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Wednesday, April 27, 2011

नारी ने संभाली एक और जिम्मेदारी

खुशबू(ख़ुशी) इन्द्री :
जींद शहरों की तर्ज पर अब ग्रामीण महिलाएं भी किसी तरह से पीछे नहीं रहना चाहतीं। अब महिलाओं ने साहस दिखाते हुए बिजली बिल वितरण का कार्य शुरू कियाहै
चूल्हे चौके के साथ ही आमदन बढ़ाने के लिए महिलाएं झंडे गाड़ रहीं हैं। नगूरां निवासी दो महिलाएं पिछली करीब डेढ़ वर्ष से गांव के करीब अढ़ाई हजार बिजली उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग और बिल वितरण का कार्य कर अपने परिवार की जीविका में अहम योगदान कर रही है। नगूरां निवासी बलविंद्र कौर ने वर्ष 2005 में साक्षर महिला समूह का गठन कर लिया था। सुनीता को समूह में सचिव पद की जिम्मेदारी मिली थी। गांव की चार अन्य महिलाओं के साथ बलविंद्र कौर और सुनीता ने नगूरां के बिजली उपभोक्ताओं रीडिंग और बिल वितरण का काम लिया तथा कुछ समय बाद काम में लगी दो महिलाएं काम छोड़ गईं। इस प्रकार दिसंबर 2010 से अब तक सुनीता गांव के करीब अढ़ाई हजार बिजली उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग और बिल वितरण का काम बखूबी निभा रही हैं। इस काम से दोनों महिलाएं करीब पांच हजार प्रतिमाह की आय जुटाकर अपने परिवार की आजीविका को बढ़ा रहीं हैं। दोनों को मीटर रीडिंग के लिए गांव के अलावा गांव से बाहर बने डेरों और खेतों में भी जाना पड़ता है। शुरुआत में इस कार्य में कुछ समस्याओं से दो चार भी होना पड़ा परंतु समय के साथ-साथ अब स्वयं को इसमें सफलता पूर्वक ढाल लिया है। इतना ही नहीं बलविंद्र कौर 2006 से आशा वर्कर के तौर पर भी काम भी कर रही है। बिजली निगम का काम लेने से पूर्व महिला साक्षर समूह के माध्यम से गांव में कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज प्रथा पर कई बार सेमिनारों का आयोजन कर समाज को जागरूक करने का काम कर चुकी हैं। अपने समूह से जुड़ी अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया है। समूह के माध्यम से गांव के स्कूलों में मिड-डे-मील का खाना बनाने में लगी हुई है। पंजाब के पटियाला जिले की बुधमोर निवासी बलविंद्र कौर ने फरवरी 1999 में नगूरां निवासी सत्यनारायण शर्मा के साथ शादी की थी। वहीं करनाल जिले के बुड़नपुर निवासी सुनीता ने नगूरां निवासी फतेह सिंह से अगस्त 1996 में शादी रचाई थी। अब दोनों अपना चूल्हा चौका संभालने के साथ-साथ परिवार की आय बढ़ाने को भी सफलता पूर्वक अंजाम दे रही है।
 

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Wednesday, April 27, 2011

नारी ने संभाली एक और जिम्मेदारी

खुशबू(ख़ुशी) इन्द्री :
जींद शहरों की तर्ज पर अब ग्रामीण महिलाएं भी किसी तरह से पीछे नहीं रहना चाहतीं। अब महिलाओं ने साहस दिखाते हुए बिजली बिल वितरण का कार्य शुरू कियाहै
चूल्हे चौके के साथ ही आमदन बढ़ाने के लिए महिलाएं झंडे गाड़ रहीं हैं। नगूरां निवासी दो महिलाएं पिछली करीब डेढ़ वर्ष से गांव के करीब अढ़ाई हजार बिजली उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग और बिल वितरण का कार्य कर अपने परिवार की जीविका में अहम योगदान कर रही है। नगूरां निवासी बलविंद्र कौर ने वर्ष 2005 में साक्षर महिला समूह का गठन कर लिया था। सुनीता को समूह में सचिव पद की जिम्मेदारी मिली थी। गांव की चार अन्य महिलाओं के साथ बलविंद्र कौर और सुनीता ने नगूरां के बिजली उपभोक्ताओं रीडिंग और बिल वितरण का काम लिया तथा कुछ समय बाद काम में लगी दो महिलाएं काम छोड़ गईं। इस प्रकार दिसंबर 2010 से अब तक सुनीता गांव के करीब अढ़ाई हजार बिजली उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग और बिल वितरण का काम बखूबी निभा रही हैं। इस काम से दोनों महिलाएं करीब पांच हजार प्रतिमाह की आय जुटाकर अपने परिवार की आजीविका को बढ़ा रहीं हैं। दोनों को मीटर रीडिंग के लिए गांव के अलावा गांव से बाहर बने डेरों और खेतों में भी जाना पड़ता है। शुरुआत में इस कार्य में कुछ समस्याओं से दो चार भी होना पड़ा परंतु समय के साथ-साथ अब स्वयं को इसमें सफलता पूर्वक ढाल लिया है। इतना ही नहीं बलविंद्र कौर 2006 से आशा वर्कर के तौर पर भी काम भी कर रही है। बिजली निगम का काम लेने से पूर्व महिला साक्षर समूह के माध्यम से गांव में कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज प्रथा पर कई बार सेमिनारों का आयोजन कर समाज को जागरूक करने का काम कर चुकी हैं। अपने समूह से जुड़ी अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया है। समूह के माध्यम से गांव के स्कूलों में मिड-डे-मील का खाना बनाने में लगी हुई है। पंजाब के पटियाला जिले की बुधमोर निवासी बलविंद्र कौर ने फरवरी 1999 में नगूरां निवासी सत्यनारायण शर्मा के साथ शादी की थी। वहीं करनाल जिले के बुड़नपुर निवासी सुनीता ने नगूरां निवासी फतेह सिंह से अगस्त 1996 में शादी रचाई थी। अब दोनों अपना चूल्हा चौका संभालने के साथ-साथ परिवार की आय बढ़ाने को भी सफलता पूर्वक अंजाम दे रही है।
 

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