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Friday, January 7, 2011

खुदा की जमीन का बैनामा यानि कई सों करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा

मुज़फ्फरनगर : भले ही सविधान में वफ्फ़ संपत्ति को सीधे सीधे खुदा की संपत्ति मन गया है और सुप्रीम ने कोर्ट बार बार इसके संरक्षण के आदेश किये हो, लेकिन मुज़फ्फरनगर एक ऐसा आनोखा जनपद है, जहा वफ्फ़ संपत्ति के लगातार बैनामे हो रहे है! यानि आधिकारियो की मिली भगत के चलते वफ्फ़ की करीब साढ़े तीन हज़ार बीघा जमीन जिसके कीमत कई शो करोड़ रुपए बैठती है, उसे यहाँ के आधिकारियो और भूमाफियाओ ने मिलकर नीलम कर दिया है! इस संपत्ति में खातोली की सुगर मिल एवं रेलवे स्टेशन भी सामिल है!


दरअसल ये जो नज़ारा आप देख रहे है, यह मुज़फ्फरनगर का गाँव शेखपुरा है जिसे वर्ष 1916  में वफ्फ़ करार कर दिया गया था, जहा लगभग चार हज़ार बीघा कीमती जमीन मोजूद थी, लेकिन वफ्फ़ हुई संपत्ति पर भूमाफियाओ की पहले से ही तीखी  नज़र थी! यहाँ की जानसठ तहसील के आधिकारियो ने भूमाफियाओ से मिली भगत करके इस पुरे गाँव को बेंच डाला और भूमाफियाओ के नाम बैनामे करके दाखिल ख़ारिज भी करा दिया गया! जबकि नियम ये है की जो संपत्ति एक बार वफ्फ़ हो जाती है, उसका मालिक सीधे सीधे अल्लाह हो जाता है! उस संपत्ति को ना तो बेचा जा सकता है और ना ही उसके स्वरुप में परिवर्तन हो जाता है! लेकिन यहाँ भरतिया सविधान की खुली धज्जिया उड़ाते हुए ऐसा कारनामा किया गया है, की सुप्रीम कोर्ट और सविधान ही सरमा जाये!


वफ्फ़ मामलो के अधिवक्ता महफूज खा राठोर कर कहना है की वफ्फ़ संपत्तियों के बैनामे नही हो सकते, यहाँ 250  से आधिक मामले इसे है, जो परकाश में आये है, इन मामलो को आदालत में डाला गया है! जहा से उन्हें इंसाफ मिलने की उम्मीद है, उनका कहना है की जो बैनामे हुए है ये सब अफसरों और भूमाफियाओ की मिली भगत से हुए है!
वफ्फ़ अलमदार हुसैन के मुतवल्ली अली परवेज़ जैदी केहना है की ये संपत्ति उनके बुजुर्गो ने वफ्फ़ की थी, जिस पर आज़ादी के बाद से है लगातार कब्ज़े होते आ रहे है, जिसकी लड़ाई वे मुज़फ्फरनगर से लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट तक लड़ रहे है! मगर शर्मनाक   बात ये है की जनपद के आधिकारी भूमाफियाओ को सहयोग कर रहे है! ऐसा भी जब है की यहाँ वफ्फ़ मंत्री खुद सूबे की मुख्यमंत्री मायावती है!
 बहुजन समाज पार्टी एवं उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वफ्फ़ बोर्ड के सदस्य शाह नवाज़ राना का कहना है की इस मामले में वफ्फ़ बोर्ड गंभीर है! जिला स्तर पर अफसरों को करवाई के लिए निर्देशित किया गया है! उन्होंने कहा की दोषी लोगो को बक्शा नही जायेगा, आगामी बोर्ड बैठक में इस मामले को उठाया जायेगा!
 भारत देश में जहा बड़े बड़े घोटालो का खुलाशा हो रहा है, वही देश  की राजधानी दिल्ली के निकट वर्ती मुज़फ्फरनगर जनपद का ये घोटाला देश के ऐसा पर्थम घोटाला है, जो की देश के आज़ाद होने से पहले से चला आ रहा है! और देखना ये होगा की अन्ये घोटालो की तेरह क्या इसे भी जाँच एजेसियो की टोकरियो में डाला जाता है या नही, या फिर सरकार खुदा की इस जमीन को भूमाफियो चंगुल से मुक्त करा पाने  में कहा तक कारगर सिद्ध होती है!

अमित सैनी

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Friday, January 7, 2011

खुदा की जमीन का बैनामा यानि कई सों करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा

मुज़फ्फरनगर : भले ही सविधान में वफ्फ़ संपत्ति को सीधे सीधे खुदा की संपत्ति मन गया है और सुप्रीम ने कोर्ट बार बार इसके संरक्षण के आदेश किये हो, लेकिन मुज़फ्फरनगर एक ऐसा आनोखा जनपद है, जहा वफ्फ़ संपत्ति के लगातार बैनामे हो रहे है! यानि आधिकारियो की मिली भगत के चलते वफ्फ़ की करीब साढ़े तीन हज़ार बीघा जमीन जिसके कीमत कई शो करोड़ रुपए बैठती है, उसे यहाँ के आधिकारियो और भूमाफियाओ ने मिलकर नीलम कर दिया है! इस संपत्ति में खातोली की सुगर मिल एवं रेलवे स्टेशन भी सामिल है!


दरअसल ये जो नज़ारा आप देख रहे है, यह मुज़फ्फरनगर का गाँव शेखपुरा है जिसे वर्ष 1916  में वफ्फ़ करार कर दिया गया था, जहा लगभग चार हज़ार बीघा कीमती जमीन मोजूद थी, लेकिन वफ्फ़ हुई संपत्ति पर भूमाफियाओ की पहले से ही तीखी  नज़र थी! यहाँ की जानसठ तहसील के आधिकारियो ने भूमाफियाओ से मिली भगत करके इस पुरे गाँव को बेंच डाला और भूमाफियाओ के नाम बैनामे करके दाखिल ख़ारिज भी करा दिया गया! जबकि नियम ये है की जो संपत्ति एक बार वफ्फ़ हो जाती है, उसका मालिक सीधे सीधे अल्लाह हो जाता है! उस संपत्ति को ना तो बेचा जा सकता है और ना ही उसके स्वरुप में परिवर्तन हो जाता है! लेकिन यहाँ भरतिया सविधान की खुली धज्जिया उड़ाते हुए ऐसा कारनामा किया गया है, की सुप्रीम कोर्ट और सविधान ही सरमा जाये!


वफ्फ़ मामलो के अधिवक्ता महफूज खा राठोर कर कहना है की वफ्फ़ संपत्तियों के बैनामे नही हो सकते, यहाँ 250  से आधिक मामले इसे है, जो परकाश में आये है, इन मामलो को आदालत में डाला गया है! जहा से उन्हें इंसाफ मिलने की उम्मीद है, उनका कहना है की जो बैनामे हुए है ये सब अफसरों और भूमाफियाओ की मिली भगत से हुए है!
वफ्फ़ अलमदार हुसैन के मुतवल्ली अली परवेज़ जैदी केहना है की ये संपत्ति उनके बुजुर्गो ने वफ्फ़ की थी, जिस पर आज़ादी के बाद से है लगातार कब्ज़े होते आ रहे है, जिसकी लड़ाई वे मुज़फ्फरनगर से लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट तक लड़ रहे है! मगर शर्मनाक   बात ये है की जनपद के आधिकारी भूमाफियाओ को सहयोग कर रहे है! ऐसा भी जब है की यहाँ वफ्फ़ मंत्री खुद सूबे की मुख्यमंत्री मायावती है!
 बहुजन समाज पार्टी एवं उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वफ्फ़ बोर्ड के सदस्य शाह नवाज़ राना का कहना है की इस मामले में वफ्फ़ बोर्ड गंभीर है! जिला स्तर पर अफसरों को करवाई के लिए निर्देशित किया गया है! उन्होंने कहा की दोषी लोगो को बक्शा नही जायेगा, आगामी बोर्ड बैठक में इस मामले को उठाया जायेगा!
 भारत देश में जहा बड़े बड़े घोटालो का खुलाशा हो रहा है, वही देश  की राजधानी दिल्ली के निकट वर्ती मुज़फ्फरनगर जनपद का ये घोटाला देश के ऐसा पर्थम घोटाला है, जो की देश के आज़ाद होने से पहले से चला आ रहा है! और देखना ये होगा की अन्ये घोटालो की तेरह क्या इसे भी जाँच एजेसियो की टोकरियो में डाला जाता है या नही, या फिर सरकार खुदा की इस जमीन को भूमाफियो चंगुल से मुक्त करा पाने  में कहा तक कारगर सिद्ध होती है!

अमित सैनी

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