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Friday, December 24, 2010

दादा-दादी ने रचाई शादी

कोटा.प्यार, मोहब्बत और दिल का जहां मामला हो, वहां उम्र कोई मायने नहीं रखती। कोटा के मदनमोहन 85 और द्रोपदी 65 की उम्र के हो गए तो क्या हुआ। 15 साल पहले एक मंदिर में हुई मुलाकात के दौरान नैन मिले तो चेन मिला और अब कोर्ट में शादी रचा एक दूजे के हो गए।
पहले यह सोचते थे कि जमाना क्या कहेगा, लेकिन फिर झिझक तोड़ी और कदम बढ़ाया और गुरुवार को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत जिला कलेक्टर टी रविकांत के समक्ष पेश हो कानूनन शादी के बंधन में बंध गए।
कलेक्टर के कक्ष में दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। कलेक्टर ने बुजुर्ग जोड़े के सुखमय जीवन की कामना के साथ शादी का प्रमाण-पत्र सौंपा। यह बुजुर्ग जोड़ा ज्यों ही कलेक्टर कक्ष से बाहर आया मौजूद लोगों की निगाहें इन पर टिक गई। यहां से ये अपने निवास किशोरपुरा चले गए।
एडवोकेट राजेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि किशोरपुरा मैन रोड निवासी मदनमोहन शर्मा (85) एवं द्रोपदीबाई (65) ने 14 अक्टूबर 2010 को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कलेक्टर के पास विवाह प्रमाणपत्र के लिए दरख्वास्त तथा दो शपथ-पत्र पेश किए थे।
15 साल पहले मथुराधीश मंदिर में हुई थी मुलाकात: मदनमोहन व द्रोपदी धाíमक प्रवृति के हैं। नियमित मंदिर जाते है। पहली बार दोनों की मुलाकात करीब 15 साल पहले पाटनपोल के मथुराधीशजी मंदिर में हुई थी। तभी से दोनों का परिचय था। बाद में दोनों साथ-साथ रहने लगे।
ना कोई आगे-पीछे..
द्रोपदी के पूर्व पति बद्रीलाल का देहांत 15 वर्ष पहले और मदनमोहन की पूर्व पत्नी का 25 वर्ष पूर्व देहान्त हो गया था। तभी से दोनों अकेले ही जिंदगी बसर कर रहे थे। शर्मा सेवानिवृत्त पुलिस अफसर है।
कोटा शहर में पहला मामला
एडवोकेट राजेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि मदनमोहन एवं द्रोपदीबाई ने उम्र के इस पड़ाव में शादी करके अनूठी मिसाल पेश की है। कोटा शहर में इस तरह का पहला मामला है।
- भास्कर से


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Friday, December 24, 2010

दादा-दादी ने रचाई शादी

कोटा.प्यार, मोहब्बत और दिल का जहां मामला हो, वहां उम्र कोई मायने नहीं रखती। कोटा के मदनमोहन 85 और द्रोपदी 65 की उम्र के हो गए तो क्या हुआ। 15 साल पहले एक मंदिर में हुई मुलाकात के दौरान नैन मिले तो चेन मिला और अब कोर्ट में शादी रचा एक दूजे के हो गए।
पहले यह सोचते थे कि जमाना क्या कहेगा, लेकिन फिर झिझक तोड़ी और कदम बढ़ाया और गुरुवार को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत जिला कलेक्टर टी रविकांत के समक्ष पेश हो कानूनन शादी के बंधन में बंध गए।
कलेक्टर के कक्ष में दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। कलेक्टर ने बुजुर्ग जोड़े के सुखमय जीवन की कामना के साथ शादी का प्रमाण-पत्र सौंपा। यह बुजुर्ग जोड़ा ज्यों ही कलेक्टर कक्ष से बाहर आया मौजूद लोगों की निगाहें इन पर टिक गई। यहां से ये अपने निवास किशोरपुरा चले गए।
एडवोकेट राजेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि किशोरपुरा मैन रोड निवासी मदनमोहन शर्मा (85) एवं द्रोपदीबाई (65) ने 14 अक्टूबर 2010 को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कलेक्टर के पास विवाह प्रमाणपत्र के लिए दरख्वास्त तथा दो शपथ-पत्र पेश किए थे।
15 साल पहले मथुराधीश मंदिर में हुई थी मुलाकात: मदनमोहन व द्रोपदी धाíमक प्रवृति के हैं। नियमित मंदिर जाते है। पहली बार दोनों की मुलाकात करीब 15 साल पहले पाटनपोल के मथुराधीशजी मंदिर में हुई थी। तभी से दोनों का परिचय था। बाद में दोनों साथ-साथ रहने लगे।
ना कोई आगे-पीछे..
द्रोपदी के पूर्व पति बद्रीलाल का देहांत 15 वर्ष पहले और मदनमोहन की पूर्व पत्नी का 25 वर्ष पूर्व देहान्त हो गया था। तभी से दोनों अकेले ही जिंदगी बसर कर रहे थे। शर्मा सेवानिवृत्त पुलिस अफसर है।
कोटा शहर में पहला मामला
एडवोकेट राजेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि मदनमोहन एवं द्रोपदीबाई ने उम्र के इस पड़ाव में शादी करके अनूठी मिसाल पेश की है। कोटा शहर में इस तरह का पहला मामला है।
- भास्कर से


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