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Thursday, January 13, 2011

नो एफ आईआर, नो रिपोर्ट, फैसला ऑन स्पोट

बोकारो। डुमरी से झामुमो विधायक जगरनाथ महतो जनता दरबार लगाते हैं। इस दरबार में मामलों की सुनवाई करते हैं। बात सिर्फ सुनाई तक खतम नहीं होती। यहां सुनवाई के बाद अपराधियों को बकायदा दंड भी दिया जाता है। वो भी खुद विधायक जी द्वारा।
हाल ही में विधायक ने अपने गाँव सिमराकुलही में जनता दरबार लगाया. विधायक के सामने लोगों ने चन्द्रपुरा के आमाटोला की एक युवती के साथ छेड़छाड़ का मामला रखा। विधायक ने तुरंत दोनों आरोपी महेंद्र महतो व मिथुन अंसारी को दरबार में पेश करने के लिए कहा। मनचलों के सामने आते ही विधायक आगबबूला हो गए। लाठी निकली और जमकर दोनों की पिटाई कर दी। मारने के बाद विधायक ने दोनों से उठक-बैठक भी करायी। सजा पाने के बाद मनचले युवक विधायक के पैरों पर गिर पड़े। वादा किया कि दुबारा ऐसा जिंदगी में कभी नहीं करेंगे। इसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
विधायक को इस तरह पीटते देख स्थानीय लोगों के होश उड़ गए। वहीं, कुछ लोगों में ख़ुशी भी थी कि मामले की फ़ौरन सुनवाई विधायक के दरबार में हो गयी। पर कानून बनाने वाला यदि इस तरह से कानून हाथ में लेकर काम करने लगा तो, कानून-व्यवस्था का क्या होगा।

- भास्कर से

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Thursday, January 13, 2011

नो एफ आईआर, नो रिपोर्ट, फैसला ऑन स्पोट

बोकारो। डुमरी से झामुमो विधायक जगरनाथ महतो जनता दरबार लगाते हैं। इस दरबार में मामलों की सुनवाई करते हैं। बात सिर्फ सुनाई तक खतम नहीं होती। यहां सुनवाई के बाद अपराधियों को बकायदा दंड भी दिया जाता है। वो भी खुद विधायक जी द्वारा।
हाल ही में विधायक ने अपने गाँव सिमराकुलही में जनता दरबार लगाया. विधायक के सामने लोगों ने चन्द्रपुरा के आमाटोला की एक युवती के साथ छेड़छाड़ का मामला रखा। विधायक ने तुरंत दोनों आरोपी महेंद्र महतो व मिथुन अंसारी को दरबार में पेश करने के लिए कहा। मनचलों के सामने आते ही विधायक आगबबूला हो गए। लाठी निकली और जमकर दोनों की पिटाई कर दी। मारने के बाद विधायक ने दोनों से उठक-बैठक भी करायी। सजा पाने के बाद मनचले युवक विधायक के पैरों पर गिर पड़े। वादा किया कि दुबारा ऐसा जिंदगी में कभी नहीं करेंगे। इसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
विधायक को इस तरह पीटते देख स्थानीय लोगों के होश उड़ गए। वहीं, कुछ लोगों में ख़ुशी भी थी कि मामले की फ़ौरन सुनवाई विधायक के दरबार में हो गयी। पर कानून बनाने वाला यदि इस तरह से कानून हाथ में लेकर काम करने लगा तो, कानून-व्यवस्था का क्या होगा।

- भास्कर से

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