मुज़फ्फरनगर में आबकारी विभाग में सिपाही के पड़ पर भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने का एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमे आबकारी विभाग के एक सिपाही उसके भाई और उसकी बहन पर बेरोजगार युवको से भर्ती के नाम पर २२ लाख रूपये की ठगी करने के आरोप लगे है बाकायदा ठगी का शिकार युवको को फर्जी काल लैटर भी जारी कर दिए गए अब पीड़ित न्याय की आस में डर डर की ठोकरे खाने को विवस है
सामने लगी पंचायत किसी फरमान सुनाने या फिर किसी को न्याय दिलाने के लिए नहीं सजी है बल्कि ये उन युवको के परिजन है जिनको आबकारी विभाग में कांस्टेबल के पद पर भर्ती कराने के नाम पर २२ लाख रूपये दे चुके है मगर इनके बच्चो को ना ही नोकरी मिली और ना ही इनके पैसे , ये लोग इन्साफ के लिए डर डर की ठोकरे खाने को मजबूर है मगर इनको आज तक न्याय नहीं मिला है
दरअसल मामला मुज़फ्फरनगर का है जहा पर आबकारी विभाग में तैनात पंकज नाम के इस सिपाही पर आरोप लगा है की इसने अपने भाई और बहन के साथ मिलकर 4 बेरोजगार युवको को आबकारी विभाग में बरती कराने के नाम पर २२ लाख रूपये ठग लिए है
मामला 2008 में आबकारी विभाग की भर्ती का है
पीड़ित युवको के परिजनों का कहना है किसी तरह अपनी जमीन , और जेवर बेचकर इन लोगो को पैसे दिए थे जिसकी एवज में इन तीन ठगों ने इन्हें एक चैक भी भी दिया था जिसमे ५ लाख रूपये का एमाउंट भरा है
इस चेक को लेने के बाद इन्हें यकीन हो गया की जो रूपये ये लोग अपने बच्चो की नोकरी के लिए दे रहे है उसमे कोई ख़तरा नहीं है
नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार मनीष ,सुधीर पुंडीर , अरुण और सुधीर चारो युवको की अगर माने तो उस समय ये लोग मंत्री नसीमुद्दीन के नाम का हवाला देकर उनके कोटे से भर्ती कराने का दावा करते थे कई बार अधिकारियों से मिलने के बाद भी इन्हें कोई इन्साफ नहीं मिला सभी ग्रामीणों ने मिलकर आज जिला आबकारी विभाग में भी पुरे मामले की शिकायत की मगर रिजाल वो हो ढ़ाक के तीन पात.....
वही दूसरी और आरोपी सिपाही पंकज पंकज कैमरों से मुह छिपाता रहा उसने अपने ऊपर लगे आरोपों पर कोई सफाई नहीं दी जबकि उसकी बहन ने इस तरह के आरोपों को गलत बताया और इसे कुछ को लें दें का मामला बताया
जब ये पूरा मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो आबकारी विभाग को भी अपनी फजीयत का डर सताने लगा वही दूसरी और पीड़ित पक्ष के द्वारा दिखाए गए चेक , काल लेटर और बैंक की निकासी जैसे सबुत मीडिया के सामने रखे जिनसे ड़ाल में काला जरुर नजर आता है अब देखना है की क्या इन बेरोजगार युवको को इंशाफ मिलता है या नहीं ?
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