हत्या का राज पांच दिन बाद सोमवार को मृतक के साले ने खोला। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या में शामिल प्रेमी मंगलाराम हरमाड़ा के राजावास का रहने वाला है और मृतक के साथ चिनाई का काम करता था। पुलिस ने बताया कि घटना पांच जनवरी की है। रामपुरा डाबड़ी निवासी सावित्री देवी प्रजापत ने रात करीब 2.30 बजे अपने पति कालूराम प्रजापत के सिर पर फावड़े से वार किया, जिससे वह अचेत हो गया। बाद में उसने मंगलाराम की सहायता से कालूराम का मफलर से गला घोंट दिया।
लाश की बदबू बाहर नहीं जाए, इसलिए दोनों ने लाश को बोरी में बंद कर सीढ़ियों के नीचे बने तहखानेनुमा स्थान पर डाल दिया। बाद में ईंट, बजरी व सीमेंट से दीवार चुन दी। हत्या के बाद मंगलाराम तड़के अपने घर चला गया, जबकि सावित्री रोजाना की तरह घर के बाहर बनी दुकान पर बैठने लगी। शुक्रवार को वह अपनी बेटी की ससुराल आमेर कुंडा गई तो भी बेटी को यह बात नहीं बताई। 9 जनवरी को उसने मानपुरा माचेड़ी में रहने वाले अपने भाई जगदीश को बुलाकर घटना की जानकारी दी। जगदीश ने सोमवार को पुलिस के सामने हत्या का राज खोल दिया। पुलिस ने दीवार तोड़कर लाश को बाहर निकलवाया और पोस्टमार्टम करवाया।
कुएं में फेंक दिए मोबाइल और जूते: हत्या के बाद सावित्री ने पति का मोबाइल व जूते थोड़ी दूर स्थित एक बगीची के कुएं में फेंक दिए थे।पति की मारपीट से तंग थी: पूछताछ में सावित्री ने बताया कि उसका पति शराब पीकर मारपीट करता था और उस पर अत्याचार करता था। इससे वह काफी परेशान थी। इसी से दुखी होकर उसने वारदात को अंजाम दिया। अंजाम नहीं दे सकती, बल्कि उसके साथ कोई और भी हो सकता है। उसका शक सही निकला।
(भास्कर से )
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