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Monday, April 18, 2011

प्रदेश में अधिकांश हिस्से में आंधी के साथ ओलावृष्टि

करनाल ,विजय काम्बोज
मौसम ने रविवार को फिर विकराल रूप दिखाया। प्रदेश में अधिकांश हिस्से में आंधी के साथ ओलावृष्टि और बारिश होने से फसलों की शामत आ गई। खलियानों में रखी फसलों के अलावा अनाज मंडियों में लाखों क्विंटल गेहूं भीग गया। आंधी से हजारों पेड़ गिर गए और भूसा उड़ गया। सबसे ज्यादा नुकसान करनाल में हुआ है। गर्मी की बेलवाली फसलों को भी ओले गिरने से नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने अनाज मंडियों का दौरा करके स्थिति का जायजा लिया।



करनाल में आंधी के साथ ओलावृष्टि व बारिश ने पकी फसलों को तहस-नहस कर दिया। जिले में हजारों एकड़ गेहूं, सब्जी व चारे की फसलों को नुकसान हुआ है। आंधी काटी गई गेहूं की फसल के अलावा भूसे को भी उड़ा ले गई। इससे फसल कटाई का सारा कार्य थम गया है। असंध व निसिंग क्षेत्र में आंधी से हजारों पेड़-पौधे गिर गए। इसके अलावा खीरा, करेला, भिंडी, टिंडा, तोरी, घीया, कद्दू, तरबूज व खरबूज की फसलें करीब 90 प्रतिशत तक खराब हो गई। प्याज व लहसुन को भी नुकसान हुआ है। पानीपत में करीब 20 मिनट तक हुई बारिश से मंडियों के साथ खलियानों में पड़ी फसलें खराब हो गई। झज्जर के बेरी में करीब पांच-सात मिनट तक ओले गिरने से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। बहादुरगढ़ के सौलधा गाव का किसान महाबीर (60) रविवार की सुबह अपने खेतों की ओर जा रहा था। इसी दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। गेहू की कटाई से लेकर थ्रेसिंग, ढुलाई तक सब कुछ बाधित हो गया है। रोहतक में हल्की बूंदाबांदी और ओले गिरने से फसलों को लेकर किसान की धड़कनें तेज हो गई हैं। जींद में बारिश के कारण सरसों और गेहूं की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। मंडियों में खुले में रखी लाखों टन गेहूं की बोरियां भीग गई है। यही नहीं करीब तीन मिनट तक हुई ओलावृष्टि से खेतों में पककर तैयार फसलों को नुकसान हुआ है। कुरुक्षेत्र में भी वर्षा से फसलों को काफी क्षति हुई है। मंडियों में रखा गेहूं गीला हो गया। यमुनानगर में रविवार को दिनभर रुक-रुककर बारिश होने से फसलें प्रभावित हुई हैं। गेहूं और सरसों के अलावा बेल वाली फसलों खरबूज, तरबूज, घीया, करेला और तोरई को भी नुकसान हुआ है। कैथल में बरसात से काफी नुकसान की खबर है। मंडियों में रखा करीब सवा तीन लाख क्िवटल गेहूं गीला हो गया है। जिले में पांच एमएम वर्षा हुई है।

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Monday, April 18, 2011

प्रदेश में अधिकांश हिस्से में आंधी के साथ ओलावृष्टि

करनाल ,विजय काम्बोज
मौसम ने रविवार को फिर विकराल रूप दिखाया। प्रदेश में अधिकांश हिस्से में आंधी के साथ ओलावृष्टि और बारिश होने से फसलों की शामत आ गई। खलियानों में रखी फसलों के अलावा अनाज मंडियों में लाखों क्विंटल गेहूं भीग गया। आंधी से हजारों पेड़ गिर गए और भूसा उड़ गया। सबसे ज्यादा नुकसान करनाल में हुआ है। गर्मी की बेलवाली फसलों को भी ओले गिरने से नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने अनाज मंडियों का दौरा करके स्थिति का जायजा लिया।



करनाल में आंधी के साथ ओलावृष्टि व बारिश ने पकी फसलों को तहस-नहस कर दिया। जिले में हजारों एकड़ गेहूं, सब्जी व चारे की फसलों को नुकसान हुआ है। आंधी काटी गई गेहूं की फसल के अलावा भूसे को भी उड़ा ले गई। इससे फसल कटाई का सारा कार्य थम गया है। असंध व निसिंग क्षेत्र में आंधी से हजारों पेड़-पौधे गिर गए। इसके अलावा खीरा, करेला, भिंडी, टिंडा, तोरी, घीया, कद्दू, तरबूज व खरबूज की फसलें करीब 90 प्रतिशत तक खराब हो गई। प्याज व लहसुन को भी नुकसान हुआ है। पानीपत में करीब 20 मिनट तक हुई बारिश से मंडियों के साथ खलियानों में पड़ी फसलें खराब हो गई। झज्जर के बेरी में करीब पांच-सात मिनट तक ओले गिरने से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। बहादुरगढ़ के सौलधा गाव का किसान महाबीर (60) रविवार की सुबह अपने खेतों की ओर जा रहा था। इसी दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। गेहू की कटाई से लेकर थ्रेसिंग, ढुलाई तक सब कुछ बाधित हो गया है। रोहतक में हल्की बूंदाबांदी और ओले गिरने से फसलों को लेकर किसान की धड़कनें तेज हो गई हैं। जींद में बारिश के कारण सरसों और गेहूं की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। मंडियों में खुले में रखी लाखों टन गेहूं की बोरियां भीग गई है। यही नहीं करीब तीन मिनट तक हुई ओलावृष्टि से खेतों में पककर तैयार फसलों को नुकसान हुआ है। कुरुक्षेत्र में भी वर्षा से फसलों को काफी क्षति हुई है। मंडियों में रखा गेहूं गीला हो गया। यमुनानगर में रविवार को दिनभर रुक-रुककर बारिश होने से फसलें प्रभावित हुई हैं। गेहूं और सरसों के अलावा बेल वाली फसलों खरबूज, तरबूज, घीया, करेला और तोरई को भी नुकसान हुआ है। कैथल में बरसात से काफी नुकसान की खबर है। मंडियों में रखा करीब सवा तीन लाख क्िवटल गेहूं गीला हो गया है। जिले में पांच एमएम वर्षा हुई है।

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