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Monday, April 18, 2011

आरक्षण नहीं मिला तो होगा चक्का जाम

करनाल, विजय काम्बोज :
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेवानिवृत्त कर्नल ओपी सिंधु ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने जाटों को ओबीसी के तहत आरक्षण देने के लिए छह महीने का समय मुकर्रर किया है। यदि इस दौरान जाटों के साथ छलावा किया गया, तो 2 अक्टूबर से आंदोलन का बिगुल बजा दिया जाएगा। पूरे उत्तर भारत में चक्का जाम किया जाएगा और दिल्ली की बिजली, पानी, दूध और सब्जी आपिूर्ति बंद की जाएगी। इसके लिए आम जनता को जो परेशानी होगी, उसकी जिम्मेदार केंद्र और प्रदेश सरकार होगी।
ओपी सिंधु ने सेक्टर 12 स्थित जाट भवन में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सरकार ने 25 सितंबर तक का समय मांगा है। उसके बाद यदि जाटों को आरक्षण नहीं दिया, तो आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि जाट समुदाय ने आरक्षण के मुद्दे पर शांतिप्रिय ढंग से आंदोलन किया है। जाट समाज को केवल 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण में प्रवेश करना है, जिसके अधिकार से उन्हें वंचित किया गया। यह हक उन्हें जस्टिस गुरनाम सिंह कमीशन ने दिया था। उन्होंने कहा कि वे दूसरी किसान जातियों और गरीबों को आरक्षण का समर्थन करते हैं। कुछ लोग राजनीतिक चमकाने के लिए जाट आरक्षण के विरुद्ध उल्टे-सीधे बयान कर रहे हैं। ऐसे तत्वों का दुष्प्रचार तर्कहीन तथा राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट से अपील की कि जाट समुदाय के विरुद्ध किसी भी याचिका पर सुनवाई के साथ उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर दे। इस मौके पर रघुवीर सिंह राणा, रणधीर सिंह गहल्याण, सतबीर सिंह भनवाला, शमशेर सिंह संधू, रामधारी नरवाल, जयपाल संधू, बलबीर सिंह पूनिया आदि मौजूद थे।



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आरक्षण नहीं मिला तो होगा चक्का जाम

करनाल, विजय काम्बोज :
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेवानिवृत्त कर्नल ओपी सिंधु ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने जाटों को ओबीसी के तहत आरक्षण देने के लिए छह महीने का समय मुकर्रर किया है। यदि इस दौरान जाटों के साथ छलावा किया गया, तो 2 अक्टूबर से आंदोलन का बिगुल बजा दिया जाएगा। पूरे उत्तर भारत में चक्का जाम किया जाएगा और दिल्ली की बिजली, पानी, दूध और सब्जी आपिूर्ति बंद की जाएगी। इसके लिए आम जनता को जो परेशानी होगी, उसकी जिम्मेदार केंद्र और प्रदेश सरकार होगी।
ओपी सिंधु ने सेक्टर 12 स्थित जाट भवन में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सरकार ने 25 सितंबर तक का समय मांगा है। उसके बाद यदि जाटों को आरक्षण नहीं दिया, तो आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि जाट समुदाय ने आरक्षण के मुद्दे पर शांतिप्रिय ढंग से आंदोलन किया है। जाट समाज को केवल 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण में प्रवेश करना है, जिसके अधिकार से उन्हें वंचित किया गया। यह हक उन्हें जस्टिस गुरनाम सिंह कमीशन ने दिया था। उन्होंने कहा कि वे दूसरी किसान जातियों और गरीबों को आरक्षण का समर्थन करते हैं। कुछ लोग राजनीतिक चमकाने के लिए जाट आरक्षण के विरुद्ध उल्टे-सीधे बयान कर रहे हैं। ऐसे तत्वों का दुष्प्रचार तर्कहीन तथा राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट से अपील की कि जाट समुदाय के विरुद्ध किसी भी याचिका पर सुनवाई के साथ उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर दे। इस मौके पर रघुवीर सिंह राणा, रणधीर सिंह गहल्याण, सतबीर सिंह भनवाला, शमशेर सिंह संधू, रामधारी नरवाल, जयपाल संधू, बलबीर सिंह पूनिया आदि मौजूद थे।



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