SAMACHAR TODAY LIVE TV

http://samacharcloud.purplestream.in/samachar/samachar2-live.smil/playlist.m3u8

Thursday, December 30, 2010

94 वर्ष में बाप बने बुजुर्ग

हिसार/खरखौदा. सुनने में अपको बेशक अटपटा लगे लेकिन यह सौ फीसदी सच है कि खरखौदा में एक वृद्ध रामजीत 94 वर्ष की आयु में पिता बना है। जो मां की तरह बच्चे के पालन-पोषण में जुटा हुआ है।
कस्बे के वार्ड संख्या 9 के पास पिछले काफी समय से खेत में बने घर में अपना जीवन यापन करने वाला वृद्ध 94 वर्ष की आयु में बाप बना है। वृद्ध अपने घर में लड़के के रूप में आई संतान को पाकर बेहद खुश है। लड़के का नाम विक्रमाजीत रखा है।
लड़के के जन्म से उसे दोहरी खुशी इसलिए हुई है कि उसकी पत्नी शकुंतला जो पिछले काफी समय से मानसिक रोग से ग्रस्त थी वह भी पूरी तरह से स्वस्थ हो गई है और उनके घर में पुत्र रूपी चिराग आ गया। वृद्ध खुद भी अपने बच्चे का मां की तरह पालन पोषण करने में जुटा है। वृद्ध पिता बच्चे को अधिकतर समय अपने साथ रखता है और उसे खिलाता-पिलाता है।
वृद्ध पिता का कहना है कि 94 वर्ष के लंबे जीवन में उसने बहुत उतार-चढ़ाव देंखे हैं। जिसमें भारत पकिस्तान विभाजन के दौरान हुई हिंसा में भी उन्हें काफी परेशानी हुई । लेकिन उन्होंने हमेशा ही खेतों में परिश्रम किया है और आज भी वे पूरी तरह से एक्टिव हैं। वृद्ध पिता का कहना है कि भगवान ने उनकी सुन ली है जो उन्हें 94 वर्ष की आयु में पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है।
आस-पास के कालोनी वालों को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने वृद्ध की हर संभव सहायता की। बच्चे को देखते के लिए उसके यहां तांता लग गया। कन्या महाविद्यालय प्रधान वेद प्रकाश दहिया ने भी उन्हें पूरी आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया है। उनका कहना है कि संजोग से ऐसा देखने का मिलता है। किसी वृद्ध की मुराद इतनी उम्र में पूरी हुई हो। वे इन वृद्धों को पिछले काफी वर्षों से खेत में बने घर में रह रहे हैं और बच्चे को गाय का दूध पिलाते हैं। ताकि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ रहे।
- भास्कर से

No comments:

Thursday, December 30, 2010

94 वर्ष में बाप बने बुजुर्ग

हिसार/खरखौदा. सुनने में अपको बेशक अटपटा लगे लेकिन यह सौ फीसदी सच है कि खरखौदा में एक वृद्ध रामजीत 94 वर्ष की आयु में पिता बना है। जो मां की तरह बच्चे के पालन-पोषण में जुटा हुआ है।
कस्बे के वार्ड संख्या 9 के पास पिछले काफी समय से खेत में बने घर में अपना जीवन यापन करने वाला वृद्ध 94 वर्ष की आयु में बाप बना है। वृद्ध अपने घर में लड़के के रूप में आई संतान को पाकर बेहद खुश है। लड़के का नाम विक्रमाजीत रखा है।
लड़के के जन्म से उसे दोहरी खुशी इसलिए हुई है कि उसकी पत्नी शकुंतला जो पिछले काफी समय से मानसिक रोग से ग्रस्त थी वह भी पूरी तरह से स्वस्थ हो गई है और उनके घर में पुत्र रूपी चिराग आ गया। वृद्ध खुद भी अपने बच्चे का मां की तरह पालन पोषण करने में जुटा है। वृद्ध पिता बच्चे को अधिकतर समय अपने साथ रखता है और उसे खिलाता-पिलाता है।
वृद्ध पिता का कहना है कि 94 वर्ष के लंबे जीवन में उसने बहुत उतार-चढ़ाव देंखे हैं। जिसमें भारत पकिस्तान विभाजन के दौरान हुई हिंसा में भी उन्हें काफी परेशानी हुई । लेकिन उन्होंने हमेशा ही खेतों में परिश्रम किया है और आज भी वे पूरी तरह से एक्टिव हैं। वृद्ध पिता का कहना है कि भगवान ने उनकी सुन ली है जो उन्हें 94 वर्ष की आयु में पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है।
आस-पास के कालोनी वालों को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने वृद्ध की हर संभव सहायता की। बच्चे को देखते के लिए उसके यहां तांता लग गया। कन्या महाविद्यालय प्रधान वेद प्रकाश दहिया ने भी उन्हें पूरी आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया है। उनका कहना है कि संजोग से ऐसा देखने का मिलता है। किसी वृद्ध की मुराद इतनी उम्र में पूरी हुई हो। वे इन वृद्धों को पिछले काफी वर्षों से खेत में बने घर में रह रहे हैं और बच्चे को गाय का दूध पिलाते हैं। ताकि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ रहे।
- भास्कर से

No comments: