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Thursday, January 27, 2011

दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित

इन्द्री, 27 जनवरी, केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान में लवणग्रस्त मृदाओं के सुधार के लिए उपयुक्त कृषि वानिकी माडल विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कोर्स में प्रदेश के मध्यम वन परिमंडल के अंतर्गत आने वाले रोहतक, झज्जर, करनाल, सोनीपत व पानीपत से वन विभाग के 35 वन राजिक अधिकारी, वन दरोगा आदि ने हिस्सा लिया।
शिविर में किसानों व अधिकारियों को लवणग्रस्त मृदाओं के सुधार के लिए उपयुक्त कृषि वानिकी माडल अपनाने पर बल दिया गया। इस मौके पर वन मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय वानिकी पारिस्थितिकी विकास बोर्ड नई दिल्ली के डा. नरेंद्र बडोनी ने कहा कि अधिकारियों व किसानों को लवणग्रस्त मृदाओं के सुधार के लिए उपयुक्त कृषि वानिकी माडल अपनाना चाहिए। प्रशिक्षण कोर्स के समन्वयक तथा तकनीकी मूल्यांकन एवं प्रसार प्रभाग के अध्यक्ष डा. रामशंकर त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रदेश की लवणग्रस्त मृदाओं में वन लगाकर उन्हें बेहतर ढंग से सुधारा जा सकता है। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक डा. डीके शर्मा ने कहा कि लवणग्रस्त मृदाएं कृषि के लिए गंभीर समस्या हैं। बिना सुधार तकनीक अपनाए उनमें वानिकी या खेती नहीं की जा सकती।
उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि कृषि में आने वाली समस्याएं संस्थान के वैज्ञानिकों को बताएं। वन संरक्षक डीपी सिन्हा ने कार्यशाला पर संतोष जाहिर करते हुए आशा जताई कि यह कार्यशाला विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ किसानों के लिए भी काफी उपयोगी सिद्ध होगी।

विजय काम्बोज, इन्द्री
- 09416281168

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Thursday, January 27, 2011

दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित

इन्द्री, 27 जनवरी, केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान में लवणग्रस्त मृदाओं के सुधार के लिए उपयुक्त कृषि वानिकी माडल विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कोर्स में प्रदेश के मध्यम वन परिमंडल के अंतर्गत आने वाले रोहतक, झज्जर, करनाल, सोनीपत व पानीपत से वन विभाग के 35 वन राजिक अधिकारी, वन दरोगा आदि ने हिस्सा लिया।
शिविर में किसानों व अधिकारियों को लवणग्रस्त मृदाओं के सुधार के लिए उपयुक्त कृषि वानिकी माडल अपनाने पर बल दिया गया। इस मौके पर वन मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय वानिकी पारिस्थितिकी विकास बोर्ड नई दिल्ली के डा. नरेंद्र बडोनी ने कहा कि अधिकारियों व किसानों को लवणग्रस्त मृदाओं के सुधार के लिए उपयुक्त कृषि वानिकी माडल अपनाना चाहिए। प्रशिक्षण कोर्स के समन्वयक तथा तकनीकी मूल्यांकन एवं प्रसार प्रभाग के अध्यक्ष डा. रामशंकर त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रदेश की लवणग्रस्त मृदाओं में वन लगाकर उन्हें बेहतर ढंग से सुधारा जा सकता है। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक डा. डीके शर्मा ने कहा कि लवणग्रस्त मृदाएं कृषि के लिए गंभीर समस्या हैं। बिना सुधार तकनीक अपनाए उनमें वानिकी या खेती नहीं की जा सकती।
उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि कृषि में आने वाली समस्याएं संस्थान के वैज्ञानिकों को बताएं। वन संरक्षक डीपी सिन्हा ने कार्यशाला पर संतोष जाहिर करते हुए आशा जताई कि यह कार्यशाला विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ किसानों के लिए भी काफी उपयोगी सिद्ध होगी।

विजय काम्बोज, इन्द्री
- 09416281168

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