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Saturday, January 1, 2011

कमाल : बाइक बनी दुल्हन की डोली

आपने हैलीकॉप्टर या लीमोजीन जैसी लग्जरी कारों में दुल्हन की डोली जाते हुई देखी होगी। लेकिन किसी दूल्हे को अपनी दुल्हन को बुलेट पर ले जाते देखा है? 29 नवंबर को शहर में हुई एक शादी में ये कारनामा हुआ। दुल्हन को बाइक पर अपने घर ले जाने की बात दूल्हे ने अपने पेरंट्स और दुल्हन के सिवाए किसी को नहीं बताई थी। ऐसे में सबको हैरत तो होनी ही थी।
डिफरेंट करने की थी तमन्ना
सेक्टर-18 के अनिभव सिंगला गुड़गांव की कंपनी में जॉब करते हैं। उनकी शादी फिरोजपुर की अपराजिता से होटल शिवालिक व्यू में हुई। वह बताते हैं, ‘शादी में कुछ खास करने की तमन्ना थी। पहले शादी रामगढ़ फोर्ट में होनी थी और मुझे हाथी पर सवार होकर जाना था, लेकिन यह आइडिया ड्रॉप हो गया। फिर दिमाग में आया हॉलीवुड मूवीज का वो सीन, जिसमें जस्ट मैरिड कपल बाइक पर सवार होकर जाते हैं। बस, सोच लिया डोली तो बुलेट पर जाएगी।’
ट्रकों वाली स्टाइल की सजावट
बुलेट की डेकोरेशन भी गजब की थी। फूलों से लदी बाइक की नंबर प्लेट पर ट्रकों वाली स्टाइल में बीयर के तीन खाली कैन लटकाए गए थे, जो सड़क को टच कर रहे थे। वहीं एक और बुलेट भी फूलों से सजी थी जिस पर अनिभव के फ्रेंड रोहित और उसकी वाइफ समीरा सवार थे।
यादों के रास्तों पर चले हमसफर
पेक के स्टूडेंट अनिभव और एमसीएम-डीएवी की स्टूडेंट अपराजिता की फ्रेंडशिप पांच साल पहले हुई थी। अपराजिता ने बताया कि कॉलेज के बाद वे दोनों बुलेट पर ही गेड़ी रूट, पेक और लेक की सैर करते थे। उन्हीं यादों को ताजा करने के लिए वे इन्हीं रास्तों से होते हुए घर पहुंचे। हालांकि होटल से उनके घर का रास्ता महज पांच मिनट का था, लेकिन वे डेढ़ घंटे में पहुंचे।
एक्साइटमेंट में भूले रोना-धोना
डोली के वक्त माहौल भी अलग था। बैंड पर इमोशनल धुनें बज रही थीं और अनिभव बार-बार बाइक की रेस दे रहे थे। सब रोना-धोना भूल कर यही सोच रहे थे कि बुलेट पर डोली जाएगी तो कैसे? अनिभव के पापा आरके सिंगला कहते हैं, ‘कई रिश्तेदारों ने अपोज भी किया, लेकिन मैंने बेटे को कहा कि तू बिना किसी की परवाह किए अपराजिता को ले जा।’
‘मेरे लिए लहंगा पहनकर बुलेट पर बैठना मुश्किल था, सीन भी इमोशनल था लेकिन बाइक पर सवार होकर जाने की एक्साइटमेंट इतनी थी कि मैं जल्दी ही रिलैक्स हो गई।’
अपराजिता, दुल्हन
‘पहली बार धोती पहनकर बुलेट चलाने का एक्सपीरियंस अच्छा रहा, लेकिन पहले डर भी लग रहा था।
अनिभव, दूल्हा
(भास्कर से )  

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Saturday, January 1, 2011

कमाल : बाइक बनी दुल्हन की डोली

आपने हैलीकॉप्टर या लीमोजीन जैसी लग्जरी कारों में दुल्हन की डोली जाते हुई देखी होगी। लेकिन किसी दूल्हे को अपनी दुल्हन को बुलेट पर ले जाते देखा है? 29 नवंबर को शहर में हुई एक शादी में ये कारनामा हुआ। दुल्हन को बाइक पर अपने घर ले जाने की बात दूल्हे ने अपने पेरंट्स और दुल्हन के सिवाए किसी को नहीं बताई थी। ऐसे में सबको हैरत तो होनी ही थी।
डिफरेंट करने की थी तमन्ना
सेक्टर-18 के अनिभव सिंगला गुड़गांव की कंपनी में जॉब करते हैं। उनकी शादी फिरोजपुर की अपराजिता से होटल शिवालिक व्यू में हुई। वह बताते हैं, ‘शादी में कुछ खास करने की तमन्ना थी। पहले शादी रामगढ़ फोर्ट में होनी थी और मुझे हाथी पर सवार होकर जाना था, लेकिन यह आइडिया ड्रॉप हो गया। फिर दिमाग में आया हॉलीवुड मूवीज का वो सीन, जिसमें जस्ट मैरिड कपल बाइक पर सवार होकर जाते हैं। बस, सोच लिया डोली तो बुलेट पर जाएगी।’
ट्रकों वाली स्टाइल की सजावट
बुलेट की डेकोरेशन भी गजब की थी। फूलों से लदी बाइक की नंबर प्लेट पर ट्रकों वाली स्टाइल में बीयर के तीन खाली कैन लटकाए गए थे, जो सड़क को टच कर रहे थे। वहीं एक और बुलेट भी फूलों से सजी थी जिस पर अनिभव के फ्रेंड रोहित और उसकी वाइफ समीरा सवार थे।
यादों के रास्तों पर चले हमसफर
पेक के स्टूडेंट अनिभव और एमसीएम-डीएवी की स्टूडेंट अपराजिता की फ्रेंडशिप पांच साल पहले हुई थी। अपराजिता ने बताया कि कॉलेज के बाद वे दोनों बुलेट पर ही गेड़ी रूट, पेक और लेक की सैर करते थे। उन्हीं यादों को ताजा करने के लिए वे इन्हीं रास्तों से होते हुए घर पहुंचे। हालांकि होटल से उनके घर का रास्ता महज पांच मिनट का था, लेकिन वे डेढ़ घंटे में पहुंचे।
एक्साइटमेंट में भूले रोना-धोना
डोली के वक्त माहौल भी अलग था। बैंड पर इमोशनल धुनें बज रही थीं और अनिभव बार-बार बाइक की रेस दे रहे थे। सब रोना-धोना भूल कर यही सोच रहे थे कि बुलेट पर डोली जाएगी तो कैसे? अनिभव के पापा आरके सिंगला कहते हैं, ‘कई रिश्तेदारों ने अपोज भी किया, लेकिन मैंने बेटे को कहा कि तू बिना किसी की परवाह किए अपराजिता को ले जा।’
‘मेरे लिए लहंगा पहनकर बुलेट पर बैठना मुश्किल था, सीन भी इमोशनल था लेकिन बाइक पर सवार होकर जाने की एक्साइटमेंट इतनी थी कि मैं जल्दी ही रिलैक्स हो गई।’
अपराजिता, दुल्हन
‘पहली बार धोती पहनकर बुलेट चलाने का एक्सपीरियंस अच्छा रहा, लेकिन पहले डर भी लग रहा था।
अनिभव, दूल्हा
(भास्कर से )  

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