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Friday, January 14, 2011

अंडाशय में 11 माह तक पलता रहा बच्चा

मुजफ्फरपुर। बिहार के चिकित्सा जगत में पहली बार एक ऐसा मामला सामने आया है जो अजूबा है। 11माह तक एक बच्चा अपनी मां के कोख गर्भाशय की जगह अंडाशय में पलता रहा है। 11माह तक बच्चे का जन्म नहीं होनें पर परिजन चिन्तित हुए और मुजफरपुर के केजड़ीवाल अस्पताल पहुंच अपनी जांच कराया जिससे यह अजूबा सामने आया।
चिकित्सकों का कहना है कि ऐसी मामला अरबों में एक होता है। डाक्टर भारती तिवारी व डा. कुलदीप कौर के प्रयास से महिला का आपरेशन कर 11माह से अंडाशय में पल रहे बच्चे को बाहर निकाला गया। बच्चे को जिन्दा बचाया नहीं जा सका, लेकिन माता सकुशल है।
नौ माह बाद भी नहीं हुआ जन्म तो दिखाया डाक्टर को
मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी चम्पारण के केसरिया थानान्तर्गत दिलावरपुर निवासी मनोज साह की 35 वर्षीय पत्नी रंजू देवी के पेट में गर्भाशय के बदले अंडाशय में बच्चा पल रहा था। रंजू गर्भाशय के दौरान पूर्ण रूप से स्वस्थ्य रही और गांव के ही एक डॉक्टर से इलाज कराती रहीं। नौ माह बीत जाने पर बच्चे का जन्म नहीं होने पर साहेबगंज जिले के एक डॉक्टर को दिखाया। अनहोनी की आशंका परिजनों को सताने लगी और फिर मित्रों के सलाह पर मुजफरपुर स्थित केजड़ीवाल अस्पताल पहुंचे जहां दो चिकित्सकों ने आपरेशन के दौरान इस अजूबे को पाया।
गायनकोलाजिस्ट डा. सुभद्रा कुमारी और डा. प्रियंका के अनुसार अंडाशय में गर्भ विकसित होने पर दो से ढ़ाई महीने में गर्भ फट जायेगा। ऐसी स्थिति में मां को बचाना मुश्किल होता है। लेकिन आश्चर्य है कि अंडाशय में बच्चा 11महीने तक विकसित होता रहा और मां पूर्णतया स्वस्थ्य रहीं।


- भास्कर से

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Friday, January 14, 2011

अंडाशय में 11 माह तक पलता रहा बच्चा

मुजफ्फरपुर। बिहार के चिकित्सा जगत में पहली बार एक ऐसा मामला सामने आया है जो अजूबा है। 11माह तक एक बच्चा अपनी मां के कोख गर्भाशय की जगह अंडाशय में पलता रहा है। 11माह तक बच्चे का जन्म नहीं होनें पर परिजन चिन्तित हुए और मुजफरपुर के केजड़ीवाल अस्पताल पहुंच अपनी जांच कराया जिससे यह अजूबा सामने आया।
चिकित्सकों का कहना है कि ऐसी मामला अरबों में एक होता है। डाक्टर भारती तिवारी व डा. कुलदीप कौर के प्रयास से महिला का आपरेशन कर 11माह से अंडाशय में पल रहे बच्चे को बाहर निकाला गया। बच्चे को जिन्दा बचाया नहीं जा सका, लेकिन माता सकुशल है।
नौ माह बाद भी नहीं हुआ जन्म तो दिखाया डाक्टर को
मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी चम्पारण के केसरिया थानान्तर्गत दिलावरपुर निवासी मनोज साह की 35 वर्षीय पत्नी रंजू देवी के पेट में गर्भाशय के बदले अंडाशय में बच्चा पल रहा था। रंजू गर्भाशय के दौरान पूर्ण रूप से स्वस्थ्य रही और गांव के ही एक डॉक्टर से इलाज कराती रहीं। नौ माह बीत जाने पर बच्चे का जन्म नहीं होने पर साहेबगंज जिले के एक डॉक्टर को दिखाया। अनहोनी की आशंका परिजनों को सताने लगी और फिर मित्रों के सलाह पर मुजफरपुर स्थित केजड़ीवाल अस्पताल पहुंचे जहां दो चिकित्सकों ने आपरेशन के दौरान इस अजूबे को पाया।
गायनकोलाजिस्ट डा. सुभद्रा कुमारी और डा. प्रियंका के अनुसार अंडाशय में गर्भ विकसित होने पर दो से ढ़ाई महीने में गर्भ फट जायेगा। ऐसी स्थिति में मां को बचाना मुश्किल होता है। लेकिन आश्चर्य है कि अंडाशय में बच्चा 11महीने तक विकसित होता रहा और मां पूर्णतया स्वस्थ्य रहीं।


- भास्कर से

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