज का इंसान सोचता है कि वह पैसे के दम पर कुछ भी खरीद सकता है पैसा होगा तो जिन्दगी कि हर ख़ुशी हर चीज उसके पास होगी जबकि यह गलत सोच है! इंसान की सोच उसके व्यवहार और कर्मों में सही जिन्दगी वास करती है! लेकिन आज इंसान इन सब आदर्शों को भूल गया है!  आज उसे सिर्फ पैसा चाहिए पासे के लिए वह सगे भाइयों को यहाँ तक कि माँ बाप तक को मौत के हवाले कर देता है! बीवी तक को बेच देता है!
आये दिन हम इस तरह की घटनाएं सुनते रहतें हैं कि आज एक भाई ने भाई को जमीनी विवाद के चलते मौत की नींद सुला दिया या बेटे ने जमीन जायदाद अपने नाम करवाकर माँ बाप को घर से बहर निकाल दिया! इस तरह की घटनाओं से भरा पड़ा है संसार एक एक रूपये तक के पीछे लोग मरने पीटने पर उतारू हो जाते हैं! बाज़ार में सब्जी या कोई और सामान खरीदने जाते हैं दुकानदार से एक-दो रूपये के पीछे बहस करने लगते हैं! दुकानदार भी ऐसा ही व्यवहार करते हैं!
कुछ लोग तो पैसे के लिए बच्चों का अपहरण कर घरों के चिराग बुझा देते हैं! उदहारण स्वरूप चण्डीगढ़ में किडनैप किया गया बच्चा खुशप्रीत जो आज इस दुनिया में नही है या पानीपत का तेजस गाबा जिसका आज तक पुलिस भी कोई सुराग नही निकाल पाई है! उसकी माँ बेचारी का पागलों जैसा हाल हो गया है! हाल ही में कुछ ऐसी घटनाएँ सुनने को मिली जिनमे महज दस या बीस रूपये के लिए लोगों को जान से मार दिया गया!
जैसे अभी कुछ दिन पहले दो लडको ने मात्र तीस रूपये के लिए तीन भाइयों को सरेआम गोलियों से भून दिया! अभी एक किस्सा करनाल में सामने आया है जहाँ करनाल की शुगर मिल एरिया में केबल का काम करने वाले एक युवक धर्मबीर ने अपने पड़ोसी दुकानदार के सत्तर रूपये देने थे जो की कुछ दिन पहले इस युवक ने उधार लिए थे ! पड़ोसी अपने पैसे लेने के लिए धर्मबीर के घर अपने पिता के साथ आया और अपने पैसे की मांग की परन्तु धर्मबीर के पास उस समय सत्तर रूपये जेब में नहीं थे उस ने कहा की वह कल पैसे दे देगा परन्तु बाप बेटा अपनी जिद्द पर अड़ गए और अभी पैसे लेने के कारण झगड़ा हो गया जिस में दोनों ने मिल कर धर्मवीर के गले में रस्सी ड़ाल कर फंदा बनाया और एक ने उस के सर में लाठी से वार किया इस हमले में धर्मबीर की मौके पर ही मौत हो गई! इस तरह की घटनाएँ से अंदाजा लगाया जा सकता है किआज इंसान किस कद्र पैसे के पीछे पागल है! हैवान बना दिया है पैसे ने इंसान को समाज में दहशत का माहौल फैलाती हैं इस तरह की घटनाएँ जबकि आज घर-घर की ये खानी हो गयी है! हर घर में जमीन जायदाद को लेकर विवाद होते रहतें हैं! पर अफ़सोस कोई कुछ नही कर सकता क्योंकि यह इंसानी सोच का परिणाम है जोकि आज जिन्दगी की दौड़ में पैसे के पीछे ही भाग रहा है और जी रहा है


- खुशबू(ख़ुशी)इन्द्री

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Tuesday, May 3, 2011

महज चंद रूपये रह गयी है आज एक आम आदमी की कीमत

कितनी अजीब बात है की जिस जिन्दगी को सबसे मूल्यवान माना जाता है को ही आज सरे आम मूल्यहीन बना दिया जाता है मतलब आज इंसान सिर्फ पैसे का मोहताज है पैसे के लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहता है यहाँ तक कि पैसे के आगे वह खूनी रिश्तों और मानवीय मूल्यों तक को दांव पर लगा देता है!
आज का इंसान पैसे कि भूख में इतना अँधा हो चुका है कि किसी को भी मौत के घाट उतार सकता है! ये भी नही सोचता के उसके बाद अंजाम क्या होगा! कहा जाये तो आज इंसान की कीमत महज चंद रूपये ही रह गई है! पैसा पैसा और पैसा सब कुछ है पैसा आज का इंसान सोचता है कि वह पैसे के दम पर कुछ भी खरीद सकता है पैसा होगा तो जिन्दगी कि हर ख़ुशी हर चीज उसके पास होगी जबकि यह गलत सोच है! इंसान की सोच उसके व्यवहार और कर्मों में सही जिन्दगी वास करती है! लेकिन आज इंसान इन सब आदर्शों को भूल गया है!  आज उसे सिर्फ पैसा चाहिए पासे के लिए वह सगे भाइयों को यहाँ तक कि माँ बाप तक को मौत के हवाले कर देता है! बीवी तक को बेच देता है!
आये दिन हम इस तरह की घटनाएं सुनते रहतें हैं कि आज एक भाई ने भाई को जमीनी विवाद के चलते मौत की नींद सुला दिया या बेटे ने जमीन जायदाद अपने नाम करवाकर माँ बाप को घर से बहर निकाल दिया! इस तरह की घटनाओं से भरा पड़ा है संसार एक एक रूपये तक के पीछे लोग मरने पीटने पर उतारू हो जाते हैं! बाज़ार में सब्जी या कोई और सामान खरीदने जाते हैं दुकानदार से एक-दो रूपये के पीछे बहस करने लगते हैं! दुकानदार भी ऐसा ही व्यवहार करते हैं!
कुछ लोग तो पैसे के लिए बच्चों का अपहरण कर घरों के चिराग बुझा देते हैं! उदहारण स्वरूप चण्डीगढ़ में किडनैप किया गया बच्चा खुशप्रीत जो आज इस दुनिया में नही है या पानीपत का तेजस गाबा जिसका आज तक पुलिस भी कोई सुराग नही निकाल पाई है! उसकी माँ बेचारी का पागलों जैसा हाल हो गया है! हाल ही में कुछ ऐसी घटनाएँ सुनने को मिली जिनमे महज दस या बीस रूपये के लिए लोगों को जान से मार दिया गया!
जैसे अभी कुछ दिन पहले दो लडको ने मात्र तीस रूपये के लिए तीन भाइयों को सरेआम गोलियों से भून दिया! अभी एक किस्सा करनाल में सामने आया है जहाँ करनाल की शुगर मिल एरिया में केबल का काम करने वाले एक युवक धर्मबीर ने अपने पड़ोसी दुकानदार के सत्तर रूपये देने थे जो की कुछ दिन पहले इस युवक ने उधार लिए थे ! पड़ोसी अपने पैसे लेने के लिए धर्मबीर के घर अपने पिता के साथ आया और अपने पैसे की मांग की परन्तु धर्मबीर के पास उस समय सत्तर रूपये जेब में नहीं थे उस ने कहा की वह कल पैसे दे देगा परन्तु बाप बेटा अपनी जिद्द पर अड़ गए और अभी पैसे लेने के कारण झगड़ा हो गया जिस में दोनों ने मिल कर धर्मवीर के गले में रस्सी ड़ाल कर फंदा बनाया और एक ने उस के सर में लाठी से वार किया इस हमले में धर्मबीर की मौके पर ही मौत हो गई! इस तरह की घटनाएँ से अंदाजा लगाया जा सकता है किआज इंसान किस कद्र पैसे के पीछे पागल है! हैवान बना दिया है पैसे ने इंसान को समाज में दहशत का माहौल फैलाती हैं इस तरह की घटनाएँ जबकि आज घर-घर की ये खानी हो गयी है! हर घर में जमीन जायदाद को लेकर विवाद होते रहतें हैं! पर अफ़सोस कोई कुछ नही कर सकता क्योंकि यह इंसानी सोच का परिणाम है जोकि आज जिन्दगी की दौड़ में पैसे के पीछे ही भाग रहा है और जी रहा है


- खुशबू(ख़ुशी)इन्द्री

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