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Thursday, December 30, 2010

फरमान : स्कूल में मोबाइल सहित कई पाबन्दी

अम्बाला सिटी. ‘बच्चों लंबे बाल नहीं रखने और लो वेस्ट पैंट नहीं पहननी, स्कूल में मोबाइल लेकर नहीं आना और वाहन तो बिल्कुल नहीं चलाना’। जी हां, ये अम्बाला के एक स्कूल की खास काउंसलिंग का हिस्सा है। यह काउंसलिंग निरंतर हो रही है, जिसमें बच्चों के साथ पेरेंट्स को भी शामिल किया जाता है।
नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाने से तो शहर के सभी स्कूल परेशान है और बच्चों को रोकते ही हैं। लेकिन एसडी पब्लिक स्कूल ने इससे दो कदम आगे बढ़ते हुए बच्चों के कुछ स्टाइल और पहनावे को लेकर निरंतर काउंसलिंग करना शुरू कर दिया है। इसमें बार बार बताया जा रहा है कि स्टूडेंट्स को फैशन के नाम पर लंबे बाल रखने से परहेज करना है। उधर घुटनों तक या लो वेस्ट पेंट भी पहनकर नहीं आना है।
इसके बाद बात शुरू होती है मोबाइल और बच्चों के वाहन चलाने पर। थोड़े थोड़े समय बाद स्टूडेंट्स और पेरेंट्स की मीटिंग में यह सवाल किया जाता है कि बच्चे स्कूल में मोबाइल लेकर न आएं। मोबाइल रखने वालों पर सख्ती होगी। काउंसलिंग में विशेषतौर पर स्टूडेंट्स को फैशन के नाम पर लंबे बाल रखने से परहेज करने को कहा गया।
पेरेंट्स से भी सवाल, वाहन को लेकर नसीहत बहुत
बच्चों के वाहन चलाने को लेकर उक्त स्कूल ने कई विशेष मीटिंग ली हैं। इसमें पेरेंट्स से भी सवाल किया जाता है कि कोई गलती से भी बच्चों को वाहन न दे। प्रिंसिपल नील इंद्रजीत संधू कहती है कि बच्चों के व्यवस्थित बाल, पैंट आदि को लेकर हम बच्चों पर कोइ बंदिश लगाना नहीं चाहते, बल्कि उन्हे स्टूडेंट्स लाइफ के अनुशासन में बांधने की कोशिश है। मोबाइल और वाहन प्रयोग न करना उनके खुद के हित में है। - भास्कर से



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Thursday, December 30, 2010

फरमान : स्कूल में मोबाइल सहित कई पाबन्दी

अम्बाला सिटी. ‘बच्चों लंबे बाल नहीं रखने और लो वेस्ट पैंट नहीं पहननी, स्कूल में मोबाइल लेकर नहीं आना और वाहन तो बिल्कुल नहीं चलाना’। जी हां, ये अम्बाला के एक स्कूल की खास काउंसलिंग का हिस्सा है। यह काउंसलिंग निरंतर हो रही है, जिसमें बच्चों के साथ पेरेंट्स को भी शामिल किया जाता है।
नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाने से तो शहर के सभी स्कूल परेशान है और बच्चों को रोकते ही हैं। लेकिन एसडी पब्लिक स्कूल ने इससे दो कदम आगे बढ़ते हुए बच्चों के कुछ स्टाइल और पहनावे को लेकर निरंतर काउंसलिंग करना शुरू कर दिया है। इसमें बार बार बताया जा रहा है कि स्टूडेंट्स को फैशन के नाम पर लंबे बाल रखने से परहेज करना है। उधर घुटनों तक या लो वेस्ट पेंट भी पहनकर नहीं आना है।
इसके बाद बात शुरू होती है मोबाइल और बच्चों के वाहन चलाने पर। थोड़े थोड़े समय बाद स्टूडेंट्स और पेरेंट्स की मीटिंग में यह सवाल किया जाता है कि बच्चे स्कूल में मोबाइल लेकर न आएं। मोबाइल रखने वालों पर सख्ती होगी। काउंसलिंग में विशेषतौर पर स्टूडेंट्स को फैशन के नाम पर लंबे बाल रखने से परहेज करने को कहा गया।
पेरेंट्स से भी सवाल, वाहन को लेकर नसीहत बहुत
बच्चों के वाहन चलाने को लेकर उक्त स्कूल ने कई विशेष मीटिंग ली हैं। इसमें पेरेंट्स से भी सवाल किया जाता है कि कोई गलती से भी बच्चों को वाहन न दे। प्रिंसिपल नील इंद्रजीत संधू कहती है कि बच्चों के व्यवस्थित बाल, पैंट आदि को लेकर हम बच्चों पर कोइ बंदिश लगाना नहीं चाहते, बल्कि उन्हे स्टूडेंट्स लाइफ के अनुशासन में बांधने की कोशिश है। मोबाइल और वाहन प्रयोग न करना उनके खुद के हित में है। - भास्कर से



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