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Sunday, April 3, 2011

पढ़ने-लिखने में महिलाएं काफी आगे

खुशबू(ख़ुशी), इन्द्री : ताकि अगली जनगणना में इससे भी अच्छे  आंकड़े देखने को मिले!
भारत की महिलाओं ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मौका मिले तो वो पुरुषों को आसानी से पछाड़ सकती हैं।हाल ही में हुई जनगणना 2011 के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने लगभग दुगनी रफ्तार से पढ़ना-लिखना सीखा है। हांलाकि अब भी देश में अनपढ़ महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है। लेकिन पिछले एक दशक के दौरान जहां पुरुषों में साक्षरता दर सिर्फ 6.88 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी, वहीं महिलाओं में यह दर 11.79 फीसदी रही। यानी महिलाओं में 4.91 फीसदी ज्यादा तेजी से पढ़ना-लिखना सीखा। महिलाओं के इस खास योगदान की वजह से ही देश में कुल आबादी का 74 फीसदी तबका शिक्षित हो सका है। इससे पता चलता है किदेश की महिलाओं ने अपनी स्थिति काफी सुधारी है। अब भी देश में सिर्फ 65.46 फीसदी महिलाएं ही शिक्षित हो सकी हैं। जबकि पुरुषों में साक्षरता का प्रतिशत 82.14 है। कुल साक्षरता की तरह महिला साक्षरता के मामले में भी केरल ही पहले नंबर पर है। यहां 91.98 फीसदी औरतों को पढ़ना-लिखना आता है। इस मामले में राजस्थान की महिलाएं सबसे बुरी स्थिति में हैं। यहां आज भी सिर्फ 52.66 फीसदी महिलाएं ही पढ़-लिख पाती हैं। बिहार की औरतें इससे कुछ ही बेहतर हैं। यहां 53.33 फीसदी महिलाएं साक्षर पाई गई हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में शिक्षित पुरुषों की संख्या 44.42 करोड़ है, वहीं शिक्षित महिलाओं की तदाद 33.42 करोड़ है। इस तरह कुल 77.84 करोड़ हिंदुस्तानियों को किसी न किसी भाषा में लिखना और लिखे को पढ़ कर समझना आता है। हालांकि अब भी देश में सात साल से ज्यादा उम्र के 27.29 करोड़ लोग निरक्षर हैं। इनमें 9.65 करोड़ पुरुष और 17.63 करोड़ महिलाएं शामिल हैं।इन आंकड़ो को देखते हुए जरूरत है कुछ और सुधार करने की,महिलाओं को आगे बढने के लिए प्रोत्साहित करने की,

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Sunday, April 3, 2011

पढ़ने-लिखने में महिलाएं काफी आगे

खुशबू(ख़ुशी), इन्द्री : ताकि अगली जनगणना में इससे भी अच्छे  आंकड़े देखने को मिले!
भारत की महिलाओं ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मौका मिले तो वो पुरुषों को आसानी से पछाड़ सकती हैं।हाल ही में हुई जनगणना 2011 के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने लगभग दुगनी रफ्तार से पढ़ना-लिखना सीखा है। हांलाकि अब भी देश में अनपढ़ महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है। लेकिन पिछले एक दशक के दौरान जहां पुरुषों में साक्षरता दर सिर्फ 6.88 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी, वहीं महिलाओं में यह दर 11.79 फीसदी रही। यानी महिलाओं में 4.91 फीसदी ज्यादा तेजी से पढ़ना-लिखना सीखा। महिलाओं के इस खास योगदान की वजह से ही देश में कुल आबादी का 74 फीसदी तबका शिक्षित हो सका है। इससे पता चलता है किदेश की महिलाओं ने अपनी स्थिति काफी सुधारी है। अब भी देश में सिर्फ 65.46 फीसदी महिलाएं ही शिक्षित हो सकी हैं। जबकि पुरुषों में साक्षरता का प्रतिशत 82.14 है। कुल साक्षरता की तरह महिला साक्षरता के मामले में भी केरल ही पहले नंबर पर है। यहां 91.98 फीसदी औरतों को पढ़ना-लिखना आता है। इस मामले में राजस्थान की महिलाएं सबसे बुरी स्थिति में हैं। यहां आज भी सिर्फ 52.66 फीसदी महिलाएं ही पढ़-लिख पाती हैं। बिहार की औरतें इससे कुछ ही बेहतर हैं। यहां 53.33 फीसदी महिलाएं साक्षर पाई गई हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में शिक्षित पुरुषों की संख्या 44.42 करोड़ है, वहीं शिक्षित महिलाओं की तदाद 33.42 करोड़ है। इस तरह कुल 77.84 करोड़ हिंदुस्तानियों को किसी न किसी भाषा में लिखना और लिखे को पढ़ कर समझना आता है। हालांकि अब भी देश में सात साल से ज्यादा उम्र के 27.29 करोड़ लोग निरक्षर हैं। इनमें 9.65 करोड़ पुरुष और 17.63 करोड़ महिलाएं शामिल हैं।इन आंकड़ो को देखते हुए जरूरत है कुछ और सुधार करने की,महिलाओं को आगे बढने के लिए प्रोत्साहित करने की,

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