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Saturday, April 30, 2011

ट्राईसिटी के छात्र मिले जॉर्डन के राजदूत

संजय पाहवा :
ट्राईसिटी के 45 छात्रों और 5 अध्यापकों का स्वागत करते हुए जॉर्डन के राजदूत श्री मोहम्मद अलफायेज़ ने बताया कि हज़ारों वर्षों से जॉर्डन और भारत के बीच गहरे सांस्कृतिक और व्यापारिक सम्बन्ध हैं. छात्रों और अध्यापकों के लिए जॉर्डन के राजदूत ने अपने निवास में एक भव्य समारोह का आयोजन किया और उन्हें शानदार भोजन परोसा.
इन छात्रों के लिए यह एक सपना सच होने से कम नहीं था कि उन्हें राजदूत के साथ अनन्य निजी समय मिला. छात्रों ने बीस से अधिक सवाल पूछे. जॉर्डन के राजदूत ने भारत – जॉर्डन के दोस्ताना रिश्तों, जॉर्डन की संस्कृति व परम्पराओं तथा मशहूर पर्यटक स्थलों के बारे में भरपूर जानकारी दी.
श्री मोहम्मद अलफायेज़ ने भारत में जॉर्डन के राजदूत का कार्यभार फ़रवरी 2011 में संभाला है. वह हमेशा से भारत आना चाहते थे.
उन्हें पंजाबी खाना बहुत पसंद है और वह लगभग रोज़ वही खाते हैं. वह खुद बहुत अच्छा ज़ॉर्डनी खाना बनाते हैं.
जॉर्डन के राजदूत श्री मोहम्मद अलफायेज़ ने बताया की भारत की तरह जॉर्डन में भी पारिवारिक संभंधों पर बहुत ज़ोर दिया जाता है. उन्होने कहा कि भारत और जॉर्डन में नब्बे प्रतिशत समानता है.
जॉर्डन की राजनीति में महिलाओं के स्थान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जॉर्डन की संसद में 12 महिला सदस्य हैं. जॉर्डन की संसद में कुल 120 सीटें हैं.
भारतीय छात्रों को अपना सन्देश देते हुए उन्होंने शान्ति और सामंजस्य के मूल्यों पर ज़ोर दिया. राजनयिक बनने के रहस्य बताते हुए उन्होंने बताया कि छात्रों को अधिकाधिक पढ़ना चाहिए और विनम्रता एवम उत्पादकता को अपने अन्दर विकसित करना चाहिए. उन्होंने इच्छा जताई कि उनकी तरह वहां आए छात्रों में से कुछ भविष्य में राजदूत बनें.
हिंदी फिल्मों में उनकी रुचि के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें शशि कपूर और अमिताभ बच्चन पसंद हैं. उन्होंने नवीनतम हिंदी फिल्म देखी है “नो वन किल्ड जेसिका”. उन्होंने कहा कि जॉर्डन में लोग भारतीय फिल्मों और भारतीय फिल्म कलाकारों के बारे में बहुत रूचि रखते हैं.
जॉर्डन के राजदूत श्री मोहम्मद अलफायेज़ ने बताया कि वह भारत की विविधता से मोहित हैं. उन्होंने कहा कि वह आज तक चंडीगढ़ नहीं आए हैं परन्तु, इतने प्यारे छात्रों से मिलने के बाद अब वह शीघ्र ही चंडीगढ़ आएँगे.
छात्रों ने इस अवसर पर राजदूत को अपने हाथों से बने हुए समृतिचिन्ह भेंट किए जिन्हें पाकर राजदूत अभिभूत हो उठे. मैं इन सभी उपहारों को अपने कार्यालय में सजाऊंगा उनहोंने कहा.
5 स्कूलों में से हर स्कूल के एक छात्र ने अपने स्कूल के बारे में राजूत को बताया जिससे वह बहुत प्रभावित हुए. छात्रों ने समृतिचिन्ह के रूप में राजदूत के साथ बहुत सारी तस्वीरें खींची.
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले स्कूलों कि सूची:
सेंट सोल्जर इंटरनेशनल स्कूल, सैक्टर 28, चंडीगढ़

सेंट पीटर्स स्कूल, सैक्टर 37, चंडीगढ़

स्टेप्पिंग स्टोन्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सैक्टर 37, चंडीगढ़



सेंट जेवियर हाई स्कूल, सैक्टर 20, पंचकुला

हंसराज पब्लिक स्कूल, सैक्टर 6, पंचकुला



यह छात्र जॉर्डन के राजदूत के साथ समय बिताने के बाद दिल्ली हाट भी गए. दिल्ली से वापसी में छात्रों ने खूब गाने गा कर मज़ा किया.

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Saturday, April 30, 2011

ट्राईसिटी के छात्र मिले जॉर्डन के राजदूत

संजय पाहवा :
ट्राईसिटी के 45 छात्रों और 5 अध्यापकों का स्वागत करते हुए जॉर्डन के राजदूत श्री मोहम्मद अलफायेज़ ने बताया कि हज़ारों वर्षों से जॉर्डन और भारत के बीच गहरे सांस्कृतिक और व्यापारिक सम्बन्ध हैं. छात्रों और अध्यापकों के लिए जॉर्डन के राजदूत ने अपने निवास में एक भव्य समारोह का आयोजन किया और उन्हें शानदार भोजन परोसा.
इन छात्रों के लिए यह एक सपना सच होने से कम नहीं था कि उन्हें राजदूत के साथ अनन्य निजी समय मिला. छात्रों ने बीस से अधिक सवाल पूछे. जॉर्डन के राजदूत ने भारत – जॉर्डन के दोस्ताना रिश्तों, जॉर्डन की संस्कृति व परम्पराओं तथा मशहूर पर्यटक स्थलों के बारे में भरपूर जानकारी दी.
श्री मोहम्मद अलफायेज़ ने भारत में जॉर्डन के राजदूत का कार्यभार फ़रवरी 2011 में संभाला है. वह हमेशा से भारत आना चाहते थे.
उन्हें पंजाबी खाना बहुत पसंद है और वह लगभग रोज़ वही खाते हैं. वह खुद बहुत अच्छा ज़ॉर्डनी खाना बनाते हैं.
जॉर्डन के राजदूत श्री मोहम्मद अलफायेज़ ने बताया की भारत की तरह जॉर्डन में भी पारिवारिक संभंधों पर बहुत ज़ोर दिया जाता है. उन्होने कहा कि भारत और जॉर्डन में नब्बे प्रतिशत समानता है.
जॉर्डन की राजनीति में महिलाओं के स्थान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जॉर्डन की संसद में 12 महिला सदस्य हैं. जॉर्डन की संसद में कुल 120 सीटें हैं.
भारतीय छात्रों को अपना सन्देश देते हुए उन्होंने शान्ति और सामंजस्य के मूल्यों पर ज़ोर दिया. राजनयिक बनने के रहस्य बताते हुए उन्होंने बताया कि छात्रों को अधिकाधिक पढ़ना चाहिए और विनम्रता एवम उत्पादकता को अपने अन्दर विकसित करना चाहिए. उन्होंने इच्छा जताई कि उनकी तरह वहां आए छात्रों में से कुछ भविष्य में राजदूत बनें.
हिंदी फिल्मों में उनकी रुचि के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें शशि कपूर और अमिताभ बच्चन पसंद हैं. उन्होंने नवीनतम हिंदी फिल्म देखी है “नो वन किल्ड जेसिका”. उन्होंने कहा कि जॉर्डन में लोग भारतीय फिल्मों और भारतीय फिल्म कलाकारों के बारे में बहुत रूचि रखते हैं.
जॉर्डन के राजदूत श्री मोहम्मद अलफायेज़ ने बताया कि वह भारत की विविधता से मोहित हैं. उन्होंने कहा कि वह आज तक चंडीगढ़ नहीं आए हैं परन्तु, इतने प्यारे छात्रों से मिलने के बाद अब वह शीघ्र ही चंडीगढ़ आएँगे.
छात्रों ने इस अवसर पर राजदूत को अपने हाथों से बने हुए समृतिचिन्ह भेंट किए जिन्हें पाकर राजदूत अभिभूत हो उठे. मैं इन सभी उपहारों को अपने कार्यालय में सजाऊंगा उनहोंने कहा.
5 स्कूलों में से हर स्कूल के एक छात्र ने अपने स्कूल के बारे में राजूत को बताया जिससे वह बहुत प्रभावित हुए. छात्रों ने समृतिचिन्ह के रूप में राजदूत के साथ बहुत सारी तस्वीरें खींची.
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले स्कूलों कि सूची:
सेंट सोल्जर इंटरनेशनल स्कूल, सैक्टर 28, चंडीगढ़

सेंट पीटर्स स्कूल, सैक्टर 37, चंडीगढ़

स्टेप्पिंग स्टोन्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सैक्टर 37, चंडीगढ़



सेंट जेवियर हाई स्कूल, सैक्टर 20, पंचकुला

हंसराज पब्लिक स्कूल, सैक्टर 6, पंचकुला



यह छात्र जॉर्डन के राजदूत के साथ समय बिताने के बाद दिल्ली हाट भी गए. दिल्ली से वापसी में छात्रों ने खूब गाने गा कर मज़ा किया.

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